खाद्य सुरक्षा (food security) से तात्पर्य खाद्य पदार्थों की सुनिश्चित आपूर्ति एवं जनसामान्य के लिये भोज्य पदार्थों की उपलब्धता से है। पूरे इतिहास में खाद्य सुरक्षा सदा से एक चिन्ता का विषय रहा है। सन १९७४ में विश्व खाद्य सम्मेलन में 'खाद्य सुरक्षा' की परिभाषा दी गयी जिसमें खाद्य आपूर्ति पर बल दिया गया।खाद्य सुरक्षा (food security) से तात्पर्य खाद्य पदार्थों की सुनिश्चित आपूर्ति एवं जनसामान्य के लिये भोज्य पदार्थों की उपलब्धता से है। पूरे इतिहास में खाद्य सुरक्षा सदा से एक चिन्ता का विषय रहा है। सन १९७४ में विश्व खाद्य सम्मेलन में 'खाद्य सुरक्षा' की परिभाषा दी गयी जिसमें खाद्य आपूर्ति पर बल दिया गया। Show
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भारत में खाद्य सुरक्षा
यह एडिटोरियल 08/09/2022 को ‘इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित “The wheat of the matter: Disruption of supply chains due to Ukraine war has implications for India’s food security” लेख पर आधारित है। इसमें भारत में खाद्य सुरक्षा और संबंधित चुनौतियों के बारे में चर्चा की गई है। संदर्भभारत ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय आर्थिक विकास किया है और यह विश्व की सबसे तेज़ी से विकास करती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। हालाँकि भारतीय अर्थव्यवस्था की विभिन्न उपलब्धियों के बावजूद देश में गरीबी और खाद्य असुरक्षा की स्थिति अभी भी चिंता का विषय है। खाद्य या आहार को किसी व्यक्ति के भरण-पोषण, विकास और वृद्धि के लिये मूलभूत आवश्यकता माना जाता है। वैश्विक भुखमरी सूचकांक (Global Hunger Index- GHI), 2021 में भारत 116 देशों के बीच 101वें स्थान पर रहा। खाद्य एवं कृषि संगठन (Food and Agriculture Organisation- FAO) के अनुसार वर्ष 2021-22 में खाद्य मूल्य सूचकांक (Food Price Index- FPI) में 30% की वृद्धि हुई है। यद्यपि भारत सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली (Public Distribution System- PDS) और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act- NFSA), 2013 के माध्यम से लंबे समय से परिवारों की खाद्य सुरक्षा को सक्रिय रूप से संबोधित करती रही है, फिर भी बढ़ती जनसंख्या, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आपूर्ति शृंखला में व्यवधान (रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण) के बीच खाद्य सुरक्षा को लेकर प्रमुख चिंताएँ मौजूद हैं जिन्हें संबोधित किये जाने की आवश्यकता है। खाद्य सुरक्षा क्या है?
भारत में खाद्य सुरक्षा के लिये वर्तमान ढाँचा
भारत में खाद्य सुरक्षा से संबंधित प्रमुख चुनौतियाँ
आगे की राह
अभ्यास प्रश्न: भारत में खाद्य सुरक्षा को संबोधित करने के विभिन्न उपायों के बावजूद वृहत चुनौतियाँ बनी हुई हैं। समालोचनात्मक विश्लेषण कीजिये। UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रिलिम्स Q.1 जलवायु-स्मार्ट कृषि के लिये भारत की तैयारी के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (d) Q.2 राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत किये गए प्रावधानों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) मेन्स Q.1 प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के साथ मूल्य सब्सिडी के स्थान पर भारत में सब्सिडी का परिदृश्य किस प्रकार बदल सकता है? चर्चा कीजिये। (2015) सुरक्षा का क्या अर्थ होता है?सुरक्षा (security) हानि से बचाव करने की क्रिया और व्यवस्था को कहते हैं। यह व्यक्ति, स्थान, वस्तु, निर्माण, निवास, देश, संगठन या ऐसी किसी भी अन्य चीज़ के सन्दर्भ में प्रयोग हो सकती है जिसे नुकसान पहुँचाया जा सकता हो।
खाद्य संकट से क्या समझते हैं?खाद्य संकट क्या है? खाद्य संकट को धन अथवा अन्य संसाधनों के अभाव में पौष्टिक और पर्याप्त भोजन तक अनियमित पहुँच के रूप में परिभाषित किया जाता है। खाद्य संकट के दौरान लोगों को भुखमरी का सामना करना पड़ता है।
भारत में खाद्य समस्या का कारण क्या है?भारत में इस समस्या के 3 पहलू हैं। पहला यह है कि हमारे यहां अभी हाल तक खाद्यान्नों की कमी रही है, जो अधिकांश भारतीयों का मुख्य भोजन है। दूसरा, यहां जो आहार उपलब्ध होता है, वह असंतुलित है। तीसरा, बहुत से लोग क्रय शक्ति के अभाव में निम्नतम मात्रा में भी अनाज या पोषक आहार प्राप्त करने में रहते हैं।
राजस्थान में खाद्य सुरक्षा कब चालू होगी 2022?उन्हें जल्द ही NFSA नेशनल फूड सेफ्टी एक्ट से तुरंत राशन कार्ड को जुड़वा लेना चाहिए। ताकि सरकार से मिलने वाली खाद्य सामग्री एवं अन्य योजनाओं का लाभ मिल सके। सरकार द्वारा NFSA ऑफिशल पोर्टल को राशन कार्ड जोड़ने हेतु 28 मई 2022 तक फिर से ओपन कर दिया गया है।
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