पिछले साल कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया कि पत्नी अपने पति की पैतृक संपत्ति में विभाजन का दावा नहीं कर सकती है। न्यायमूर्ति पीएन देसाई ने श्री… Show
To Read More Please Subscribe to VIP Membership for Unlimited Access to All the Articles, Download Available Copies of Judgments/Order, Acess to Central/State Bare Acts, Advertisement Free Content, Access to More than 4000 Legal Drafts( Readymade Editable Formats of Suits, Petitions, Writs, Legal Notices, Divorce Petitions, 138 Notices, Bail Applications etc.) in Hindi and English.Click to SubscribeIf you are already a VIP Member, Click to Login Nowऐसे करें पैतृक संपत्ति में अपने हिस्से का दावा(Shutterstock) अगर आम भाषा में कहा जाए तो जो संपत्ति या जमीन आपके बुजुर्ग छोड़कर जाते हैं, उसे पैतृक संपत्ति कहा जाता है. लेकिन मुंबई के 27 साल के अजिंक्य को इस बात का संदेह है कि उन्हें अपने दादा द्वारा खरीदी गई कृषि भूमि में हिस्सा मिलेगा या नहीं. उनके पिता बिना उनकी मंजूरी लिए वह भूमि बेचने की योजना बना रहे हैं. ऐसे में उनके लिए उस जमीन पर दावा ठोकने के क्या विकल्प हैं? हिंदू कानून के मुताबिक संपत्तियों को दो भागों में बांटा जाता है- पैतृक संपत्ति और खुद कमाई हुई. यूं तो पैतृक संपत्ति भी खुद कमाई हुई और किसी शख्स के दादा की गैरविभाजित संपत्ति होती है. मकानआईक्यू आपको उन बातों से रूबरू कराएगा, जो पैतृक संपत्ति में अधिकार से जुड़ी हैं. क्या है पैतृक संपत्ति: कानूनी भाषा में कहें तो पुरुषों की चार पीढ़ियों तक जो संपत्ति विरासत में मिली हो उसे पैतृक संपत्ति कहा जाता है. पैतृक संपत्ति में हिस्से का अधिकार जन्म के समय ही मिल जाता है. यह विरासत के अन्य प्रारूपों जैसा नहीं होता, जहां मालिक के मरने के बाद विरासत में संपत्ति मिलती है. पैतृक संपत्ति में बाप-बेटे का हिस्सा: पिता (पैतृक संपत्ति का मौजूदा मालिक) और उसके बेटे का प्रॉपर्टी पर बराबर हक होता है. हालांकि पहली पीढ़ी का हिस्सा (पिता और उसके भाई-बहन) पहले तय होता है. इसके बाद की पीढ़ियों को पुरखों से मिले हिस्से को बांटना पड़ता है. पैतृक संपत्ति में बेटे और बेटियों का हिस्सा: दिल्ली हाई कोर्ट ने साल 2016 में फैसला दिया था कि बेटे का अपने माता-पिता द्वारा 'कमाई हुई संपत्ति' पर कोई कानूनी हक नहीं है. आदेश में कहा गया, ''जहां घर माता-पिता द्वारा बनाया गया हो, वहां बेटे, चाहे वह शादीशुदा हो या कुंवारा, का घर में रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है. वह सिर्फ अपने माता-पिता की दया पर ही घर में रह सकता है, जब तक माता-पिता चाहें.'' पैतृक संपत्ति का परिवारवालों के बीच बंटवारा होने के बाद यह पैतृक संपत्ति नहीं रह जाएगी. यह पिता की मर्जी होगी कि वह खुद बनाई हुई संपत्ति अपने बेटे के नाम करता है या नहीं. लेकिन यह चीज पैतृक संपत्तियों के मामले में वैध नहीं है. हिंदू उत्तराधिकार (संशोधन) कानून, 2005 पैतृक संपत्ति में बेटों के साथ-साथ बेटियों को भी बराबर उत्तराधिकार का दर्जा देता है. कानून में संशोधन से पहले सिर्फ परिवार के पुरुषों को ही उत्तराधिकारी का दर्जा दिया जाता था. लेकिन हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 के प्रावधान 6 में संशोधन कर उसमें बेटियों को भी उत्तराधिकारी का दर्जा दिया गया. पैतृक संपत्ति के बारे में कुछ जरूरी बातें: *पैतृक संपत्ति में हिस्से का अधिकार पैदा होते ही मिल जाता है. *अगर पैतृक संपत्ति को बेचा जाता है या उसका बंटवारा होता है तो बेटियों को भी उसमें से हिस्सा मिलेगा. *अजिंक्य के सवाल पर आएं तो पैतृक संपत्ति बिना उत्तराधिकारियों से राय-मशविरे के बेची नहीं जा सकती. लेकिन उस पर दोबारा दावा कोर्ट में बंटवारे का मुकदमा दायर कर ठोका जा सकता है. *इसी तरह अगर आपको हिस्सा देने से इनकार किया जाता है तो आप अपने अधिकार के लिए कानूनी नोटिस भेज सकते हैं. *पैतृक संपत्ति उस प्रॉपर्टी को माना जाएगा, जिसका हिंदू जॉइंट फैमिली के सदस्यों के बीच बंटवारा नहीं हुआ है. *एक बार पैतृक संपत्ति का बंटवारा होने के बाद हर उत्तराधिकारी को मिला हिस्सा उसकी खुद कमाई हुई संपत्ति बन जाता है. *वहीं मां की ओर से मिली संपत्ति पैतृक संपत्ति नहीं मानी जाएगी. *हिंदू कानून के मुताबिक गैर विभाजित परिवार के मुखिया के पास परिवार की संपत्तियों को संभालने का जिम्मा होगा. लेकिन जब बात मालिकाना हक और पैतृक संपत्ति पर अधिकारों की आती है तो हर उत्तराधिकारी को अपना हिस्सा मिलेगा. Last Updated: Wed Nov 02 2022 Legal Editor makaaniq-india Legal Hindu Successio... क्या है इस पोस्ट में ? 1
Patni ka Pti ki property me adhikar :- जैसा कि आप लोग जानते हैं कि आज की तारीख में पति पत्नी का रिश्ता सबसे मजबूत और गहरा माना जाता है। ऐसा भी कहा जाता है कि पति-पत्नी बिल्कुल ऐसे हैं जैसे रेलगाड़ी के डिब्बे और इंजन एक दूसरे के बिना दोनों का जीवन अधूरा सा होता है। ऐसे में अगर आप एक पत्नी है तो आपको क्या बात मालूम होना चाहिए कि आपके पति की संपत्ति में आपका अधिकार कितना है। आपके पति के बैंक अकाउंट में जितना पैसा है उसमें आप का क्या अधिकार है। अगर आप इन अधिकारों के बारे में नहीं जानती हैं तो मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि इस पोस्ट को अधिक तक पढ़े आइए जाने- patni ka pti ki property me adhikar in hindi, wife rights on husband’s property in india, does husband have rights on wife’s property in india| share of wife in husband’s property in india | can husband claim wife property in india, wife share in husband property after death, legal rights of wife over husband’s property, what is the right of wife in husband property पति की संपत्ति में पत्नी का अधिकार होता है, लेकिन एक बात का ध्यान देना होगा कि अगर पति ने अपनी वसीयत में पत्नी का नाम अगर नहीं लिखा है, तो पत्नी पति के संपत्ति पर अधिकार नहीं जमा सकती है लेकिन पार्टी के खानदानी पर संपत्ति पर पर उसका अधिकार है। अगर पति अपने पत्नी को खानदानी संपत्ति देने से मना कर रहा है तो पत्नी अपने पति के खिलाफ कोर्ट में जा सकती है। उसे अपने ससुराल में रहना होगा तभी वह अपने पति के खानदानी संपत्ति पर अपना अधिकार जमा पाएगी। तलाक होने के बाद पत्नी को अपने पति के संपत्ति में अधिकार मिलेगा – Wife rights on husband’s Property after Divorceतलाक होने की स्थिति में पत्नी को पति के संपत्ति में अधिकार नहीं मिल सकता है? हां, अगर पत्नी के नाम पर कोई संपत्ति पति ने किया है तो उस संपत्ति पर उसका अधिकार हो सकता है। इसके अलावा अगर पति ने पत्नी के साथ मिलकर किसी ज्वाइंट प्रॉपर्टी में निवेश किया है तो उसमें पैसा बराबर बैठेगा लेकिन अगर पति के नाम पर संपत्ति है तो ऐसे में पत्नी अपने पति से संपत्ति की मांग नहीं कर सकती है। कि कुछ लाभ होने के बाद उसे हर महीने एक गुजारा भत्ता पति के द्वारा दिया जा सकता है गुजारा भत्ता पति जितनी कमाई करता है उसका 25% देना पड़ता है। क्या इंडिया में समलैंगिक विवाह लीगल है ? LGBT rights in India | IPC Section 377, Samlangikta Legal Rights what-rights-does-a-women-have-in-her-husband’s propertyHusband पत्नी को संपत्ति देने से मना कर सकता है- Can husband refuse to give property to wife?Husband अपने पत्नी को संपत्ति देने से मना कर सकता है, क्योंकि पति के पास किसके अधिकार होते हैं। क्योंकि अगर पूरा संपति पति के नाम पर है तो ऐसी स्थिति में पत्नी अपने पति से संपत्ति के लिए मांग नहीं कर सकती है। इसके अलावा पति अगर जिंदा है तो ऐसे स्थिति में पति के संपत्ति पर पत्नी का कानूनी अधिकार नहीं होता है इसलिए हम कह सकते हैं कि पति पत्नी को संपत्ति देने से मना कर सकता है। पति ने संपत्ति का वसीयत दूसरे व्यक्ति के नाम पर कर दिया है तो पत्नी को संपत्ति का हिस्सा मिलेगा कि नहींपति ने अगर अपने पूरे संपति का वसीयत तो दूसरे व्यक्ति के नाम पर कर दिया है, तो ऐसे में पत्नी को पति के संपत्ति का हिस्सा पाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ने पड़ेगी। जिस में काफी समय लग सकता है क्योंकि अगर कोई संपत्ति का वसीयत कानूनी तौर पर कर दिया गया है तो कोर्ट में इस बात को साबित करना काफी मुश्किल होगा। कि जो वसीयत की गई है वह किसी दबाव में या धोखे से की गई है ऐसे में जब तक बात कोर्ट में साबित नहीं होती है तब तक आपको अपने पति के संपत्ति में हिस्सा लेने में काफी दिक्कत और परेशानी आ सकती है। Pti के पैसे में पत्नी का क्या अधिकार है? Wife Rights on Husband Salary and incomeअगर पति स्वयं मेहनत कर कर पैसे कमा रहा है तो उस पैसे पर सिर्फ पति का अधिकार है पत्नी का कुछ भी नहीं है। अगर पति अपने पैसे पत्नी को दे देता है तो या उसके ऊपर निर्भर करता है कि वह पैसे अपने पत्नी को देगा या नहीं। इसके लिए पत्नी कोर्ट में अपने पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं कर सकती है क्योंकि अगर कोई व्यक्ति स्वयं के द्वारा मेहनत करके पैसे कमा रहा है तो उस पैसे पर उसका ही अधिकार है ना कि उसके पत्नी का। इसके अलावा अगर पति का कोई पुश्तैनी संपत्ति है तो ऐसे में अगर पति की मृत्यु हो जाती है उस स्थिति में उस पार पत्नी का अधिकार होगा लेकिन जब तक पति जीवित है उस संपत्ति पर पत्नी का कोई भी अधिकार नहीं है। फर्जी दहेज़ केस से कैसे बचे | dahej ka jhutha case kre to pti kaise bache | Section 498A से कैसे बचे पति के बैंक बैलेंस में पत्नी का क्या अधिकार है – Wife rigts on Husband Bank Balanceपति का बैंक बैलेंस अगर अच्छा खासा है तो पत्नी उसके बैंक बैलेंस मैं अपना अधिकार नहीं जमा सकती है। क्योंकि जो भी पैसे वह उसके पति के यहां अगर बैंक के अकाउंट में पति और पत्नी दोनों का नाम है तो ऐसी स्थिति में पत्नी उस पैसे पर अधिकार जमाने के लिए कानूनी सहायता ले सकती है। जॉइंट अकाउंट होने से नॉमिनी के तौर पर अपने पत्नी का नाम जरूर दिया होगा, ताकि उसकी मृत्यु के बाद उसे अकाउंट का पूरा पैसा उसके पत्नी को मिल सके। इसलिए हम कह सकते हैं कि बैंक बैलेंस में पत्नी का अधिकार तभी हो सकता है जब उसका नाम Nominee के रूप में उस अकाउंट में होगा। पतिअगर दूसरी शादी कर लेता है तो पहली पत्नी को संपत्ति में अधिकार मिलेगा – Wife Rights on Husband Property after Second marriageभारतीय हिंदू सारी एक्ट के अनुसार अगर कोई भी हिंदू आदमी अगर अपनी पहली पत्नी के जीवित रहते हुए दूसरी शादी कर लेता है तो उसके पुश्तैनी संपत्ति में पहले पत्नी का ही अधिकार रहेगा। क्योंकि कानून की तरफ से कोई भी व्यक्ति अगर दूसरी शादी करता है और अगर उसका अपनी पहली पत्नी के साथ तलाक नहीं हुआ है तो ऐसे ही सिटी में कानून की नजर में पहली पत्नी ही उसकी कानूनी पत्नी होगी और दूसरी पत्नी को कानून की तरफ से कोई भी मान्यता नहीं मिलेगा। ना ही वह पत्नी उसके संपत्ति में अधिकार जमा पाएगी इसलिए हम कह सकते हैं कि अगर कोई पति दूसरी शादी कर लेता भी है तो उसके संपत्ति में पत्नी को अधिकार जरूर मिलेगा। second marriage after divorce kitne din me hota hai | तलाक के बाद दूसरा विवाह कैसे , कब किया जा सकता है सवाल जवाब (FAQ)पति की संपत्ति पर पत्नी का क्या अधिकार है? एक पत्नी अपने पति की संपत्ति के अन्य हकदार वारिसों की तरह समान हिस्से की हकदार है। यदि कोई हिस्सेदार नहीं हैं, तो उसे पूरी संपत्ति पर पूरा अधिकार है। एक विवाहित हिंदू महिला अपनी संपत्ति की एकमात्र मालिक और प्रबंधक होती है, चाहे अर्जित, विरासत में मिली या उपहार में दी गई हो। क्या पत्नी पति के पैतृक संपत्ति पर दावा कर सकती है? हिंदू अविभाजित परिवार कानूनों के अनुसार, पैतृक संपत्ति केवल सहदायिकों की होती है। कानून के अनुसार, पत्नी को सहदायिकों में नहीं गिना जाता है। हालांकि, अगर पत्नी को कानूनी रूप से पति से संपत्ति विरासत में मिलती है, तो वह पति की पैतृक संपत्ति पर दावा कर सकती है। क्या पत्नी भारत में पति की स्वयं अर्जित संपत्ति का दावा कर सकती है? भारतीय कानून के अनुसार, पति के जीवनकाल में पत्नी का अपने पति की संपत्ति पर कोई कानूनी दावा नहीं होगा, चाहे वह स्वयं अर्जित की गई हो या विरासत में मिली हो। क्या पत्नी पति को संपत्ति बेचने से रोक सकती है? पत्नी का अपने जीवनकाल में पति की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं होता है। यदि वह भुगतान के लिए लंबित होने पर अदालत के आदेश द्वारा पारित रखरखाव राशि के लिए शुल्क मांगने के अलावा किसी अन्य कारण से संपत्ति बेचने का इरादा रखता है तो वह उसके खिलाफ रोक नहीं मांग सकती है। क्या तलाक के बाद पत्नी का पति की संपत्ति पर अधिकार है? जब तक अदालत ने कानूनी रूप से एक जोड़े को ‘तलाकशुदा‘ घोषित नहीं किया है, पत्नी को पति का कानूनी जीवनसाथी माना जाता है। नतीजतन, जब तक तलाक की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो जाती, तब तक पत्नी का अपने पति की संपत्ति पर अधिकार होता है और इसलिए उनके बच्चे भी। क्या पत्नी पति की संपत्ति खरीद सकती है? हां, पति पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति के स्वामित्व का दावा कर सकता है, बशर्ते संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किया गया धन ज्ञात स्रोतों से हो और कानूनी हो। क्या भारत में पति के मरने पर पत्नी को सब कुछ मिलता है? हिंदू कानून के तहत पत्नी को अपने पति की मृत्यु के बाद ही उसकी संपत्ति का वारिस करने का अधिकार है यदि वह मर जाता है। हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 एक मरते हुए पुरुष के कानूनी उत्तराधिकारियों का वर्णन करता है और पत्नी को कक्षा I के वारिसों में शामिल किया गया है, और वह अन्य कानूनी उत्तराधिकारियों के साथ समान रूप से विरासत में मिली है। क्या तलाक के दौरान पत्नी ससुराल में रह सकती है? हां, आप उसके साथ जाने और रहने के लिए स्वतंत्र हैं और वे आपको वैवाहिक घर में प्रवेश से मना नहीं कर सकते। हालाँकि, यदि पति आपको घर में अनुमति नहीं देता है, तो पारिवारिक न्यायालय के समक्ष हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 9 के तहत एक आवेदन दायर करके वैवाहिक अधिकारों की बहाली के लिए एक याचिका दायर करें। तलाक के बाद पत्नी को कितना पैसा मिलता है? सामान्य तौर पर, पत्नी को उसके वेतन का एक तिहाई मिलता है; लेकिन यह बदल सकता है। गुजारा भत्ता पूर्ण और अंतिम समझौता है; यह एकमुश्त राशि है। भरण-पोषण अंतरिम भरण-पोषण हो सकता है, जो मामले के दौरान पत्नी को दी जाने वाली राशि है। तलाक भारत में संपत्ति कैसे विभाजित है? भारतीय परिदृश्य में, कुल मिलाकर तलाक पर पति-पत्नी के बीच संपत्ति का वितरण स्वामित्व शीर्षक पर आधारित होता है। लेकिन अगर पति या पत्नी विवादित संपत्ति खरीदने में अपने वित्तीय योगदान का सबूत देने में सक्षम हैं तो संपत्ति के शेयरों को व्यक्तिगत इक्विटी पर विभाजित किया जाएगा। निष्कर्षहम आशा करते है के इस आर्टिकल से आपको Patni ka Pti ki property me adhikar क्या क्या है के बारे में अच्छी जानकारी मिल गया होगा । यह पर हमने Wife rights on husband property , Husband ke bank balance par wife ka adhikar , husband salary or income par wife ka adhikar क्या क्या आदि के बारे में कम्पलीट जानकरी दी है । आगरा अब भी आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप निचे कमेंट कर सकते है । हमारे साथ जुड़े रहने के लिए हमे सोशल मीडिया पर फॉलो करे । धन्यावाद। यह भी पढ़े :-सतिनाम सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर है। Web developer काम के साथ इनको पढ़ने , लिखने का शौक ह। इसी ज्ञान को दुसरो के साथ बाटने के लिए ही मैंने इस हिंदी शोभा ब्लॉग की स्थापना की है। देश के
लोगो को सरल भाषा में पूरी जानकारी देना ही मेरा लक्ष्य है। क्या एक विवाहित महिला पैतृक संपत्ति का दावा कर सकती है?हिंदू उत्तराधिकार कानून के अनुसार, विवाहित महिला का अपनी निजी संपत्ति पर पूरा अधिकार होता है जिसे वह अपनी इच्छा के अनुसार बेच या उपहार में दे सकती है। हिंदू अविभाजित परिवार के मामले में वह अपने पति तथा उसके परिवार से रहने के लिए जगह, किसी तरह की मदद तथा अन्य खर्चें के लिए पैसे मिलने की हकदार होती है।
भारत में पैतृक संपत्ति का दावा कौन कर सकता है?हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 में महिलाओं को पैतृक कृषि भूमि पर दावा करने का अधिकार नहीं था। यह भी अब बदल गया है। अब महिलाएं किसी अन्य पैतृक भूमि के समान ही कृषि भूमि पर अपना दावा कर सकती हैं।
पति की संपत्ति पर पत्नी का कितना अधिकार होता है?किसी भी मैरिड महिला को अपने पति की अर्जित की गई संपत्ति पर कोई अधिकार तब तक नहीं होता जब तक उसका पति जीवित रहता है या फिर अगर व्यक्ति तलाक दे देता है। आपको बता दें कि पहली पत्नी से तलाक के बाद या फिर पहली पत्नी की मृत्यु के बाद ही दूसरी पत्नी को अपने पति की संपत्ति में पूरा अधिकार मिलता है।
पैतृक संपत्ति पर किसका हक होता है?पैतृक संपत्ति में हिस्से का अधिकार जन्म के समय ही मिल जाता है. यह विरासत के अन्य प्रारूपों जैसा नहीं होता, जहां मालिक के मरने के बाद विरासत में संपत्ति मिलती है. पैतृक संपत्ति में बाप-बेटे का हिस्सा: पिता (पैतृक संपत्ति का मौजूदा मालिक) और उसके बेटे का प्रॉपर्टी पर बराबर हक होता है.
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