काठकीहांडीहोनामुहावरेकाअर्थ kath ki handi hona muhavare ka arth – किसीवस्तुका
अस्थाईहोना याछलकपटहमेशानहीकियाजाकसताहै। दोस्तो मुहावरे मे प्रयोग होने वाली हांडी एक मिट्टी का बना बर्तन होता है । जिसे अगर आग पर रख कर कुछ पकाया जाए तो वह हांडी लम्बे समय तक चलती है । इस लिए मिट्टी की हांडी स्थाई होती है मगर इसी मिट्टी की हांडी की जगह अगर लकडी यानि काठ की हांडी का प्रयोग किया जाय तो वह एक बार आग पर चढ जाने पर नष्ट हो जाती है यानि वह आग से जल जाती है । जिसके कारण से उसका आगे प्रयोग नही होता है । इस कारण से कांठ की हांडी अस्थाई हो गई । इसी तरह से जब कोई वस्तु स्थाई न होकर अस्थाई होती है तब इसे कांठ की हांडी होना कहा जाता है। कांठ की हांडी भी अस्थाई होती है । क्योकी काठ की हांडी जो होती है वहा बार बार चढ नही सकती । इसी तरह से छल कपट हमेश नही चल सकता है वहा पर भी इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है । काठ की हण्डी बार बार नहीं चढ़ती लोकोक्ति का अर्थ क्या है?यह लोकोक्ति एक प्रचलित कहावत है। इसका अर्थ- लकड़ी की हंडिया बार बार नहीं चढ़ती। किसी व्यक्ति को एक बार ही मूर्ख बनाया जा सकता है, बार-बार नहीं।
काठ की हांडी का उपयोग कितनी बार कर सकते हैं *?जो एक बार प्रयोग करने के बाद नष्ट हो जाती है क्योंकि काठ की हांडी को सिर्फ एक ही बार आग पर रखा जा सकता है और वह जल जाती है। इसलिए काठ की हांडी को एक ही बार प्रयोग होने वाली वस्तु का प्रयायवाची माना जाता है।
कौन सी हांडी एक ही बार चूल्हे पर चढ़ाई जाती है *?काठ की हाँडी एक बार ही चढ़ती है से तात्पर्य विस्वास या भरोसे से है . जिस प्रकार काठ की हाँडी को यदि आग पर चढ़ा दिया जाए तो वह एक बार में जलकर अपना वजूद खो देती है अर्थात एक बार में ही ख़त्म हो जाती है .
|