खराब हैं ये ग्रह तो पैदा करते हैं बहुत सी मुश्किलज्योतिष विज्ञान के अनुसार व्यक्ति के शरीर और जीवन पर ग्रहों का असर होता है। सूर्य आंख, चंद्रमा मन, मंगल रक्त संचार, बुध हृदय, बृहस्पति बुद्धि, शुक्र प्रत्येक रस तथा शनि, राहू और केतु उदर के स्वामी... Show
Praveenहिन्दुस्तान टीम,मेरठSat, 28 Sep 2019 12:23 PM ज्योतिष विज्ञान के अनुसार व्यक्ति के शरीर और जीवन पर ग्रहों का असर होता है। सूर्य आंख, चंद्रमा मन, मंगल रक्त संचार, बुध हृदय, बृहस्पति बुद्धि, शुक्र प्रत्येक रस तथा शनि, राहू और केतु उदर के स्वामी माने गए हैं। शनि अगर बलवान है तो नौकरी और व्यापार में विशेष लाभ होगा। गृहस्थ जीवन सुचारु चलता है। लेकिन अगर शनि का प्रकोप है तो व्यक्ति को छोटी-छोटी बातों पर क्रोध आता है। उसकी सोचने-समझने की शक्ति काम नहीं करती। गृहस्थी में कलह और व्यापार में नुकसान होता है। पं.शिवकुमार शर्मा से जानिए कौन से ग्रह क्या असर है जीवन पर। सूर्य धरती का जीवनदाता, लेकिन एक क्रूर ग्रह है। वह मानव स्वभाव में तेजी लाता है। यह ग्रह कमजोर होने पर सिर में दर्द, आंखों का रोग हो सकते हैं। किन्तु अगर सूर्य उच्च राशि में है तो सत्तासुख, पदार्थ और वैभव दिलाता है। अगर सूर्य के गलत प्रभाव सामने आ रहे हों तो सूर्य के दिन यानी रविवार को उपवास तथा माणिक्य या महसूरी रत्न धारण किया जा सकता है। चंद्रमा एक शुभ ग्रह है, लेकिन उसका फल अशुभ भी होता है। यदि चंद्रमा उच्च है तो व्यक्ति को अपार यश और ऐश्वर्य मिलता है, लेकिन अगर नीच का है तो व्यक्ति खांसी, नजला, जुकाम जैसे रोगों से घिरा रहता है। चंद्रमा के प्रभाव को अनुकूल करने के लिए सोमवार का व्रत तथा सफेद खाद्य वस्तुओं का सेवन करना चाहिए। पुखराज और मोती पहना जा सकता है। राहु यह महापराक्रमी ग्रह है। कर्क, वृश्चिक, मीन तीनों राशियों पर उसका अधिकार है। यह लड़ाई और झगड़े का प्रेरक है। इससे पित्त, वायु, रक्तचाप, कर्णरोग, खुजली, उदर, रज, बवासीर रोग हो सकते हैं। अगर कुंडली में मंगल नीच का है तो भारी नुकसान कराता है। (ये जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।) Navratri 2019: एक साल में होते हैं कुल 4 नवरात्र, दो प्रत्यक्ष और दो गुप्त, जानें सबका महत्व Piles ka jyotish samadhanबवासीर के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं?, बवासीर के मुख्य कारण क्या हैं?, बवासीर को स्थायी रूप से कैसे ठीक किया जा सकता है? बवासीर के लिए घरेलू उपचार और रत्न | आइये पाइल्स की समस्या को समझें?पाइल्स की समस्या बहुत ही दर्दनाक समस्या होती है, इसे हम बवासीर भी कहते हैं। कुछ लोग इसे मस्से की बीमारी भी कहते हैं, इसके बारे में एक बहुत ही दिलचस्प बात यह है कि हर व्यक्ति को गुदा में पाइल्स होता है लेकिन समस्या तब शुरू होती है जब उनमें दबाव और कट के कारण सूजन आ जाती है।
आइये जानते हैं पाइल्स/बवासीर की समस्या क्यों उत्पन्न होती है?पाइल्स के कई कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं बवासीर के कुछ कारण-
क्या खान –पान में बदलाव से बवासीर में सुधार हो सकता है?यहां मैं कहना चाहता हूं कि ताजा और स्वस्थ आहार लेना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है लेकिन अगर बवासीर की समस्या शुरू हो गई है तो प्रारंभिक अवस्था में अच्छे आहार के साथ उचित दवा लेना भी आवश्यक है। इसलिए डॉक्टर, नेचुरोपैथि कंसल्टेंट और ज्योतिषी से मार्गदर्शन लेना जरूरी है। बवासीर के लक्षण क्या हैं?
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फिर से बवासीर न हो इसके लिए क्या करें?फाइबर युक्त आहार लें और पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखने के लिए समय-समय पर कुछ हर्बल दवाओं का उपयोग करने के लिए वैकल्पिक दवा सलाहकार से परामर्श लें। साथ ही नियमित व्यायाम करें और अपने दिमाग और शरीर को फिट रखें। साथ ही कुछ देर गर्म पानी में बैठकर कटी स्नान करे | क्या पाइल्स के मरीजों के लिए सिटिंग जॉब खतरनाक है?बैठने की नौकरी में समस्या तभी आती है जब व्यक्ति समय पर ब्रेक नहीं ले रहा हो। नौकरी के समय के बीच में समय-समय पर हल्के व्यायाम करना अच्छा होता है। यह आपको तारो तजा करेगा और और बेहतर काम करने के लिए ऊर्जा देगा। किसी भी समस्या से बचने के लिए किसी भी हाल में शौच को रोके ना । क्या सर्जरी से बचा जा सकता है?यदि स्थिति गंभीर नहीं है तो सर्जरी की कोई आवश्यकता नहीं है, होम्योपैथी और आयुर्वेदिक उपचार का उपयोग करके और आहार में बदलाव करके इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी जरूरी है लेकिन यह समाधान नहीं है। यदि कोई व्यक्ति पाइल्स का इलाज न करे तो क्या होगा?हर मामले में उपचार आवश्यक है, यदि कोई समस्या को कम आंकता है तो संभव है कि नियमित रक्तस्राव के कारण व्यक्ति को एनीमिया की समस्या, यकृत और अन्य अंगों के नुकसान आदि का सामना करना पड़ता है जिससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। किसी भी जटिलता से बचने के लिए प्रारंभिक अवस्था में उपचार करना अच्छा होता है। आइये जानते हैं की किसी की जन्म कुंडली को देखके पाइल्स/बवासीर या संबंधित समस्याओं के बारे में कैसे जान सकते हैं ?
पाइल्स के उपचार क्या हैं?पाइल्स का इलाज ज्योतिष, आयुर्वेदिक दवाओं, होम्योपैथी दवाओं, प्राकृतिक चिकित्सा, एलोपैथी कई तरीकों से किया जा सकता है। लेकिन अगर मामला गंभीर है तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन सर्जरी के बाद होम्योपैथी या आयुर्वेद की दवाएं लेना भी जरूरी है, साथ ही कुछ ज्योतिष उपाय भी करते रहना चाहिए । आइए देखते हैं बावसिर के इलाज के लिए ज्योतिष, आयुर्वेद और योग के कुछ महत्वपूर्ण तरीके:
तो हमने देखा की पाइल्स के क्या कारण हो सकते हैं और क्या उपाय कर सकते हैं स्वस्थ रहने के लिए | अगर आप भी किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त है तो ज्योतिषीय सलाह के लिए संपर्क कर सकते हैं | बवासीर के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं?, बवासीर के मुख्य कारण क्या हैं?, reasons of piles/hemorrhoids and remedies, बवासीर को स्थायी रूप से कैसे ठीक किया जा सकता है? बवासीर के लिए घरेलू उपचार और रत्न | बवासीर के लिए कौन सा ग्रह जिम्मेदार है?राहु यह महापराक्रमी ग्रह है। कर्क, वृश्चिक, मीन तीनों राशियों पर उसका अधिकार है। यह लड़ाई और झगड़े का प्रेरक है। इससे पित्त, वायु, रक्तचाप, कर्णरोग, खुजली, उदर, रज, बवासीर रोग हो सकते हैं।
कब्ज के कारक ग्रह?कब व्यक्ति को कब्ज की समस्या होती है? - कुंडली में पृथ्वी तत्व की मात्रा ज्यादा होने पर. - जल तत्व या जलीय ग्रहों के कमजोर होने पर. - शनि के ज्यादा मजबूत होने पर.
किस ग्रह से कौन सा रोग होता है?चन्द्र पर हो तो जातक को जुखाम होता है। मंगल पर हो तो रक्त की कमी या ब्लड प्रेशर, बुध पर हो तो नपुंसकता, गुरु पर हो तो मोटापा, शुक्र पर हो तो वीर्य के रोग या प्रजनन क्षमता को कमजोर करता है और राहू पर शनि के प्रभाव से जातक को उच्च और कमजोर रक्तचाप दोनों से पीड़ित रखता है।
पेट दर्द हो तो कौन से ग्रह खराब होते है?बृहस्पति ग्रह के दोष के कारण हेपेटाइटिस और पेट की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इस ग्रह की खराब दशा में व्यक्ति को पैसों की कमी का भी सामना करना पड़ता है।
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