Side Effects Of Plastic : आज की लाइफस्टाइल में प्लास्टिक (Plastic) हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गया है, ये जाने बिना ही कि इससे पर्यावरण के साथ साथ हमारी सेहत को कितना नुकसान होता है. वैसे तो सरकारें समय-समय प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने के लिए हमें आगाह करती ही रहती है, लेकिन प्लास्टिक को लेकर सतर्कता हम ज्यादा दिन तक नहीं बरत पाते हैं. क्योंकि शायद हम प्लास्टिक के आदि हो चुके हैं. आज हमारे खाने-पीने का सामान हो, या फिर इधर-उधर ले जाने की कोई चीज, इन सभी कामों में हम प्लास्टिक के सामान का इस्तेमाल करते हैं. नवभारत टाइम्स डॉटकॉम की न्यूज रिपोर्ट दिल्ली के सत्यवादी राजा हरीशचंद्र अस्पताल (Satyawadi Raja Harishchandra Hospital) के सीनियर रेजीडेंट डॉ. पर्व शर्मा (Dr Parv Kumar Sharma) ने प्लास्टिक से होने वाले दुष्प्रभावों यानी साइडइफेक्ट्स (side effects) के बारे में बताया है. Show इस न्यूज रिपोर्ट में डॉ शर्मा ने लोगों को सलाह दी है कि हमें जितनी जल्दी हो सके प्लास्टिक के इस्तेमाल को बंद कर देना चाहिए. क्योंकि इससे हमारे शरीर पर कई तरह के प्रभाव पड़ते हैं, इनमें से कुछ तो जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन सकते हैं. बर्थ डिसॉर्डर का रिस्क यह भी पढ़ें- स्किन, हार्ट और डाइजेशन के लिए परफेक्ट फ्रूट है आड़ू प्लास्टिक में जहरीला पदार्थ पल्मोनरी कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा यह भी पढ़ें- World Sight Day 2021: एक्सपर्ट्स से जानें सतरंगी दुनिया को देखने के लिए आखों का कैसे रखें ख्याल किडनी और लीवर डैमेज करता है
प्लास्टिक डैमेज हो सकता है ब्रेन कैसे कम करें प्लास्टिक का यूज ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Health, Health News FIRST PUBLISHED : October 15, 2021, 12:18 IST प्रदूषण से होने वाली बीमारियां आईएमए अध्यक्ष एवं चेस्ट फिजीशियन डा. आशीष अग्रवाल का कहना है कि प्रदूषण के कारण हर उम्र के लोग सांस संबंधित बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। प्रदूषण से बचाव के लिए जरूरी है कि खानपान और बाहर निकलते समय सावधानी बरतें। उन्होंने बताया कि प्रदूषण के कारण स्ट्रोक के 34 प्रतिशत, हृदय रोग के 26 प्रतिशत, फेफड़े के कैंसर 6 प्रतिशत एवं अन्य कारणों से 28 प्रतिशत मौत प्रदूषण के कारण होती है। उन्होंने बताया कि - प्रदूषण बच्चों की स्मरण शक्ति पर भी असर डालता है। - गर्भ में पल रहे शिशु पर भी इसका प्रभाव पड़ता है। कई तरह की बीमारियां गर्भ में ही सामने आ जाती हैं। कई बार उनका शारीरिक विकास नहीं हो पाता है। - हर उम्र के लोगों में सर्दी-खांसी बढ़ जाती है। - चर्म रोग बढ़ने के साथ ही कैंसर की संभावना भी बढ़ जाती है। प्रदूषण से होने वाली बीमारियों के लक्षण - जुकाम होना, सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, खांसी, टीबी और गले में में इंफेक्शन, साइनस, अस्थमा एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियां वायु प्रदूषण से बचाव -घर से बाहर निकलते वक्त हमेशा मुंह पर मास्क का उपयोग करें। इसके अलावा आंखों पर चश्मा भी लगाएं। ध्यान रखें चेहरे पर लगे मास्क को बार-बार छूना नहीं चाहिए। -एक मास्क को एक बार ही प्रयोग करें। एक ही मास्क का प्रयोग बार-बार करके आप वायरस और कई तरह के इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया की चपेट में आ सकते हैं। -घर के बाहर सड़कों को गीला करके रखें ताकि धूल के दूषित कण हवा में न उड़ने पाएं। -घर से बाहर तभी बाहर टहलने के लिए निकलें जब पर्यावरण में प्रदूषण का स्तर कम हो। प्रदूषण से बचाव के लिए ऐसी रखें डाइट- क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. अशोक राणा का कहना है कि आयुर्वेदिक उपाय करके प्रदूषण से बचाव कर सकते हैं। उनका कहना है कि -खाना खाने के बाद थोड़ा सा गुड़ जरूर खाएं गुड़ खून साफ करता है। इससे आप प्रदूषण से बचे रहेंगे। -फेफड़ों को धूल के कणों से बचाने के लिए आप रोजाना एक गिलास गर्म दूध जरूर पियें। - अदरक का रस और सरसों का तेल नाक में बूंद-बूंद कर डालने से भी आप हानिकारक धूल कणों से भी बचे रहेंगे। - खुद को प्रदूषण के प्रभाव से बचाने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें। - शहद में काली मिर्च मिलाकर खाएं, आपके फेफड़े में जमी कफ और गंदगी बाहर निकल जाएगी। - अजवायन की पत्तियों का पानी पीने से भी व्यक्ति का खून साफ होने के साथ शरीर के भीतर मौजूद दूषित तत्व बाहर निकल जाते हैं। - तुलसी प्रदूषण से आपकी रक्षा करती है, इसलिए रोजाना तुलसी के पत्तों का पानी पीने से आप स्वस्थ बने रहेंगे। - ठंडे पानी की जगह गर्म पानी का सेवन करना शुरू कर दें। ------------ प्लास्टिक प्रदूषण से कौन कौन सी बीमारी हो सकती है?डॉक्टर पर्व के अनुसार, प्लास्टिक के यूज से सबसे ज्यादा दो बड़ी बीमारियों का खतरा रहता है. एक अस्थमा और दूसरी पल्मोनरी कैंसर (pulmonary cancer). दरअसल प्लास्टिक में मौजूद टॉक्सिन से सबसे पहले व्यक्ति अस्थमा की समस्या से जूझता है, जिसमें उन्हें सांस लेने में परेशानी होती है.
प्लास्टिक से क्या क्या नुकसान है?पर्यावरण को होता है नुकसान
इसलिए प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए. प्लास्टिक से वातावरण को गंभीर नुकसान होता है और इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है. अगर प्लास्टिक का इस्तेमाल रोका जाए तो पर्यावरण में कई तरह का प्रदूषण कम हो सकता है और यह हमारी हेल्थ के लिए फायदेमंद साबित होगा.
प्लास्टिक प्रदूषण के कारण क्या है?1) प्लास्टिक से बनी बोतले, थैले, डब्बे आदि वस्तुओं का अधिक प्रयोग प्लास्टिक प्रदूषण का कारण है। 2) प्लास्टिक कई रसायनों को मिलाकर बनाया जाता है जो जीवों के लिए अत्यंत हानिकारक होते हैं। 3) प्लास्टिक कचरे से रिसने वाले हानिकारक रसायन जल में घुलकर उसे दूषित कर देते हैं।
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