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Login Register now for special offers +91 Home > Hindi > कक्षा 8 > Hindi > Chapter > क्रिया > क्रिया के मुख्य भेद कितने होते... लिखित उत्तर Solution : क्रिया के मुख्य दो भेद होते हैं—(1) सकर्मक क्रिया और (2) अकर्मक क्रिया। Comments Add a public comment... Follow Us: Popular Chapters by Class: Class 6 AlgebraBasic Geometrical IdeasData HandlingDecimalsFractions Class 7 Algebraic ExpressionsComparing QuantitiesCongruence of TrianglesData HandlingExponents and Powers Class 8 Algebraic Expressions and IdentitiesComparing QuantitiesCubes and Cube RootsData HandlingDirect and Inverse Proportions Class 9 Areas of Parallelograms and TrianglesCirclesCoordinate GeometryHerons FormulaIntroduction to Euclids Geometry Class 10 Areas Related to CirclesArithmetic ProgressionsCirclesCoordinate GeometryIntroduction to Trigonometry Class 11 Binomial TheoremComplex Numbers and Quadratic EquationsConic SectionsIntroduction to Three Dimensional GeometryLimits and Derivatives Class 12 Application of DerivativesApplication of IntegralsContinuity and DifferentiabilityDeterminantsDifferential Equations Privacy PolicyTerms And Conditions Disclosure PolicyContact Us क्रिया क्रिया की परिभाषा किसी कार्य के करने या होने के बोध को क्रिया कहते है। क्रिया का अर्थ है − कार्य। कार्य या तो किया जाता है या उसके होने का बोध (ज्ञान) होता है। परिभाषा :- क्रिया से कार्य के करने या होने का बोध होता है; जैसे - (क) रूपा गाड़ी चलाती है। (ख) राम मशीन चला रहा है। (ग) गीता गाना गा रही है। (घ) श्याम खाना खा रहा है। (ङ) तुम घर जा रहे हो। उसी तरह क्रिया से किसी कार्य के करने या किसी स्थिति में होने का बोध होता है; जैसे - (क) यह रूमाल है। (ख) श्यामा ने खाना खाया। (ग) विनय रोज़ विद्यालय जाता है। इन वाक्यों में - (क) 'है' रूमाल की स्थिति दर्शाता है। (ख) 'श्यामा' के खाना खाने का पता चलता है। (ग) 'रोज़ विद्यालय जाता है' से 'विनय' के विद्यालय जाने का पता चलता है। धातु :- क्रिया का निर्माण कुछ मूल शब्दों में विकार होने से होता है, ऐसे शब्दों को धातु कहते हैं।; जैसे - चल, आ, खा, रख, बैठ, दौड़, रूक, कह। आ - आता, आऊँगा, आईए आदि। चल − चलना, चला, चलूँगा। खा − खाना, खाया, खाऊँगा। कह − कहना, कहा, कहूँगा। जब क्रिया के धातु रूप में ना लगा दिया जाता है तो क्रिया का रूप सामान्य बन जाता है; जैसे -
ये सब आदि क्रियापद हैं। यदि हम इन क्रिया पदों के ना को हटा दें तो यह क्रिया का धातु रूप बन जाता है। क्रिया के भेद :- क्रिया के दो भेद होते हैं - अकर्मक क्रिया व सकर्मक क्रिया। किसी कार्य के करने या होने के बोध को क्रिया कहते है। क्रिया का अर्थ है − कार्य। कार्य या तो किया जाता है या उसके होने का बोध (ज्ञान) होता है। परिभाषा :- क्रिया से कार्य के करने या होने का बोध होता है; जैसे - (क) रूपा गाड़ी चलाती है। (ख) राम मशीन चला रहा है। (ग) गीता गाना गा रही है। (घ) श्याम खाना खा रहा है। (ङ) तुम घर जा रहे हो। उसी तरह क्रिया से किसी कार्य के करने या किसी स्थिति में होने का बोध होता है; जैसे - (क) यह रूमाल है। (ख) श्यामा ने खाना खाया। (ग) विनय रोज़ विद्यालय जाता है। इन वाक्यों में - (क) 'है' रूमाल की स्थिति दर्शाता है। (ख) 'श्यामा' के खाना खाने का पता चलता है। (ग) 'रोज़ विद्यालय जाता है' से 'विनय' के विद्यालय जाने का पता चलता है। धातु :- क्रिया का निर्माण कुछ मूल शब्दों में विकार होने से होता है, ऐसे शब्दों को धातु कहते हैं।; जैसे - चल, आ, खा, रख, बैठ, दौड़, रूक, कह। आ - आता, आऊँगा, आईए आदि। चल − चलना, चला, चलूँगा। खा − खाना, खाया, खाऊँगा। कह − कहना, कहा, कहूँगा। जब क्रिया के धातु रूप में ना लगा दिया जाता है तो क्रिया का रूप सामान्य बन जाता है; जैसे -
ये सब आदि क्रियापद हैं। यदि हम इन क्रिया पदों के ना को हटा दें तो यह क्रिया का धातु रूप बन जाता है। क्रिया के भेद :- क्रिया के दो भेद होते हैं - अकर्मक क्रिया व सकर्मक क्रिया। जो क्रिया शब्द कर्म के बिना वाक्य को पूरा बनाते हैं, उन्हें अकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे - चलना, फिरना, हँसना, रोना, दौड़ना, मुस्कुराना आदि। ये भी दो प्रकार की हैं पूर्ण और अपूर्ण। पूर्ण अकर्मक − जैसा नाम है 'पूर्ण' अर्थात् 'पूरा' इन्हें अपनी पूर्णता बताने के लिए पूरक की आवश्यकता नहीं पड़ती अर्थात् अपना अर्थ स्वयं ही पूरा कर देती हैं। 1. बच्चा रो रहा है। 2. लड़की हँस रही है। 3. वे सो रहे हैं। 4. वह गा रहा है। 5. चिड़ियाँ उड़ रही है। अपूर्ण अकर्मक − ये क्रिया अपना अर्थ पूर्ण रुप में व्यक्त नहीं करती। इसको पूरा करने के लिए कर्ता से संबंध रखने वाले किसी शब्द की आवश्यकता पड़ती है, इन्हें पूरक कहते हैं; जैसे - होना, बनना, निकलना आदि; जैसे - 1. वह ईमानदार लगा। 2. वह बेईमान निकली। 3. बच्चा बीमार है। इनमें ईमानदार, बेईमान, बीमार आदि शब्दों के प्रयोग के बिना वाक्य अधूरा लगता है। प्राय: पूरक शब्दों के स्थान पर विशेषण या संज्ञा का प्रयोग होता है। जो क्रिया शब्द कर्म के बिना वाक्य को पूरा बनाते हैं, उन्हें अकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे - चलना, फिरना, हँसना, रोना, दौड़ना, मुस्कुराना आदि। ये भी दो प्रकार की हैं पूर्ण और अपूर्ण। पूर्ण अकर्मक − जैसा नाम है 'पूर्ण' अर्थात् 'पूरा' इन्हें अपनी पूर्णता बताने के लिए पूरक की आवश्यकता नहीं पड़ती अर्थात् अपना अर्थ स्वयं ही पूरा कर देती हैं। 1. बच्चा रो रहा है। 2. लड़की हँस रही है। 3. वे सो रहे हैं। 4. वह गा रहा है। 5. चिड़ियाँ उड़ रही है। अपूर्ण अकर्मक − ये क्रिया अपना अर्थ पूर्ण रुप में व्यक्त नहीं करती। इसको पूरा करने के लिए कर्ता से संबंध रखने वाले किसी शब्द की आवश्यकता पड़ती है, इन्हें पूरक कहते हैं; जैसे - होना, बनना, निकलना आदि; जैसे - 1. वह ईमानदार लगा। 2. वह बेईमान निकली। 3. बच्चा बीमार है। इनमें ईमानदार, बेईमान, बीमार आदि शब्दों के प्रयोग के बिना वाक्य अधूरा लगता है। प्राय: पूरक शब्दों के स्थान पर विशेषण या संज्ञा का प्रयोग होता है। जिन क्रिया शब्दों में कर्म की आवश्यकता होती है, वे सकर्मक क्रिया कहलाती हैं; जैसे - पढ़ना, लिखना, पीना, देना आदि। सकर्मक क्रिया दो प्रकार की होती हैं - 1. पूर्ण सकर्मक 2. अपूर्ण सकर्मक पूर्ण सकर्मक:− ये क्रियाएँ अपने अर्थ को अपने आप पूरी तरह व्यक्त कर पाने में समर्थ होती हैं। ये भी दो तरह की होती हैं - (क) एक कर्मक − ये क्रियाएँ केवल एक कर्म लेती हैं; जैसे - 1. मोहन अखबार पढ़ रहा है। 2. वे अमरुद खा रहे हैं। 3. शीला गाना गा रही है। (ख) द्विकर्मक − इन पूर्ण सकर्मक क्रियाओं में दो कर्म होते हैं; जैसे − भेजना, लेना, देना, खरीदना आदि। इसमें 'किसे' और 'किसको' के उत्तर होते हैं; जैसे - 1. मैंने शीला को किताब दी। 2. मैंने माँ को पत्र लिखा। 3. उसने रामलाल से मकान खरीदा। अपूर्ण सकर्मक क्रिया −इन क्रियाओं में कर्म होने पर भी अर्थ पूरी तरह व्यक्त नहीं होता है। इसमें कर्म से संबंधित कर्म पूरक का सहारा लेती है; जैसे - मानना, चुनना, बनाना आदि। उदाहरण - To view the complete topic, please क्रिया के कितने भेद होते हैं Class 7?संरचना की दृष्टि से क्रिया के पाँच भेद हैं: संयुक्त क्रिया, प्रेरणार्थक क्रिया, नामधातु क्रिया, कृदंत क्रिया और सामान्य क्रिया।
क्रिया के कितने भेद होते हैं?क्रिया के मुख्य दो भेद- सकर्मक क्रिया, अकर्मक क्रिया।
क्रिया के भेद कौन कौन से हैं?क्रिया – क्रिया के भेद. सामान्य क्रिया. संयुक्त क्रिया. नामधातु क्रिया. प्रेरणार्थक क्रिया. पूर्वकालिक क्रिया. क्रिया के कितने भेद हैं class 6?संरचना के आधार पर क्रिया पाँच प्रकार की होती है:. सामान्य क्रिया,. संयुक्त क्रिया,. नामधातु क्रिया,. प्रेरणार्थक क्रिया,. पूर्वकालिक क्रिया,. |