2. कबड्डी- कबड्डी को भारत का देसी खेल कहा जाता है इस खेल को दक्षिण भारत में चेडुगुडु और पूरब में हु तू तू के नाम से जाना जाता है। भारत में इस खेल का उद्भव हुआ था| यह खेल लोगों से घिरने पर कैसे आत्मरक्षा करना है, तथा शिकार के गुणों को सिखाता था। द्वापर युग में भी भगवान कृष्ण और उनके साथ ही द्वारा कबड्डी खेली जाती थी। इस बात का उल्लेख ताम्रपत्र में मिलता है। Show
3. खो-खो - खो-खो मैदानी खेलों के सबसे पुराने रूपों में से एक है। इस खेल का मुख्य उद्देश्य भी आत्मरक्षा आक्रमण के कौशल को विकसित करना था। 4. तीरंदाजी - वर्तमान समय में भले ही भारत तीरंदाजी में उत्कृष्ट प्रदर्शन न कर पा रहा हो लेकिन इस बात के असंख्य प्रमाण है कि पहली बार तीरंदाजी का शुरुआत भारत में हुआ था। भारत में धनुर्वेद नाम से प्राचीन में वेद भी हुआ करता था। जिसमें इसके सभी कलाओं के बारे में विस्तार से बताया जाता था। 5. कुश्ती - आज भी विश्व में सबसे ज्यादा दर्शकों द्वारा प्यार कुश्ती को ही दिया जाता है। डब्ल्यूडब्ल्यूई, एनएक्सटी कुश्ती का ही विस्तृत रूप है। कुश्ती एक बहुत ही पुराना खेल है जो पहले मनोरंजन के साधन के रूप में खेला जाता था। जिस के कई फायदे थे जैसे कि शारीरिक और मानसिक विकास। भारत के शैववंथी संत प्राचीन काल से ही इस खेल को खेलते आए हैं| जिसके कारण उनका शरीर बलशाली होता था। भारत सरकार ने कई तत्वों (एलिमेंट्स) को प्रतीकों के रूप में चुना है जो राष्ट्र की पहचान, विरासत को परिभाषित करते हैं। उदाहरण के लिए, बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है, मोर राष्ट्रीय पक्षी है और कमल राष्ट्रीय फूल है। यह भारतीयों के लिए बहुत सामान्य ज्ञान है और हम इनसे आसानी से जुड़ सकते हैं। इसी तरह, जब भारत के राष्ट्रीय खेल के बारे में पूछा गया, तो सभी को लगा कि इसका जवाब हॉकी होगा। इस खेल को भारत में मिली अभूतपूर्व सफलता और सम्मान को देखते हुए ऐसा लगना लाजमी भी है। भारत का राष्ट्रीय खेल: वह क्या है?भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक के इतिहास की सबसे सफल टीम है। इस टीम ने आठ गोल्ड, एक सिल्वर और तीन ब्रॉंज मेडल जीते हैं। इस टीम ने साल 1928 से 1956 तक अपना स्वर्णिम दौर देखा, जब उन्होंने लगातार 6 गोल्ड मेडल जीते। भारत ने दुनिया को कुछ बेहतरीन फील्ड हॉकी खिलाड़ी भी दिए हैं, जिनमें हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले ध्यानचंद (Dhyan Chand), बलबीर सिंह सीनियर (Balbir Singh Sr) और धनराज पिल्लै (Dhanraj Pillai) शामिल हैं। Led by Balbir Singh, India won their fifth Olympic hockey gold medal at the 1952 Helsinki Games. फोटो क्रेडिट Getty Images हालांकि आम लोगों को ऐसा लगता है लेकिन हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल नहीं है। इसके बाद आप कबड्डी का पूछेंगे तो इसका जवाब भी नहीं है। हॉकी की तरह भारतीय कबड्डी टीम ने भी दुनिया में अपने देश का नाम रोशन किया है। भारतीय टीम ने अब तक के सभी वर्ल्ड कप इवेंट में जीत हासिल की और एशियन गेम्स में सात स्वर्ण पदक जीते हैं। और जो लोग वर्तमान में लोकप्रिय क्रिकेट का पक्ष ले रहे हैं, वे भी गलत हैं। अगर फैक्ट के साथ बात करें तो भारत का कोई राष्ट्रीय खेल है ही नहीं। भारत का कोई राष्ट्रीय खेल क्यों नहीं है?साल 2020 में, महाराष्ट्र राज्य के धुले जिले के एक स्कूल शिक्षक ने सरकार के साथ आरटीआई (सूचना का अधिकार) दायर की। इसमें वह यह जानना चाहते थे कि हॉकी को भारत का राष्ट्रीय खेल कब घोषित किया गया था। युवा मामलों और खेल मंत्रालय ने इसका जवाब देते हुए कहा कि "सरकार ने किसी भी खेल को देश का राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं किया है, क्योंकि सरकार का उद्देश्य सभी लोकप्रिय स्पोर्ट्स डिसिप्लिन को बढ़ावा देना है।" हालांकि टोक्यो 2020 में भारतीय हॉकी टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद फैंस इस खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित करने की मांग कर रहे हैं। टोक्यो ओलंपिक में मेंस टीम ने कांस्य पदक जीता, पिछले 41 सालों में भारत का यह पहला ओलंपिक मेडल था। वहीं दूसरी तरफ वूमेंस टीम मेडल जीतने के बहुत करीब पहुंच गई थी। एक वकील ने एक जनहित याचिका (PIL) भी दायर की, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से भारत सरकार को हॉकी को राष्ट्रीय खेल बनाने और उसके पूर्व गौरव को वापस लाने में मदद करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया। हालांकि, इस याचिका को देश की सर्वोच्य अदालत ने खारिज कर दिया था। और जब तक सरकार आधिकारिक तौर पर हॉकी या किसी अन्य खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित नहीं कर देती, तब तक भारत का कोई राष्ट्रीय खेल नहीं है। ओलंपिक जाएं। यह सब पायें।मुफ्त लाइव खेल आयोजन | सीरीज़ के लिए असीमित एक्सेस | ओलंपिक के बेमिसाल समाचार और हाइलाइट्स शतरंज भारत में जन्मे इस खेल का नाम पहले ‘चतुरंग‘ हुआ करता था और इसको अष्टपद (8×8 खानों की तख्ती पर) पर खेल जाता था। ईरान पहुँचते-पहुँचते यह ‘चतुरंग’ से ‘शतरंग’ बन गया और फिर धीरे-धीरे शतरंज। हालाँकि खेल के नए नियम पुराने नियमों से ज्यादा अलग नहीं हैं। राजा / बादशाह, बजीर / रानी, ऊँट, हाथी, घोड़ा, सैनिक / प्यादे आदि शतरंज के मुख्य मोहरे हैं। इनमें से हर किसी की चाल अलग तरह की होती है।
यह चौसर जैसा एक खेल है, जिसमें खिलाड़ी कौड़ियों को फेंकते हैं और गिट्टियों को उनके अनुरूप आगे बढ़ाते हैं। जी हाँ, वही महाभारत के समय से चला आ रहा खेल!
स्विमिंग पूल या प्राकृतिक जलीय संसाधनों में तैर कर खेले जाने वाले खेल को तैराकी कहते हैं। पानी के अंदर दौड़ शुरुआत करने का स्थान और अंतिम गन्तव्य खेल से पहले चुन लिया जाता है और जो गन्तव्य पर सबसे पहले पहुँचता है, उसे विजेता माना जाता है।
इस खेल में दो लोग एक-दूसरे पर अपनी ताकत की आज़माइश करते हैं। खेल के कुछ नियम होते हैं, जिनसे हार-जीत का फैसला लिया जाता है। यह पहलवानी या मल्लयुद्ध के नाम से भी प्रसिद्ध है।
पतंगबाजी में दो या दो से अधिक लोग पतंग उड़ाते हुए एक-दूसरे की पतंग से पेंच लड़ाते हैं। मंजा और सद्धा बाँधकर इन रंग-बिरंगी पतंगों को आकाश में उड़ाया जाता है और इसके धागे को हाथ से ढील देकर या खींचकर नियंत्रित किया जाता है। दक्षिण और उत्तर भारत में यह खेल खासा लोकप्रिय है। अहमदाबाद में मकर संक्रांति के दिन पतंग महोत्सव मनाया जाता है।
धनुर्विद्या या तीरंदाजी भारत में खेला जाने वाला एक सदियों पुराना खेल है। इसमें धनुष पर प्रत्यञ्चा चढ़ाकर तीर (बाण) को निशाने की तरफ फेंका जाता है। वैदिक काल में इसको युद्ध विद्या का अंग माना जाता था और गुरुकुलों में इसका प्रशिक्षण दिया जाता था। संभव है कि ईरान होते हुए यह खेल अरब और पश्चिम देशों में पहुंचा हो। आजकल कई बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में इसको शामिल किया जाता है।
नौकाओं यानी कि नावों की दौड़ को नौकायन कहते हैं। कुछ देशों में यह खेल बहुत उत्साह के साथ खेला जाता है। इसमें नाविकअपनी नाव चलाते हुए एक-दूसरे को पछाड़ने की कोशिश करते हैं। नौका को चप्पू से खे कर आगे की तरफ बढ़ाया जाता है।
इस खेल में धातु के बने भारी और ठोस गोल पदार्थ का प्रयोग किया जाता है, जिसे गोला कहते हैं। खिलाड़ियों को निर्धारित बार यह गोला फेंकने का मौका दिया जाता है और सबसे अधिक दूरी तक गोला फेंकने वाले विजेता माना जाता है। जाते-जाते ऊपर दिए गए नामों के अलावा कुछ और खेलों के हिंदी नाम भी सीख लीजिए –
वैसे तो ऊपर बताए गए खेलों से जुड़ी वस्तुओं और शब्दों को पहले ही वर्णित किया जा चुका है, पर कुछ चीजें ऐसी हैं जो कई खेलों में और सबसे अधिक प्रयोग में लायी जाती है। उनके नाम कुछ इस तरह हैं –
भारत में कौन सा खेल नहीं खोज गया?सामान्य जानकारी. 2 निम्न में से कौन सा खेल भारत में नहीं खोजा गया ?* A शतरंज B जिमनास्टिक C स्नूकर?स्नूकर. निम्न में से कौन सा खेल भारत में नहीं खोजा गया शतरंज जिमनास्टिक?वर्तमान में कलाबाजी जिमनास्टिक 30.00 से बाहर चिह्नित है।
भारत में सबसे पुराना खेल कौन सा है?कुश्ती भारत का सबसे पुराना खेल है।
इसे दुनिया में सबसे प्राचीन और सबसे पुराने खेलों में से एक माना जाता है, भारत में कुश्ती का एक शानदार अतीत है।
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