Free PDF download of UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi गद्य Chapter 4 अशोक के फूल is the part of UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi. Here we help students prepare well for their Class 12 CBSE board exam, as well as competitive
exams. अशोक के फूल – जीवन/साहित्यिक परिचय (2017, 16, 14, 13, 12, 11, 10) प्रश्न-पत्र में पाठ्य-पुस्तक में संकलित पाठों में से लेखकों के जीवन परिचय, कृतियाँ तथा भाषा-शैली से सम्बन्धित एक प्रश्न पूछा जाता है। इस प्रश्न में किन्हीं 4 लेखकों के नाम दिए जाएँगे, जिनमें से किसी एक लेखक के बारे में लिखना होगा। इस प्रश्न के लिए 4 अंक निर्धारित हैं। जीवन-परिचय तथा साहित्यिक उपलब्धियाँ साहित्यिक सेवाएँ कृतियाँ भाषा-शैली इनकी भाषा में मुहावरों का प्रयोग प्रायः कम हुआ है। इस प्रकार द्विवेदी जी की भाषा शुद्ध, परिष्कृत एवं परिमार्जित खड़ी बोली है। उनकी गद्य-शैली प्रौद एवं गम्भीर है। इन्होंने विवेचनात्मक, गवेषणात्मक, आलोचनात्मक, भावात्मक तथा आत्मपरक शैलियों का प्रयोग अपने साहित्य में किया है। हिन्दी साहित्य में स्थान अशोक के फूल – पाठ का सार परीक्षा में ‘पाठ का सार’ से सम्बन्धित कोई प्रश्न नहीं पूछा जाता है। यह केवल विद्यार्थियों को पाठ समझाने के उद्देश्य से दिया गया है। सामन्तीय सभ्यता एवं परिष्कृत रुचि का प्रतीक : अशोक अशोक वृक्ष की पूजा: गन्धर्वो एवं यक्षों की देन मनुष्य की दुर्दम जिजीविषा वह गंगा की अबाधित-अनाहत धारा के समान सबकुछ को हजम करने के बाद भी पवित्र है। मानव-जाति की दुर्दम, निर्मम धारा के हजारों वर्षों का रूप देखने से स्पष्ट हो जाता है कि मनुष्य की जीवन-शक्ति बड़ी ही निर्मम हैं, वह सभ्यता और संस्कृति के वृथा मोहों को रौंदती चली आ रही हैं। न जाने कितने धर्माचारों, विश्वासों, उत्सवों और व्रतों को धोती-बहाती हुई यह जीवन धारा आगे बदी है। अशोक के वृक्ष की मौज गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण सम्बन्धी प्रश्नोत्तर प्रश्न-पत्र में गद्य भाग से दो गद्यांश दिए जाएँगे, जिनमें से किसी एक पर आधारित 5 प्रश्नों (प्रत्येक 2 अंक) के उत्तर::: देने होंगे। आसिंजनकारी का अर्थ प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: दीजिए। (i) किस पुष्प को देखकर लेखक उदास हो जाते हैं? (ii) प्रस्तुत गद्यांश में लेखक क्या बताना चाहता है? (iii) प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने स्वयं के विषय में क्या कहा है? (iv) प्रस्तुत गद्यांश के लेखक व पाठ का नाम स्पष्ट कीजिए। लेखक ने इस पाठ में किस शैली का प्रयोग किया है? (v) निम्न शब्दों के अर्थ लिखिए। Ashok Ke Phool Nibandh Ka Saransh प्रश्न 2. उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: दीजिए। (i) संस्कृत के किस कवि ने अशोक को सम्मानित किया? (ii) किस फूल की सुन्दरता के कारण
सुन्दरियाँ उन्हें अपने कानों का आभूषण बनाती हैं? (iii) प्रस्तुत गद्यांश में लेखक का उददेश्य क्या हैं? (iv) अशोक पर फूल आने के सम्बन्ध में लेखक को क्या विचार है? (v) निम्न शब्दों का अर्थ लिखिए – आसिजनकारी तथा कर्णावतंस। अशोक के फूल निबंध की व्याख्या प्रश्न 3. उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: दीजिए। (i) प्रस्तुत गद्यांश में किस प्रसंग की चर्चा की गई है? (ii) लेखक ने गद्यांश में किस प्रकार के लोगों को
स्वार्थी कहा है? (iii) “सारा संसार स्वार्थ का अखाड़ा ही तो है।” से लेखक का क्या तात्पर्य है? (iv) ‘फूल’ शब्द के पर्यायवाची लिखिए। (v) स्वार्थ शब्द का विलोम लिखिए। Sahityik Hindi Class 12 UP Board प्रश्न 4. उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: दीजिए। (i) प्रस्तुत गद्यांश के माध्यम से लेखक ने किस ओर संकेत किया हैं? (ii) मानव जाति किस मोह को रौंदती चली आ
रही है? (iii) मानव का व्यवहार किस प्रकार परिवर्तित होता है? (iv) प्रस्तुत गद्यांश में लेखक ने किन बातों की ओर ध्यान आकृष्ट किया
है? (v) ‘दुर्दम’ और ‘निर्मम’ शब्दों में से उपसर्ग और मूल शब्द छाँटकर लिखिए। साहित्यिक हिंदी कक्षा 12 प्रश्न 5. उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर: दीजिए। (i) प्रस्तुत गद्यांश में लेखक का क्या उद्देश्य है? (ii) धर्माचार्यों के महार्घ
ज्ञान-वैराग्य का क्या हुआ? (iii) मध्ययुगीन रस-राशि से लेखक का क्या तात्पर्य है? (iv) निम्न शब्दों का अर्थ लिखिए मोहक, विकृत, बहुमूल्य। (v) निम्न शब्दों के विलोम लिखिए – वैराग्य, नवीन। We hope the UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi गद्य Chapter 4 अशोक के फूल help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi गद्य Chapter 4 अशोक के फूल, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. अशोक के फूल निबंध का उद्देश्य क्या है?'अशोक के फूल' नामक निबन्ध आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के सामाजिक एवं सांस्कृतिक चिन्तन की परिणति है। भारतीय परम्परा में अशोक के फूल दो प्रकार के होते हैं-श्वेत एवं लाल पुष्प। श्वेत पुष्प तान्त्रिक क्रियाओं की सिद्धि के लिए उपयोगी हैं, जबकि लाल पुष्प स्मृतिवर्धक माना जाता है।
अशोक के फूल निबंध में लेखक क्या संदेश देना चाहते हैं स्पष्ट कीजिए?प्रस्तुत निबन्ध में हजारी प्रसाद द्विवेदी जी ने 'अशोक के फूल' की सांस्कृतिक परम्परा की खोज करते हुए उसकी महत्ता प्रतिपादित की है। इस फूल के पीछे छिपे हुये विलुप्त सांस्कृतिक गौरव की याद में लेखक का मन उदास हो जाता है और वह उमड़-उमड़ कर भारतीय रस-साधना के पीछे हजारों वर्षों पर बरस जाना चाहता है।
अशोक का फूल का क्या अर्थ है?उत्तर- ' अशोक को जो सम्मान कालिदास से मिला , वह अपूर्व था ' पंक्ति का आशय यह है कि कालिदास ने अपने साहित्य में अशोक के को अत्यन्त सम्मान दिया । अशोक के फूल की मादकता का अनुभव करने की दृष्टि कालिदास के पास थी , ऐसा वर्णन अपूर्व ( पहले किसी ने नहीं किया ) था ।
अशोक के फूल से जीवन के लिए क्या प्रेरणा मिलती है?ईसवी सन् के आरंभ के आस-पास अशोक का शानदार पुष्प भारतीय धर्म, साहित्य और शिल्प में अद्भुद महिमा के साथ आया था। उसी समय शताब्दियों के परिचित यक्षों और गंधर्वों ने भारतीय धर्ध-साधना को एकदम नवीन रूप में बदल दिया था। पंडितों ने शायद ठीक ही सुझाय़ा है कि गंधर्व और कंदर्प वस्तुतः एक ही शब्द के भिन्न-भिन्न उच्चारण हैं।
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