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जिन लोगों की बॉडी में लम्बे समय से कैल्शियम की कमी रहती है उनको कोलन कैंसर का खतरा हो सकता है।कैल्शियम हमारी बॉडी का अहम हिस्सा है जो हमारी बॉडी के विकास के लिए जरूरी है। ये हड्डियों से लेकर दांतों तक को मजबूत बनाता है। याददाश्त को भी स्ट्रॉन्ग बनाने में इसका अहम योगदान है। बॉडी में कैल्शियम की जरूरत उम्र के हिसाब से बदलती रहती है। बच्चों से लेकर युवा अवस्था तक में कैल्शियम की दैनिक जरूरत अलग-अलग होती है। कैल्शियम हमारी हड्डियों और नाखूनों को मजबूत बनाता है, साथ ही नसों, मांसपेशियों और दिल की सेहत में भी सुधार करता है। महिलाओं का पीरियड अनियामित होने का सबसे बड़ा कारण कैल्शियम की कमी होना है। महिलाओं में कैल्शियम की कमी से मेनोपॉज के दौरान कई स्वास्थ्य संबंधित जोखिम होने का खतरा बढ़ सकता है। बॉडी में कैल्शियम की कमी (Calcium Deficiency) होने पर उसके लक्षण दिखना शुरू हो जाते हैं। हड्डियां का कमजोर होना, हड्डियों में दर्द होना, हाथ-पैरों की मांसपेशियों में दर्द होना, हाथ-पैर सुन्न होना, हाथ-पैरों में झुनझुनाहट होना, मांसपेशियों में ऐंठन होना, याद्दाश्त कम होना, महिलाओं के पीरियड में गड़बड़ी होना और दांत कमजोर होना कैल्शियम की कमी के प्रमुख लक्षण हैं। आइए जानते हैं बॉडी के लिए जरूरी कैल्शियम की कमी होने पर कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
कैल्शियम की कमी होने से आपको कई तरह की गंभीर समस्याएँ हो सकती है। क्योंकि कैल्शियम की कमी की शुरुआत तो सामान्य लक्षण से होती है इसलिए ज्यादातर लोग इनके लक्षणों को पहचान नहीं पाते है। तभी जब यह लक्षण गंभीर रूप लें लेते है तो हमें इलाज करवाना जरूरी हो जाता है। इसलिए जरूरी है आप अपने लक्षणों को गंभीर ना होने दें। कैल्शियम की कमी होना क्या होता है?कैल्शियम की कमी को हाइपोकाल्सेमिया (Hypocalcemia) के नाम से जाना जाता है, जो एक ऐसी स्थिति है जब खून में कैल्शियम का स्तर कम हो जाता है। इसका इलाज संभव है, लेकिन यदि यह लंबे समय तक बनी रहें तो इसका असर शरीर के अन्य अंगों जैसे दाँत, आँख, मस्तिष्क पर पड़ सकता है। कैल्शियम की कमी के लक्षण:किसी भी बीमारी के लक्षण होते है इसलिए अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखें तो आपको डॉक्टर द्वारा हेल्थ चेकअप करवा लेना चाहिए। जिससे आप कैल्शियम की कमी को बढ़ने से रोक सकते है।
कैल्शियम की कमी के कारण (Causes of calcium deficiency in Hindi)कैल्शियम की कमी के मुख्य कारण:
कैल्शियम की कमी की पहचान: (calcium deficiency diagnosis in Hindi)अगर आपको बीमारी की पहचान समय रहते हो जाती है तो इसका इलाज आसान रहता है। इसलिए समय रहते इस बीमारी की पहचान करना महत्वपूर्ण हो जाता है।
कैल्शियम की कमी का इलाज कैसे करें (calcium deficiency treatments in Hindi)आमतौर पर, कैल्शियम की कमी बहुत सारे लोगों में देखने को मिलती है, लेकिन अगर इसके इलाज के तरीके की जानकारी हो तो इससे निजात पा सकते है।
कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग: (Diseases caused by calcium deficiency in Hindi)कैल्शियम की कमी ऐसी बीमारियों में शामिल हैं, जिनकी वजह से कई सारी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं।
कैल्शियम की कमी से बचाव: (Calcium deficiency precautions in Hindi)आप कैल्शियम की कमी से बच सकते है।
अस्वीकरण: सलाह सहित इस लेख में सामान्य जानकारी दी गई है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है।अधिक जानकारी के लिए आज ही अपने फोन में आयु ऐप डाउनलोड कर घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श करें। स्वास्थ संबंधी जानकारी के लिए आप हमारे हेल्पलाइन नंबर 781-681-11-11 पर कॉल करके भी अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। आयु ऐप हमेशा आपके बेहतर स्वास्थ के लिए कार्यरत है। कैल्शियम की कमी से कौन सी बीमारी होती है?कैल्शियम की कमी से ब्लड क्लॉटिंग का खतरा बढ़ सकता है.
Calcium Deficiency: मांसपेशियों और जोड़ों में जकड़न, दांतों में दर्द, ड्राई स्किन, नाखून कमजोर होकर टूटने जैसी समस्याएं आजकल आम होती जा रहे है.
शरीर में कैल्शियम की कमी कब होती है?एक्सपर्ट्स के मुताबिक, शरीर में कैल्शियम की कमी न हो, इसके लिए जरूरी है कि आप खानपान का ख्याल रखें और कुछ लक्षणों को पहचानें. अगर आपको लगातार दांतों से जुड़ी समस्या हो रही है, थकान महसूस होती है, स्किन ड्राई है और मांसपेशियों में ऐंठन रहती हैं तो ये कैल्शियम की कमी के संकेत हो सकते हैं.
सबसे ज्यादा कैल्शियम कौन सी चीज में होता है?कैल्शियम का सबसे अच्छा सोर्स दूध को माना जाता है। इसलिए कहा भी जाता है कि नियमित रूप से दूध का सेवन करना चाहिए। एक गिलास दूध में करीब 300 ग्राम कैल्शियम होता है। अगर दूध स्किप हुआ तो समझ सकते हैं कि शरीर में कितने कैल्शियम की कमी हो जाएगी।
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