हमें कबीर जी के जीवन से क्या प्रेरणा मिलती है?... Show Anil BajpaiWriter | Publisher | Investor | Hotelier | Devloper0:48 चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। हमें कबीर जी के जीवन से क्या प्रेरणा मिलती है हमें कबीर जी के जीवन से प्रेरणा मिलती है कि कोई भी हो हमको अपनी बात अपने विचार समाज को सही आईना दिखाने का पूरा प्रयास करना चाहिए और अच्छे कर्म करने चाहिए उन्होंने मुसलमान को भी प्रदान किया है काकर पाथर जोड़ के मस्जिद लई बनाय ठीक है पत्थर पूजे हरि मिले तो मैं पूजू पहाड़ इसके अलावा और उन्होंने कभी भगवान राम की प्रणाली Romanized Version 2 जवाब Related Searches: कबीर दास ने क्या प्रेरणा दी है? ; Vokal App bridges the knowledge gap in India in Indian languages by getting the best minds to answer questions of the common man. The Vokal App is available in 11 Indian languages. Users ask questions on 100s of topics related to love, life, career, politics, religion, sports, personal care etc. We have 1000s of experts from different walks of life answering questions on the Vokal App. People can also ask questions directly to experts apart from posting a question to the entire answering community. If you are an expert or are great at something, we invite you to join this knowledge sharing revolution and help India grow. Download the Vokal App! सन्त कबीर ने अपने दोहों में श्रेष्ठ मानवीय गुणों को अपनाने की प्रेरणा दी है, यह कथन सर्वथा सही है। वे कहते हैं कि, “सब कुछ प्रभु का है मेरा कुछ भी नहीं” यह त्याग की भावना का आदर्श रूप है। विवेकपूर्वक अवगुणों से बचकर गुणों को धारण करना, हर प्रकार के अहंकार का त्याग, जात और धर्म की अपेक्षा ज्ञान से साधुता का मूल्यांकन करना, सज्जनों की संगति करना, सन्तोषपूर्वक जीवन बिताना तथा मधुर वाणी का प्रयोग करना ये सभी श्रेष्ठ जीवन मूल्य हैं, जिनको धारण करने की प्रेरणा कबीर ने दी है।
Published in JournalYear: Jan, 2019 Article Details
Published in JournalYear: May, 2018 Article Details
कबीर की वाणी से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?और जो मैंने खुद के भीतर खोजने की कोशिश की तो मुझसे बुरा कोई नहीं मिला. इस दोहे के माध्यम से कबीर कहना चाहते हैं कि सिर्फ बड़ा होने से कुछ नहीं होता. बड़ा होने के लिए विनम्रता जरूरी गुण है.
कवि ने हमें क्या प्रेरणा दी है?कवि क्या प्रेरणा दे रहा है? कवि ने मनुष्य को घमण्ड के साथ जीने की प्रेरणा दी है। कवि ने मनुष्य को आत्मसम्मन के साथ जीने की प्रेरणा दी है। कवि ने मनुष्य को आत्मसम्मान के साथ जीने की प्रेरणा दी है।
कबीर जी ने असली ज्ञानी किसे कहा है?जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिए ज्ञान। मोल करो तलवार का, पड़ी रहन दो म्यान ।। भावार्थ: परमात्मा कबीर जी हिंदुओं में फैले जातिवाद पर कटाक्ष करते हुए कहते थे कि किसी व्यक्ति से उसकी जाति नहीं पूछनी चाहिए बल्कि ज्ञान की बात करनी चाहिए। क्योंकि असली मोल तो तलवार का होता है, म्यान का नहीं।
कबीर की साखी की व्याख्या?साखी की पाठ व्याख्या ऐसी बाँणी बोलिये ,मन का आपा खोइ। अपना तन सीतल करै ,औरन कौ सुख होइ।। व्याख्या -: इसमें कबीरदास जी कहते है कि हमें अपने मन का अहंकार त्याग कर ऐसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए जिसमे हमारा अपना तन मन भी सवस्थ रहे और दूसरों को भी कोई कष्ट न हो अर्थात दूसरों को भी सुख प्राप्त हो।
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