कला का क्या करना एक सच्चे कलाकार का परम कर्तव्य होता है *? - kala ka kya karana ek sachche kalaakaar ka param kartavy hota hai *?

‘सच्चा कलाकार वह होता हैजो दूसरों की कला का सम्मान करता है’, इस कथन पर अपना मत व्यक्त कीजिए ।

कलाकार को कोई कला सीखने के लिए गुरु के सान्निध्य में रह कर वर्षों तक तपस्या करनी पड़ती है। कला की छोटी छोटी बारीक बातों की जानकारी करनी पड़ती है। इसके साथ ही निरंतर रियाज करना पड़ता है। गुरु से कला की जानकारियां प्राप्त करते-करते अपनी कला में वह प्रवेश होता है। सच्चा कलाकार किसी कला को सीखने की प्रक्रिया में होने वाली कठिनाइयों से परिचित होता है। इसलिए उसके दिल में अन्य कलाकारों के लिए सदा सम्मान की भावना होती । वह छोटे-बड़े हर कलाकार को समान समझता है और उनकी कला का सम्मान करता है। सच्चे कलाकार का यही धर्म है। इससे कला को प्रोत्साहन मिलता है और वह फूलती-फलती है।

कला का क्या करना एक सच्चे कलाकार का परम कर्तव्य होता है?

गुरु से कला की जानकारियां प्राप्त करते-करते अपनी कला में वह प्रवेश होता है। सच्चा कलाकार किसी कला को सीखने की प्रक्रिया में होने वाली कठिनाइयों से परिचित होता है। इसलिए उसके दिल में अन्य कलाकारों के लिए सदा सम्मान की भावना होती । वह छोटे-बड़े हर कलाकार को समान समझता है और उनकी कला का सम्मान करता है।

कला और कलाकार का सम्मान करने से क्या होता है?

आज कला तथा कलाकार का सम्मान किया जाता है। अब तो शिक्षा में भी इसे अभिन्न बना दिया गया है। आज यह जीविका का मज़बूत साधन है।

सच्चा कलाकार कौन होता है?

सच्चा कलाकार वह होता है जो दूसरे की कला का सम्मान करता है इस कथन पर हमारे मत निम्नलिखित है | कलाकार को एक फलदार वृक्ष की तरह होना चाहिए जो सदैव फलों से लगा रहता है लेकिन सदैव झुका भी रहता है अर्थात यदि कलाकार किसी भी प्रकार की कला में निपुण है तो उसे सदैव दूसरों का सम्मान और आदर करना आना चाहिए।