कब्ज के क्या लक्षण होते हैं? - kabj ke kya lakshan hote hain?

तैलीय और मसालेदार पदार्थों का सेवन करने, शराब और सिगरेट पीने, कम मात्रा मात्रा में पानी पीने और रात में देर से भोजन करने से अनेकों समस्याएं पैदा होती हैं। कब्ज (Kabz in Hindi) भी उन्हीं में से एक है।

  • कब्ज क्या है (Constipation Meaning in Hindi)
  • कब्ज के लक्षण (Constipation Symptoms in Hindi)
  • कब्ज के कारण (Causes of Constipation in Hindi)
  • कब्ज के कारण होने वाली समस्याएं (Complications of Constipation in Hindi)
  • कब्ज का निदान (Diagnosis of Constipation in Hindi)
  • कब्ज का इलाज/उपचार (Constipation Treatment in Hindi)
  • कब्ज से बचाव (Prevention of Constipation in Hindi)
  • अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

कब्ज क्या है (Constipation Meaning in Hindi)

कब्ज एक आम समस्या का रूप ले चूका है जिससे हर दूसरा या तीसरा व्यक्ति जूझ रहा है। जब सप्ताह में तीन बार से कम मल त्याग होता है तो इस स्थिति को मेडिकल भाषा में कब्ज (Kabz) कहते हैं।

कब्ज किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में यह अधेड़ उम्र के लोगों में देखा जाता है। कब्ज होने पर आप नियमित रूप से मल त्याग नहीं कर पाते हैं या पूरी तरह से आपका पेट साफ नहीं हो पाता है।

कम मात्रा में पानी पीने से कब्ज की शिकायत होती है। हालांकि, कब्ज के मुख्य कारणों में उम्र बढ़ना, कुछ खास दवाओं का सेवन और शारीरिक गतिविधि कम या नहीं करना (फिजिकल एक्टिविटी) शामिल है।

कब्ज की गंभीरता हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग हो सकती है। कुछ लोगों को कब्ज की शिकायत मात्र कुछ दिनों के लिए होती है, लेकिन दूसरों के लिए कब्ज क्रोनिक यानी पुरानी हो सकती है जिसके कारण उन्हें दर्द और दूसरी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

कब्ज के लक्षण (Constipation Symptoms in Hindi)

कब्ज का सबसे बड़ा लक्षण है पेट में गैस होना, पेट फूलना और भूख न लगना। इसके अलावा, कब्ज के दूसरे भी अनेक लक्षण हो सकते हैं जैसे कि:-

  • सांस से बदबू आना
  • लगातार नाक बहना
  • कुछ समय के अंतराल पर सिर में दर्द होना
  • चक्कर आना
  • जी मिचलाना
  • चेहरे पर मुंहासे निकलना
  • पेट में भारीपन महसूस होना 
  • पाचन खराब होना
  • आंखों में जलन होना
  • कमजोरी महसूस करना
  • मन अशांत होना
  • पेट में मरोड़ होना
  • शौच के बाद भी पेट साफ नहीं होना 
  • जुबान का रंग सफेद या मटमैला होना
  • कमर में दर्द होना
  • मुंह में छाले पड़ना
  • मल का सख्त होना
  • मल त्याग के दौरान जोर लगाना
  • नियमित रूप से मल त्याग नहीं होना
  • कभी-कभी मतली और उल्टी होना
  • पेट में सूजन होना

कब्ज को नजरअंदाज करने पर इसके लक्षण गंभीर रूप ले सकते हैं जिसके कारण आपकी समस्या और बढ़ सकती है। इसलिए Kabz Ke Lakshan को अनुभव करते ही आपको तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।

कब्ज के कारण (Causes of Constipation in Hindi)

कब्ज कई कारणों से हो सकता है। इसके कारणों को ध्यान में रखते हुए कुछ सावधानियां बरतकर इस समस्या के खतरे से बचा जा सकता है।

कब्ज क्यों होता है:-

  • डाइट में रेशेदार आहार की कमी होना
  • मैदा से बने उत्पादों का सेवन करना
  • तेल में तली हुई चीजों का अत्यधिक सेवन
  • मिर्च और मसालेदार उत्पादों का सेवन करना
  • कम मात्रा में पानी पीना 
  • तरल पदार्थों का कम मात्रा में सेवन करना
  • समय पर भोजन नहीं करना
  • रात में देर से भोजन करना
  • देर रात तक जागना
  • अधिक मात्रा में चाय और कॉफी का सेवन करना
  • तंबाकू या सिगरेट का सेवन करना
  • भोजन पचने से पहले दोबारा भोजन करना
  • चिंता होना या तनाव भरा जीवन जीना
  • हार्मोन्स में असंतुलन होना
  • थायरॉइड की परेशानी होना
  • लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं का सेवन करना
  • मल त्याग न करना
  • फाइबर से भरपूर भोजन न करना
  • पेशाब को अधिक समय तक रोक कर रखना
  • नींद पूरी नहीं होना
  • जरूरत से कम मात्रा में भोजन करना
  • शारीरिक परिश्रम नहीं करना
  • शरीर में पानी की कमी होना
  • खाना खाने के तुरंत बाद लेट जाना
  • बगैर भूख लगे भोजन करना
  • बिना चबाए भोजन ग्रहण करना
  • बजहाजमि होना
  • समय पर भोजन नहीं करना
  • अत्यधिक शराब का सेवन करना
  • ज्यादा उपवास रखना
  • शरीर में कैल्शियम और पोटैशियम की कमी होना
  • अधिक मात्रा में मांस का सेवन करना
  • आंत या लिवर की बीमारी से पीड़ित होना

अगर आप खुद को कब्ज से बचाना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए कारणों को ध्यान में रखकर कुछ सावधानियां बारात सकते हैं जैसे कि खाना खाने के तुरंत बाद लेटने के बजाय थोड़ी देर तक टहलना आदि।

कब्ज के कारण होने वाली समस्याएं (Complications of Constipation in Hindi)

कब्ज के कारण आपको अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है जैसे कि:-

  • भूख न लगना
  • छाती में जलन होना
  • पेट में भारीपन महसूस करना
  • मतली आना और उल्टी होना
  • आंतों में जख्म और सूजन होना
  • बवासीर, भगंदर और फिशर रोग का खतरा बढ़ना

अगर आप कब्ज और कब्ज से होने वाली जटिलताओं से बचना चाहते हैं तो अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में सुधर करने की आवश्यकता है।

कब्ज का निदान (Diagnosis of Constipation in Hindi)

कब्ज का निदान करने के लिए डॉक्टर मरीज का शारीरक परीक्षण करते हैं और मेडिकल हिस्ट्री एवं पहले से मौजूद पाचन समस्याओं से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न पूछ सकते हैं। शारीरिक परीक्षण की मदद से डॉक्टर को कब्ज के कारण का पता चलता है।

शारीरिक परीक्षण के अलावा, डॉक्टर कुछ खास टेस्ट करने का सुझाव दे सकते हैं जैसे कि खून जांच, पेट का एक्स-रे, बेरियम एनिमा, कोलोनिक ट्रांजिट मार्कर स्टडीज, डेफिकोग्राफी, एनोरेक्टल मोटिलिटी स्टडीज और एमआरआई डेफिकोग्राफी आदि।

कब्ज का इलाज/उपचार (Constipation Treatment in Hindi)

कब्ज का इलाज कई तरह से किया जा सकता है जिसमें जीवनशैली और डाइट में सकारात्मक बदलाव, जुलाब, व्यायाम, दवाएं और सर्जरी शामिल हैं।

कब्ज को दूर करने के लिए डॉक्टर फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करने का सुझाव देते हैं। इसके अलावा, नियमित रूप से व्यायाम करना, समय पर मल त्याग करना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना आदि शामिल हैं।

अगर कब्ज की शिकायत लंबे समय से है तो जीवनशैली और खान-पान में खास बदलाव लाकर इसका उपचार किया जा सकता है। 

जब जीवनशैली और खान-पान में बलदाव लाने के बाद भी कोई फायदा नहीं होता है तो डॉक्टर दवाओं के सेवन का सुझाव देते हैं। और जब दवाएं भी बेअसर साबित होती हैं तो डॉक्टर सर्जरी करने का सुझाव देते हैं।

डॉक्टर से कब मिलें (When to See a Doctor For Constipation in Hindi)

अगर जीवनशैली एवं डाइट में सकारात्मक बदलाव लाने, ओवर-द-काउंटर दवाओं का सेवन करने के बाद भी कब्ज में कोई सुधार न दिखे और आपको कब्ज के कारण पेट में भारीपन, मरोड़ या दर्द अनुभव हो तो जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए।

कब्ज से बचाव (Prevention of Constipation in Hindi)

अस्वस्थ जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण कब्ज की शिकायत होती है। स्वस्थ जीवनशौली और हेल्दी खान-पान की मदद से कब्ज के खतरे को दूर किया जा सकता है। अगर आप कब्ज का बचाव करना चाहते हैं तो निम्न बातों का पालन करना चाहिए:-

  • फाइबर से भरपूर भोजन करें
  • पानी और अन्य तरल पदार्थों का सेवन करें
  • चाय और कॉफी के अत्यधिक सेवन से बचें
  • दूध पीना कम कर दें, यह भी कब्ज का कारण हो सकता है
  • नियमित रूप से व्यायाम करें
  • जब प्रेशर बने तो उसे रोकने के बजाय मल त्याग करें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Ques 1. कब्ज से छुटकारा पाने के लिए क्या करें?

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए आपको अपनी जीवनशैली और खान-पान पर खास ध्यान देने की आवश्यकता है। अधिक मात्रा में पानी पीएं, फल और सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें, समय पर मल त्याग करें और नियमित रूप से व्यायाम करें। साथ ही, तैलीय और मसालेदार भोजन एवं शराब तथा सिगरेट से बचें।

Ques 2. कब्ज के लिए सबसे अच्छी दवा?

कब्ज का इलाज करने के लिए अनेक दवाएं मौजूद हैं। डॉक्टर कब्ज के कारण की पुष्टि करने के बाद दवा निर्धारित करते हैं।

Ques 3. पेट में कब्ज होने पर क्या खाएं?

पेट में कब्ज होने पर आपको हल्का और थोड़ी मात्रा में भोजन करना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए और अपनी डाइट में ताजे फलों एवं हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।

Ques 4. कब्ज होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?

कब्ज होने पर तेल और मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। साथ ही, सिगरेट और शराब के सेवन से भी बचना चाहिए। रात में भारी और देर से भोजन करने से बचना चाहिए। 

Ques 5. कब्ज होने पर दूध पीना चाहिए या नहीं?

कुछ लोगों को दूध के कारण कब्ज की शिकायत हो सकती है। अगर आपको दूध का सेवन करने से किसी तरह की कोई समस्या नहीं है तो दूध का सेवन कर सकते हैं और अगर दूध से कब्ज या गैस की समस्या होती है तो इससे बचें।

पेट में कब्ज होने से कौन सी बीमारी होती है?

कब्ज के कारण पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। इसके अलावा सिरदर्द होना, गैस बनना, पेट में गैस बनना, भूख कम होना, कमजोरी महसूस होना और जी-मिचलाना आदि समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसी तरह चेहरे पर मुंहासे निकलना, काले दाग उत्पन्न होना, शौच के बाद भी ऐसा महसूस होना कि मानो पेट साफ नहीं हुआ हो।

कब्ज की पहचान क्या है?

कब्ज के लक्षण (Constipation Symptoms in Hindi).
सांस से बदबू आना.
लगातार नाक बहना.
कुछ समय के अंतराल पर सिर में दर्द होना.
चक्कर आना.
जी मिचलाना.
चेहरे पर मुंहासे निकलना.
पेट में भारीपन महसूस होना.
पाचन खराब होना.

गैस और कब्ज के लक्षण?

कब्ज के लक्षण (Constipation Symptoms in Hindi).
कुंथन करने पर ही मलत्याग होना।.
पेट में दर्द एवं भारीपन रहना।.
पेट में गैस बनना।.
मल का सख्त (कठोर) एवं सूखा होना।.
सिर में दर्द रहना।.
बदहजमी.
बिना श्रम के ही आलस्य बने रहना।.
पिण्डिलियों में दर्द रहना।.

कब्ज कितने प्रकार के होते हैं?

जुलाब के तीन प्रकार के होते हैं:.
बल्किंग एजेंट – ये मल के आयतन में वृद्धि करते हैं। प्रतिदिन कम से कम 6-8 गिलास तरल-पदार्थ पीना आवश्यक है।.
चिकनाई वाले जुलाब – ये मल को नरम बनाते हैं और मल-त्याग करना आसान बनाते हैं।.
उत्तेजक/क्षोभक जुलाब – ये मल को आगे बढ़ाने में आँत को और अधिक सक्रिय बनाते हैं।.