जूझ कहानी के लेखक में कौन सी विशेषता थी - joojh kahaanee ke lekhak mein kaun see visheshata thee

जूस कहानी के लेखक में कौन सी विशेषता थी?

वह स्वयं व्यक्तिगत स्तर पर, पारिवारिक स्तर पर, सामाजिक स्तर पर, विद्यालय के माहौल के स्तर पर, आर्थिक स्तर पर आदि इस तरह के कई स्तर पर उसका संघर्ष दिखाई देता है। स्पष्ट है कि यह शीर्षक कथानायक के पढ़ाई के प्रति जूझने की भावना को उजागर करता है। लेखक ने अपनी आत्मकथा अपनी इसी चारित्रिक विशेषता को केन्द्र में रखकर की है।

जूझ कहानी में लेखक के दादा के चरित्र की विशेषता क्या है?

वह दादा व देसाई सरकार के समक्ष अपना पक्ष रखता है तथा अपने ऊपर लगे आरोपों का उत्तर देता है। आगे बढ़ने के लिए वह हर कठिन शर्त मानता है। पाठशाला में भी वह नए माहौल में ढलने, कविता रचने आदि के लिए संघर्ष करता है। इस प्रकार यह शीर्षक कथा-नायक की केंद्रीय चारित्रिक विशेषता को उजागर करता है।

जूझ कहानी का मुख्य पात्र कौन है?

उत्तर : 'जूझ' कहानी में गोई के जीवन का यथार्थ वर्णन है। पाँव के बच्चे जीवन में अनेक संघर्ष करते हैं। इस कहानी का पात्र 'आनंदा' भी अपनी पकाई जारी रखने के लिए संघर्ष करता है। उसका पिता खेत के काम को पढाई रने जादा महत्त्व देता है और वह आनंदा को स्कूल में पढने नहीं भेजता।

आनंद के स्वभाव की विशेषताएं क्या है?

वह स्वयं भी कवि थे। इसके बाद आनंद को यह विश्वास हुआ कि कवि उसी की तरह आदमी ही होते हैं। एक बार उसने देखा कि उसके अध्यापक ने अपने घर की मालती लता पर ही कविता लिख दी, तब उसे लगा कि वह अपने आस-पास के दृश्यों पर कविता बना सकता है। इस प्रकार उसके मन में स्वयं कविता रच लेने का आत्मविश्वास पैदा हुआ।