डाडासीबा,जागरण संवाददाता। कैप्टन संजय ने कहा है कि महापुरुषों के आदर्श, गुणों, शिक्षा, सिद्धांतों को जीवन में उतारने की प्रेरणा मिलती है। महापुरुषों के जीवन से हमें जीवन जीने की कला प्राप्त होती है। प्रत्येक समस्या का समाधान मिलता है। कैसे जीवन जीना है, उसका बोध होता है। महापुरूषों के जीवन के अनुभव ऐसे हैं कि उनके विचार जीवन की विपरित परिस्थितयों में भी वे हमें आगे बढ़ने के लिए सदैव प्रेरित करते हैं। Show सरस्वती विद्या मंदिर, चिंतपूर्णी में आयोजित निबंध प्रतियोगिता के पुरस्कार वितरण समारोह में मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुए पराशर ने कहा कि महापुरूषों की स्तुति करने से जीवन को सम्यक ज्ञान, श्रद्धा, चिंतन, मनन शक्ति और सदाचरण करने का बल प्राप्त होता है कहा कि देश के महापुरुषों का राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान रहा है और आज भी उनकी शिक्षाएं हमारे लिए उतनी ही महत्वपूर्ण व प्रेरक हैं। ऐसे में समय-समय पर युवा पीढ़ी को देश के महापुरुषों के बारे में जानकारी देने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में सेमीनार का आयोजन किया जाना चाहिए। जिला मंडी की 181 ग्रामीण सड़कों पर यातायात होगा सुगम, PMGSY के तीसरे चरण के लिए हुआ चयन यह भी पढ़ेंयुवा पीढ़ी को देश की संस्कृति व इतिहास से जोड़ने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं की आवश्यकता है। कहा कि सरस्वती विद्या मंदिरों में संस्कारवान युक्त शिक्षा प्रदान की जा रही है और यह प्रसन्नता की बात है कि नई पीढ़ी के विद्यार्थियों में भी अपने महापुरूषों के प्रति और अधिक जानकारी प्राप्त करने की लालसा है। निबंध प्रतियोगिता ‘महापुरुषों की जीवनी’ पर आधारित थी, जिसमें छात्रों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक ए.पी.जे अब्दुल कलाम, अष्टादश विद्याओं के ज्ञाता स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ जी महाराज, वेदांत के विख्यात व प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरू स्वामी विवेकानंद और स्वतंत्रता सेनानी व गांधीवादी नेता विनोबा भावे के ऊपर निबंध लिखे। Himachal Election 2022: चुनाव आयोग ने तेज की मतगणना की तैयारियां, कर्मचारियों की रिहर्सल का शेड्यूल तय यह भी पढ़ेंकैप्टन संजय ने प्रथम तीन स्थानों पर रहे विद्यार्थियों को अपनी तरफ से साढ़े दस हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी। प्रतयोगिता विद्यालय के छठी से दशम कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए आयोजित की गई। पहले स्थान पर नवमी कक्षा के छात्र संचित कालिया रहे तो दूसरे स्थान पर संयुक्त रूप से दसवीं कक्षा के ईशानी व अक्षिता रहे। तृतीय स्थान पर नवीं कक्षा के छात्र हर्ष संदल व मृदुल रहे। प्रतियोगिता में कुल 32 विद्यार्थियों ने भाग लिया। सभी प्रतियोगी छात्राें को कैप्टन संजय ने महात्मा गांधी के चित्र और प्रशस्ति पत्र भी भेंट किए। स्कूल के प्रधानाचार्य सुरेश चड्ढा ने बताया कि पराशर विद्यार्थियों को जीवन के हर क्षेत्र में पारंगत करने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं। Himachal Snowfall Places: दिसंबर में इन 6 जगह उठाएं बर्फबारी का लुत्फ, बर्फ से बने घर में भी रहने का मौका यह भी पढ़ेंसंजय का आभार जताते हुए सुरेश ने कहा कि विद्यार्थियों का ऐसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने से मनोबल बढ़ेगा। वहीं, कैप्टन संजय का कहना था कि आज के प्रतियोगी युग में हर विद्यार्थी पर खुद को साबित करने का दबाब है, लेकिन छात्र नैतिक मूल्यों के साथ संस्कार भी सीखेंगे, तो निस्संदेह वे अपने लक्ष्य काे भी हासिल कर लेंगे। ओलंपियाड क्विज विषय हिन्दी कक्षा 6 से 8 हेतु महत्वपूर्ण वैकल्पिक प्रश्नोत्तरी यहाँ दी गई है। क्विज की तैयारी हेतु अध्ययन करें। Read moreपाठ - 2 'आत्मविश्वास' विषय - हिन्दी विशिष्ट कक्षा 8 की एटग्रेड अभ्यास पुस्तिका के प्रश्नों के सटीक उत्तर यहाँ दिये गए हैं।
पुराणों अनुसार ब्रह्मा जी के मानस पुत्र:- मन से मारिचि, नेत्र से अत्रि, मुख से अंगिरस, कान से पुलस्त्य, नाभि से पुलह, हाथ से कृतु, त्वचा से भृगु, प्राण से वशिष्ठ, अंगुष्ठ से दक्ष, छाया से कंदर्भ, गोद से नारद, इच्छा से सनक, सनन्दन, सनातन, सनतकुमार, ... Educational Thoughts in Hindi: शिक्षा वह व्यवस्था है जसके द्वारा संसार के सभी सुखो का आनंद लिया जा सकता है, शिक्षा ही एक ऐसा मार्ग है जिसे प्राप्त करके जीवन के सभी दुखो का समाप्त किया जा सकता है. केवल कलम चलाना ही एजुकेशन नही होता है, बल्कि इसके साथ-साथ शारीरिक वृद्धि, बुद्धि, मनोबल, महत्वकांक्षा, आदि का विकाश होना शिक्षा कहलाता है. हर कोई अपने जीवन में सफल होना चाहता है और उसके लिए प्रयत्न भी करता है, पर सफल वही हो पाता है जो अपने लक्ष्य के लिए जी जान से मेहनत करता है. इन्सान एक ऐसा प्राणी है जिसे आगे बढ़ने के लिए एक सहारा की आवश्यकता होती है. चाहे वह बल से हो या फिर प्रेरणा से, प्रेरणा एक प्रकार की एनर्जी है जिसे पाकर इन्सान दुगुने रफ़्तार से अपने लक्ष्य के पीछे भागता है और सिद्दत से उसे पाने के लिए कड़ी मेहनत करता है. आज 35 शिक्षा पर महापुरुषों के विचार आपके सामने प्रस्तुत कर रहे है जो आपको अपने लक्ष्य के प्रति स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगा. शिक्षा पर महान व्यक्तियों के अनमोल विचार जो आपके एजुकेशनल जीवन को पूरी तरह बदल देगा. Table of Contents
शिक्षा पर महापुरुषों के विचार | Educational Thoughts in Hindi“Self-pity is our biggest enemy and if we do not grow from it, then we cannot do anything intelligent in this world”.
“Education is the golden way of the future, “tomorrow” belongs to those who prepare for it today”.
“Curiosity removes boredom, so curiosity is the first foundation of education”.
“If you have been planning for one year, sow rice. If you have been planning for a decade, plant trees. If you are planning for a lifetime, educate people”.
“Not smart, so smart improvement, it’s just because I live with problems for a long time”.
“Do not believe in luck, believe in hard work, one-day success will be yours”.
“Sitting alone is a million times better than walking with the wrong people”. इसे भी पढ़े,
“Accept your past without regret, handle your present with confidence, and face your future without fear”.
“Teachers open the door, but you should enter by yourself”.
“Life itself is your teacher, you can be in a constant state of learning if you try to learn”.
“The person who asks the question is more helpful than the person giving the advice”.
“The training by which the present and expression of desire is brought under control and becomes fruitful is called education”.
“You educate a man, you educate a single man. You educate a woman, you educate a generation”.
“If there are challenges coming your way, then understand that you are doing world-changing work”.
“Success is the one who overcomes his feelings, not his enemies”.
“Try to be an important man rather than a successful man”.
“Difficulties are that aspect. What we see when our focus is not on the target ”. Henry Ford
“The person who never made a mistake never tried anything new”.
“Cultivate a passion for learning, if you do, you are sure to succeed”.
“Dreams are not what we see while sleeping, dreams are what do not let us sleep”.
“The root of education is bitter but its fruits are sweet”.
“The true purpose of education should be knowledge of values, not facts”.
“We can be successful in doing the work which is more likely to succeed, but we can be the best by doing the work which is more likely to fail”
“One should not be disappointed with the successes that are constantly happening because sometimes the last key of the flakes unlocks”
“The biggest sign of success for a teacher is to be able to say, The kids are now acting as if I didn’t exist”. इसे भी पढ़े,
“Do not stop when you are tired. Stop when you’re done”.
“The harder you work for something, the greater you feel when you achieve it”.
“I like teachers who give something different to think about besides homework”.
“A person is not intelligent when he starts talking big things, rather it is sensible when he starts understanding small things”.
“Education is the most powerful weapon you can use to change the world”.
“Enthusiasm, energy, and enthusiasm can turn any impossible task into possible”.
“Think, understand and question before taking a decision, but once you have decided, then stick to it”.
“Remember to be happy to reach the milestone, this will help you prepare for the journey ahead”
“The way to start is to stop talking and start working”.
“I know that I do not regret it if I failed, but I know one thing, if I do not try, I will definitely regret it. Jeff Bezos
Conclusionमहापुरुषों की वाक्य अक्शर विद्यार्थी जीवन को प्रेरित करता है, इन विचारो को पढ़कर शारीर में अजीब प्रकार की एनर्जी का विकाश होता है, जो हमे कुछ अलग करने के लिए प्रेरित करता है. ऐसे ही विचार आपने पढ़ा, उम्मीद है की आपको 35 Educational thoughts in Hindi में दिए वाक्य पसंद आया होगा. इस पोस्ट से सम्बंधित कोई भी विचार आपके मन में हो, तो आप कमेंट बॉक्स के माध्यम से हमे भेज सकते है. jikesh kumar Hey, मैं Jikesh Kumar, Focusonlearn का Author & Founder हूँ. शिक्षा और शिक्षण शैली को सम्पूर्ण भारत में प्रसार के लिए हम अन्तःमन से कार्यरत है. शिक्षा एवं सरकारी योजना से सम्बंधित सभी आवश्यक जानकारी इस वेबसाइट के माध्यम से प्रदान किया जाता है जो शिक्षा और जागरूकता को बढ़ावा देने में सक्षम है. संसार के महापुरुष हमें क्या शिक्षा देते है?सभी युगों में सभी देशों में निष्काम शुद्ध भाव साधु महापुरुष इसी सत्य का प्रचार कर गए हैं, और करते रहेंगे। संसार हित छोड़कर अन्य कोई कामना उनमें नहीं थी। उन सभी लोगों ने कहा कि इन्द्रियां हमें, जहां तक सत्य का अनुभव करा सकती हैं हमने उससे उच्चतर सत्य प्राप्त कर लिया है और वे उसकी परीक्षा के लिए तुम्हें बुलाते हैं।
महापुरुष क्या होता है?महापुरुष वह होता हैं जिसनें उसके जीवन में कोई ऐसे कार्य किए होगे जिसे दुनिया याद किया करते हैं जैसे कि मैं कुछ उदाहरण देते हुए कहता है रानी लक्ष्मीबाई, गुरु तात्याटोपे, महाराणा प्रताप,महाराणा सांगा ओर अनेक व्यक्ति है जो अपने लिए नहीं ब्लकि दुसरो के लिए करते हैं उन्हें ही महापुरुष कहा जाता हैं।
हमारे देश का महापुरुष कौन है?इनमें पहला नाम है महात्मा गांधी का. महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध के बाद सबसे महान भारतीय थे.
महापुरुषों के जीवन को एक काम चित्र क्यों कहा है?➲ महापुरुषों ने जीवन को कर्म क्षेत्र इसलिए कहा है क्योंकि महापुरुषों के अनुसार कर्म करते रहना ही जीवन में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। महापुरुषों का मानना रहा है कि अपना कर्म करते हुए जीवन पर निरंतर आगे बढ़ते रहना और निरंतर कर्म करते रहना ही असली जीवन है।
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