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‘‘लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शामवाली बस से सफ़र नहीं करते।’’ लोगों ने यह सलाह क्यों दी? लोगों ने लेखक को सलाह दी कि उन्हें शामवाली बस से सफर नहीं करना चाहिए। इसकी वजह ये थी कि बस एकदम जर्जर हाल में थी। उसके शीशे टूटे हुए थे। कब चल दे और कब बंद हो जाए, कुछ कहा नहीं जा
सकता। बस इतनी पुरानी थी कि उसकी अब ठीक होने की संभावना भी कम ही थी। अगर रात में सफर करते हुए बस बंद पड़ जाती तो रात वहीं गुजारनी पड़ती। Uh-Oh! That’s all you get for now. We would love to personalise your learning journey. Sign Up to explore more. Sign Up or Login Skip for now Uh-Oh! That’s all you get for now. We would love to personalise your learning journey. Sign Up to explore more. Sign Up or Login Skip for now Question ''लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफ़र नहीं करते।''• लोगों ने यह सलाह क्यों दी?Solution उस बस की हालत ऐसी थी कि वो किसी भूतहा महल के भूत पात्र सा प्रतीत हो रहा था। उसका सारा ढाँचा बुरी हालत में था, अधिकतर शीशें टूटे पड़े थे। इंजन और बस की बॉडी का तो कोई तालमेल नहीं था। उसको देखकर स्वयं ही अंदाज़ा लग जाता था कि वो अंधेरे में कहीं साथ न छोड़ दे या कोई दुर्घटना न हो जाए। कई लोग पहले भी उस बस से सफ़र कर चुके थे। वो अपने अनुभवों के आधार पर ही लेखक व उसके मित्र को बस में न बैठने की सलाह दे रहे थे। उनकी जर्जर दशा से पता नहीं वह कब खराब हो जाए या दुर्घटना कर बैठे।Textbooks Question Papers लोगों ने यह सलाह क्यों दी कि समझदार आदमी शाम वाली बस?"लोगों ने सलाह दी कि समझदार आदमी इस शाम वाली बस से सफर नहीं करते।" लोगों ने यह सलाह क्यों दी? Solution : लोगों ने यह सलाह लेखक को इसलिए दी, क्योंकि वे यह जानते थे कि बस की हालत बहुत खराब है। रास्ते में बस कभी भी और कहीं भी धोखा दे सकती है। बस यात्रियों को गंतव्य तक ठीक से पहुँचा ही देगी यह कहना मुश्किल था।
लोगों ने यह सलाह क्यों दी 3 ऐसा जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं?लेखक कहता है बस के स्टार्ट होते हुए वो इतना शोर कर रहा था मानो कि उन्हें ऐसा लगा जैसे इंजन आगे नहीं अपितु पूरी बस में लगा हो, क्योंकि उसका इंजन दयनीय स्थिति में था। इससे पूरी बस हिल रही थी, इसलिए उन्हें लगा की सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के भीतर बैठे हैं।
लेखक को ऐसा क्यों लग रहा था कि हम इंजन के भीतर बैठे हैं?<br> लेखक को ऐसा क्यों लगा? Solution : लेखक को ऐसा इसलिए लगा, क्योंकि जब बस को स्टार्ट किया गया तब पूरी बस जोर की आवाज करती हुई हिलने लगी। ऐसे में लेखक और उसके मित्रों को लगा कि जैसे सारी बस ही इंजन है और हम इंजन के अन्दर बैठे हैं।
लेखक ने बस की तुलना किससे और क्यों की है?लेखक ने बस की तुलना एक वृद्ध महिला से की है। इस लेख के द्वारा लेखक अपनी बस यात्रा का अनुभव बता रहे है। वे बता रहे है कि बस में यात्रा करते समय उन्हें किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ा। वे एक बार बस से पन्ना जा रहे थे।
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