चित्रकूट धाम कौन से राज्य में पड़ता है? - chitrakoot dhaam kaun se raajy mein padata hai?

चित्रकूट, “अनेक आश्चर्यों की पहाड़ियां” वास्तव में प्रकृति और देवताओं द्वारा प्रदत्त एक अद्वितीय उपहार है, जो उत्तर प्रदेश में पयस्वनी/मन्दाकिनी नदी के किनारे विन्ध्य के उत्तरार्द्धमें स्थित एक शांत क्षेत्र है। चित्रकूट धाम कर्वी रेलवे स्टेशन से 10 किमी दक्षिण और बांदा जनपद से 72 किमी दक्षिण पूर्व, इलाहाबाद मार्ग पर, चित्रकूट धाम  भारत के सबसे प्राचीन पवित्र तीर्थस्थानों में से एक है।किंवदंतियों के अनुसार अपने चौदह वर्ष के वनवास काल में ग्यारह वर्षों तक यह भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और अनुज लक्ष्मण का निवास स्थान था। यही वह जगह है, जहां ऋषि अत्री और सती अनसूया संपर्क में आए थे। इसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश के अवतारों का निवास होने का श्रेय दिया जाता है। भगवान श्री राम के चरण स्पर्श से पवित्र चित्रकूट तीर्थ में महाकाव्य ‘श्री रामचरित मानस’ के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास ने अपने जीवन के कई वर्ष व्यतीत किये। असंख्य मंदिरों और तीर्थों के साथ प्रकृति शांति व सुंदरता में लिपटा हुआ यह क्षेत्र पक्षियों की मीठी चहचहाहट और गहराई से बहती धाराओं से घिरा हुआ है। स्थानीय परिवहन: मेलों और त्यौहारों के दौरान रिक्शा, टैक्सियां, बस आदि परिवहन के प्रमुख साधन हैं।

चित्रकूट कौन से जिले में स्थित है?

चित्रकूट धाम भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के चित्रकूट ज़िले में स्थित एक शहर है। यह उस जिले का मुख्यालय भी है।

चित्रकूट धाम क्यों प्रसिद्ध है?

चित्रकूट एक प्राकृतिक स्थान है जो प्राकृतिक दृश्यों के साथ साथ अपने आध्यात्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है। एक पर्यटक यहाँ के खूबसूरत झरने, चंचल युवा हिरण और नाचते मोर को देखकर रोमांचित होता है, तो एक तीर्थयात्री पयस्वनी/मन्दाकिनी में डुबकी लेकर और कामदगिरी की धूल में तल्लीन होकर अभिभूत होता है।

चित्रकूट का पुराना नाम क्या है?

यह स्थान विन्ध्य पर्वत पर हनुमान धारा के ऊपर स्थित है। इसका पुराना नाम जमदग्नि तीर्थ है। भगवान राम एवं लखनलाल जी के लिए माँ जानकी जी ने इस स्थान पर फलाहार तैयार किया था, ऐसी किंवदन्ती है, अतः इस स्थान को सीता रसोई के नाम से जाना जाता है।

चित्रकूट में कौन सी भाषा बोली जाती है?

विभिन्न संस्कृत और हिंदी कवियों ने चित्रकूट का वर्णन किया है।