Wednesday, 26 January 2022 Show सवाल: इतिहास लेखन में अभिलेखों का महत्व लिखिए? अभिलेख से तात्पर्य है, पत्थर एवं धातु जैसे अपेक्षाकृत बहुत ही कठोर शब्दों पर बनाए गए पाठक सामग्री कोई अभिलेख कहते हैं। प्राचीन समय से ही अभिलेखों का बहुत महत्व था। राजा महाराजा अपने द्वारा कोई निर्माण महल एवं आदि पर अपना अभिलेख लिख आया करते थे। जिससे कि आने वाले समय में लोगों को पता चल सके कि इस पर का निर्माण किसने करवाया एवं कौन कौन से राजा ने यहां पर राज किया है। इसके अलावा अभिलेखों का प्रयोग वस्तुओं की जानकारी एवं उससे अनेक तरह से लोगों को जानकारी देने के लिए इसका प्रयोग किया जाने लगा था। इतिहास लेखन के अभिलेखों का क्या महत्व है?अभिलेख पत्थर अथवा धातु जैसी अपेक्षाकृत कठोर सतहों पर उत्कीर्ण किये गये पाठन सामाग्री को कहते है। प्राचीन काल से इसका उपयोग हो रहा है। शासको के द्वारा अपने आदेशो को इस तरह उत्कीर्ण करवाते थे, ताकि लोग उन्हे देख सके एवं पढ़ सके और पालन कर सके। आधुनिक युग मे भी इसका उपयोग हो रहा है।
अभिलेख क्या होते हैं इतिहास लेखन में अभिलेखों के महत्व व सीमाओं की?परिभाषा और सीमा
किसी विशेष महत्व अथवा प्रयोजन के लेख को अभिलेख कहा जाता है। यह सामान्य व्यावहारिक लेखों से भिन्न होता है। प्रस्तर, धातु अथवा किसी अन्य कठोर और स्थायी पदार्थ पर विज्ञप्ति, प्रचार, स्मृति आदि के लिए उत्कीर्ण लेखों की गणना प्राय: अभिलेख के अंतर्गत होती है।
अभिलेखों की इतिहास जानने के स्रोत के रूप में क्या महत्व है?अभिलेख एवं सिक्कों से प्राचीन काल के सम्बन्ध में काफी सटीक जानकारी प्राप्त होती है। लेकिन अभिलेखों और सिक्कों के अलावा अन्य महत्वपूर्ण स्त्रोत भी हैं जिनसे प्राचीन काल के सम्बन्ध में उपयोगी जानकारी प्राप्त होती है, इन स्त्रोतों में इमारतें, मंदिर, स्मारक, मूर्तियाँ, मिट्टी से बने बर्तन तथा चित्रकला प्रमुख है।
अभी लेखन का महत्व क्या है?आलेख लेखन अपने आप में एक गहन समीक्षा, लेखनी की समझ का नतीजा होता है। आमतौर पर इसे लेख के जैसा ही समझ लिया जाता है। आलेख लिखते समय आप को उस मुद्दे की बारीकी से समझ होना बहुत ज़रूरी है। आलेख को निबंध के जैसा भी समझ लिया जाता है।
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