हिंदू महीना कब से शुरू होता है? - hindoo maheena kab se shuroo hota hai?

यदि आपसे पूछा जाये कि महीनों के नाम बताओ तो आपके जहन में झट से जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल आदि 12 महीनों के नाम आ जायेंगें लेकिन क्या आप जानते हैं यह माह तो अंग्रेजी कैलेंडर वर्ष के माह हैं। भारतीय पंचांग के अनुसार महीनों के नाम क्या हैं? कब कौनसा माह आरंभ हो रहा है? भारतीय कैलेंडर का पहला महीना कौनसा होता है? इन सब सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगें।  घर या गाड़ी खरीदने के लिये शुभ योग कब बन रहे हैं? जानें एस्ट्रोयोगी ज्योतिषाचार्यों से, ज्योतिषी जी से बात करने के लिये यहां क्लिक करें।

क्या हैं भारतीय माह और कैसे होता है निर्धारण

भारतीय या कहें हिंदू पंचांग के अनुसार भी महीनों की संख्या 12 ही होती है। लेकिन भारतीय वर्ष कैलेंडर में काफी विविधताएं मिलती हैं। चंद्र वर्ष व सूर्य वर्ष दोनों के माह अलग अलग होते हैं। सूर्य मास जहां राशियों में सूर्य की संक्रांति से आरंभ होता हैं वहीं चंद्र मास पूर्णिमांत और अमांत दो प्रकार के होते हैं। भारतीय महीनों के नामों का निर्धारण नक्षत्रों के नाम पर हुआ है। माह की पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है उसी के आधार पर महीनों के नाम रखे गये हैं। हिंदू नववर्ष का आरंभ चैत्र मास से होता है तो वर्षांत फाल्गुन से।

मास व तिथि

हिंदू मास 30 तिथियों का होता है। पूर्णिमा व अमावस्या को छोड़कर सभी तिथियां दो बार आती हैं। पूर्णिमांत मास पूर्णिमा को समाप्त होता है तो अमांत मास का समापन अमावस्या को होता है। उत्तर भारत में पूर्णिमांत मास का प्रचलन अधिक है तो दक्षिण में अमांत की मान्यता अधिक है। प्रतिपदा मास की पहली तिथि होती है इसके पश्चात द्वितीया, तृतीया आदि चतुर्दशी तक चौदह तिथियां आती हैं पंद्रहवीं तिथि पूर्णिमा या अमावस की होती है। जिस समय चंद्रमा बढ़ते क्रम में होता है वह शुक्ल पक्ष कहलाता है तो वहीं घटते क्रम में चंद्रमा जब रहता है तो उसे कृष्ण पक्ष कहते हैं। पांचांग के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें।

2022 में हिंदू पंचांग मास कब से कब तक

क्रममास तिथि

1

माघ मास 18 जनवरी से 16 फरवरी 2022
2 फाल्गुन मास 17 फरवरी से 18 मार्च 2022
3 चैत्र मास 19 मार्च से 16 अप्रैल 2022
4 वैशाख मास 17अप्रैल 16 मई 2022
5 ज्येष्ठ मास 17 मई से 14 जून 2022
6 आषाढ़ मास 15 जून से 13 जुलाई 2022
7 श्रावण मास 14 जुलाई से 12 अगस्त 2022
8 भाद्रपद मास 13 अगस्त से 10 सितंबर 2022
9 आश्विन मास 11 सितंबर से 09 अक्तूबर 2022
10 कार्तिक मास 10 अक्तूबर से 08 नवंबर 2022
11 मार्गशीर्ष मास 09 नवंबर से 08 दिसंबर 2022
12 पौष मास 09 दिसंबर 2022 से  06 जनवरी 2023

✍️ By- टीम एस्ट्रोयोगी

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Hindu Calendar Months 2021 अंग्रेजी महीनों के नाम तो आप सभी को पता ही होंगे। जब भी कोई पूछता है कि एक वर्ष में कौन-कौन से महीने होते हैं तो हम सभी जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई आदि 12 महीनों के नाम लेने लगते हैं।

Hindu Calendar Months 2021: अंग्रेजी महीनों के नाम तो आप सभी को पता ही होंगे। जब भी कोई पूछता है कि एक वर्ष में कौन-कौन से महीने होते हैं तो हम सभी जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई आदि 12 महीनों के नाम लेने लगते हैं। हालांकि, यह अंग्रेजी कैलेंडर के नाम हैं। लेकिन भारतीय पंचांग के अनुसार महीनों के नाम क्या-क्या होते हैं क्या आप यह जानते हैं। वैसे तो कई लोग हिंदी महीनों के नाम भी जानते होंगे। लेकिन जिन्हें नहीं पता उन्हें जागरण अध्यात्म के इस लेख में हम आपको हिंदी महीनों के नाम बताने जा रहे हैं। तो आइए जानते हैं भारतीय कैलेंडर के महीनों के बारे में।

जानें भारतीय महीनों के बारे में:

हिंदू पंचांग के अनुसार भी एक वर्ष में 12 महीने ही होते हैं। लेकिन इनमें कुछ काफी विविधताएं होती हैं। चंद्र वर्ष व सूर्य वर्ष दोनों के महीने अलग-अलग होते हैं। सूर्य की संक्रांति से आरंभ होता है सूर्य मास। वहीं, चंद्र मास पूर्णिमांत और अमांत दो प्रकार के होते हैं। हिंदू महीनों का नाम नक्षत्रों के नाम के अनुसार रखे गए हैं। किसी भी महीने की पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उसी के आधार पर किसी भी महीने का नाम रखा गया है। हिंदू नववर्ष का आरंभ चैत्र मास से होता है। वहीं, वर्ष का अंत फाल्गुन माह में होता है।

मास व तिथि:

हिंदू महीना भी 30 दिन का ही होता है। पूर्णिमांत मास का समापन पूर्णिमा को होता है। वहीं, अमांत मास का समापन अमावस्या को होता है। इन दोनों का महत्व शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग है। जहां उत्तर भारत में पूर्णिमांत मास का प्रचलन है तो वहीं, दक्षिण में अमांत की मान्यता ज्यादा है। मास की पहली तिथि प्रतिपदा होती है। फिर द्वितीया, तृतीया आदि चतुर्दशी तक चौदह तिथियां आती हैं। इसके बाद पंद्रहवीं तिथि पूर्णिमा या अमावस्या होती है। जब चंद्रमा बढ़ते क्रम में होता है तो वह शुक्ल पक्ष कहा जाता है। आइए पंचांग के बारे में जानें विस्तार से।

2021 में हिंदू पंचांग मास की जानकारी:

पौष- 31 दिसंबर 2020 से 28 जनवरी 2021

माघ- 29 जनवरी से 27 फरवरी 2021

फाल्गुन- 28 फरवरी से 28 मार्च 2021

चैत्र- 29 मार्च से 27 अप्रैल 2021

वैशाख- 28 अप्रैल 26 मई 2021

ज्येष्ठ- 27 मई से 24 जून 2021

आषाढ़- 25 जून से 24 जुलाई 2021

श्रावण- 25 जुलाई से 22 अगस्त 2021

भाद्रपद- 23 अगस्त से 20 सितंबर 2021

आश्विन- 21 सितंबर से 20 अक्तूबर 2021

कार्तिक- 21 अक्तूबर से 19 नवंबर 2021

मार्गशीर्ष- 20 नवंबर से 19 दिसंबर 2021

पौष- 20 दिसंबर 2021 से 17 जनवरी 2022

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '

Edited By: Shilpa Srivastava

हिंदू महीना कब बदलता है?

आश्विन मास 2022 (Ashwin Month 2022) पंचांग के अनुसार आश्विन मास 2022 का शुभारंभ 10 सितंबर 2022 से दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से होगा. जैसे ही भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि समाप्त होगी. आश्विन मास प्रारंभ हो जाएगा. इस दिन आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है.

हिंदू महीने का पहला दिन कौन सा है?

भारतीय नव वर्ष की शुरुआत चैत्र मास से ​होती है, जो 29 मार्च 2021 से शुरू हो चुका है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक जब चंद्र ग्रह मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में प्रवेश करता है और 15वें दिन चित्रा नक्षत्र में पूर्ण हो जाता है तब चैत्र का महीना शुरू होता है। इस महीने में चित्रा नक्षत्र लगता है।

हिंदू कैलेंडर किसने शुरू किया था?

5वीं से 6वीं शताब्दी में आर्यभट्ट और वराहमिहिर द्वारा गुप्त युग के खगोल विज्ञान के दौरान हिंदू कैलेंडर को परिष्कृत किया गया था। ये, बदले में, वेदांग ज्योतिष की खगोलीय परंपरा पर आधारित थे, जो पिछली शताब्दियों में कई (गैर-विद्यमान) कार्यों में मानकीकृत किए गए थे जिन्हें सूर्य सिद्धांत के रूप में जाना जाता है।

हिंदू कैलेंडर कब शुरू हुआ?

हिंदू कैलेंडर, डेटिंग प्रणाली भारत में लगभग 1000 ईसा पूर्व से उपयोग की जाती है और अभी भी हिंदू धार्मिक वर्ष की तारीखों को स्थापित करने के लिए उपयोग की जाती है। यह 12 चंद्र महीनों के एक वर्ष पर आधारित है; यानी, चंद्रमा के चरणों के 12 पूर्ण चक्र।