हिन्दू संस्कृति में प्रत्येक दिन क्या होता है - hindoo sanskrti mein pratyek din kya hota hai

भांति भांति के लोग और भांति भांति की परंपरा, संस्कृति, रिवाज और कर्मकांड के चलते कुछ लोग गफलत में रहते हैं और कुछ लोग अधूरे ज्ञान का बखान करके दूसरों को गफलत में डालने का कार्य भी कहते हैं। 

हिन्दू धर्म के संबंध में अधिक से अधिक जानना जरूरी है, लेकिन हमारा यह जानना स्पष्‍ट हो विरोधाभासिक और भटकाने वाला न हो, इसके लिए कुछ आधारभूत जानकारी जरूरी है। अधिकतर हिन्दुओं में वैचारिक भिन्नता है तो इसका कारण है धर्म का सही ज्ञान नहीं होना। चलिये धर्म का ज्ञान नहीं है तो कम से कम वे काम न करें जो धर्म विरूद्ध हैं या कि जो धर्म से भटकाने वाले हैं।

क्या करना सही है उस पर चर्चा करते हुए हम आपको बताएंगे कि क्या करता गलत हैं जोकि आप करते आए हैं और अभी भी कर रहे हैं। सही को करने से ही परिणाम भी सही ही निकलता है। गलत को करने से परिणाम भी गलत ही निकलता है।

हिंदू संस्कृति में प्रत्येक दिन क्या होता है?

इस दिन सभी तरह के धार्मिक और मंगल कार्य से लाभ मिलता है अत: हिन्दू शास्त्रों के अनुसार यह दिन सर्वश्रेष्ठ माना गया है अत: सभी को प्रत्येक गुरुवार को मंदिर जाना चाहिए और पूजा, प्रार्थना या ध्यान करना चाहिए। रीति रिवाज और धर्म में फर्क समझे : ऊर्दू के रिवाज को हिन्दी में परंपरा और अंग्रेजी में ट्रेडिशन कहते हैं।

हिंदू धर्म का निशान क्या है?

उसके बाद इसे लिपिबद्ध (तु वेदस्य हस्तौ) करने का काल भी बहुत लंबा रहा है। हिन्दू धर्म के सर्वपूज्य ग्रन्थ हैं वेद। वेदों की रचना किसी एक काल में नहीं हुई। वेदों के रचनाकाल का आरंभ 1500 ई.

हिंदू धर्म के नियम क्या है?

हिन्दू धर्म में चार मुख्य सम्प्रदाय हैं : वैष्णव (जो विष्णु को परमेश्वर मानते हैं), शैव (जो शिव को परमेश्वर मानते हैं), शाक्त (जो देवी को परमशक्ति मानते हैं) और स्मार्त (जो परमेश्वर के विभिन्न रूपों को एक ही समान मानते हैं)।

दुनिया का सबसे अच्छा धर्म कौन सा है?

हिंदू धर्म है सबसे पुराना, जानिए किस नंबर पर आते हैं इस्लाम, ईसाई | 8 Religions Has The Most Followers in the World - Dainik Bhaskar.