गणेश जी का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है? - ganesh jee ka sabase bada mandir kaun sa hai?

पार्वती नंदन गणपति के देश में कई मंद‍िर हैं। ज‍िनकी अपनी ही महिमा है। कहीं गणपति के आगे नतमस्‍तक होने से ही मुरादें पूरी हो जाती हैं तो कहीं अपनी गलत‍ियों की माफी मांगने भर से ही गणेशजी मन की सारी मुरादें पूरी कर देते हैं। तो आइए आपको गणपति के ऐसे ही 6 मंदिरों के दर्शन करवाते हैं।

इसल‍िए कहते हैं इन्‍हें भारत का प्रथम गणेश

गणेश जी का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है? - ganesh jee ka sabase bada mandir kaun sa hai?

लाड़ले त्रिनेत्र गणेशजी का यह मंदिर भारत के राजस्थान प्रांत में सवाई माधोपुर जिले में है। यह विश्व धरोहर में शामिल रणथंभोर दुर्ग के भीतर बना हुआ है। मंदिर को लेकर कहानी म‍िलती है क‍ि भगवान राम ने लंका कूच करते समय इन्‍हीं गणेश का पूजन किया था। त्रेतायुग में यह प्रतिमा रणथंभोर में स्वयंभू रूप में स्थापित हुई और लुप्त हो गई। मंदिर को लेकर एक और मान्यता है क‍ि द्वापर युग में भगवान कृष्ण का विवाह रुकमणी से हुआ था तब भगवान कृष्ण गलती से गणेशजी को बुलाना भूल गए जिससे भगवान गणेश नाराज हो गए थे। इसके बाद उन्‍होंने अपने मूषक को आदेश दिया की विशाल चूहों की सेना के साथ जाओ और कृष्ण के रथ के आगे की पूरी धरती में बिल खोद डालो। इस प्रकार भगवान कृष्ण का रथ धरती में धंस गया और आगे नहीं बढ़ पाये। मूषकों के बताने पर भगवान श्रीकृष्ण को अपनी गलती का अहसास हुआ और रणथंभोर स्थित जगह पर गणेश को लेने वापस आए, तब जाकर कृष्ण का विवाह संपन्‍न हुआ। तब से भगवान गणेश को विवाह और मांगलिक कार्यों में प्रथम आमंत्रित किया जाता है। यही कारण है कि रणथंभोर में स्‍थापित गणेशजी को भारत का प्रथम गणेश कहते है।

आपको पता है आख‍िर क्‍यों बप्‍पा ने एक चूहे को बनाया अपना वाहन?

गलत‍ियों की माफी मांगने से खुश होते हैं गणेशजी

गणेश जी का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है? - ganesh jee ka sabase bada mandir kaun sa hai?

आंध्र प्रदेश के चित्तूर में कनिपक्कम विनायक गणपति का एक व‍िशेष मंद‍िर है। यह मंद‍िर नदी के बीचोंबीच स्थित है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु की बप्‍पा फर‍ियाद जरूर सुनते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी क‍ि यहां पर भक्‍तजन अपनी गलत‍ियों की माफी मांगकर उनसे अपनी फर‍ियाद पूरी करने की गुहार लगाते हैं। कनिपक्कम विनायक का यह मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में है। इसकी स्थापना 11वीं सदी में चोल राजा कुलोतुंग चोल प्रथम ने करवाई थी। कहते हैं कि इस मंदिर में मौजूद गणेशजी की मूर्ति का आकार हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। एक और बात जानकर आपको हैरानी होगी क‍ि यहां पर श्रद्धालु अपनी दु:ख-तकलीफों के अलावा अपने वाद-व‍िवाद के मुद्दे भी लेकर आते हैं। इसके अलावा अपनी गलत‍ियों को सुधारने की शपथ भी लेते हैं। लेकिन गणपति के इस मंदिर में पहुंचने के ल‍िए भक्‍तें को नदी में डुबकी लगानी पड़ती है।

गणपत‍ि का यह मंद‍िर है कमाल का

गणेश जी का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है? - ganesh jee ka sabase bada mandir kaun sa hai?

यूं तो गणपति से अपने मन की बात कहने के ल‍िए क‍िसी मंद‍िर व‍िशेष में जाने की जरूरत नहीं होती है। लेक‍िन यहां गणेशजी के ज‍िस मंद‍िर की हम बात कर रहे हैं, वहां की एक अजब प्रथा है। यहां भक्‍त अपनी मन्‍नतों की झोली भरने के ल‍िए बप्‍पा को नार‍ियल चढ़ाते हैं। लेक‍िन कहते हैं क‍ि अगर क‍िसी लड़की की शादी न हो रही हो तो इस मंद‍िर में नारियल रखने भर से उसकी शादी जल्दी हो जाती है। जी हां यह पोहरी किले में बना प्राचीन गणेश मंदिर है। यह तकरीबन 200 साल पुराना मंद‍िर है। जानकारी के अनुसार बाला बाई सीतोले ने 1737 में इस मंदिर का निर्माण कराया था।

गणेशजी का यह मंद‍िर भी है बेम‍िसाल

गणेश जी का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है? - ganesh jee ka sabase bada mandir kaun sa hai?

उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के पास स्थित बड़े गणेशजी का मंदिर बेम‍िसाल है। इस मंद‍िर में स्‍थाप‍ित गणपतिजी की प्रत‍िमा विश्‍वभर में स्‍थापित विशाल मूर्तियों में से एक है। जानकारी के अनुसार मंद‍िर में स्‍थापित गणेश प्रतिमा की स्थापना महर्षि गुरु महाराज सिद्धांत वागेश पं. नारायणजी व्यास ने करवाई थी। आपको जानकर हैरानी होगी क‍ि बप्‍पा की इस मूर्ति में सीमेंट का नहीं बल्कि इसमें गुड़ और मेथी दानों का प्रयोग क‍िया गया है। साथ ही इस मूर्ति के निर्माण में ईंट, चूने, बालू और रेत का प्रयोग क‍िया गया है। मूर्ति को बनाने में सभी पवित्र तीर्थ स्थलों का जल और सात मोक्षपुरियों मथुरा, द्वारिका, अयोध्या, कांची, उज्जैन, काशी और हरिद्वार से लाई हुई मिट्टी भी मिलाई गई है। सभी पव‍ित्र तीर्थ स्‍थलों के जल और मोक्षपुर‍ियों की मिट्टी के चलते इस स्‍थान को और भी अध‍िक महत्‍वपूर्ण माना गया है।

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श‍िव-पार्वती पुत्र गणेशजी का यह मंद‍िर भी है व‍िशेष

गणेश जी का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है? - ganesh jee ka sabase bada mandir kaun sa hai?

श‍िव-पार्वती पुत्र गणेशजी का एक व‍िशेष मंद‍िर केरल में मधुरवाहिनी नदी के तट पर स्थित है। मंदिर का नाम मधुर महागणपति है। इसका न‍िर्माणकाल 10वीं शताब्दी का माना जाता है। कहते हैं क‍ि प्रारंभ में यह भोलेनाथ का मंदिर था। लेकिन एक द‍िन मंदिर के पुजारी का नन्‍हा सा बेटा मंदिर पहुंचा और मंदिर की दीवार पर गणेशजी की आकृति बना दी। कहते हैं मंदिर के गर्भगृह की दीवार पर बनाई हुई गणपति की आकृति धीरे-धीरे अपना आकार बढ़ाने लगी। धीरे-धीरे वह काफी बड़ी हो गई। तब से ही यह मंदिर गणपति का व‍िशेष मंदिर कहलाने लगा। कहते हैं क‍ि मधुर महागणपति मंदिर में एक बार टीपू सुलतान आया और मंदिर को ध्वस्त करना चाहा। लेकिन अचानक ही उसका दिमाग बदल गया और वह बिना मंदिर को क्षति पहुंचाए ही वापस चला गया। मान्‍यता है क‍ि गणपति अपने द्वार से कभी भी क‍िसी को भी खाली नहीं जाने देते।

महाराष्‍ट्र के अष्‍टव‍िनायक का है व‍िशेष महत्‍व

गणेश जी का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है? - ganesh jee ka sabase bada mandir kaun sa hai?

सनातन धर्म में ज‍िस तरह भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व है वैसे ही गणपति पूजा के लिए महाराष्ट्र के अष्टविनायक का विशेष महत्व है। बता दें क‍ि महाराष्ट्र में पुणे के पास अष्टविनायक के आठ व‍िशेष मंदिर तकरीबन 20 से 110 किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित हैं। जानकारी के अनुसार इनमें विराजित गणेश की प्रतिमाएं स्वयंभू हैं। अष्टविनायक के ये सभी आठ मंदिर अत्‍यंत प्राचीन हैं। इन सभी मंदिरों के बारें में गणेश और मुद्गल पुराण में भी ज‍िक्र म‍िलता है। इन आठ गणपति धामों की यात्रा अष्टविनायक तीर्थ नाम से जानी जाती है। बता दें क‍ि इन पवित्र प्रतिमाओं के प्राप्त होने के क्रम के अनुसार ही अष्टविनायक की यात्रा भी की जाती है। मान्यता है कि इन मंदिरों का क्रमानुसार दर्शन करने से मन की सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं।

भारत में सबसे बड़ा गणेश मंदिर कौन सा है?

विश्व की सबसे ऊँची और विशाल गणेश प्रतिमा के बतौर बड़े गणपति की ख्याति है। शहर के पश्चिम क्षेत्र में मल्हारगंज के आखिरी छोर पर ये गणेश विराजमान हैं। इन्हें उज्जैन के चिंतामण गणेश की प्रेरणा से नारायण दाधीच ने 120 वर्ष पूर्व बनवाया था।

गणेश जी का गांव कौन सा है?

1. उत्तरकाशी जिले के डोडीताल को गणेशजी का जन्म स्थान माना जाता है। 2. यहां पर माता अन्नपूर्णा का प्राचीन मंदिर हैं जहां गणेशजी अपनी माता के साथ विराजमान हैं।

गणेश जी की मूर्ति के लिए कौन सा प्रदेश प्रसिद्ध है?

महाराष्ट्र में पुणे के समीप अष्टविनायक के आठ पवित्र मंदिर 20 से 110 किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित हैं। इन मंदिरों का पौराणिक महत्व और इतिहास है। इनमें विराजित गणेश की प्रतिमाएं स्वयंभू मानी जाती हैं।

भगवान गणेश का जन्म स्थान कौन सा है?

इस कथा के अनुसार, भगवान शंकर द्वारा मां पार्वती को दिए गए पुत्र प्राप्ति के वरदान के बाद ही गणेशजी ने अर्बुद पर्वत (माउंट आबू, जिसे अर्बुदारण्य भी कहा जाता है) पर जन्म लिया था।