चाय की खोज किस देश में हुई थी - chaay kee khoj kis desh mein huee thee

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चाय की खोज किस देश में हुई थी - chaay kee khoj kis desh mein huee thee

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चाय पर चर्चा : पेड़ से टूटकर गर्म पानी में गिरी पत्ती से हुआ चाय का अविष्कार, ऐसे पहुंची भारत

लाइफस्टाइल डेस्क. सुबह उठते ही सबसे पहले चाय पीने का चलन भारत में नहीं कई देशों में सैकड़ों साल पुराना है। ज्यादातर लोग समझते हैं कि चाय का अविष्कार है भारत में हुआ है लेकिन ऐसा नहीं है। इसकी शुरुआत चीन से हुई थी। जानते हैं इसकी शुरुआत कैसे हुई और भारत कैसे पहुंची...

पहली चाय की कहानी
एक कथा के अनुसार क़रीब 2700 ईसापूर्व चीनी शासक शेन नुंग बग़ीचे में बैठे गर्म पानी पी रहे थे। तभी एक पेड़ की पत्ती उस पानी में आ गिरी जिससे उसका रंग बदला और महक भी उठी। राजा ने चखा तो उन्हें इसका स्वाद बड़ा पसंद आया और इस तरह चाय का आविष्कार हुआ। वहीं एक और कथा के अनुसार छठवीं शताब्दी में चीन के हुनान प्रांत में भारतीय बौद्ध भिक्षु बोधिधर्म बिना सोए ध्यान साधना करते थे। वे जागे रहने के लिए एक ख़ास पौधे की पत्तियां चबाते थे और बाद में यही पौधा चाय के पौधे के रूप में पहचाना गया। 

चाय के प्रकार... 
वाइट टी शुद्ध और सभी चाय में सबसे कम प्रोसेस्ड होती है। ग्रीन टी सबसे मशहूर और एशिया में ख़ासी पसंद की जाती है। ओलांग टी चीनी चाय है जो चाइनीज़ रेस्त्रां में परोसी जाती है। ब्लैक टी को केवल गर्म पानी में पत्तियां डालकर या दूध और शक्कर के साथ भी पिया जाता है। हर्बल टी में किसी भी प्रकार की चाय की पत्तियां नहीं डाली जाती हैं। 

भारत में चाय का आगमन... 
1824 में बर्मा (म्यांमार) और असम की सीमांत पहाड़ियों पर चाय के पौधे पाए गए। अंग्रेज़ों ने चाय उत्पादन की शुरुआत 1836 में भारत और 1867 में श्रीलंका में की। पहले खेती के लिए बीज चीन से आते थे लेकिन बाद में असम चाय के बीज़ों का उपयोग होने लगा। भारत में चाय का उत्पादन मूल रूप से ब्रिटेन के बाज़ारों में चाय की मांग को पूरा करने के लिए किया गया था। उन्नीसवी शताब्दी के उत्तरार्ध तक भारत में चाय की खपत न के बराबर थी। लेकिन आज भारत के हर चौराहे, नुक्कड़ पर आपको कुछ मिले न मिले चाय ज़रूर मिल जाएगी। 

चाय का वर्गीकरण... 
चाय का वर्गीकरण खेती के स्थान के हिसाब से किया जाता है। जैसे चीनी, जापानी, श्रीलंका, इंडोनेशिया और अफ्रीकन चाय। कुछ नाम क्षेत्र विशेष के अनुसार हैं जैसे भारत में दार्जिलिंग, असम, नीलगिरी, श्रीलंका में उवा और डिम्बुला, चीन के अन्हुई प्रांत के कीमन क्षेत्र की कीमुन चाय और जापान की एंशु चाय। 
स्रोत- The Story of Tea, Tea : The Drink That Changed The World, britannica.com

चाय एक लोकप्रिय पेय है। यह चाय के पौधों की पत्तियों से बनता है। चाय मुख्यतः तीन प्रकार की होती है (1) काली चाय (2) हरी चाय (3) गट्टी चाय भारत में चाय के प्रमुख उत्पादन क्षेत्र निम्न है:- क उत्तर पूर्वी भारत :- असम मेघालय अरुणाचल प्रदेश पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा ख. दक्षिण का नीलगिरी क्षेत्र ख. उत्तर पश्चिम का पहाड़ी भाग

इतिहास[संपादित करें]

सबसे पहले सन् १८१५ में कुछ अंग्रेज़ यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया जिससे स्थानीय क़बाइली लोग एक पेय बनाकर पीते थे। भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने १८३४में चाय की परंपरा भारत में शुरू करने और उसका उत्पादन करने की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया। इसके बाद १८३५ में असम में चाय के बाग़ लगाए गए।[1]

कहते हैं कि एक दिन चीन के सम्राट शैन नुंग के रखे हुए गर्म पानी के प्याले में, हवा के ज़रिये उड़कर कुछ सूखी पत्तियाँ आकर उसमे गिर गयी, जिनसे पानी में रंग आया और जब उन्होंने उसकी चुस्की ली तो उन्हें उसका स्वाद बहुत पसंद आया। बस यहीं से शुरू होता है चाय का सफ़र। ये बात ईसा से २७३७ साल पहले की है। सन् ३५० में चाय पीने की परंपरा का पहला उल्लेख मिलता है। सन् १६१० में डच व्यापारी चीन से चाय यूरोप ले गए और धीरे-धीरे ये समूची दुनिया का प्रिय पेय पदार्थ बन गया।

एक और कथा के अनुसार छठवीं शताब्दी में चीन के हुनान प्रांत में भारतीय बौद्ध भिक्षु बोधिधर्म बिना सोए ध्यान साधना करते थे। वे जागे रहने के लिए एक ख़ास पौधे की पत्तियां चबाते थे और बाद में यही पौधा चाय के पौधे के रूप में पहचाना गया।

भारत में प्रचलन[संपादित करें]

यह बहुविदित है, भारत में सर्वप्रथम चाय का बहुतायत प्रचलन ब्रिटिश शासनकाल में इन्हीं ब्रिटिशों द्वारा ही हुआ था।

चाय बनाने का भारतीय तरीका[संपादित करें]

सामग्री[संपादित करें]

  • २ प्याला पानी।
  • २ चम्मच चाय पत्ती।
  • २ चम्मच चीनी।

ऐच्छिक सामग्री: २ इलायचियों का चूरा और एक छोटा बारीक कटा हुआ अदरक का टुकड़ा।

विधि[संपादित करें]

  • पानी को चाय पत्ती और चीनी के संग बर्तन मे उबाले।
  • दूसरी आँच पर दूध उबाले।
  • चाय मे एक बार उबाल आने पर इलायची का चूरा और अदरक डाले। २ मिनिट से अधिक समय तक ना उबालें नहीं तो चाय कड़वी हो जाएगी।
  • चाय को आँच से उतारे और उसमे दूध मिलाये।
  • आपकी चाय तैयार हैं।

चाय उत्पादित करने वाले देश[संपादित करें]

चाय का उत्पादन विश्व में सबसे ज्यादा भारत में किया जाता था लेकिन अब चीन का स्थान इसमें प्रथम है तथा सबसे ज्यादा निर्यातक देश श्रीलंका है। यहाँ तक की श्रीलंका की राष्ट्रीय आय भी चाय के निर्यात से चलती है ।

चाय से जुड़े आँकड़े[संपादित करें]

चाय की खोज किस देश में हुई थी - chaay kee khoj kis desh mein huee thee

2017 में उत्पादित चाय का प्रतिशत ██ More than 1 000 000t ██ Between 100 000 and 1 000 000 t ██ Between 20 000 and 100 000 t ██ Between 2 000 and 20 000 t ██ Less than 2 000 t

चाय की खोज किस देश में हुई थी - chaay kee khoj kis desh mein huee thee

2003 में उत्पादित कुल चाय का प्रतिशत

उत्पादन[संपादित करें]

वर्ष २००३ तक पूरे विश्व में चाय का उत्पादन ३.१५ मिलियन टन वार्षिक था। प्रमुख उत्पादक देशों में भारत, तथा उसके बाद चीन का स्थान था (अब चीन ने भारत से इस क्षेत्र में बाजी मार ली है), अन्य प्रमुख उत्पादक देशों में श्रीलंका एवं कीनिया इसके बाद महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। चीन ही अभी एकमात्र ऐसा देश है जो लगभग हर तरह की चाय का बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन करता है।

उत्पादन - टन में. २००४-२००५ कें आंकड़े
आंकड़े (FAO) के सौजन्य से Base de données de la FAO, accès du 14 novembre 2006

चीन 855 192,00 25 % 940 500,00 27 %
भारत 850 500,00 25 % 830 700,00 24 %
श्रीलंका 308 090,00 9 % 308 090,00 9 %
कीनीया 295 000,00 9 % 295 000,00 9 %
तुर्की 201 663,00 6 % 202 000,00 6 %
इंडोनेशिया 164 817,00 5 % 171 410,00 5 %
वियतनाम 108 422,00 3 % 110 000,00 3 %
जापान 101 000,00 3 % 100 000,00 3 %
अर्जेन्टाईना 64 000,00 2 % 64 000,00 2 %
बांग्लादेश 58 000,00 2 % 58 000,00 2 %
ईरान 52 000,00 2 % 52 000,00 2 %
मलावी 50 090,00 1 % 50 000,00 1 %
यूगांडा 36 000,00 1 % 36 000,00 1 %
अन्य देश 208 948,70 6 % 215 939,70 6 %
कुल 3 353 722,70 100 % 3 433 639,70 100 %

जैविक चाय का उत्पादन[संपादित करें]

जब से जैविक खेती का प्रचलन बढा है जैविक चाय के उत्पादन में भी काफी बढोत्तरी देखी गयी है। २००३ में ३,५०० टन जैविक चाय की खेती की गयी थी। जैविक चाय के उत्पादन का ज्यादातर हिस्से की खरीदारी (लगभग ७५%) फ्रांस, जर्मनी, जापान, अमरीका एवं ब्रिटेन द्वारा की जाती है।

चा या चाय कुछ अन्य भाषाओं में[संपादित करें]

भाषा नाम भाषा नाम भाषा नाम भाषा नाम भाषा नाम
अल्बानियन çajचाज अम्हेरिक pronounced shy शाए अरबी شاي shaiशाए असमिया চাহ साह असिरियाई pronounced chai चाए अजेरी çayचाय
बांग्ला চা "चा" बोस्नियाई čajचाज बुल्गारियन чай चाय पंपागन cha क्यूबानो tsa
क्रोयेशियाई čaj चेक čaj (4) अंग्रेजी char, slang जार्जियन ჩაი, chai यूनानी τσάι tsái
गुजराती ચા cha हिन्दी चाय chai जावाई tèh जापानी , ちゃ, cha कन्नड़ Chaha
कजाक шай shai कोंकणी cha कोरियन 茶,차 cha मकदूनियन чај, čaj मलयालम "chaya"
मराठी चहा chahaa मैथिली चाह chah मंगोलियाई цай, tsai नेपाली चिया उड़िया cha फारसी چای chaay
पंजाबी ਚਾਹ पुर्तगाली chá रोमानी ceai रूसी чай, chai सर्बियाई чај, čaj
स्लोवाक čaj स्लोवानी čaj सोमाली shaax स्वाहिली chai तगालोग tsaa
थाई ชา, cha तिब्बती ཇ་ja तिंगित cháayu तुर्की çay यूक्रेनी чай chai
उर्दू چاى उजबेक choy वियतनामी *trà and chè (5)

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • चाय के बारे में (भारतीय चाय बोर्ड)
  • चाय के बारे में रोचक तथ्य
  • चाय के फायदे और नुकसान

सामान्य[संपादित करें]

  • ब्रिटेन की चाय परिषद
  • चाय के बारे में बहुत से सवालों का जवाब जो आप जानना चाहते हों
  • टी-टाक एक मज़ेदार जालस्थल
  • अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस - १५ दिसम्बर का जालस्थल
  • अब तक खोजे गये चायों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में जानकारी से भरा जालस्थल

इंटरनेट पर उपलब्ध पुस्तक[संपादित करें]

  • टी लीव्स, फ्रांसिस लेगेत एवं कंपनी, १९००, [[गुटेनबर्ग प्रोजेक्ट] से]
  • द बुक ऑफ टी - काकुजो ओकाकूरा कृत गुटेनबर्ग प्रोजेक्ट से एवं पीडीएफ प्रारूप में (२.८ एमबी) टाइपसेट [[TeX]में]
  • द लिटल टी बुक, आर्थर ग्रे, १९०३, से गुटेनबर्ग प्रोजेक्ट

चाय:-इतिहास, संस्कृति एवं स्थानीय विशेषतायें[संपादित करें]

  • तुर्की चाय
  • औद्योगिक क्रांति एवं चाय पीने का प्रचलन
  • रूसी चाय - विधी रूसी तरीके से चाय बनाना सिखाने वाला जालस्थल - खासकर रूसी चाय के एक खास प्रकार - सोमवार- के बारे में)
  • चाय, इन आवर टाईम (बीबीसी रेडियो 4), २९ अप्रैल २००४.
    • मेल्विन ब्रैग के द्वारा ४५ मिनट का एक कार्यक्रम जिसमें तीन शिक्षाविद चाय का ब्रिटेन के राष्ट्रीय पेय होने के बारे में परिचर्चा कर रहे हैं। कार्यक्रम रियल प्लेयर प्रारूप में सुनने के लिए उपलब्ध है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "चाय की खेती कब, कहाँ और कैसे?". BBC News. २००६-०४-३०. मूल से 2 मई 2006 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 जनवरी 2008.

चाय का जन्म कहां और कैसे हुआ?

कहते हैं कि एक दिन चीन के सम्राट शैन नुंग के रखे हुए गर्म पानी के प्याले में, हवा के ज़रिये उड़कर कुछ सूखी पत्तियाँ आकर उसमे गिर गयी, जिनसे पानी में रंग आया और जब उन्होंने उसकी चुस्की ली तो उन्हें उसका स्वाद बहुत पसंद आया। बस यहीं से शुरू होता है चाय का सफ़र। ये बात ईसा से २७३७ साल पहले की है।

चाय की शुरुआत कहाँ से हुई थी?

- भारत में चाय पहली बार सन् 1834 में अंग्रेज लेकर आए। - हालांकि, जंगली अवस्था में यह असम में पहले से ही पैदा होती थी। - सन् 1815 में अंग्रेज यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया। - असम के स्थानीय कबाइली लोग इसका पेय बनाकर पहले से ही पीते थे।

चाय का पूरा नाम क्या है?

सुबह उठते ही सबसे पहले चाय यानी TEA लेते हुए अखबार में ताजी खबर यानी NEWS पढ़ते हैं, लेकिन क्या कभी आपने इन अंग्रेजी के शब्दों के फुल फॉर्म के बारे में सोचा है? शायद नहीं सोचा होगा। TEA का फुल फॉर्म Taste and Energy Admitted होता है।

भारत में चाय का आविष्कार कब हुआ?

भारत में चाय के शुरुआत की कहानी बेहद दिलचस्प है. दरअसल गवर्नर जनरल लॉर्ड बैंटिक 1834 में जब भारत आए तो उन्होंने असम में देखा कि वहां के लोग चाय की पत्तियों के साथ उबालकर पानी पीते हैं जिसे वो दवाई की तरह इस्तेमाल करते थे. तब बैंटिक ने एक समिति बना कर असम के लोगों को चाय की जानकारी दी.