चीन में साम्यवादी दल की क्या भूमिका है? - cheen mein saamyavaadee dal kee kya bhoomika hai?

चीन का साम्यवादी दल

जनवादी चीनी गणराज्य का उदय 1949 में चीन मे साम्यवादी क्रांन्ति द्वारा चीन की भूमि के मुख्य महाद्वीपीय भाग पर हुआ है। यह क्रांति वोलशेविक क्रान्ति से प्रेरित हो साम्यवादी दल के नेता माओत्से तुगं के नेतृत्व में कार्यन्वित हुई थी। जनवादी चीन के साम्यवादी दल का प्रमुख लक्ष्य बुर्जुआ तथा अन्य शासक वर्गों को खत्म कर चीन मे एक सर्वहारा वर्ग का साम्यवादी राज्य और समाज स्थापित करना है।
दोस्तो इस लेख में हम अब चीन के साम्यवादी दल का अर्थ, साम्यवादी दल का संगठन, साम्यवादी दल भूमिका और साम्यवादी दल की कार्य प्रणाली के बारें मे विस्तार से जानेंगे।

चीन में साम्यवादी दल की क्या भूमिका है? - cheen mein saamyavaadee dal kee kya bhoomika hai?

साम्यवाद का अर्थ (साम्यवाद क्या है?)  

साम्यवाद एक अन्तर्राष्ट्रीय विचारधारा है। विश्व के सभी साम्यवादी राज्यों में शासन पध्दति का स्वरूप लगभग एक जैसा है। राज्य की समूची शक्ति शासन के विभिन्न अंगो मे नहीं बल्कि साम्यवादी दल के आगोश मे समा- सी गयी है। जनवादी चीन की समग्र राजनीतिक व्यवस्था मे साम्यवादी दल का स्थान सर्वोच्च है। सारे महत्वपूर्ण निर्णय दल की केन्द्रीय सर्वोच्च समित मे हि लेते है।
शेन यू डाई के शब्दों मे, " चीन शासन पर चीन के साम्यवादी दल का पूर्ण नियन्त्रण आधुनिक सर्वसत्तावादी राज्य नीति का सर्वाधिक विस्मयकारी तथ्य है।" चीन के साम्यवादी दल को चीन की समस्त जनता की नेतृत्वकारी स्थिति प्राप्त है। श्रमजीवी वर्ग राज्य पर अपना नियन्त्रण अपने अग्रणी साम्यवादी दल के माध्यम से ही रखता है।

साम्यवादी दल का संगठन

जनवादी चीन का साम्यवादी दल, वहाँ के तीनो प्रमुख केन्द्रों, राज्य सरकार दल तथा सेना में एक लेकिन इन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। व्यवहार में साम्यवादी दल की केन्द्रीय समिति (पालिट ब्यूरो) ही चीन हेतु महत्वपूर्ण नीतियों का निर्माण करती है। ऐसा हर साम्यवादी देश मे होता है कि वहाँ शासन के समस्त सूत्र साम्यवादी दल के पास ही रहते है।
चीन का साम्यवादी दल अन्य राज्यों के साम्यवादी दल की भांति प्रजातांत्रिक केन्द्रवाद पर आधारित है, इसमें दल की प्रत्येक इकाई प्रजातांत्रिक आधार पर गठित होती है। नीचे की इकाई के प्रतिनिधि ऊपर की इकाई के सदस्यों का निर्वाचन करते है। इसी प्रकार दल के सभी अंग निर्वाचित होते है। इसके साथ ही जो निर्णय लिए जाते हैं वे नीचे की इकाइयों पर बाध्य होते है।

जनवादी चीन के साम्यवादी दल की विशेषताएं 

जनवादी चीन के साम्यवादी दल की विशेषताएं निम्नलिखित हैं-- 

1. दलीय सर्वोच्चता 

जनवादी चीन की समग्र राजनीतिक व्यवस्था मे साम्यवादी दल का स्थान सर्वोच्च है। सारे महत्वपूर्ण निर्णय दल की केन्द्रीय सर्वोच्च समिति में ही लेते हैं। 

2. सबसे विशाल साम्यवादी दल 

जनवादी चीन का साम्यवादी दल दुनिया का सबसे विशाल साम्यवादी दल हैं। इस समय इसकी संख्या लगभग 9 करोड़ हैं। ये सदस्य न केवल चीन मे बल्की प्रवासी चीनियों के रूप मे विदेशों में भी फैले हुए हैं। 

3. एक दलीय व्यवस्था 

जनवादी चीन में पूर्व सोवियत साम्यवादी गणतंत्र के समान एक दलीय प्रधानता होती हैं हालांकि नाम के लिए चीन के कई दल हैं। लेकिन शासन में प्रमुख भूमिका साम्यवादी दल को ही सौंपी गई हैं। 

4. कठोर दलीय अनुशासन 

जनवादी चीन के साम्यवादी दल में कठोर दलीय अनुशासन होता हैं। इसकी सदस्यता काफी छानबीन के बाद ही मिलती हैं तथा सदस्यों को कठोर दलीय अनुशासन में ही रहना पड़ता हैं। 

5. लोकतांत्रिक केन्द्रवाद

जनवादी चीन की सारी शासन प्रणाली तथा दलीय व्यवस्था लोकतांत्रिक केन्द्रवाद के सिद्धांत पर आधारित होती हैं। लोकतांत्रिक केन्द्रवाद उस व्यवस्था को कहते हैं जिसमें दल में विचार-विमर्श से पहले लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाई जाती है लेकिन एक बार सर्वोच्च स्तर पर निर्णय हो जाने के बाद उस निर्णय को मानने हेतु ये व्यक्ति भी बाध्य होते हैं जिन्होंने कभी निर्णय के विरोध में मत व्यक्त किया था।

साम्यवादी दल की भूमिका अथवा कार्यप्रणाली

जनवादी चीन का साम्यवादी दल दुनिया का सबसे विशाल साम्यवादी दल है इसकी सदस्य संख्या 9 करोड़ है। जनवादी चीन का साम्यवादी दल पूरी चीनी जनता के नेतृत्व का केन्द्रीय अंग है। इसका लक्ष्य साम्यवाद है इसलिए चीनी शासन के हर अंग पर यह कठोर नियंत्रण बनाए रखता है। चीन में साम्यवादी दल ही सत्ता का वास्तविक सर्वोच्च निर्देशक है। इसका लक्ष्य सिर्फ चीनी समाज से शोषण को समाप्त करना ही नहीं है ब्लकि उन विचारों, प्रथाओं तथा रीति-रिवाजों को समाप्त करना भी है जिन्हें शोषक वर्ग बनाए रखना चाहता है। चीन के साम्यवादी दल की भूमिका को निम्न शीर्षकों द्वारा समझा जा सकता है।
1. मजदूरों का नेतृत्व
साम्यवादी दल मजदूरों का नेतृत्व  करता है। वह मजदूरों का मार्गदर्शन करता है तथा वह मजदूरों को संगठित करने तथा उनकी समस्याओं को दूर करने का काम करता है।
2. जन भावनाओं को शासन तक पहुंचाना
साम्यवादी दल लगातार जनता से संपर्क बनाए रखते हुए जनता की समस्याओं का सुनने तथा उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए शासन को प्रेरित करता है।
3. साम्यवादी क्रान्ति का संचालन व उसकी रक्षा करना
साम्यवादी दल का सबसे प्रमुख कार्य साम्यवादी क्रान्ति का संचालन करना तथा उसकी रक्षा करना है।
4. नीति निर्धारण और शासन पर नियन्त्रण
चीन का साम्यवादी दल अन्य साम्यवादी देशों की तरह एक श्रेष्ठ शासन है। अतः चीन के शासन पर साम्यवादी दल पूर्ण नियन्त्रण रखता है समस्त महत्वपूर्ण शासकीय नीतियों व कार्यक्रमों का निर्धारण साम्यवादी दल ही करता है शासन उसी के प्रति उत्तरदायी है।
5. मार्क्सवादी , लेनिनवाद एवं माओवादी विचारों का प्रचार करना
चीन का साम्यवादी दल मार्क्सवादी, लेनिनवादी, व माओवादी विचारधारा पर आधारित है। इसलिए साम्यवादी दल इनके विचारों का प्रचार-प्रसार करता है।
6. विश्व साम्यवाद की स्थापना में सहयोग
चीन का साम्यवादी संपूर्ण विश्व मे साम्यवाद का प्रचार-प्रसार करता है। यह एक अन्तर्राष्ट्रीय आन्दोलन है। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु साम्यवादी हर सम्भव सहयोग देने के लिय प्रतिबद्ध है।

यह जानकारी आपके के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी

चीन का साम्यवादी दल क्या है?

चीनी साम्यवादी दल की स्थापना १९२१ में हुई थी। सन १९४९ में चीनी साम्यवादी दल का चीन की सत्ता पर अधिकार करने की घटना चीनी साम्यवादी क्रांति कहलाती है। चीन में १९४६ से १९४९ तक गृहयुद्ध की स्थिति थी। इस गृहयुद्ध का द्वितीय चरण साम्यवादी क्रान्ति के रूप में सामने आया।

चीन में साम्यवाद के उदय के क्या कारण थे?

चीन में आर्थिक विकास– साम्यवाद मुख्यतः एक आर्थिक विचार था। साम्यवाद का घोषित उद्देश्य वर्ग-संघर्ष को समाप्त करके इसके स्थान पर आर्थिक समानता स्थापित करना था। उस समय चीन में आर्थिक असमानता की अतिव्याप्ति ने साम्यवाद के उदय के लिये माहौल तैयार कर दिया।

चीन के साम्यवादी दल की स्थापना कब हुई?

23 जुलाई 1921, Shanghai French Concessionचीनी साम्यवादी दल / स्थापना की तारीख और जगहnull

1949 की चीन की साम्यवादी क्रांति के क्या कारण थे?

चीनी क्रांति 1949 की पृष्ठिभूमि ताइपिंग विद्रोह ( 1851-64 ) : यूरोपीय व्यापारियों / कंपनी द्वारा चीनी जनता पर मनमाना कर मांचू वंश की उदासीनता – सियु – चुआन के नेतृत्व में जनविद्रोह ( ताइपिंग तिएन कुओ = स्थायी शांति का दैवीय साम्राज्य ) के स्थापना की घोषणा । मांचू वंश द्वारा दमन – असफल ।