Author: Priyanka SinghPublish Date: Thu, 03 Mar 2022 02:16 PM (IST)Updated Date: Thu, 03 Mar 2022 02:16 PM (IST) World Wildlife Day 2022 विश्व वन्यजीव
दिवस हर साल 3 मार्च को मनाया जाता है जिसका मकसद है पृथ्वी से विलुप्त से हो रहे जीव-जंतुओं और पेड़-पौधों को बचाने का प्रयास की ओर काम करना। लेकिन इस दिन को मनाने का ख्याल कैसे आया। जानेंगे इसके बारे में। नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्कI World Wildlife Day 2022: वन्य जीवों और वनस्पतियों हमारे जीवन और विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। ये पर्यावरण के संतुलन को बनाकर रखते हैं। इसी चीज़ से लोगों को अवगत कराने और जागरुक बनाने के लिए हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता
है। भारत में इस समय 900 से भी ज्यादा दुर्लभ प्रजातियां खतरे में बताई जा रही हैं। यही नहीं, विश्व धरोहर को गंवाने वाले देशों की लिस्ट में दुनियाभर में भारत का चीन के बाद सातवां स्थान है। ऐसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर 2013 को 68वें सत्र में 03 मार्च के दिन को विश्व वन्यजीव दिवस मनाने की घोषित की था। तीन मार्च को विलुप्तप्राय वन्यजीव और वनस्पति के व्यापार पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को स्वीकृत किया गया था। वन्य
जीवों को विलुप्त होने से रोकने हेतु पहली बार साल 1872 में जंगली हाथी संरक्षण अधिनियम (वाइल्ड एलीफेंट प्रिजर्वेशन एक्ट) पारित हुआ था। 3 मार्च 2014 को पहला विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया। विश्व वन्यजीव दिवस 2022 की थीम हर साल इस दिन को एक थीम के साथ मनाया जाता है। थीम के माध्यम से प्रकृति से विलुप्त हो रहे जीव, प्रजातियों और अन्य प्राकृतिक वस्तुओं का संरक्षण करने के लिए लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा यह थीम जारी की जाती है। विश्व वन्यजीव दिवस 2022 की थीम है- पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना (Recovering Key Species For Ecosystem Restoration). विश्व वन्यजीव दिवस मनाने का उद्देश्य इस दिवस को मनाने का मकसद बहुत ही साफ है कि दुनियाभर में जिस भी वजहों से वन्यजीव और वनस्पतियों लुप्त हो रही हैं उन्हें बचाने के तरीकों पर काम करना। पृथ्वी की जैव विविधता को बनाए रखने के लिए वनस्पतियां और जीव-जंतु बहुत जरूरी हैं। लेकिन पर्यावरण के असंतुलन और तरह-तरह के एक्सरपेरिमेंट्स के कुछ सारे जीव और वनस्पतियों का अस्तित्व खतरे में है। Pic credit- unsplash Edited By: Priyanka Singh
हर वर्ष 03 मार्च विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day) मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष 3 मार्च को दुनिया में रहने वाले जंगली वनस्पतियों और जीवों (Wild Flora and Fauna) की विभिन्न प्रजातियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया था. विश्व वन्यजीव दिवस मनाने का मकसद ये है कि जैव विविधता को संरक्षित करने से मनुष्य को क्या लाभ हो सकता है ये बताना है. साथ ही देशों से अपने क्षेत्रों में वन्यजीव अपराध पर अंकुश लगाने और वनों की कटाई जैसी गतिविधियों के कारण वनस्पतियों और जीवों के नुकसान को रोकने का भी आह्वान करता है. वाइल्ड लाइफ (Wildlife) के प्रति जागरूकता (Awareness) लाने के लिए विश्व वन्यजीव दिवस 2022 की थीम पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना (Recovering Key Species For Ecosystem Restoration) रखी गई है. दुनियाभर से लुप्त होते जा रहे फल-फूलों के अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड (International Trade) को प्रतिबंधित करने के लिए 3 मार्च 1973 को यूनाइटेड नेशंस के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर हुए थे. वर्ष 2013 में संयुक्त राष्ट्र में प्रत्येक साल तीन मार्च को वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ डे मनाने का निर्णय लिया. जिसके बाद 3 मार्च 2014 को पहला विश्व वन्यजीव दिवस मनाया गया. जागरूकता लाना है मकसद जेईई मेन 2022 के लिए कर रहे हैं आवेदन तो आपके लिए बड़े काम की है ये खबर इस राज्य के स्वास्थ्य विभाग में निकली है बम्पर वैकेंसी, जल्द करें आवेदन Education Loan
Information: विश्व वन्यजीव दिवस (World Wildlife Day) हर साल 3 मार्च को दुनिया के जंगली जीवों और वनस्पतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन हमें वन्यजीव अपराध और विभिन्न व्यापक आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक प्रभावों के कारण प्रजातियों की मानव-प्रेरित कमी के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता की भी याद दिलाता है। Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams हिन्दू रिव्यू जनवरी 2022, Download Monthly Hindu Review PDF in Hindi दिन की थीम: विश्व वन्यजीव दिवस 2022 में "पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली के लिए प्रमुख प्रजातियों को पुनर्प्राप्त करना" विषय के तहत मनाया जाएगा, जंगली जीवों और वनस्पतियों की कुछ सबसे गंभीर रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति पर ध्यान आकर्षित करने और कल्पना की दिशा में चर्चा करने के लिए और उनके संरक्षण के लिए समाधान लागू करना। दिन का इतिहास: इस दिन को थाईलैंड द्वारा प्रस्तावित किया गया था और 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly - UNGA) द्वारा मान्यता दी गई थी। 3 मार्च को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह 1973 में वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के हस्ताक्षर का दिन है। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
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