नई दिल्ली: बल्लियों को सबसे कॉमन पालतू जानवरों में शुमार किया जाता है, कई लोग बड़े शौक से इसे घरों में रखते हैं, लेकिन इस बात को ध्यान रखने की जरूरत है कि ये शौक खतरनाक भी साबित हो सकता है. बल्ली के नुकीलें दांत अगर स्किन में घुस जाएं तो इंफेक्शन हो सकता है. Show
बिल्ली का काटना क्यों है खतरनाक?बिल्ली के मुंह में मौजूद लार में खतरनाक बैक्टीरिया का घर होता है इसलिए उनके काटने से बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बना रहता है, बेहद जरूरी है कि ऐसे हालात में इसका तुरंत इलाज किया जाए ताकि आगे आने वाली परेशानियों से बच सकें. यह भी पढ़ें- Cinnamon Benefits: दालचीनी खाने से होंगे 7 जबरदस्त फायदे, दूर भाग जाएगी ऐसी बीमारियां बिल्ली अगर काट ले तो क्या करें?ऐसे हालात में तुरंत डॉक्टर के पास जाएं या नजदीकी
अस्पताल पहुंचे बिल्ली के काटने पर लगाएं इंजेक्शनडॉग बाइट (Dog Bite) की तरह बिल्ली के काटने से भी रेबीज (Rabies) हो सकता है. इससे बचने के लिए रेबीज का इंजेक्शन लगाना न भूलें, डॉक्टर अगर कहें तो टिटनेस (Tetanus) का इंजेक्शन भी जरूर लगवा लें जानवरों के मल में टिटनेस नामक बैक्टीरिया पाया जाता है जो इंसानी शरीर के लिए खतरनाक है. लंदन। एक बिल्ली के पंजा मारने के बाद एक आदमी के लिंग का उत्थान ही रुक गया। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसा एक बिल्ली की दुर्लभ बीमारी के सम्पर्क में आने से ऐसा हुआ है। यह अज्ञात बीमार बेल्जियम का रहने वाला है जिसे कैट-स्क्रैच डिजीज के कारण इस तरह की बीमारी का सामना करना पड़ रहा है। मैरिसी गोडेन ने सन में लिखी अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि तेइस वर्षीय युवक का यह हाल तब हुआ जब कैट स्क्रैच के कारण ऐसा हुआ। इसे बीएमजे केस रिपोर्ट्स के नाम से जाना जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी एक बैक्टीरिया-बारटोनेला हेनसेला- के कारण होती है जोकि बिल्लियों के पंजों और मुंह में पाया जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि जो इस बीमारी के सम्पर्क में आते हैं, वे ज्वर और छालों से पीडि़त हो जाते हैं और इसकी बीमारी के बिगड़ने के कारण मरीज की मौत तक हो सकती है। युवा पीडि़त का कहना है कि उसने डॉक्टरों को बताया कि आम लक्षणों में एक यह है कि उसके अंडकोषों में दर्द हो रहा है। बाद में, उसने बताया कि अपने घर की
ही एक बिल्ली के पंजे लगने से घायल हो गया था। कैट स्क्रैच डिजीज (सीएसडी) तब हो सकती है जब आप बिल्ली को चूमते हैं या फिर उसके रोएंदार बालों को छूते हैं और बाद में अपने हाथों को चेहरे से छूते हैं। डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, 'बीमारी के लक्षण और उसकी शारीरिक क्षमता पूर्ववत हो गई। जबकि पहले वह लाख चाहने के बाद भी ऐसा करने में सफल नहीं हो सका था।' बच्चों को इस बीमारी से ज्यादा खतरा होता है और प्रत्येक एक लाख में
4.5 बीमारों का इलाज हो जाता है। बिल्लियों को जब पिस्सू काट लेते हं या उनकी गंदगी बिल्लियों के घाव में पहुंच जाती है तो यह बीमारी बिल्लियों में प्रवेश कर जाती है। जब कोई व्यक्ति इससे प्रभावित बिल्ली का मुंह चूमता है या किसी आदमी के खुल घावों को बिल्ली चाट लेती है या काट लेती या त्वचा पर गहरी खरोंच बना देती है। तब इस बीमारी के लक्षण दिखने लगते हैं। बिल्ली के दांत नुकीले होते हैं। यह त्वचा में घुस जाएं तो आपको इन्फेक्शन का खतरा हो सकता है। जब भी आपको बिल्ली काटे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। बिल्ली के दांत त्वचा में छोटे या गहरे घाव कर सकते हैं। यह समस्या मुख्यतः जंगली बिल्ली के काटने पर होती है। डाक्टरों के अनुसार इनके जोर से काटने पर फ्रैक्चर तक हो सकता है। इनके द्वारा काटे जाने पर इन्फेक्शन होने का
मुख्य कारण इनकी लार में छिपे बैक्टीरिया होते हैं। आज हम जानेंगे कि बिल्ली के नाखून में जहर होता है या नहीं? बिल्ली के नाखून में जहर होता है। बिल्ली के नाख़ून मारने से इन्फेक्शन का खतरा होता है। बिल्ली पंजों में बहुत सी जगह जाती है जिससे उसके नाखूनों में बैक्टीरिया पनपते हैं। जिन लोगों को डायबिटीज या इम्युनिटी कमजोर है, उन्हें बिल्ली के नाख़ून लगने पर ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता
है। कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
इसे सुनेंरोकेंक्या बिल्ली के नाखून मारने से रेबीज हो सकता है? रेबीज विषाणु जनित जानवर के काटने या उसके नाखून की खरोच लगने के कारण फैलता है! रेबीज वायरस इंसानों के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है! इस संक्रमण के कारण रोगी की अवस्था ज्यादा खराब होने पर उसकी जान जाने का खतरा बढ़ जाता है! बिल्ली काटने पर कितने इंजेक्शन लगते हैं? इसे
सुनेंरोकेंबिल्ली के काटने पर इंजेक्शन – Billi ke katne par konsa injection lagta hai. बिल्ली के काटने से कुछ बीमारियां होने का जोखिम होता है, इसीलिए आपके डॉक्टर आपको रेबीज और टेटनस के इंजेक्शन लगा सकते हैं। अगर किसी बिल्ली को रेबीज है, तो उसके काटने से आपको भी रेबीज हो सकता है। बिल्ली के काटने से रेबीज होता है क्या? इसे सुनेंरोकेंडॉग बाइट (Dog Bite) की तरह बिल्ली के काटने से भी रेबीज (Rabies) हो सकता है. इससे बचने के लिए रेबीज का इंजेक्शन लगाना न भूलें, डॉक्टर अगर कहें तो टिटनेस (Tetanus) का इंजेक्शन भी जरूर लगवा लें जानवरों के मल में टिटनेस नामक बैक्टीरिया पाया जाता है जो इंसानी शरीर के लिए खतरनाक है. नाखून के निशान कैसे हटाये?उपयोग करने का तरीका :
बिल्ली घर में पालने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंनारद पुराण के अनुसार, घर में जहां-जहां पर बिल्ली के पैरों की पदचाप पड़ती है, वहां पर सकारात्मक ऊर्जा की हानि होती है. इसलिए बिल्ली के बार-बार घर में आने से घर में अशुभ प्रभाव बढ़ने लगता है. कई बार यह भी देखा गया है कि जिस घर में बिल्ली लगातार आती-जाती रहती है, उस घर में लोगों के स्वास्थ्य में भी उतार-चढ़ाव आता रहता है. घर में बिल्ली पालने से क्या होता है बताइए? इसे सुनेंरोकें- बिल्लियों से बात करने और उनके साथ खेलने से ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. यानी कि अगर आप हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो बिल्लियों से बेहतर आपका कोई साथी हो ही नहीं सकता. – बच्चों के लिए स्वास्थ्यप्रद होती हैं बिल्लियां. ये कम प्रदूषण फैलाती हैं, जिसकी वजह से एलर्जी जैसी समस्याएं नहीं फैलती. बिल्ली का पंजा मारने से क्या होता है?बिल्ली के काटने पर आपको जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए। बिल्ली के नाखून मारने से या काटने से इंफेक्शन हो सकता है, उसकी थूक से बैक्टीरिया आपके शरीर में फैल सकते हैं। जिन लोगों को डायबिटीज है या इम्यूनिटी कमजोर है उनके लिए बिल्ली का काटना मुश्किल बन सकता है।
बिल्ली के नाखून लगने से रेबीज हो सकता है क्या?बिल्ली के काटने पर लगाएं इंजेक्शन
डॉग बाइट (Dog Bite) की तरह बिल्ली के काटने से भी रेबीज (Rabies) हो सकता है. इससे बचने के लिए रेबीज का इंजेक्शन लगाना न भूलें, डॉक्टर अगर कहें तो टिटनेस (Tetanus) का इंजेक्शन भी जरूर लगवा लें जानवरों के मल में टिटनेस नामक बैक्टीरिया पाया जाता है जो इंसानी शरीर के लिए खतरनाक है.
बिल्ली के नाखून में क्या होता है?बिल्ली के नाखून में जहर होता है। बिल्ली के नाख़ून मारने से इन्फेक्शन का खतरा होता है। बिल्ली पंजों में बहुत सी जगह जाती है जिससे उसके नाखूनों में बैक्टीरिया पनपते हैं।
बिल्ली के काटने के कितने दिन बाद रेबीज फैलता है?अगर 72 घंटे के अंतराल में मरीज इंजेक्शन नहीं लगवाता है तो वह रेबीज रोग की चपेट में आ सकता है। ऐसा होने के बाद रेबीज का कोई भी इलाज उपलब्ध नहीं हैं। साथ जंगली जानवर के काटे जाने के बाद मरीज को चाहिए कि अगर घाव अधिक गहरा नहीं हो तो उसको साबुन से कम से कम पंद्रह मिनट तक अवश्य धोएं।
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