भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा जल बंटवारे के विषय में समझौता कब हुआ? - bhaarat aur baanglaadesh ke beech ganga jal bantavaare ke vishay mein samajhauta kab hua?

बांग्‍लादेश में करीब 400 नदियां हैं और यहां के विशेषज्ञों की मानें तो देश की ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था नदियों पर ही निर्भर है. भारत की तरह ही बांग्‍लादेश भी कृषि उत्‍पादन पर बहुत हद तक निर्भर है. वहीं 54 नदियां ऐसी हैं जो पड़ोसी देश भारत के साथ हैं.

भारत और बांग्लादेश के बीच गंगा जल बंटवारे के विषय में समझौता कब हुआ? - bhaarat aur baanglaadesh ke beech ganga jal bantavaare ke vishay mein samajhauta kab hua?

भारत और बांग्‍लादेश के बीच 54 नदियां हैं और गंगा सबसे अहम है.

बांग्‍लादेश अपनी आजादी के 50 साल पूरे होने का जश्‍न मना रहा है और 26 मार्च को उत्‍सव में शामिल होने के लिए भारत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी देश पहुंचने वाले हैं. भारत और बांग्‍लादेश के बीच आपसी सहयोग का इतिहास बहुत पुराना है. दोनों देश राजनीतिक, सांस्‍कृतिक और सैन्‍य मोर्चे पर एक साथ हैं.

कुछ मसले ऐसे भी हैं जिन्‍हें लेकर हमेशा विवाद रहता है और ऐसा ही एक मसला है गंगा के पानी के बंटवारे का. भारत और बांग्‍लादेश के बीच गंगा के पानी के बंटवारे को लेकर एक संधि है जो साल 2026 में खत्‍म हो जाएगी. जानिए इस पूरे समझौते के बारे में.

1996 में हुआ था समझौता

भारत और बांग्‍लादेश के बीच सन् 1996 में गंगा जल संधि हुई थी. इस संधि का मकसद दोनों देशों के बीच उस तनाव को होने से रोकना था जो पानी से जुड़ा था. तत्‍कालीन भारतीय पीएम एचडी देवेगौड़ा और शेख हसीना ने उस समय इस समझौते पर साइन किए थे.

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में फरक्‍का बैराज है. इस बांध में जनवरी से मई तक पानी का बहाव कम रहता है. इस समझौते के तहत इस बांध में पानी का बहाव सुनिश्चित करना था.

जो संधि दोनों देशों के बीच हुई उसके तहत अगर पानी की उपलब्‍धता 75,000 क्‍यूसेक बढ़ती है तो भारत के पास 40,000 क्‍यूसेक पानी लेने का अधिकार है. अगर फरक्‍का बांध में 70,000 क्‍यूसेक से कम पानी है तो फिर बहाव को दोनों देशों के बीच बांटा जाएगा.

जबकि अगर बहाव 70,000 से 75,000 क्‍यूसेक तक रहता है तो फिर बांग्‍लादेश को 35,000 क्‍यूसेक पानी दिया जाएगा. इस समझौते की अवधि 30 साल की है.

बांग्‍लादेश लगाता है भारत पर आरोप

बांग्‍लादेश में इस समझौते का हमेशा से विरोध होता आया है. कई लोगों का मानना है कि समझौता भारत के पक्ष में है. साल 2017 में जब हसीना भारत दौरे पर आई थीं तो उन्‍होंने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा था कि जो भी समझौते भारत के साथ हुए हैं वो सभी बांग्‍लादेश के हित में है.

दो बड़ी नदियां गंगा और ब्रह्मपुत्र, भारत से बहते हुए बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती हैं. इन दोनों ही नदियों को बांग्‍लादेश की जीवन रेखा करार दिया जाता है. इन नदियों से निकलने वाली छोटी-छोटी नदियां देश के औद्योगिक विकास में सहायक मानी जाती हैं.

भारत की 54 नदियां बांग्‍लादेश में

बांग्‍लादेश में करीब 400 नदियां हैं और यहां के विशेषज्ञों की मानें तो देश की ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था नदियों पर ही निर्भर है. भारत की तरह ही बांग्‍लादेश भी कृषि उत्‍पादन पर बहुत हद तक निर्भर है. वहीं 54 नदियां ऐसी हैं जो पड़ोसी देश भारत के साथ हैं.

इसमें से सिर्फ एक नदी ही ऐसी है जिसकी धारा ऊपर की तरफ बढ़ती है जबकि 53 नदियां दक्षिण दिशा में भारत से बहती हुई आती हैं. बांग्‍लादेश नेशनल रीवर कंजरवेशन कमीशन की मानें तो ऐसे मं भारत के पास पानी के बहाव को रोकने के सभी संसाधन मौजूद हैं.

गंगा, बांग्‍लादेश के लिए भी अहम

गंगा को बांग्‍लादेश के लिए पानी का एक अहम स्‍त्रोत माना जाता है. बांग्‍लादेश के उत्‍तर और उत्‍तर पश्चिम क्षेत्र में बहने वाली नदियों के जल बहाव को बरकरार रखने के लिए गंगा का पानी सहायक होता है. बांग्‍लादेश की तरफ से कई बार ये दावा किया गया है कि पड़ोसी भारत संधि की शर्तों को बदलने की कोशिशें कर रहा है.

भारत जो दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है, वह दक्षिण एशिया में भी बड़ी पकड़ रखता है. बांग्‍लादेश में विशेषज्ञ अक्‍सर भारत पर आरोप लगाते हैं कि वो उनके देश की चिंताओं को नजरअंदाज कर रहा है. फिलहाल देखना होगा कि इस संधि का भविष्‍य क्‍या होता है और इस पर बरकरार तनाव कैसे दूर होगा.

यह भी पढ़ें-आखिर ऐसा क्या हुआ जो बांग्लादेश बन गया पाकिस्तान से कई गुना बड़ी अर्थव्यवस्था

भारत एवं बांग्लादेश के बीच 30 वर्षीय गंगाजल समझौता कब और क्यों हुआ?

1996 में हुआ था समझौता भारत और बांग्‍लादेश के बीच सन् 1996 में गंगा जल संधि हुई थी. इस संधि का मकसद दोनों देशों के बीच उस तनाव को होने से रोकना था जो पानी से जुड़ा था. तत्‍कालीन भारतीय पीएम एचडी देवेगौड़ा और शेख हसीना ने उस समय इस समझौते पर साइन किए थे.

भारत और बांग्लादेश के बीच कौन सी नदियों को लेकर जल विवाद है?

तीस्ता नदी: भारत और बांग्लादेश के बीच इस नदी के जल को साझा करने को लेकर विवाद है।

फरक्का समझौता कब हुआ था?

इस विवाद को खत्म करने के लिए 12 दिसंबर 1996 को भारत-बांग्लादेश के बीच फरक्का डैम के जल के बंटवारे को लेकर समझौता हुआ. यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा आैर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच हुआ था.

भारत और बांग्लादेश के बीच कितनी नदियां बहती हैं?

उन्होंने आगे कहा कि ऐसी 54 नदियां हैं जो भारत-बांग्लादेश सीमा से गुजरती हैं, और सदियों से दोनों देशों के लोगों की आजीविका से जुड़ी रही हैं