मुख्य पृष्ठ अधिनियम1 . दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेतद 253 सह पठित संघ सूची की मद क्रम संख्यां 13 के अंतर्गत अधिनियमित किया गया है। यह एशियाई एवं प्रशांत क्षेत्र में दिव्यांग व्यक्तियों की पूर्ण भागीदारी और समानता की उद्घोषणा को कार्यान्वित करता है और उनकी शिक्षा, उनके रोजगार, बाधारहित परिवेश का सृजन, सामाजिक सुरक्षा, इत्यादि का प्रावधान करता है। इस अधिनियम के कार्यान्वयन के लिए विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों, स्थानीय निकायों सहित यथोचित सरकारों द्वारा एक बहु कार्यक्षेत्र सहयोगात्माक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। Show
दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 size:( 7.78 MB)2. ऑटिज्म, प्रमस्तिष्क अंगघात, मानसिक मंदता और बहुदिव्यांगताओं इत्यादि से ग्रस्त व्यक्तियों के कल्याणार्थ राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999यह अधिनियम राष्ट्रींय न्यास के गठन, स्थायनीय स्तर समितियां, न्यास की जवावबदेही और निगरानी का प्रावधान करता है। इसमें दिव्यांग व्यरक्तियों के चार वर्गों के कानूनी अभिरक्षकों और उनके लिए यथासंभव स्वातंत्र जीवनयापन के लिए समर्थकारी परिवेश के सृजन के प्रावधान करता है। ऑटिज्म, प्रमस्तिष्क अंगघात, मानसिक मंदता और बहुदिव्यांगताओं इत्यादि से ग्रस्त व्यक्तियों के कल्याणार्थ राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 size:( 0.59 MB)3. भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम, 1992यह अधिनियम, पुनर्वास पेशेवरों के प्रशिक्षण, केन्द्रीय पुनर्वास रजिस्टर का अनुरक्षण करने, मान्याता प्राप्त पुनर्वास योग्यता, शिक्षण का न्यूनतम मानक इत्या्दि का विनियमन करने के लिए भारतीय पुनर्वास परिषद के गठन का प्रावधान करता है। भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम, 1992 (238 KB)निशक्त व्यक्ति अधिकार विधेयक, 2014 दिव्यांग अधिकारअधिनियम, 2016 size:( 12.3 MB)5. दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 (428 KB)अंतिम नवीनीकृत : 2021-10-01 03:14:09
मुख्य पृष्ठ दिव्यांगजन व्यक्तियों के लिए मुख्य आयुक्त
अंतिम नवीनीकृत : 2020-11-17 03:10:03 सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट
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भारत में विकलांग व्यक्तियों के अधिकार और कानून क्या है?भारत के संविधान में दिव्यांग (विकलांग) व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं जो इस प्रकार हैं। 1.) भारत का संविधान प्रत्येक दिव्यांग व्यक्तियों के लिए न्याय पाने का अधिकार, विचार एवं अभिव्यक्ति, विश्वास और पूजा का अधिकार, स्थिति एवं अवसर की समानता का अधिकार प्रदान करता है।
विकलांग लोगों के अधिकार की रक्षा के क्या कानून है?1 . दिव्यांग व्यक्ति (समान अवसर, अधिकारों का संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995. ... . ऑटिज्म, प्रमस्तिष्क अंगघात, मानसिक मंदता और बहुदिव्यांगताओं इत्यादि से ग्रस्त व्यक्तियों के कल्याणार्थ राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999. ... . भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम, 1992. ... . दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016.. भारत में विकलांग व्यक्ति के लिए कानूनी सुरक्षा उपाय क्या हैं?दिव्यांगों के कानूनी अधिकार. अधिकारों और सम्मान में समानता एक मौलिक अधिकार है। ... . विकलांग सहित भारत के प्रत्येक व्यक्ति को संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अपने जीवन और स्वतंत्रता की गारंटी है।. परामर्श के लिए कानूनी परिणाम के लिए आवेदन करें. रोज़गार. भूमि का आवंटन विकलांग लोगों को रियायती दरों पर किया जाएगा:. दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2006 क्या है?दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2006 (आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम) के अनुसार, "दिव्यांगजन से तात्पर्य उस व्यक्ति से है जो दीर्घावधि ऐसी तक शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक अथवा संवेदी संबंधी बाधिता से ग्रस्त रहा है जो बाधाओं के साथ इंटरऐक्शन करके समाज में अन्य व्यक्तियों के समान पूर्ण और प्रभावी सहभागिता में रूकावत डालती है ।
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