भारत का सबसे पहला पुल कौन सा है? - bhaarat ka sabase pahala pul kaun sa hai?

इस पोस्ट में आपको भारत का सबसे बड़ा पुल कौन सा है 2022 में इसके बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आप भी इंडिया का सबसे लंबा सड़क पुल के बारे में जानना चाहते है तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। किसी देश की तरक्की में सड़क और पुल का काफी योगदान होता है क्योंकि इन दोनों की वजह से ही हम एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचते हैं। दुनिया में आपको कई किलोमीटर लम्बे और ऊँचा पुल देखने को मिल जायेंगे। इनके बारे में हम आपको अगली पोस्ट में बताएँगे फिलहाल भारत के बड़े पुल के बारे में बताते हैं।

भारत का सबसे पहला पुल कौन सा है? - bhaarat ka sabase pahala pul kaun sa hai?

जैसा कि हमने आपको बताया कि सड़क और पुल दो ऐसी चीजे हैं। जिनके बिना किसी देश की तरक्की कल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसे में किसी देश में सड़क और पुल जैसी परिवहन सुविधा का होना बहुत जरुरी है। जहां तक विश्व की बात करे तो बहुत से ऐसे देश हैं जिन्होंने ऊँचा और बड़ा पुल बनाने के मामले में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाये हुए हैं।

भारत का सबसे बड़ा पुल कौन सा है

इंडिया के सबसे लंबे पुल की लंबाई 9.15 किलोमीटर है। जो ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी लोहित नदी पर बना हुआ है। इस पुल को ढोला सादिया पुल के नाम से जाना जाता है। यह पुल असम के ढोला को अरुणाचल प्रदेश के सादिया शहर को जोड़ता है। इस ब्रिज का निर्माण कार्य साल 2011 में शुरू हुआ था। हालही के बीते साल में प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस पुल का उद्घाटन किया है।

इस तरह यह भारत का सबसे लंबा पुल है। वहीं इसकी लागत की बात करे तो इसे बनाने में 2056 करोड़ की लागत आयी है। इस पुल को बनाने के प्रमुख दो उद्देश्य थे पहला असम और अरुणाचल प्रदेश की दूरी को कम करने में जबकि दूसरा भारतीय सेना के वाहन को अरुणाचल प्रदेश में पहुँचाने के लिए।

आये दिन चीन सीमा को लेकर विवाद करता है जिसको देखते हुए इस पुल का निर्माण किया गया है। इसे इतना मजबूत बनाया गया है कि इससे भारतीय सेना के 60 टन वजनी टैंक भी आसानी से निकल सकते हैं। इस पुल से भारत को अरुणाचल प्रदेश की सीमा रक्षा करने में काफी मदद मिलेगी।

महात्मा गाँधी पुल इंडिया का दूसरा सबसे बड़ा पुल है। जिसकी लंबाई 5.6 किलोमीटर है बिहार में गंगा नदी पर बना ये ब्रिज पटना को हाजीपुर से जोड़ता है। बांद्रा वर्ली सी लिंक यह ब्रिज राजीव गाँधी सीलिंग के नाम से भी जाना जाता है। महाराष्ट्र में स्थित यह पुल बांद्रा और वर्ली को आपस में जोड़ता है इस पुल की लंबाई 5.57 किलोमीटर है।

इंडिया का चौथा सबसे लंबा पुल विक्रमशिला सेतु है जो बिहार में स्थित है। इस पुल की लंबाई 4.7 किलोमीटर है यह भी गंगा नदी पर बना हुआ है। यह पुल बरारी घाट से नवगछिया को आपस में जोड़ता है। वेंबनाथ रेल ब्रिज यह देश का सबसे बड़ा रेलवे ब्रिज है। जिसकी लंबाई 4.62 है यह केला में बना हुआ है जो कि ब्रा पल्ली और मलार पदम को आपस में जोड़ता है।

तो अब आप भारत का सबसे बड़ा पुल कौन सा है इसके बारे में जान गए होंगे इस पोस्ट में हमने आपको इंडिया के टॉप 5 सबसे लंबा पुल के बारे में बताया है। उम्मीद है आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी। यदि आप भी भारत के बड़े पुल के बारे में जानना चाहते थे तो यह पोस्ट आपके लिए काफी हेल्पफुल साबित हुई होगी।

ये भी पढ़े –

  • क्रिकेट में मेन ऑफ़ द मैच कौन चुनता है 90% लोग नहीं जानते
  • खड़े होकर पानी पीने के नुकसान जानिए
  • Kiosk Bank कैसे खोले मिलेगा 1.50 लाख का लोन

  • TAGS
  • Bharat

Share

WhatsApp

Twitter

Telegram

Facebook

Pinterest

Linkedin

Email

MakeHindi

https://www.makehindi.com

MakeHindi.Com is a Professional Educational Platform. Here we will provide you only interesting content, which you will like very much. We’re dedicated to providing you the best of Education.

नमस्कार मित्रों, आज हम आपको भारतीय रेलवे से जुडी एक ऐसी जानकारी देंगे. जिसे जानने के बाद आपको भी इच्छा होगी कि आप भी अपने जीवन में उस स्थान का एक बार जरूर यात्रा करें। दरअसल हम बात कर रहे हैं भारत के दूसरा वँ सबसे पहला सी-ब्रिज. Sea Bridge  की ,यह एक रेलवे पुल की यानी समुद्री रेलवे ब्रिज हैं। यह एक मात्र रेलवे पुल ही नही हैं। बल्कि भारत का बहुत बड़ा धार्मिक पर्यटन स्थल भी  हैं वैसे इस ख़ूबसुन्दर रेल की यात्रा करने के लिए आपके अंदर हिम्मत की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि यह दुनिया के सबसे  खतरनाक रेलवे ब्रिज में से एक हैं. जिसे पम्बन ब्रिज के नाम से जाना जाता है।तो आइये जानते हैं.इस पंबन ब्रिज हिस्ट्री वँ इस sea Bridge से जुड़ी कुछ जानकारी-

भारत का सबसे पहला पुल कौन सा है? - bhaarat ka sabase pahala pul kaun sa hai?



पामबन ब्रिज रामेश्वरम पहला सी-ब्रिज  First Sea Bridge Of pamban bridge in hindi 

पम्बन ब्रिज भारत के दक्षिण भारत राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में समंदर में स्थित हैं.पंबन पुल एक रेलवे ब्रिज है. जो की मुख्य भूमि के माध्यम से तमिलनाडु में मंडपम शहर को समंदर के मध्य पंबन द्वीप और रामेश्वरम द्वीप को आपस में जोड़ता है. इस ब्रिज को 24 फरवरी 1914 को खोला गया था. पंबन ब्रिज भारत का पहला सी-ब्रिज हैं.जिसका निर्माण अंग्रेजों ने अपने व्यापार मार्ग को आसन बनाने के लिए किया था. इस ब्रिज का निर्माण ब्रिटिश रेलवे ने वर्ष 1885 में शुरू किया था.जिसे बन्नाने में 29 साल लगे थे। वैसे तो इस पुल से जुड़ी कई ऐसे बाटे हैं,जिनके बारे में शायद ही हर कोई जनता हो।

पामबन ब्रिज को आज से लगभग 108 वर्ष पहले बनाया गया था. फिर भी यह पुल काफी मजबूत और टिकाऊ है . 2 किमी लंबी यह अनोखी ब्रिज मुंबई के पश्चिमी तट पर बनी 2.3-किमी बांद्रा-वर्ली समुद्री रेलवे पुल के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा लम्बा रेलवे पुल हैं.इस ब्रिज का इस्तेमाल कई बड़े बड़े शिप व जहाज भी करते हैं.यह एक मात्र भारत का रेलवे पुल हैं जो शिप व जहाज को जाने के लिए बीच में से खुलता है और बन्द हो जाता है औऱ ऐसे में इस पुल पर रेल भी चलती हैं.

और जहाज के आने के बाद पुल को खोल देने पर जहाज वँ शिप भी। औऱ यही कारण है कि इस पामबन ब्रिज को तमिलनाडु के ही नही बल्कि पूरे देश का सबसे महत्वपूर्ण वं आकर्षक रेलवे ब्रिज कहा जाता है. आपको यह बात भी बता दें कि देश के इस सबसे खतरनाक सी–ब्रिज  पामबन ब्रिज पर ही तमिल फिल्म कन्नथिल मुथामित्तल (2002) वँ बॉलीवुड फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस (2013) की कुछ भाग को यही शूटिंग किया गया था।

भारत का पहला समुद्री पुल First Bridge Of India In Hindi

हमारे देश भारत में शायद बहुत कम लोग इस बात की जानकारी है कि उनके देश में भी विदेशों की तरह समुद्री पुल हैं.वह सैकड़ों वर्ष पुरानी वँ मजबूत भी ।भारत का पहला सी-ब्रिज तमिलनाडु के रामेश्वरम में स्थित पम्बन रेलवे ब्रिज हैं.यह एक सिंगल लाइन वाला ब्रिज हैं. जो धरती से रामेश्वरम द्वीप को आपस में जोड़ता है. 

यह ब्रिज तमिलनाडु के प्रमुख पर्यटन स्थलों वँ आकर्षणों केंद्रों में से एक है.जिसे देखने औऱ साथ में इस खतरनाक रेलवे ब्रिज का आनंद लेने के लिए हर साल लाखो यात्री और पर्यटक आते हैं. यह ब्रिज आम ब्रिज की तुलना में काफी अलग हैं. इस ब्रिज की इंजीनियरिंग और इसे बनाए जाने के तरीके वँ डिजाइन को देखकर हर सैलानी आश्चर्य में पड़ जाता है।

2010 तक भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल था. तमिलनाडु के रामेश्वरम में बना पामबन ब्रिज वर्ष 2010 तक भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल हुआ करता था. वँ इस ब्रिज की लम्बाई तब 2 km हुआ करता था लेकिन वर्ष 2010 में ही मुंबई में बांद्रा-वर्ली समुद्री लिंक को एक दूसरे से कनेक्ट करने के लिए समुद्री पुल बना ।जिसकी लम्बाई 2.3 किमी थी वह इस देश का सबसे लंबा समुद्री पुल बन गया। वर्तमान में भारत का सबसे लंबा समुद्री ब्रिज मुंबई में है।

पामबन ब्रिज से जुड़ी कुछ खास बात pamban bridge realeated some important 

भारत का सबसे पहला पुल कौन सा है? - bhaarat ka sabase pahala pul kaun sa hai?


पम्बन पुल भले ही अंग्रेजों ने बनाया हो वह भी आज से 108 वर्ष पहले।लेकिन यह ब्रिज तब भी बहुत मजबूत था और आज भी बहुत मजबूत वँ ताकतवर ब्रिज हैं।यह ब्रिज कई सारी प्राकृतिक विपदाओं को झेला हैं लेकिन उतना नुकसान नही हुआ जितना आजकल के बनाये गए ब्रिज में होती हैं ।यह पुल वर्ष 1964 में आयी एक काफी भयंकर चक्रवाती तूफान को झेल लिया था। जिसमें पुल के कुछ हिस्सा औऱ धनुषकोडि को पूरी तरह तबाह हो गया था।

पामबन पुल की दूसरी बड़ी बात यह है कि इस ब्रिज का डिजाइन एक जर्मन इंजीनियर Scherzer द्वारा साल 1913 में की गई थी। और इसका निर्माण अगस्त 1913 में शुरू हुआ और  फरवरी 1914 को खोला गया। इस रेलवे ब्रिज से समुद्र तल से 12.5 मीटर यानी (41 फीट) ऊपर स्थित है. पम्बन ब्रिज की कुल लंबाई  6,776 फीट यानी (2,065 मीटर) लंबा है।इस पुल में 144 पिलर हैं तथा इन सब के साथ साथ इस खतरनाक रेलवे पम्बन ब्रिज में शेज़र रोलिंग टाइप लिफ्ट स्पैन वँ डबल-लीफ बेसक्यूल भी लगा हुआ है। जिसे कि जहाजों को गुजरने  के लिए उठाया जा सकता है।

ये भी पढ़ें-रामसेतु ; प्रेम का सबसे बड़ा प्रतीक,जानिए इसका पूरा रहस्य वं वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा इसकी सच्चाई-

रामेश्वरम और मुख्यभूमि को जोड़ने वाला ब्रिज पम्बन पुल दुनिया भर के सनातन धर्म वँ तमिलनाडु में आम लोगों के लिए , व्यापारियों के लिए ,मछुआरे के लिए एक बेहद ही महत्वपूर्ण परिवहन माध्यम था।लेकिन अब इस रेलवे पुल के समानांतर ही एक सड़क पुल का भी निर्माण किया गया । जो इस पम्बन रेलवे पुल रामेश्वरम और मुख्य भूमि को जोड़ने वाला एकमात्र ट्रैक है। इस ट्रैक का उपयोग कर लोग पम्बन द्वीप में स्थित एक मंदिर पूजा अर्चना वँ भगवान के दर्शन के लिए प्रति दिन जाते हैं।

2006 और 2018 में बंद हो गया था यह पुल

सबसे पहले वर्ष 2006 में इस पामबन पुल में एक प्रोजेक्ट यूनीगेज के शुरू होने के कारण इसे बंद कर दिया गया था क्योंकि इस ब्रिज में मेट्रो गेज रेल है। और दूसरा बड़ा कारण था कि यह ब्रिज भारी भरकम मालवाहक गाड़ियां को वहन करने में सक्षम नहीं था जिसके बाद वर्ष 2007 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम की देखरेख में इस पुल का जीर्णोद्धार किया गया, और इसे फिर से शुरू किया गया था।

वही दूसरी बार वर्ष 2018 में, इस पुल का बेसक्यूल क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण इस ब्रिज को पुनः बन्द कर दिया गया।लेकिन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देख रेख में पुनः इस पुल का जीर्णोद्धार किया गया औऱ अब 27 फरवरी 2019 से पुनः एक बार रेल याता यात शुरू कर दिया गया।

ये भी पढ़ें-भारत के खूनी किला कहे जाने वाले अटेर किला के बारे में पढ़ें- 

पामबन ब्रिज रेलवे दुर्घटना 1964 pamban bridge accident 1964 hindi

23 दिसम्बर वर्ष 1964 को समंदर में आई एक भयंकर चक्रवर्ती तूफान जिसकी रफ्तार 7.6km प्रति थी उस भयंकर चक्रवर्ती तूफान में इसी पम्बन ब्रिज पर जा रही हैं रेलगाड़ी पंबन-धनुष्कोडी यात्री ट्रेन पलट गई थी।औऱ उस रेल में सवार सभी 250 यात्रियों की मौत हो गई थी। वैसे तो यह खतरा आज भी आने वाले चक्रवर्ती तूफान से बना रहता है और इसी कारण से इस सी-ब्रिज को देश का सबसे खतरनाक ब्रिज कहा जाता है।

नया पामबन ब्रिज New pamban bridge on Sea 

नए पम्बन पुल पुराने वाले पंबन ब्रिज के  समानांतर ही तमिलनाडु के रामेश्वर में बनाया जा रहा हैं. यह ब्रिज देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी-ब्रिज होगा.जिसकी कुल लागत 280 करोड़ रुपए हैं। देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट सी-ब्रिज का निर्माण मार्च 2022 तक हो जायेगा।

पूछा जाने वाला प्रश्न:-

दुनिया का सबसे खतरनाक ट्रेन कौन सा है

डेविल्स नोज़, इक्वाडोर – Devil's Nose, Ecuador In Hind

दुनिया का सबसे खतरनाक रेलवे पुल कौन सा है

चेन्नई-रामेश्वरम ट्रेन रूट ,भारत का बना हुआ पंबन पुल है, जो दुनिया का सबसे खतरनाक रेलवे पुल है।

भारत का सबसे खतरनाक पुल कौन सा ह

पाम्बन पुल Pamban Bridge பாம்பன் பாலம்

विश्व का सबसे ऊंचा रेलवेमार्ग कौन सा है

चिंगहई-तिब्बत रेलमार्ग चीनी तिब्बत में है

सबसे बड़ी रेलवे लाइन कौन सी है

असम के डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी के बीच की रेलवे लाइन ही भारत की सबसे बड़ी रेलवे लाइन है. 4,233 किलोमीटर की दूरी वाला यह रेलवे मार्ग भारत में सबसे बड़ा है.

दुनिया का सबसे लंबी ट्रेन का क्या नाम है

दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन का नाम वासुकी है ! यह ट्रेन भारत में 5 रेल इंजन ने मिलकर खींचा 3.5 KM लंबाई की 295 बोगियां हैं

भारत का सबसे बड़ा रेलखंड कौन सा है

भारत का सबसे बड़ा, पुराना और प्रसिद्ध रेलवे स्टेशन हावड़ा जंक्शन है।

इंडिया का सबसे बड़ा रेलवे ट्रैक कौन सा है

गोरखपुर जंक्शन, उत्तर प्रदेश भारत

हमारे साइट "भारत की बात" पर आने के लिए आपका बहुत धन्यवाद !


अगर आपको यह पोस्ट पहला सी-ब्रिज (First Sea Bridge) पामबन ब्रिज   (pamban bridge) पसंद आया हो, और आगे भी ऐसे ही जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे साइट को Subscribe और अपने दोस्तों को जरूर शेयर करें !

और भी पढ़ें-

शारदा पीठ मंदिर के बारे में

 दुनिया में 10 सबसे खतरनाक रेलवे ट्रैक 10 Most Dangerous Railway Tracks in The World


वैज्ञानिकों ने भी माना भगवान शिव है दुनिया के प्रथम औऱ सबसे बड़ा वैज्ञानिक...


भारत का पहला स्काईवॉक ग्लास ब्रिज glass bridge जहां चीन अमेरिका जैसी होती हैं महसूस ,पूरी जानकारी...


Highest Railway bridge : दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भारत में बनकर हुआ तैयार, एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा-

भारत का पहला पुल कौन सा है?

पाम्बन पुल (Pamban Bridge) भारत के तमिल नाडु राज्य में पाम्बन द्वीप को मुख्यभूमि में मण्डपम से जोड़ने वाला एक रेल सेतु है। यह अगस्त 1911 से बनना शुरु हुआ और इसका उदघाटन 24 फ़रवरी 1914 में हुआ था। तब यह भारत का एकमात्र समुद्री सेतु था।

भारत में सबसे पहला पुल कब और कहां बना था?

पंबन पुल एक रेलवे ब्रिज है. जो की मुख्य भूमि के माध्यम से तमिलनाडु में मंडपम शहर को समंदर के मध्य पंबन द्वीप और रामेश्वरम द्वीप को आपस में जोड़ता है. इस ब्रिज को 24 फरवरी 1914 को खोला गया था.

सबसे पुराना पुल कौन सा है?

ओल्ड नैनी ब्रिज देश के सबसे पुराने और लंबे पुलों में शुमार होता है. यह पुल 1865 में यमुना नदी पर इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में बना था.

भारत का दूसरा सबसे लंबा पुल कौन सा है?

भारत में सबसे लंबे पांच पुल कौन से हैं? भारत में सबसे लंबे पांच पुल हैं- 1) ढोला सादिया ब्रिज या डॉ भूपेन हजारिका ब्रिज (9.15 किमी) 2) महात्मा गांधी सेतु (5.75KM), 3) बांद्रा-वर्ली सी लिंक (BWSL) (5.77KM), 4) बांद्रा-वर्ली सी लिंक या राजीव गांधी सी लिंक (5.6 किमी) 5) बोगीबील ब्रिज (4.94 किमी)।