भारत के अत्यंत उष्ण एवं शुष्क तथा अत्यंत शीत व आर्दै प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व निम्न है। इस कथन के दृष्टिकोण से जनसंख्या के वितरण में जलवायु की भूमिका को स्पष्ट कीजिए। Solutionजनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले कारकों में जलवायु के घटक जैसे तापमान, वर्षा, अति शीत व आर्द्रता महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजस्थान का थार क्षेत्र उष्णता व शुष्कता के कारण, जम्मू व कश्मीर का लेह-लद्दाख क्षेत्र अति शीत के कारण, मेघालय व सुन्दरवन क्षेत्र अति आर्द्रता के कारण कम घने बसे हैं। Solution : People tend to concentrate in areas with moderate climatic conditions, that is areas that are neither too hot nor too dry and also with adequate precipitation to support life activities. The extremities of climate tend to push people away from the region and make the region less attractive for human inhabitation. In India western Rajasthan, which is characterized by high temperatures and dry conditions, is one of the least inhabited regions. The population density tends to be high in Uttar Pradesh, West Bengal, Bihar etc. because these regions have moderate temperature conditions with adequate precipitation therefore making the region conducive for population concentration. प्रश्न 5. भारत के अत्यंत उष्ण एवं शुष्क तथा अत्यंत शीत एवं आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व निम्न है। इस कथन के दृष्टिकोण से जनसंख्या के वितरण में जलवायु की
भूमिका को स्पष्ट कीजिए। ( NCERT class 12, अध्याय 1. जनसंख्या : वितरण, घनत्व , वृद्धि, और संघटन , भारत लोग और अर्थव्यवस्था) उत्तर। जनसंख्या वितरण और भौतिक, सामाजिक-आर्थिक और ऐतिहासिक कारकों के बीच घनिष्ठ संबंध है। भौतिक कारकों में, जलवायु के साथ-साथ उच्चावच, मृदा , और पानी की उपलब्धता बड़े पैमाने पर जनसंख्या वितरण के पैटर्न को निर्धारित करते हैं। जलवायु कारक-वर्षा और तापमान, दोनों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करते हैं। भारत के अत्यंत उष्ण एवं शुष्क तथा अत्यंत शीत एवं आर्द्र प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व निम्न है और निम्न जनसंख्या के वितरण में जलवायु की भूमिका निम्न लिखित हैं -
You may like also:
निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें: भारत के कुछ राज्यों में अन्य राज्यों की अपेक्षा श्रम सहभागिता ऊँची क्यों है? भारत के सन्दर्भ में यह बिलकुल सही है कि देश के विभिन्न सेक्टरों में श्रम सहभागिता दर काफी भिन्न हैं। इसका अभिप्राय हैं कि वहाँ की अधिकतर जनसंख्या कार्यशील हैं। उदाहरण के तौर पर हिमाचल प्रदेश और नागालैंड जैसे राज्यों में कृषकों की संख्या बहुत अधिक है। दूसरी ओर औध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कृषि मजदूरों की संख्या अधिक है। निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें: भारत की 68.84% जनसंख्या लगभग 6,35,588 गांवों में रहती है। हिमाचल प्रदेश की 89.96%, बिहार की 88.70%, असम की 85.92% तथा उड़ीसा की 83.32% जनसंख्या गांवों में रहती है। इन क्षेत्रों में रोजगार के लिए कृषि पर निर्भरता तथा प्राथमिक क्रियाओं में संलग्नता ही ग्रामीण जनसंख्या का एक उत्तरदायी कारण हैं। निम्नलिखित प्रश्न का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें: कृषि सेक्टर में भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश संलग्न है। स्पष्ट कीजिए। भारत की कुल श्रमजीवी जनसंख्या का लगभग 58.2 प्रतिशत कृषक और कृषि मजदूर हैं; जबकि केवल 4.2 प्रतिशत श्रमिक घरेलू उद्योगों में लगे हैं और 37.6 प्रतिशत अन्य श्रमिक हैं जो गैर-घरेलू उद्योगों, व्यापार, वाणिज्य, विनिर्माण और मरम्मत तथा अन्य सेवाओं में कार्यरत हैं। इन आकंड़ों से स्पष्ट होता है कि भारतीय श्रमिकों का सर्वाधिक अंश कृषि सेक्टर में संलग्न है। जनसंख्या के वितरण में जलवायु कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विषम व शुष्क जलवायु वाले क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व काफी कम पाया जाता है, जैसे मरुस्थलीय क्षेत्र। इसी प्रकार उपयुक्त जलवायु वाले क्षेत्र में जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है, जैसे- उत्तर भारत के मैदान, डेल्टा और तटीय मैदान। यही कारण है कि लोग उपयुक्त जलवायु क्षेत्रों में निवास करते हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा एक समूह भारत में विशालतम भाषाई समूह है?
|