बच्चों के कान में सरसों का तेल डालने से क्या होता है? - bachchon ke kaan mein sarason ka tel daalane se kya hota hai?

कवि अपनी कविता में हमारे शरीर के कई अंगों की तुलना करते हैं लेकिन जब बात कान की आती है तो कानों को हमेशा उपेक्षित किया जाता रहा है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए, कवियों के लिए कानों की महिमा हो न हो पर हमारे लिए कान और उनका स्वास्थ्य अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। लोगों में उनके बारे में बहुत सारी गलत जानकारियाँ है जिस कारण कई लोग किसी इन्फेक्शन या अन्य समस्या से अपनी सुनने की क्षमता खो देते हैं।

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कान के अंदर तेल डालना, भी ऐसा ही एक उपचार है जिसके बारे में सही जानकारी का लोगों में अभाव है। इसके बावजूद यह प्रक्रिया कई लोगों द्वारा उपयोग की जाती है और अक्सर आपको कान के दर्द के लिए घरेलू उपाय के रूप में कान में तेल डालने की सलाह मुफ्त में मिलती रहती होगी।

क्या आपको कान में तेल डालना चाहिए या नहीं, कान में तेल डालने से क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं और आयर्वेद में कान में तेल डालने का उपचार क्या है और कैसे होता है। इन सभी सवालों के जवाब आपको हम इस लेख में देने वाले हैं।

डॉक्टर्स के मुताबिक कान में तेल डालने से कान में संक्रमण हो सकता है। इतना ही नहीं, कान में तेल डालने से कान का पर्दा भी खराब हो सकता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, कान में कभी ही कच्चा तेल नहीं डालना चाहिए।

कई लोगों में यह धारणा होती है कि कान में तेल डालने से कान का मैल बहुत आसानी से निकल आता है और कान में दर्द नहीं होता है। लेकिन डॉक्टर्स के मुताबिक यह धारणा गलत है और कान में तेल डालने से कान में संक्रमण हो सकता है। इतना ही नहीं, कान में तेल डालने से कान का पर्दा भी खराब हो सकता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, कान में कभी ही कच्चा तेल नहीं डालना चाहिए। तेल को लहसुन की कुछ कलियों के साथ उबालकर और फिर इसे ठंडा करके या फिर किसी अन्य  तेल के साथ मिलाकर ही कान में डालना चाहिए।

कान में तेल डालना सही या नहीं? 

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कान में तेल नहीं डालना चाहिए। दरअसल, तेल में कई तरह के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं जिससे कान में संक्रमण पैदा सकता है और कई तरह की समस्याएँ हो सकती हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक, कान में तेल डालने के काफी दिनों बाद तक कान में नमी बनी रहती है। ऐसे में जब हम घर से बाहर निकलते हैं तो धूल और प्रदूषण के कारण कान में गंदगी से मैल जमने लगता है।

कान में तेल डालने के नुकसान 

कई लोग कान में दर्द होने पर या कम सुनाई देने पर कान में तेल डाल लेते हैं। लेकिन इससे आपके कान के पर्दे को नुकसान हो सकता है और आप स्थायी रूप से बहरापन के शिकार भी हो सकते हैं। कभी भी डॉक्टर से बिना पूछे कान में तेल ना डालें।  

कान में तेल डालने से ऑटोमाइकोसिस की बीमारी हो सकती है जिसके कारण परमानेंट हियरिंग डिसेबिलिटी की समस्या हो सकती है।

कई लोग कान की मैल निकालने के लिए कान में तेल डालते हैं लेकिन इससे धूल-मिट्टी के कारण कान में गंदगी जमा हो सकती है। इससे कान की मैल बाहर निकलने की बजाय और ज़्यादा जमा हो सकती है।

अगर नहाते समय कान में पानी चला जाए तो भूलकर भी कान में तेल ना डालें। इससे आपके कान में संक्रमण हो सकता है और आपको गंभीर समस्या हो सकती है। 

कभी भी छोटे बच्चे के कान में अपनी मर्जी से कोई भी तेल ना डालें। इससे बच्चे के कान से पस आने की समस्या हो सकती है और कान के पर्दे पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही कान में तेल डालना चाहिए। 

कान में तेल डालने पर आपके कान के अंदर खुजली और दर्द हो सकता है। इससे कान के पर्दे को भी नुकसान हो सकता है।

- प्रिया मिश्रा

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

Kids Care In Hindi: महिला को गर्भ धारण करने के बाद ही परिवार के लोग तमाम तरह के नुस्खे बताने लगते हैं. हालांकि यह जरूरी भी है. क्योंकि अनुभव वाली महिलाएं अक्सर अच्छी राय देती हैं. जिससे बच्चे को कोई नुकसान न होने पाए, छोटे बच्चों के देखभाल के लिए आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए, क्योंकि एक छोटी सी गलती बच्चे को जीवन भर के लिए बर्बाद कर सकती है. ऐसा देखा गया है कि छोटे बच्चे के कान में गंदगी जमा हो जाती है. जिससे बच्चे के कान गहरा प्रभाव पड़ सकता है. इससे बच्चा बहरेपन का भी शिकार हो सकता है. सबके पास कान साफ करने के लिए अलग तरह के नुस्खे मौजूद रहते हैं. कोई-कोई बच्चे के कान में तेल डालते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि बच्चे के कान में तेल डालना चाहिए या नहीं तो आइए जानते हैं बच्चों के कान में तेल डालना  कितना सही है और कितना गलत.

नाक और कान शरीर के काफी संवेदनशील (sensitive) अंग हैं, जानकारी का अभाव होने पर इनमें किसी भी तेल या औषधि का प्रयोग नहीं करना चाहिए। अमूमन लोगों को यह असमंजस होता है कि नाक और कान की कोई समस्या होने पर चिकित्सक को दिखाएं या घरेलू नुस्खे अपनाएं। नाक और कान की समस्याएं वैसे तो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, लेकिन बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्याएं सबसे ज्यादा देखी जाती हैं। ऐसे में सरसों का गुनगुना तेल भी आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। सरसों का तेल किसी आयुर्वेदिक औषधि (ayurvedic medicine) से कम नहीं हैं, बड़े बुजुर्ग भी इसे इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। हालांकि सरसों के तेल की तासीर गर्म मानी जाती है, इसलिए बहुत गर्म मौसम में इसको नाक, कान में नहीं डालना चाहिए। लेकिन सामान्य गर्म मौसम या सर्दियों में इसका इस्तेमाल करने से नुकसान नहीं होता है। इस लेख के माध्यम से आज हम आपको इसके फायदे, नुकसान और सावधानियों से अवगत कराएंगे।

सरसों का तेल कान और नाक में डालने के फायदे

1. कान का मैल साफ करने में लाभदायक

आजकल कान की ठीक से सफाई नहीं करने से बहुत से लोगों के कान में मैल (earwax) जमा हो जाता है, जिसे खुद निकालना काफी कठिन और जोखिम भरा कार्य है। ऐसे में सरसों के तेल को थोड़ा गुनगुना कर कान में डालने से कान का मैल फूल जाता है, जिसके बाद उसे आसानी से निकाला जा सकता है। अगर आप रात में सोने से पहले कान में गुनगुने तेल की दो से तीन बूंदे डालते हैं और सुबह मैल निकालते हैं तो यह ज्यादा अच्छी तरह साफ होगा।

बच्चों के कान में सरसों का तेल डालने से क्या होता है? - bachchon ke kaan mein sarason ka tel daalane se kya hota hai?

2. कान का दर्द करे दूर

कई बार बिना किसी वजह के कान में दर्द होने लगता है, ऐसा महसूस होता है कि कान के पर्दे हिलने लगे हों। कान में पानी चले जाने, चोट लगने या फिर कई बार मौसम में बदलाव आदि से भी ऐसे मामले सामने आते हैं। ऐसे में आप सरसों के तेल को हल्का गर्म कर एक से दो बूंदों को कान में डालें। इससे आपको दर्द में काफी राहत मिलेगी।

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3. नाक बंद होने पर करें उपयोग

सर्दियों के मौसम में अमूमन लोग जुकाम से ग्रस्त रहते हैं। जुकाम ज्यादा होने के कारण कई बार सांस लेने में भी तकलीफ और नाक जाम हो जाती है। सरसों का गुनगुना तेल ऐसे समय में आपके लिए रामबाण है। जुकाम होने पर आप इसकी तीन से चार बूंदो का प्रयोग कर सकते हैं। इससे निश्चित तौर पर आपको सांस लेने में आराम मिलेगा। जुकाम की वजह से कई लोगों की नाक भी लाल हो जाती है, इस स्थिति में भी सरसों का गुनगुना तेल आपकी मदद कर सकता है।

ये हैं कान में सरसों का गुनगुना तेल डालने के नुकसान

1. परमानेंट हियरिंग डिसेबिलिटी

कान में लगातार किसी भी प्रकार का तेल डालने से आप अपनी सुनने  (Hearing loss) तक की क्षमता को गवां सकते हैं या फिर लंबे समय के लिए कान की समस्या के शिकार हो सकते हैं। इसलिए कान में तेल के सेवन के फायदे और नुकसान से पूरी तरह अवगत होने के बाद ही तेल का इस्तेमाल समुचित मात्रा में करें।

2. बढ़ सकती है कान की गंदगी

कान साफ करते समय इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि कहीं आपके तेल में गंदगी तो नहीं है। आपके सरसों के तेल में यदि पहले से ही किसी प्रकार के गंदे तरल पदार्थ मौजूद हैं तो ऐसे तेल का सेवन आपके कानों में ईयरवैक्स की मात्रा को और बढ़ा सकता है, जिससे कानों खुजली समेत कई अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं।

बच्चों के कान में सरसों का तेल डालने से क्या होता है? - bachchon ke kaan mein sarason ka tel daalane se kya hota hai?

3. बच्चों में हो सकती है पस की शिकायत

कई ऐसे मामले देखे गए हैं, जिनमें माएं छोटे बच्चों को नहलाकर तुरंत बाद उनके कान में तेल डालती हैं। जो बिलकुल गलत है। नहाते समय बच्चों के कान में पानी घुस जाता है और ऐसे समय में उनके कान में तेल डालने पर तेल और पानी एक साथ जमा हो जाता है, जिस कारण पस बनने की भी शिकायत होने लगती है। इसलिए ऐसे मामलों में बिलकुल लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

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4. हो सकता है संक्रमण

तेल डालते समय इसका ध्यान अवश्य रखें कि आपका तेल आपकी नाक और कान के लिए पूर्णता सुरक्षित तो है कहीं उसमें कोई हानिकारक पदार्थ तो नहीं हैं। अगर ऐसा है तो आप कान के संक्रमण (Infection) के शिकार हो सकते हैं। संक्रमण होने के कारण आपकी सुनने की क्षमता पर भी काफी असर पड़ सकता है। यह आपको लंबे समय के लिए भी परेशान कर सकता है।

बच्चों के कान में सरसों का तेल डालने से क्या होता है? - bachchon ke kaan mein sarason ka tel daalane se kya hota hai?

कान और नाक में तेल डालते समय बरतें कुछ सावधानियां

  • कान और नाक में तेल डालते समय तेल की गुणवत्ता का खास ख्याल रखें।
  • चिकित्सक की सलाह के बिना इसका उपयोग करने से बचें।
  • इयरवैक्स निकालते समय सरसों के तेल का सेवन बिलकुल न करें।
  • नियमित रूप से नाक और कान में सरसों के तेल का सेवन करने से बचें।

कान और नाक में तेल डालना कई मायनों में फायदेमंद है तो कई बार इसके गलत परिणाम भी सामने आ सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि कान और नाक के लिए सरसों के तेल के फायदे, नुकसान और कुछ सावधानियां अच्छे से जान लें तभी इसका प्रयोग करें। इस लेख में दिए गए सुझाव आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं।

क्या बच्चे के कान में सरसों का तेल डाल सकते हैं?

इसके अलावा ध्यान रखें कि कभी भी छोटे बच्चों के कान में तेल न डालें. खासतौर पर एक्सपर्ट के सलाह के वगैर इस तरह की गलती बिल्कुल भी न करें. इससे उनके पर्दे को नुकसान पहुंच सकता है.

बच्चे के कान में दर्द हो तो क्या करना चाहिए?

1- तुलसी का रस- अगर बच्चे को अचानक रात में कान में दर्द हो और आपके पास कोई दवा न हो तो घर में लगा तुलसी का पौधा काम आएगा. ... .
2- ऑलिव ऑयल- कान में दर्द होने पर आप ऑलिव ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ... .
3- लहसुन और सरसों का तेल- कान में दर्द होने पर लहसुन डालकर सरसों का तेल गर्म कर लें..

कान में तेल कब डालना चाहिए?

कान से मैल निकालने के लिए कई लोग कान में तेल डालते हैं, लेकिन इससे धूल-मिट्टी के कारण कान में गंदगी जमा हो सकती है, जिससे कान की मैल बाहर निकलने की बजाय और अधिक जमा हो सकता है. नहाते समय अगर आपके कान में पानी चला जाए तो भूलकर भी कान में तेल डालने की गलती ना करें.

कान में कौन सा तेल डाला जाता है?

- कान में मैल जमा होने पर कुछ लोग मैल को फूलने के लिए कान में सरसों का तेल डाल लेते हैं.