घर पर खुशबू वाली मोमबत्ती कैसे बनाएं? - ghar par khushaboo vaalee momabattee kaise banaen?

Mombatti Banane Ki Vidhi : रोशनी, उजाले, प्रकाश का त्योहार दीवाली हिंदूओं का सबसे बड़ा पर्व है। इस दिन लोग अपने घर, ऑफिस, कारखानों इत्यादि को जगमगा देते हैं। इसके लिए तरह-तरह के दिए, लाइट्स और मोमबत्ती का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में जो सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली चीज है वो है मोमबत्ती। इस मोमबत्ती को इस्तेमाल लोग घरों में यानी होम मेड तरीके से बनाकर भी करते हैं।

वैसे तो मोमबत्ती बनाना एक शिल्पकला है जो कि कई शताब्दियों पुरानी है। जिसका इस्तेमाल खुशी के हर लम्हें को और बढ़ा देती है। सबसे आसान और हर जगह आसानी से लाने जाने वाली मोमबत्ती को घर में कैसे बना सकते हैं, चलिए आज इस बारे में जानते हैं।

मोमबत्ती बनाने की विधि (Make Homemade Candles)

सबसे पहले मोम को पिघलाना

घर पर मोमबत्ती बनाने के लिए सबसे लिए मोम की जरूरत पड़ती है। इसके लिए पैराफीन मोम चाहिए होता है।अधिकतर पैराफीन मोम से ही मोमबत्तियाँ बनाई जाती रही हैं और आज भी यही सबसे लोकप्रिय मोम है।

साथ ही इसका फायदा ये भी है कि यह जल्दी पिघल जाता है, सस्ता भी मिलता है। इस मोम में आसानी से रंगीन और खुशबूदार मोमबत्तियां बनाने के लिए रंग और इत्र मिलाया जा सकता है। बस ध्यान देने वाली बात ये है कि मोम को पिघलाते समय जो रसायन निकलते हैं उनसे कुछ लोगों को जलन हो सकती है इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है।

इसके अलावा सोय मोम की मांग भी बढ़ती जा रही है। इसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है। ये सोयाबीन से बन होता है। साथ ही यह पर्यावरण के अनुकूल है और स्वाभाविक रूप से इसका नवीनीकरण हो सकता है। ये भी कहा जाता है कि सोय मोम अन्य मोम की तुलना में धीमे जलता है। वहीं मधुमोम (Beeswax) भी बाजार में मिलता है। इसमें खास बात ये होती है कि ये वायुमंडल को साफ करने का गुण रखता है।

ये सब न करते हुए अगर आप घर पर बची पुरानी मोमबत्तियों का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो उन्हें भी पिघलाकर दोबारा से इस्तेमाल कर सकते है।

बच्चों को दूर ही रखें

mombatti banane ka tarika - घर पर मोमबत्ती बनाने के लिए आप ये सुनिश्चित कर लें कि आपके आसपास ऐसा कोई आग पकड़ने वाला सामान आस-पास न रखा हो। इसके साथ ही अखबार, पोलीथीन, कागज, या तौलिये उस जगह पर रखने होंगे जहां आप मोमबत्ती बनाने जा रहे हैं। बच्चों को दूर ही रखें। वहीं मोम के छलक जाने के स्थिति में सर्फ वाला गर्म पानी भी पास में बनाकर रखें।

अब मोम को छोटे टुकड़ों में करिए। इसके लिए ग्रेटर से मोम को घिस लीजे।

इसके बाद अब एक डबल बॉयलर को तैयार कीजे। मोमबत्ती के मोम को सीधी आंच पर नहीं रखना चाहिए। मोम को धीरे धीरे पिघलाना होता है। ज्यादा तेज आंच में भी एकदम से नहीं डालना चाहिए। नहीं तो उसमें आग लग जाएगी या वह वाष्पीभूत होने लगती है। जिससे खतरा भी है।

अब एक बड़े बर्तन को पानी से करीब आधा भरिए। इस बड़े बर्तन में एक छोटा बर्तन रखिए। बता दें, यह छोटा बर्तन वही होगा जिसमें आप मोम पिघलाएंगे। इन बातों के बीच ध्यान रखने वाली बात ये है कि मोम को साफ करना कठिन होता है। इसलिए किसी बेकार बर्तन में ही मोम पिघलाइये। लेकिन जो सुरक्षित हो।

इसके बाद मोम के टुकड़ों या छीलन को छोटे बर्तन में रखिए। फिर आग जलाइए, जिससे पानी उबलने लगे। फिर उबलते पानी की वजह से धीरे-धीरे मोम पिघलने लगेगा।

ध्यान दीजें- इसके लिए एक घरेलू थर्मामीटर का प्रयोग कर मोम के तापमान पर नज़र बनाए रखिए। आप कुकिंग या क्राफ्ट स्टोर में से कैंडी या मोमबत्ती थर्मामीटर खरीद सकते हैं।

ये होना चाहिए तापमान

बता दें, पैराफीन मोम को 122 से 140 डिग्री फ़ैरनहाइट (50 से 60 डिग्री सेंटीग्रेड) तक गर्म कर पिघलाना चाहिए।

इसके अलावा सोय मोम को उस समय तक पिघलाना चाहिए जब तक वह 170 से 180 डिग्री फ़ैरनहाइट (76.6 से 82.2 डिग्री सेंटीग्रेड) तक न पहुँच जाये।

और मधूमोम को तब तक पिघलाना चाहिए जब तक कि वह लगभग 145 डिग्री फ़ैरनहाइट (62.7 डिग्री सेंटीग्रेड) तक न पहुँच जाये।

बेकार पड़ी पुरानी मोमबत्तियों को लगभग 185 डिग्री फ़ैरनहाइट (85 डिग्री सेंटीग्रेड) पर पिघलाना चाहिए। पुराने धागों को निकाल दीजे।

मोमबत्ती को खुशबूदार बनाने के लिए

मोमबत्ती को खुशबू देने के लिए प्राकृतिक तेल और इत्र डाल सकते हैं। फिर इत्र डालने के बाद उसकी गंध के हिसाब से मिला लीजे।

रंगीन मोमबत्ती बनाने के लिए

mombatti banane ka tarika - कलरफुल मोमबत्ती बनाने के लिए घर के रंगों से मोमबत्तियों में काम नहीं चलेगा। क्योंकि वे जल आधारित होते हैं। इसके लिए आपको क्राफ्ट स्टोर से तेल-आधारित रंग खरीदिए।

अब जिस भी आकार में आपको मोमबत्ती में ढालनी है, उसमें उसके मुहं से बड़े आकार का धागा लेकर लटका दें, किसी लकड़ी में बांधकर। फिर उसमें पिघले मोम को डाल दीजे। फिर प्लेन सतह पर रख दें।

तनाव हमारे जीवन का हिस्सा बन चुका है, जिसके लिए हमारी जीवनशैली ही दोषी है। आज के समय में काम, निजी और सामाजिक जीवन को महत्व देते देते, हमारा मी टाइम पीछे छूट गया है। भाग दौड़ के इस जीवन में खुद के लिए शायद ही हम समय निकाल पाते हों। ऐसे में तनाव होना लाजमी है।

लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि आप इसे हल्के में लें। तनाव बहुत गम्भीर समस्या है और इसे नजरअंदाज करना अपनी सेहत से खिलवाड़ करना हुआ।
जिस तरह तनाव बढ़ रहा है, उससे बचने के नए नए तरीके भी हमारे सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक तरीका है अरोमा थेरेपी।

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क्या है अरोमा थेरेपी

सुगंधित मोमबत्तियां तो आप सबने देखी होंगी, चाहें बाजार में चाहें ऑनलाइन। लेकिन अगर आपको लगता है कि मोमबत्ती का खुशबूदार होना आपकी सेहत पर कोई असर नहीं डालता तो यहां आप गलत हैं। खुशबूदार मोमबत्तियां अरोमाथेरेपी का ही हिस्सा हैं।
अरोमाथेरेपी का अर्थ है खुशबू की मदद से दिमाग को रिलैक्स करना और चिंता और तनाव को खत्म करना। इसे ही अरोमाथेरेपी कहते हैं। जर्नल ‘साइंटिया फार्मासिटिका’ में प्रकाशित 2016 की स्टडी के अनुसार खुशबू मनुष्य के दिमाग पर साइकोफिजियोलॉजिकल प्रभाव डालती है। बहुत सी स्टडीज में सामने आया है कि खुशबू दिमाग के कॉग्निटिव प्रक्रिया को प्रभावित करता है।

लेकिन अरोमाथेरेपी का प्रभाव क्या है?

प्रकृति से आने वाली खुशबू आपके दिमाग पर एक राहत का प्रभाव डालती हैं। केमिकल से बनी खुशबू यह काम नहीं कर सकती हैं। चाहे मोमबत्तियां हों, अगरबत्ती हो या कोई अन्य माध्यम- खुशबू का स्रोत फूलों के एसेंशियल ऑयल होते हैं। इन ऑयल में नाक के रिसेप्टर को संवेदनशील बनाने वाला कम्पाउंड होता है।

जर्नल ऑफ अल्टरनेटिव एंड कॉम्प्लिमेंटरी मेडिसिन में प्रकाशित रिव्यू के अनुसार अरोमाथेरेपी की मदद से डिप्रेशन के लक्षणों पर काबू पाया जा सकता है। हालांकि डिप्रेशन पर अरोमाथेरेपी का क्या प्रभाव है, इस पर अधिक रिसर्च की आवश्यकता है।

घर पर सुगंधित मोमबत्तियां कैसे बनाएं?

यह आसान है ! अपनी खुद की सुगंधित मोमबत्तियां खुद बनाएं।.
#1. सब्जी मोम को मापें.
# 2. मोम को पिघलाएं.
#3। एक खुशबू जोड़ें.
#4। बीच में बाती को ठीक करें.
#5। एक आदर्श मोमबत्ती के लिए वेजिटेबल वैक्स को 50° पर डालें.
#6। मोम को सख्त होने दें.

मोमबत्ती बनाने में क्या क्या लगता है?

आपको मोमबत्ती बनाने के लिए मोम, धागे, रंग, ईथर का तेल खरीदना होगा. धागे, रंग और ईथर का तेल आपको बाजार में आसानी से मिल जायगा अगर आप किसी गाँव में रहते है तो आप अपने नजदीकी किसी शहर में जाकर तीनो चीजों को खरीद सकते है.

गूगल मोमबत्ती कैसे बनाई जाती है?

मोम के टुकड़े या छीलन तैयार कर लीजिये: मोम के छोटे टुकड़े, बड़े टुकड़ों की तुलना में आसानी से पिघलते हैं। छोटे टुकड़ों के प्रयोग से आप सुनिश्चित करते हैं कि मोम समगति से पिघले। जैसा कि आप खाना बनाते समय प्रयोग करते हैं, उसी प्रकार का एक डबल बॉयलर तैयार करिए: मोमबत्ती के मोम को आप सीधी आंच पर नहीं रख सकते हैं।

सजावटी मोमबत्ती कैसे बनाएं?

मोमबत्ती को एक्रिलिक पेंट से पेंट करें: एक्रिलिक पेंट और पतले पेंटब्रश का इस्तेमाल करके अपनी मोमबत्ती को एक स्मूद, एक समान लेयर में पेंट करें। अगर आप अलग अलग कलर पेंट कर रहे हैं, तो ब्रश को धोने और अगले भाग पर बढने से पहले एक कलर के सभी सेक्शन को पेंट कर लें या अलग अलग ब्रश इस्तेमाल करें।