अंतिम राष्ट्रपति शासन कब लागू हुआ था? - antim raashtrapati shaasan kab laagoo hua tha?

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से सिफ़ारिश की थी कि बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए.

सोमवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई लेकिन इसमें रेल मंत्री लालू यादव और रासायन मंत्री रामविलास पासवान शामिल नहीं हुए.

सोमवार देर रात राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के फ़ैसले की पुष्टि कर दी.

इससे पहले राज्यपाल बूटा सिंह ने रविवार को बिहार में नई सरकार की गठन की संभावना के अभाव में, राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफ़ारिश की थी.

फिर इस सिफ़ारिश पर केंद्र सरकार ने भी अपनी मुहर लगा दी थी.

त्रिशंकु विधानसभा

विधानसभा का कार्यकाल छह मार्च तक था और इस दिन तक बिहार में नई सरकार का गठन हो जाना चाहिए था.

 राजनीति में ऐसा नहीं चलता पासवान जी को खुली राजनीति करनी चाहिए. या तो वे केंद्र में यूपीए के साथ रहें और यहाँ भी साथ निभाएँ या फिर खुलकर एनडीए के साथ आएँ

लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम जिस तरह से आए हैं उसमें त्रिशंकु विधानसभा में सरकार गठन के लिए आवश्यक बहुमत कोई दल नहीं जुटा पाया.

झारखंड और गोवा में राज्यपालों के निर्णयों से पैदा हुए विवाद के बाद बिहार के राज्यपाल बूटा सिंह ने साफ़ कर दिया कि जब तक कोई भी राजनीतिक गठबंधन 122 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी नहीं देता वे किसी को भी सरकार बनाने के लिए आमंत्रित नहीं करेंगे.

राजनीति

बिहार के चुनाव परिणामों के बाद साफ़ हो गया था कि लोकजनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान के हाथों में सरकार की चाबी है और वे जिसे समर्थन देंगे वही सरकार बना पाएगा.

अंतिम राष्ट्रपति शासन कब लागू हुआ था? - antim raashtrapati shaasan kab laagoo hua tha?

लोकसभा चुनाव के दो दोस्त विधानसभा चुनाव में कट्टर दुश्मन नज़र आए

लेकिन 29 विधायकों अपने साथ रखे रामविलास पासवान ने साफ़ घोषणा कर दी कि न तो वे लालू प्रसाद यादव की आरजेडी को समर्थन देंगे और न भाजपा को.

हालांकि उन्होंने कहा नहीं लेकिन संकेत साफ़ थे कि यदि जनता दल यूनाइटेड एनडीए से बाहर आकर सरकार बनाने की बात करता है तो पासवान उनके साथ जा सकते हैं लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

उधर लालू प्रसाद यादव ने चुनावों के दौरान रामविलास पासवान के साथ तीखी नोंकझोंक के बाद भी कांग्रेस से अनुरोध किया कि वह पासवान को मनाए और सरकार बनाने के लिए समर्थन जुटाए लेकिन बात बनी नहीं.

फ़िलहाल आरजेडी और लोकजनशक्ति पार्टी दोनों ही कांग्रेस के साथ केंद्र की यूपीए सरकार में शामिल हैं.

प्रतिक्रिया

राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफ़ारिश पर बिहार के राजनीतिक दलों में मिलीजुली प्रतिक्रिया हुई है.

लंबे समय से राष्ट्रपति शासन की बात कर रहे लोकजनशक्ति पार्टी नेता रामविलास पासवान ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने की ज़िम्मेदारी वे लेते हैं और वे मानते हैं कि इसमें कुछ ग़लत नहीं हुआ.

पासवान ने इसे लालू-राज का अंत बताया है.

अंतिम राष्ट्रपति शासन कब लागू हुआ था? - antim raashtrapati shaasan kab laagoo hua tha?

नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान पर निशाना साधा

उन्होंने जनतादल (यू) के नेता नीतीश कुमार को दोषी ठहराते हुए कहा कि पिछले सात दिनों में उन्होंने धर्मनिरपेक्ष सरकार बनाने की कोई पहल नहीं की.

लेकिन एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान पर पलट वार करते हुए कहा, "राजनीति में ऐसा नहीं चलता पासवान जी को खुली राजनीति करनी चाहिए. या तो वे केंद्र में यूपीए के साथ रहें और यहाँ भी साथ निभाएँ या फिर खुलकर एनडीए के साथ आएँ."

उनका कहना था कि पासवान जी राष्ट्रपति शासन से ख़ुश भले ही हो रहे हों लेकिन यह परोक्ष रुप से लालू प्रसाद यादव का ही राज होगा.

उधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामजतन सिन्हा ने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि इससे राज्य में क़ानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार होगा.

लेकिन केंद्र में कांग्रेस ने एहतियात बरतते हुए राजनीतिक परिस्थितियों का आकलन किया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृहमंत्री शिवराज पाटिल के साथ बिहार की स्थिति पर चर्चा की है.

सबसे तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है सत्तारुढ़ आरजेडी ने.

आरजेडी ने राष्ट्रपति शासन के लिए रामविलास पासवान पर मढ़ते हुए आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस को पासवान पर दबाव डालना चाहिए था कि केंद्रीय गठबंधन में रहने के लिए वे राज्य में एक धर्मनिरपेक्ष सरकार को समर्थन दें.

राष्ट्रपति शासन का इतिहास

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विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति शासन परोक्ष रुप से लालू का ही शासन होगा

बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की नौबत आठवीं बार आई है.

पहली बार राष्ट्रपति शासन जनवरी 1968 में लगा था जो एक महीने तक लगा रहा. जुलाई 1969 में एक बार फिर राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा था जो जनवरी 1970 तक चला.

इसके बाद 1972, 1977, 1980 और 1995 में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था.

आख़िरी बार राष्ट्रपति शासन 1999 में लगाया गया था जब एक महीने बाद आरजेडी की ओर से राबड़ी देवी मुख्यमंत्री बनी थीं.

राजस्थान आज अपना स्थापना दिवस मना रहा है। वर्ष 1949 को आज ही के दिन जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय होकर 'वृहत्तर राजस्थान संघ' बना था। राजस्थान दिवस के इस ख़ास दिन राजस्थान के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छाशक्ति और बलिदान को नमन किया जाता है। यहां की लोक कलाएं, समृद्ध संस्कृति, महल, व्यंजन के अलावा भी ऐसे कई पहलू हैं जो दुनिया भर में राजस्थान प्रदेश को एक विशिष्ट पहचान दिलाते हैं।

अंतिम बार राष्ट्रपति शासन कब लागू हुआ?

चौथा और अंतिम राष्ट्रपति शासन 15 दिसंबर 1992 को लगाया गया था, जो 4 दिसंबर 1993 को समाप्त हुआ था। इस राष्ट्रपति शासन के लागू होने से पहले, भैरसिंह सरकार थी।

राज में राष्ट्रपति शासन कितनी बार लगा?

Rajasthan Me RashtraPati Shashan Kitni Baar Laga राजस्थान में 1967, 1977, 1980 और 1992 में चार बार राष्ट्रपति शासन लगा

राष्ट्रपति शासन की अवधि कितनी होती है?

यदि संसद के दोनों सदनों ने देश में राष्ट्रपति शासन लगाने की घोषणा को मंजूरी दे दी है, तो यह छह महीने तक जारी रहेगा। इसे अधिकतम तीन साल के लिए बढ़ाया जा सकता है, लेकिन हर छह महीने में इसकी मंजूरी जरूरी है।

सबसे ज्यादा बार राष्ट्रपति शासन कहाँ लगा?

Sabse Adhik Baar RashtraPati Shashan Kis Rajya Me Laga.
अब तक मणिपुर में सर्वाधिक 10. ... .
इसके अलावा उत्तर प्रदेश व पंजाब में ... .
छत्तीसगढ और तेलंगाना ऐसे राज्य हैं, ... .
संघशासित प्रदेशों में पुदुचेरी में ... .
जम्मू कश्मीर में संविधान के ... .
सबसे पहले 6 अप्रैल 1949 को ... .
उत्तराखंड में last राष्ट्रपति शासन.