Bihar Board Class 8 Social Science Solutions Civics Samajik Aarthik Evam Rajnitik Jeevan Bhag 3 Chapter 1 भारतीय संविधान Text Book Questions and Answers, Notes. Show Bihar Board Class 8 Social Science भारतीय संविधान Text Book Questions and Answersपाठगत प्रश्नोत्तर प्रश्न 1.
(अन्य नियम जो आपके विद्यालय के हैं, आप स्वयं लिखें ।) प्रश्न 2. प्रश्न 3.
प्रश्न 4. कक्षा 1 से 5 तक के विद्यालयों में छात्र व शिक्षक का अनुपात 30: 1 का होना चाहिए। (अन्य परियोजना कार्य आप स्वयं करें।) प्रश्न 5. नागरिक समिति यह ध्यान रखेगी कि लोगों को उनकी योग्यता के अनुसार काम मिले और उन्हें उचित मेहनताना भी मिले भारतीय संविधान के अनुसार ही नहरवाल इलाके के कानून बनेंगे। प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न (i) प्रश्न (ii) प्रश्न (iii) प्रश्न (iv) प्रश्न (v) प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14.
(अन्य सुविधाओं को, जो आपके विद्यालय में दी जाती हैं, उनकी सूची स्वयं बनाएँ।) प्रश्न 15. प्रश्न 16. उन्होंने हम भारतीयों के अधिकारों का हनन किया और भी कई प्रकार से करते रहे । अपने स्वार्थ के लिए भारतीय किसानों से जबरदस्ती नील की खेती कराते रहे जो भारतीय किसानों के लिए नुकसानदायक और अंग्रेज सरकार के लिए फायदेमंद था। दरअसल अंग्रेज सरकार अपने फायदे के लिए हम भारतीयों के अधिकारों का लगातार हनन करते रहे थे। प्रश्न 17. प्रश्न 18. प्रश्न 19. प्रश्न 20. प्रश्न 21. प्रश्न 22. प्रश्न 23. प्रश्न 24. प्रश्न 25. प्रश्न 26. प्रश्न 27. प्रश्न 28. प्रश्न 29. प्रश्न 30. प्रश्न 31. प्रश्न 32. प्रश्न 33. प्रश्न 34. प्रश्न (i) प्रश्न (ii) प्रश्न (iii) प्रश्न (iv) प्रश्न 35. प्रश्न
36. अभ्यास-प्रश्न प्रश्न 1. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता के लिए देश का संविधान व्यक्ति की हर संभव सहायता करता है। प्रश्न
2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. उत्तर- प्रश्न 5. एक विचारधारा यह मानती थी कि अधिकारों के इस प्रतिवेदन में जितने अधिक से अधिक संभव हों, अधिकार शामिल करने चाहिए जो अदालत में सीधे लागू किए जा सकें। इन अधिकारों को लेकर कोई भी नागरिक बिना किसी कठिनाई के सीधे अदालत जा सके और अपने अधिकार प्राप्त कर सकें । दूसरी विचारधारा का मत था कि मूल अधिकारों को कुछ ऐसी बहुत अनिवार्य बातों तक सीमित रखा जाना चाहिए जिन्हें आधारभूत माना जा सके। दोनों विचारधाराओं में काफी बहस हुई और अंत में एक बीच का रास्ता निकाला गया, जिसे एक अच्छा मध्यम मार्ग माना गया। दोनों विचारधाराओं के लोगों ने सिर्फ एक देश के मूल अधिकारों का अध्ययन नहीं किया बल्कि दुनिया के लगभग हर देश के मूल अधिकारों का अध्ययन किया। वे इस नतीजे पर पहुँचे कि हमें इस प्रतिवेदन में जहाँ तक संभव हो, उन अधिकारों को शामिल करना चाहिए, जिन्हें उचित माना जा सके । इन बातों पर इस सदन में मतभेद हो सकता है, सदन को हर धारा पर आलोचनात्मक तरीके से विचार करके, विकल्प सुझाने, संशोधन के सुझाव देने और निरस्त करने का अधिकार है।” प्रश्न- प्रश्न 1. इन अधिकारों को लेकर कोई भी नागरिक बिना किसी कठिनाई के सीधे अदालत जा सके और अपने अधिकार प्राप्त कर सके । दूसरी विचारधारा का मत था कि मूल अधिकारों को कुछ ऐसी बहुत अनिवार्य बातों तक सीमित रखा जाना चाहिए जिन्हें धारभूत माना जा सके। प्रश्न 2. प्रश्न 3. अंग्रेज सरकार भारत के लोगों की स्वतंत्र संविधान सभा की मांग को क्यों नहीं माना चाहती थी?अंग्रेज सरकार भारत के लोगों की स्वतंत्र संविधान सभा की मांग को क्यों नहीं मानना चाहती थी? उत्तर-भारत के लोगों की स्वतंत्र संविधान सभा की मांग को मानने पर अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ता क्योंकि विदेशी लोगों द्वारा अपने देश पर शासन कोई देशवासी स्वीकार नहीं करता। इसलिए अंग्रेज सरकार ने यह मांग ठुकरा दी।
हम भारतीय संविधान को क्यों मानते हैं?संविधान बनाने का मकसद
देश में रहने वाले सभी धर्म के लोगों के बीच एकता, समानता बनी रहे इसलिए सविंधान को बनाया गया ताकि सभी लोगों को बिना किसी भेदभाव के उनका अधिकार मिले. भारत के संविधान में प्रस्तावना (preamble) लिखी गई है जिसे भारतीय संविधान का परिचय पत्र कहा जाता है.
भारत का संविधान कितने लोगों ने लिखा था?बरेली, जेएनएन। Constitution Day 2021 : भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, लेकिन उससे दो महीने पहले 26 नवंबर 1949 को संविधान बनाने वाली सभा ने कई चर्चाओं और संशोधनों के बाद आखिरकार संविधान को अंगीकार किया था। विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान के निर्माण के लिए देश भर से 389 सदस्य चुने गए थे।
क्या बच्चे अपनी बात को कहने के लिए स्वतंत्र थे?क्या बच्चे अपनी बात को कहने के लिए स्वतंत्र थे ? हाँ, बच्चे अपनी बात को कहने के लिए स्वतंत्र थे । शिक्षिका ने उनको अपनी बातें कहने का पूरा मौका दिया था।
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