आय एवं व्यय खाता कैसे बनाया जाता है? - aay evan vyay khaata kaise banaaya jaata hai?

इसे सुनेंरोकेंआय तथा व्यय खाते का उद्देश्य एक व्यापारिक संस्थान के लिए लाभ व हानि खाते की तरह ही होता है। सभी व्यय तथा हानियों को व्यय पक्ष में तथा सभी आय तथा लाभों को आय पक्ष में दर्शाया जाता है। यह निवल प्रचालन परिणाम, अधिशेष के रूप में (आय का व्यय पर आधिक्य) तथा छपाई (व्यय पर आय का आधिक्य) के रूप में दर्शाता है।

आय व्यय खाता कैसे बनाते हैं?

इसे सुनेंरोकें____ आय और व्यय खाता, लाभ तथा हानि खाते के समान ही होता है। अव्यापारिक संस्थाएँ सामान्यतः तुलन पत्र तथा प्राप्ति एवं भुगतान खाते की सहायता से आय और व्यय खाते को तैयार करती हैं। यद्यपि इससे यह आशय नहीं है कि वह तलपट को तैयार नहीं करतीं।

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प्राप्ति और भुगतान खाते के उद्देश्य क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्राप्ति एवं भुगतान खाते को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य सभी नगक प्राप्ति, भुगतान के संबंध में सूचना प्राप्त करना तथा वर्ष के अंत में Cash in hand, Cash at Bank निकालना है जबकि आय-व्यय खाते का मुख्य उद्देश्य सभी आय एवं व्यय/खर्च के संबंध में शुद्ध परिणाम हेतू Surplus व Deficit ज्ञात करना है।

प्राप्ति एवं भुगतान खाता कौन सा खाता है?

इसे सुनेंरोकेंप्राप्ति एवं भुगतान खाता रोकड़ एवं बैंक के लेनदेनों का संक्षिप्त स्वरूप होता है जिसकी सहायता से आय एवं व्यय खाता एवं स्थिति विवरण तैयार किये जाते हैं। आय एवं व्यय खाता लाभ-हानि खाता जैसा है। अलाभकरी संगठन साधारणतया आय एवं व्यय खाता प्राप्ति एवं भुगतान खाते से बनाया जाता हैं।

खाते से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंखाता (Account) खाता बही (लेजर) का वह भाग है जिसमें व्यक्ति, वस्तुओं अथवा सेवाओं के सम्बन्ध में किए हुए लेनदेनों का सामूहिक विवरण लिखा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक खाते की स्थिति का पता लग जाता है कि वह खाता लेनदार (Creditor) है तथा देनदार (Detor)।

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प्राप्ति और भुगतान खाते से आय और व्यय खाता बनाने के लिए कौन कौन से चरण हैं?

Answer

  • प्राप्ति एवं भुगतान खाते को ध्यान से देखें।
  • आरंभिक तथा अंतिम शेष, रोकड़ तथा बैंकस्थ को अलग करें क्योंकि यह आय नहीं है।
  • पूँजीगत प्राप्तियों और पूँजीगत भुगतानों को अलग करें क्योंकि इन्हें तुलन पत्र में दर्शाया जाएगा।
  • आय और व्यय खाते के आय पक्ष में दर्शायी गई आगम प्राप्तियों की ओर ध्यान दें।

प्राप्ति और भुगतान खाता क्या है इसकी मुख्य विशेषताएं बताइए?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर- प्राप्ति भुगतान खाता केवल रोकड़ की स्थिति को स्पष्ट करता है। (1) इससे चालू वर्ष की सही आय- व्यय की जानकारी नहीं मिलती है। (2) यह उपार्जन- आधार (Accrual Basis) पर तैयार नहीं किया जाता है। (3) इससे आय का व्यय पर आधिक्य या व्यय का आय पर आधिक्य अथवा शुद्ध लाभ-हानि का या बचत/ घाटे का पता नहीं चलता है।

पूंजी कमी खाता क्या है इसे कब क्यों कैसे बनाया जाता है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: जब एक व्यापार किसी काराण से नुक्सान मे चला जाता है तब पूजी खाता बनाया जाता है।

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प्राप्ति भुगतान खाते का दूसरा नाम क्या है?

इसे सुनेंरोकेंअंग्रेजीमे प्राप्ति भुगतान खाता यानी Receipts and Payments Account।

बैंक में कौन कौन से खाता खोले जा सकते हैं?

बैंकों में खोले जा सकने वाले खातों की सूची | List of Accounts that can be Opened in a Bank | Hindi

  • सावधि जमा खाता (Fixed Deposit Account): सामान्य परिचय (General Introduction):
  • चालू खाता (Current Account):
  • बचत बैंक खाता (Savings Bank Account):
  • आवर्ती जमा खाता (Recurring Deposit Account):

बैंक में कितने खाते खोले जाते हैं?

इसे सुनेंरोकेंबचत खाता 2. चालू खाता 3. सावधि जमा खाता 4. आवर्ती जमा खाता 5.

इसे सुनेंरोकेंA. आय-व्यय खाता किसे कहते हैं? आय-व्यय खाता को लाभ-हानि खाता कहा जाता है यह लाभ न कमाने वाली संस्था के द्वारा बनाया जाता है। यह बिल्कुल वैसे ही तैयार किया जाता है जिस तरह से लाभ- हानि खाता बनता है इसमें केवल आयगत सौदों का ही लेखा किया जाता है, पूंजीगत मदों को नहीं लिखा जाता है।

Muhavare in Hindi: हेलो स्टूडेंट्स, आज हम इस आर्टिकल में हिंदी मुहावरे और अर्थ और वाक्य ( hindi muhavare) के बारे में पढ़ेंगे | यह हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे हर एक विद्यार्थी को जानना जरूरी है |

Table of Contents

  • Muhavare in Hindi
  • Hindi Muhavare Ka Arth – हिंदी मुहावरे और अर्थ और वाक्य प्रयोग
    • Best Hindi Muhavare
  • Hindi Muhavare Aur Unke Arth
  • Types of Idioms – मुहावरों के प्रकार
  • मुहावरों की विशेषता
  • Hindi Muhavare Video
  • FAQs

Muhavare in Hindi

जब कोई वाक्यांश अपने सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ में रूढ़ हो जाता है. तो उसे मुहावरा कहते हैं |

इस लेख में आपको मुहावरे के अर्थ और उनके वाक्य प्रयोग को देखोगे | अगर आप class 12, class 11, class 10, class 9, class 8, class 7, class 6, class 5 & class 4 है तो यह मुहावरे आपके लिए स्टडी में सहायता करेंगे |

आम बातों में भी लोग मुहावरों का इस्तेमाल करते है जैसे – नाच न आवे आगाँ टेढ़ा, अधजल गगरी छलकत जाय आदि |

आय और व्यय खाता कैसे तैयार किया जाता है?

आय-व्यय खाते की विशेषता.
इसमें केवल आगम प्रकृति वाले मदों का लेखा किया जाता है।.
यह खाता लाभ-हानि खाते के समान होता है।.
इस खाते की प्रकृति नाममात्र खाता है।.
इसमें केवल चालू वर्ष के ही आय एवं व्यय लिखा जाता है। पिछले या अगले वर्ष संबंधित आय-व्यय प्रदर्शित नहीं किए जाते हैं।.
पूंजीगत मदों का लेखा नहीं होता है।.

आय व्यय खाता का क्या अर्थ है?

आय और व्यय खाता यह एक लेखा वर्ष के लिए आय और व्यय खाते का सारांश होता है। यह एक व्यापारिक संस्थान द्वारा उपार्जन आधार पर तैयार किए गए लाभ और हानि खाते की तरह ही होता है। इस खाते में केवल आयगत प्रकृति की मदों को शामिल किया जाता है तथा वर्ष के अंत में शेष आधिक्य तथा कमी को दर्शाता है।

आय और व्यय खाते के संबंध में कौन सा कथन सही है?

सही उत्तर इसमें केवल वर्तमान लेखा अवधि के केवल राजस्व प्रकृति के आइटम शामिल हैं। Key Pointsआय और व्यय: एक आय और व्यय खाता एक वित्तीय वर्ष के दौरान एक गैर-लाभकारी संगठन द्वारा किए गए सभी आय और व्यय का पूर्ण विवरण है। यह एक गैर-लाभकारी संगठन द्वारा तैयार किया गया है।