आरक्षण से क्या फायदा होता है? - aarakshan se kya phaayada hota hai?

आरक्षण के फायदे

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सेवाओं में जाटों को आरक्षण देने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार ने राष्ट्रीय पिछड़ी जाति आयोग से कहा है कि वह इस मुद्दे पर अपनी सिफारिश भेजे, ताकि नौकरियों में...

आरक्षण से क्या फायदा होता है? - aarakshan se kya phaayada hota hai?

लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 20 Dec 2013 08:12 PM

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने केंद्रीय सेवाओं में जाटों को आरक्षण देने के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। सरकार ने राष्ट्रीय पिछड़ी जाति आयोग से कहा है कि वह इस मुद्दे पर अपनी सिफारिश भेजे, ताकि नौकरियों में आरक्षण के इस फैसले को अमल में लाया जाए। यह साफ है कि सरकार इस मामले में जल्दी फैसला करना चाहती है, ताकि लोकसभा चुनाव में इसका फायदा मिल सके। यह फैसला राजनीतिक वजहों से लिया गया है, यह इस बात से भी जाहिर होता है कि आयोग दो साल पहले ही जाट आरक्षण का प्रस्ताव खारिज कर चुका है और उसे अपनी बात पर पुनर्विचार करने के लिए कहने के पीछे एकमात्र वजह राजनीति ही हो सकती है। इसके अलावा भारतीय सामाजिक विज्ञान शोध परिषद (आईसीएसएसआर) को छह राज्यों में जाटों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए कहा जा चुका है, ताकि यह तय किया जा सके कि क्या आर्थिक-सामाजिक नजरिये से जाट पिछड़ी जाति में आ सकते हैं। अब सरकार ने पिछड़ी जाति आयोग से कहा है कि वह परिषद के अध्ययन के नतीजों का इंतजार न करे और अपनी सिफारिश भेज दे। शायद सरकार चाहती है कि आयोग अपनी मंजूरी दे, क्योंकि बिना आयोग की मंजूरी के आरक्षण नहीं दिया जा सकता।

सरकार या सरकार में शामिल पार्टियों को यह दिख रहा है कि कई जाट बहुल क्षेत्रों में उनकी स्थिति ठीक नहीं है। राजस्थान के ताजा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारी है, जहां जाट कई विधानसभा क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण हैं। उत्तर प्रदेश के जाट बहुल पश्चिमी क्षेत्र में पिछले दिनों हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद यह लग रहा है कि बहुसंख्यक समुदाय भारतीय जनता पार्टी के साथ जा सकता है। ऐसे में, मुमकिन है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुकाबला भाजपा और बसपा के बीच सिमट जाए। लेकिन अजित सिंह के राष्ट्रीय लोकदल का तो यही क्षेत्र है, इसलिए अजित सिंह जाट आरक्षण की मांग करते रहे हैं। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार है और मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद जाट हैं। सरकार को यह उम्मीद होगी कि हुड्डा इस तरह जाटों में अपनी स्थिति और ज्यादा मजबूत कर पाएंगे। यह फैसला किस हद तक वोटरों को प्रभावित कर पाएगा, यह तो चुनाव में ही पता चलेगा, लेकिन सरकार ने दांव खेल दिया है।
इन दिनों जातिगत आरक्षण का मामला बुनियादी तौर पर राजनीति के समीकरण से ही तय होता है, पिछड़ी जातियों का उत्थान या सामाजिक बराबरी जैसे मुद्दे अब लगभग अप्रासंगिक हो गए हैं।

विश्वनाथ प्रताप सिंह के प्रधानमंत्रित्व के दौर में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद आरक्षण का राजनीतिक महत्व सामने आ रहा है। एक वक्त था, जब जाट अपने को पिछड़ी जाति कहे जाने का विरोध करते थे, लेकिन पिछले लंबे दौर से वे पिछड़ी जाति घोषित किए जाने के लिए आंदोलन चलाते रहे हैं। कुछ राज्यों में तो उन्हें पिछड़ी जाति घोषित कर भी दिया गया है। अब केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण का लाभ भी उन्हें जल्दी ही मिल सकेगा। इस राजनीतिक उठा-पटक के कुछ नतीजे अच्छे भी आए हैं। उत्तर भारत में पिछड़ी जातियां राजनीतिक स्तर पर ज्यादा मुखर और ताकतवर हुई हैं, अब ज्यादातर उत्तरी राज्यों में किसी सवर्ण नेता का मुख्यमंत्री बनना लगभग असंभव है, दक्षिणी राज्यों में यह स्थिति पहले से ही थी। आरक्षण के सियासी इस्तेमाल के नफे-नुकसान का वस्तुनिष्ठ आकलन तो फिलहाल मुश्किल है, अलबत्ता पार्टियों के लिए इसका चुनावी उपयोग तो अभी बना हुआ है। 2014 के आम चुनाव पर इस दांव का कितना असर होगा, यह जानने के लिए अभी कुछ इंतजार करना होगा।

आरक्षण से क्या फायदा होता है? - aarakshan se kya phaayada hota hai?

आरक्षण किसको कितना मिलता है?

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में रोस्टर जारी किया है. इसमें अनुसूचित जाति को 16%, अनुसूचित जनजाति को 20%, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% और आर्थिक रूप से कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए 10% आरक्षण लागू किया गया है. अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 8 मार्च 2019 और ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण 2 जुलाई 2019 से लागू है.

आरक्षण क्यों मिलना चाहिए?

सरकारी सेवाओं और संस्थानों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं रखने वाले पिछड़े समुदायों तथा अनुसूचित जातियों और जनजातियों से सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए भारत सरकार ने अब भारतीय कानून के जरिये सरकारी तथा सार्वजनिक क्षेत्रों की इकाइयों और धार्मिक/भाषाई अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थानों को छोड़कर सभी सार्वजनिक ...

आरक्षण का लाभ कैसे मिलता है?

सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण सरकार ने जनवरी 2019 को लोकसभा में संविधान संशोधन बिल [1] लाकर सवर्णों के लिए भी 10% आरक्षण प्रदान कर दिया है. लेकिन यह आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जा रहा है. सामान्य वर्ग में आने वाले सभी धर्मों के लोगों को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर ही आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा.

नौकरी में आरक्षण का क्या मतलब है?

हालांकि, अनुच्छेद 16(4) कहता है कि अगर सरकार को लगे कि किसी वर्ग के लोगों के पास सरकारी नौकरी में प्रतिनिधित्व नहीं है तो वो आरक्षण दे सकती है. वहीं, अनुच्छेद 16(4A) इस बात की छूट देता है कि नौकरियों में प्रतिनिधित्व की कमी दूर करने के लिए सरकार अनुसूचित जाति और जनजाति को प्रमोशन में आरक्षण दे सकती है.