Home / Hindi Portal / General Awareness MCQs / Question Show
K Kartik Sharma · Follow 1283 Bookmark Report Q. भारत में सर्वाधिक निर्यात होने वाली सब्जी है ? (A) आलू (B) भिन्डी (C) प्याज (D) मिर्च Subject: General Awareness Exam: BANK CLERK BANK PO RAILWAY SSC TET 1 person upvoted this question 1 Upvote Share Share this question in group: Login required to perform this action. Create an account | Already have account? Login Close
Previous MCQ Next MCQ You must be Logged in to update hint/solution Rate this question 0% 100% 2 5 Star 0 4 Star 0 3 Star 0 2 Star 0 1 Star DiscusssionLogin to discuss. Homedainik-bhaskar-daily-quizभारत में सर्वाधिक निर्यात होने वाली सब्जी है?* bharat mein Sarvadhik Niryat Hone Wali Sabji hai? भारत में सर्वाधिक निर्यात होने वाली सब्जी है ?*bharat mein Sarvadhik Niryat Hone Wali Sabji hai?Q3# भारत में सर्वाधिक निर्यात होने वाली सब्जी है ?* (C) प्याज Also Play: Amazon Quiz and chance to win Smartphone, Amaozn Pay Balance & More prizes Daily See Answers : April Edition Jackpot Quiz See Answers : Redmi Amoled Display Quiz See Answers : XIAOMI 12 Pro 5G Quiz See Answers : Mini TV Murder in Agonda Spin and Win Quiz Post a Comment0 Commentsवाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत ने 2020-21 के दौरान कृषि निर्यात में शानदार वृद्धि दर्ज कराई 2020-21 के दौरान कृषि एवं संबद्ध उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़कर 41.25 बिलियन डॉलर तक पहुंचा जो 17.34 प्रतिशत की बढोतरी इंगित करती हैजैविक निर्यात ने 50.94 प्रतिशत की बढोतरी दर्ज कराईकोविड-19 महामारी के दौरान किए गए उपायों ने निर्बाधित निर्यात सुनिश्चित कियाPosted On: 10 JUN 2021 1:09PM by PIB Delhi भारत सरकार के वाणिज्य विभाग के सचिव डॉ. अनूप वधावन ने आज कहा कि 2020-21 के दौरान कृषि निर्यात ने शानदार प्रदर्शन किया है। मीडिया के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने जानकारी दी कि पिछले तीन वर्षों (2017-18 में 38.43 बिलियन डॉलर, 2018-19 में 38.74 बिलियन डॉलर तथा 2019-20 में 35.16 बिलियन डॉलर) तक स्थिर बने रहने के बाद 2020-21 के दौरान कृषि एवं संबद्ध उत्पादों (समुद्री तथा बागान उत्पादों सहित) का निर्यात तेजी से बढ़कर 41.25 बिलियन डॉलर तक पहुंचा जो 17.34 प्रतिशत की बढोतरी को इंगित करता है। रुपये के लिहाज से यह वृद्धि 22.62 प्रतिशत है जो 2019-20 के 2.49 लाख करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 2020-21 के दौरान 3.05 लाख करोड़ रुपये तक जा पहुंचा। 2019-20 के इौरान भारत का कृषि और संबद्ध आयात 20.64 बिलियन डॉलर था और 2020-21 के तदनुरुपी आंकड़ें 20.67 बिलियन डॉलर के हैं। कोविड-19 के बावजूद, कृषि में व्यापार संतुलन में 42.16 प्रतिशत का सुधार आया है जो 14.51 बिलियन डॉलर से बढ़कर 20.58 बिलियन डॉलर हो गया। कृषि उत्पादों (समुद्री तथा बागान उत्पादों को छोड़कर) के लिए वृद्धि 28.36 प्रतिशत है जो 2019-20 के 23.23 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2020-21 के दौरान 29.81 प्रतिशत तक जा पहंचा। भारत कोविड-19 अवधि के दौरान स्टेपल के लिए बढ़ी हुई मांग का लाभ उठाने में सक्षम रहा है। अनाजों के निर्यात में भारी वृद्धि देखी गई है जिसमें गैर-बासमती चावल का निर्यात 136.04 प्रतिशत बढ़कर 4794.54 मिलियन डॉलर का रहा, गेहूं का निर्यात 774.17 प्रतिशत बढ़कर 549.16 मिलियन डॉलर का रहा, तथा अन्य अनाजों (मिलेट, मक्का तथा अन्य मोटे अनाज) का निर्यात 238.28 प्रतिशत बढ़कर 694.14 मिलियन डॉलर का रहा। अन्य कृषि संबंधी उत्पादों, जिनके निर्यात में 2019-20 के दौरान उल्लेखनीय बढोतरी दर्ज कराई गई, में आयल मील (1575.34 मिलियन डॉलर-90.28 प्रतिशत की बढोतरी), चीनी (2789.97 मिलियन डॉलर-41.88 प्रतिशत की बढोतरी), कच्चा कपास (1897.20 मिलियन डॉलर-79.43 प्रतिशत की बढोतरी), ताजी सब्जियां (721.47 मिलियन डॉलर-10.71 प्रतिशत की बढोतरी) और वेजीटेबल आयल (602.77 मिलियन डॉलर-254.39 प्रतिशत की बढोतरी) शामिल हैं। भारत के कृषि उत्पादों के सबसे बड़े बाजारों में अमेरिका, चीन, बांग्लादेश, यूएई, वियतनाम, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, नेपाल, ईरान और मलेशिया शामिल हैं। इनमें से अधिकांश गंतव्यों ने वृद्धि प्रदर्शित की है जिसमें सर्वाधिक वृद्धि इंडोनेशिया (102.42 प्रतिशत), बाग्ला देश (95.93 प्रतिशत) और नेपाल (50.49 प्रतिशत) में दर्ज की गई। अदरक, काली मिर्च, दाल चीनी, इलायची, हल्दी, केसर आदि जैसे मसालों जो उपचारात्मक गुणों के लिए जाने जाते हैं, के निर्यात में भी भारी बढोतरी दर्ज की गई है। 2020-21 के दौरान, काली मिर्च के निर्यात में 28.72 प्रतिशत की बढोतरी हुई जो बढ़कर 1269.38 मिलियन तक जा पहुंचा, दाल चीनी के निर्यात में 64.47 प्रतिशत की बढोतरी हुई जो बढ़कर 11.25 मिलियन तक जा पहुंचा, जायफल, जावित्री और इलायची के निर्यात में 132.03 प्रतिशत की बढोतरी हुई (जो 81.60 मिलियन डॉलर से बढ़कर 189.34 मिलियन तक जा पहुंचा), अदरक, केसर, हल्दी, अजवायन, तेज पत्ता आदि के निर्यात में 35.44 प्रतिशत की बढोतरी हुई जो बढ़कर 570.63 मिलियन तक जा पहुंचा। मसालों के निर्यात ने 2020-21 के दौरान लगभग 4 बिलियन डॉलर का अब तक का सर्वोच्च स्तर छू लिया। 2020-21 के दौरान जैविक निर्यात 1040 मिलियन डॉलर का रहा जो 2019-20 में 689 मिलियन डॉलर का था, यह 50.94 प्रतिशत की बढोतरी दर्शाता है। जैविक निर्यातों में ऑयल केक/मील, तिलहन, अनाज एवं बाजरा, मसाले एवं कोंडीमंट (छौंक), चाय, औषधीय पादप उत्पाद, सूखे मेवे, चीनी, दलहन, काफी आदि शामिल हैं। पहली बार कई क्लस्टरों से भी निर्यात हुए हैं। उदाहरण के लिए, वाराणसी से ताजी सब्जियों तथा चंदौली से काले चावल का पहली बार निर्यात हुआ है जिससे उस क्षेत्र के किसानों को सीधा लाभ हासिल हुआ है। अन्य क्लस्टरों अर्थात नागपुर से संतरे, थेनी और अनंतपुर से केले, लखनऊ से आम आदि से भी निर्यात हुए हैं। महामारी के बावजूद, मल्टीमोडल मोड द्वारा ताजी बागवानी ऊपज का निर्यात हुआ और खेपों को इन क्षेत्रों से हवाई जहाज और समुद्र के रास्ते दुबई, लंदन तथा अन्य गंतव्यों पर भेजा गया। मार्केट लिंकेज के लिए विभाग, फसल उपरांत वैल्यू चेन विकास तथा एफपीओ जैसे संस्थागत संरचनाओं की आरंभिक सहायता से पूर्वोत्तर के किसान भारतीय सीमाओं से आगे भी अपने मूल्य वर्द्धित उत्पादों को भेज सकने में सक्षम हुए। अनाज निर्यात का प्रदर्शन भी 2020-21 के दौरान बहुत अच्छा रहा है। हम पहली बार कई देशों को निर्यात करने में सक्षम रहे हैं। उदाहरण के लिए, चावल का तिमोर-लेस्टे, प्यूर्तो रिको, ब्राजील आदि जैसे देशों में निर्यात किया गया है। इसी प्रकार, गेहूं का निर्यात भी यमन, इंडोनेशिया, भूटान आदि देशों में किया गया है और अन्य अनाजों का निर्यात सूडान, पोलैंड बोलिविया आदि को किया गया है। कोविड-19 महामारी के दौरान किए गए उपाय
कृषि निर्यात नीति और निर्यात संवर्धन उपायों का कार्यान्वयन सरकार द्वारा अब तक की पहली कृषि निर्यात नीति (एईपी) दिसंबर 2018 में लागू की गई। एईपी के कार्यान्वयन की प्रक्रिया के एक हिस्से के रूप में, 18 राज्यों अर्थात महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, केरल, नगालैंड, तमिलनाडु, असम, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मणिपुर, सिक्किम, मिजोरम एवं उत्तराखंड तथा दो केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात लद्वाख और अंडमान निकोबार द्वीपसमूह ने राज्य विशिष्ट कार्य योजना को अंतिम रूप दे दिया है। 25 राज्यों एवं 4 यूटी में राज्य स्तरीय निगरानी समितियां गठित कर दी गई हैं। 28 राज्यों तथा 4 यूटी ने एईपी के कार्यान्वयन के लिए सबंधित नोडल एजेन्सियां नामांकित कर दी हैं। क्लस्टर विकास कृषि निर्यात नीति के एक हिस्से के रूप में, निर्यात संवर्धन के लिए 46 अनूठे उत्पाद-जिला क्लस्टरों की पहचान की गई है। 29 क्लस्टर स्तर समितियों का विभिन्न क्लस्टरों में गठन किया गया है। निर्यात के लिए क्लस्टर एक्टीवेशन: वाणिज्य विभाग ने क्लस्टरों के एक्टीवेशन के लिए एफपीओ तथा निर्यातकों को लिंक करने के लिए अपीडा के जरिये कदम उठाया। कथित लिकिंग के बाद, ट्रांसपोर्टशन/ लॉजिस्टिक मुद्वों का समाधान किया गया तथा लैंड लॉक्ड क्लस्टरों से निर्यात किया गया। कुछ सफलता गाथाएं निम्नलिखित हैं:
इन क्लस्टरों को बहुत कम या बिना किसी अतिरिक्त निवेशों के, विद्यमान संसाधनों का उपयोग करने के जरिये सक्रिय बनाया गया है। इन क्लस्टरों से निर्यात नियमित आधार पर किए जा रहे हैं। देश-विशिष्ट कृषि निर्यात कार्यनीति रिपोर्ट: उत्पादों, उनकी क्षमता की पहचान करने तथा भविष्य के लिए देश-विशिष्ट कृषि निर्यात कार्यनीति तैयार करने के लिए 60 भारतीय मिशनों तथा हितधारकों के साथ परस्पर संपर्क किया गया। उत्पाद-विशिष्ट उपायों पर रिपोर्ट: भारत के निर्यातों को बढ़ावा देने के लिए, व्यापार में विद्यमान एसपीएस/टीबीटी मुद्वों के समाधान के लिए एक विस्तृत विश्लेषण किया गया। इस रिपोर्ट का शीर्षक ‘भारत के कृषि संबंधी निर्यातों का टैरिफ नुकसान‘ है और यह एईपी के तहत निर्यात को बढ़ावा देने के लिए चिन्हित संभावित निर्यात उत्पादों पर आधारित है। वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठक-यूएई, कुवैत, इंडोनेशिया, स्विट्जरलैंड, बेल्जियम, ईरान, कनाडा (जैविक उत्पाद), यूएई तथा अमेरिका (जीआई उत्पाद), जर्मनी, दक्षिण अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, थाईलैंड, ओमान, भूटान, अजरबैजान, कतर, सऊदी अरब, नेपाल, उजबेकिस्तान, वियतनाम, नीदरलैंड, ब्रुनेई तथा कंबोडिया (पशु उत्पाद) के साथ 24 वी-बीएसएम आयोजित किए गए हैं। प्रत्येक बीएसएम के सहभागी निर्यातकों, आयातकों, व्यापार संघों के विवरण के ई-कैटेलाग जारी किए गए। वर्चुअल ट्रेड फेयर (वीटीएफ)-अपीडा ने अपना खुद का वर्चुअल ट्रेड फेयर (वीटीएफ) ऐप्लीकेशन डेवेलप करने की पहल की। वर्चुअल प्लेटफार्म कई देशों के कृषि आयातक तथा हमारे देश के कृषि निर्यातकों को सहभागिता के जरिये परस्पर संपर्क करने का अवसर प्रदान करेगा। पहला वर्चुअल ट्रेड फेयर 10-12 मार्च 2021 के दौरान अनाज उत्पाद सेक्टर के लिए आयोजित किया गया था। ताजे फलों तथा सब्जियों के लिए वीटीएफ 27-29 मई 2021 को आयोजित किया गया था। भारत के विभिन्न दूतावासों में कृषि प्रकोष्ठ- अपीडा विभिन्न देशों में हमारे मिशनों में 13 कृषि प्रकोष्ठों से मशविरा कर रहा है और वर्तमान मार्केट इंटेलीजेंस सेल को और सुदृढ़ बनाने के लिए रियल टाइम आधार पर इनपुट मांग रहा है। विशिष्ट देशों से संबधित कार्यनीति तैयार करते समय कृषि प्रकोष्ठों से प्राप्त समेकित रिपोर्टों को रेफर किया जा रहा है। फार्मर कनेक्ट पोर्टल: निर्यातकां के साथ परस्पर संपर्क करने के लिए एफपीओ/एफपीसी, सहकारी संघों के लिए मंच उपलब्ध कराने हेतु अपीडा की वेबसाइट पर एक फार्मर कनेक्ट पोर्टल का निर्माण किया गया है। मिडल ईस्ट पर फोकस मिडल ईस्ट के देशों में कृषि को बढ़ावा देने के लिए, इन देशों में भारतीय मिशनों के परामर्श से देश विशिष्ट कृषि निर्यात कार्यनीति तैयार की गई है। संभावित आयातक के साथ परस्पर संपर्क करने के लिए भारतीय निर्यातकों को एक मंच उपलब्ध कराने के लिए संबंधित देशों के भारतीय मिशनों के सहयोग से संभावित देशों में वर्चुअल क्रेता विक्रेता बैठकों का आयोजन किया गया। ऐसे वीबीएसएम का आयोजन मिडल ईस्ट के सा देशों अर्थात-यूएई, ओमान, बहरीन, कुवैत, कतर, सऊदी अरब तथा ईरान में किया गया। इसने निर्यातकों एवं आयातकों को व्यवसाय करने के लिए भविष्य में और परस्पर संपर्क करने के लिए एक वर्चुअल मंच उपलब्ध कराया है। खाड़ी क्षेत्र में कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने की कार्यनीति पर एक वर्चुअल बैठक जीसीसी देशों (ओमान, सऊदी अरब, यूएई तथा बहरीन) के भारतीय दूतावासों के साथ 20 मई 2020 को आयोजित की गई। इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन मिडल इ्रस्ट के देशों में भारतीय कृषि उत्पादों के लिए एक मार्केटिंग अभियान की योजना बना रही है। जीसीसी देशों को भारत के सबसे बड़े कृषि उत्पाद निर्यात चावल, भैंस का मांस, मसाले, समुद्री उत्पाद, ताजे फल एवं सब्जियां और चीनी हैं। जीसीसी देशों को भारत के गैर बासमती चावल के निर्यात में 2020-21 में 26.01प्रतिशत की बढोतरी हुई। कोविड-19 महामारी के कारण पशुधन उत्पादों तथा समुद्री उत्पादों के निर्यात के काफी प्रभावित होने के बावजूद, जीसीसी देशों को निर्यात में 7.15 प्रतिशत की बढोतरी हुई। बाजार पहुंच विभाग कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के सहयोग से विदेशी बाजारों में भारतीय उत्पादों के लिए बाजार पहुंच अर्जित करने के लिए लगातार प्रयास करता रहा है। भारत ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में अनार के लिए, अर्जेंटीना में आम और बासमती चावल के लिए, ईरान में गाजर के बीज के लिए, उजबेकिस्तान में गेहूं के आटे, बासमती चावल, अनार एरिल, आम, केला तथा सोयाबीन आयलकेक के लिए, भूटान में टमाटर, भिंडी और प्याज के लिए तथा सर्बिया में नारंगी के लिए बाजार पहुंच हासिल की। नए उत्पादों पर फोकस कृषि उत्पादो के भारत के निर्यात बास्केट को विस्तारित करने तथा भारत के विशिष्ट उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं-
ईयू को बासमती चावल के निर्यात के लिए ईयू मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करना भारत में चावल की खेती में व्यापक रूप से प्रयोग किए जाने वाले ट्राइसाइक्लेजोल तथा बुप्रोफेजिन जैसे रसायनों के लिए ईयू द्वारा लगाये जाने वाले कड़े मानदंडों के कारण कीटनाशक अवशेषों की समस्या ने ईयू को बासमती चावल के निर्यात को प्रभावित किया है। ईयू को बासमती चावल के निर्यातों के लिए ईआईसी टेस्टिंग को अनिवार्य बना दिया गया है जिसके कारण अलर्टों की संख्या में कमी आई है। वाणिज्य विभाग द्वारा निरंतर अनुवर्ती कार्रवाई के परिणामस्वरूप, पंजाब सरकार ने खरीफ सीजन 2020 के दौरान ट्राइसाइक्लेजोल तथा बुप्रोफेजिन सहित 9 रसायनों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया। अपीडा ने व्यापार निकायों के सहयोग से बासमती उगाने वाले क्षेत्रों में जागरुकता फैलाने के लिए कदम उठाये हैं। यह सुनिश्चित करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं कि ईयू द्वारा ट्राइसाइक्लेजोल तथा बुप्रोफेजिन के लिए इंपोर्ट टोलेरेंस लिमिट्स (आईटीएल) निर्धारित करने की प्रक्रिया में देरी न हो। **** एमजी/एएम/एसकेजे/सीएस (Release ID: 1726097) Visitor Counter : 22570 भारत से सर्वाधिक निर्यात कौन सी सब्जी का होता है?इसमें सभी तरह की सब्जियां शामिल हैं। इसमें सर्वाधिक 63.3 प्रतिशत प्याज होती है। इसके बाद आलू 12.2 प्रतिशत, टमाटर 5 प्रतिशत, 4.3 प्रतिशत गोभीवर्गीय सब्जी, 2 प्रतिशत मटर, 1.7 प्रतिशत बैंगन, 1.5 प्रतिशत लौकी, 1.3 प्रतिशत तरबूज, 1.1 प्रतिशत पालक और 1.1 प्रतिशत गाजर का उत्पादन शामिल है।
आलू भिंडी प्याज इनमें से भारत से सर्वाधिक निर्यात किसका होता है?श्रीलंका को भारतीय प्याज का निर्यात आलोच्य अवधि में 1.44 लाख टन से 12.5 फीसदी बढ़कर 1.62 लाख टन पर पहुंच गया. वैल्यू के हिसाब से यह 44.19 मिलियन डॉलर से 25 फीसदी बढ़कर 55.33 मिलियन डॉलर हो गया. इसी तरह नेपाल को प्याज का निर्यात साल भर पहले के 1.13 लाख टन से बढ़कर 2021-22 में 1.67 लाख टन पर पहुंच गया.
भारत के निर्यात में कौन कौन सी वस्तुएं महत्वपूर्ण है?भारत से निर्यात किए जाने वाले टॉप 10 उत्पादों की सूची. इंजीनियरिंग सामान 25.9. 22.4.. रत्न और आभूषण 14.4. -3.8.. रासायनिक और संबद्ध उत्पाद 14.5. 11.9.. वस्त्र और संबंधित उत्पाद 11.8. 3.8.. पेट्रोलियम क्रूड और संबद्ध उत्पाद 11.8. 17.6.. कृषि और संबद्ध उत्पाद 9.7. 15.0.. इलेक्ट्रॉनिक सामान 2.0. 4.5.. समुद्री उत्पाद 2.7. 29.5.. |