आमंत्रण
और निमंत्रण में बहुत फर्क है भले ही दोनों एक ही अर्थ में प्रयुक्त होते हो। अब विस्तार से इनको समझते है कि इनमें क्या फर्क है। आमंत्रण का अर्थ भी किसी को बुलाना ही होता है ।जब कभी भी कहीं कोई सामाजिक कार्यकरम आयोजित किया जाता है या कोई सामूहिक प्रोग्राम किया जाता वहां पर सभी लोगो को आमंत्रित किया जाता है आमंत्रण में लोगो की इच्छा पर बात होती है कि उनकी इच्छा हो रही है आने की या नहीं उसमे कुछ विशेष नहीं की आपको आना ही आना है वह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है निमंत्रणचलो अब निमंत्रण की बात करते हैं निमंत्रण का अर्थ भी किसी को बुलाना ही है निमंत्रण किसी को सत्कार पूर्वक अपने घर बुलाना है जैसे निमंत्रण हम किसी व्यक्ति को विशेष रूप से भेजते है वैसे निमंत्रण विशेष आयोजन पर अपने प्रिय जनों को दिया जाता है जैसे किसी के घर में विवाह है या चूड़ा कर्म है या अन्य कोई अपने घर के आयोजन है उसमे आप सबको निमंत्रण भेजते है यहां पर आप किसी को अपने घर आमंत्रित नहीं करते हो किसी को। निमंत्रण का अर्थ है कि आपको आना ही आना है आप माना नहीं कर सकते। अगर आपको निमंत्रण दे रखा है और आप नहीं गए तो इसमें उनको दुख होगा कि आप नहीं आए । बस यही फर्क है निमंत्रण और आमंत्रण में निमंत्रण में आपकी इच्छा नहीं चलेगी और आमंत्रण में आपकी इच्छा पर बात है । आमंत्रण अनौपचारिक होता है और निमंत्रण औपचारिकनिमंत्रण में समय निर्धारित होता है और जो समय दिया रहता है अतिथि से उसी में आने की अपेक्षा की जाती है. निमंत्रण में रुकने का या ठहरने का प्रावधान नहीं होता, आमंत्रण हम सदस्यों को या अपनों को देते हैं औपचारिकता नहीं रहती। अगर आवश्यकता पड़े तो ठहरने की व्यवस्था भी की जाती है जिसे आमंत्रित व्यक्ति खुद भी कर लेता है. मित्र, भाई, बहन या कछ और अनौपचारिक संबंधी आमंत्रित किये जाते हैं. सभा में सदस्यों को आमंत्रित किया जाता है। जैसे कोरा में आने के लिए सभी आमंत्रित हैं… कवि सम्मेलन, नेताओं की स्पीच, जुलूस आदि में लोग आमंत्रित किये जाते हैं लेकिन भोज, शादी, कार्ड या पास के द्वारा किसी को निमंत्रित किया जाता है। संबन्धित अन्तर
NOT SATISFIED ? - ASK A QUESTION NOW * Question must be related to education, otherwise your questions deleted immediately ! Post navigationआमंत्रण और निमंत्रण में क्या अंतर होता है?सामान्य रूप से 'आमंत्रण' और निमंत्रण बुलावा के लिए प्रयुक्त होते है, परंतु 'आ' और 'नि' के चलते इनके अर्थो में विशिष्टता आ गई है। आमंत्रण में अच्छी तरह बुलाने का भाव निहित है। निमंत्रण भी अच्छी तरह का ही बुलावा है, पर भोजन आदि का हेतु विशेष रूप से इसमें जुड़ गया है। न्योता इसी निमंत्रण से निकला है।
आमंत्रण माने क्या होता है?- न्योता; बुलावा; निमंत्रण।
भंडारे का निमंत्रण कैसे लिखें?हनुमान जयंती पर सुबह 4.30 बजे से गन्ने के रस से अभिषेक, 5 बजे चोला बदल कर शृंगार, 5.30 बजे महाआरती, 7.30 बजे यज्ञ हवन, शाम 7 बजे से भंडारे की प्रसादी वितरित की जाएगी, जो रात 12 बजे तक चलेगा।
निमंत्रण पत्र कितने प्रकार के होते हैं?आवेदन पत्र पत्र नौकरी हेतु.
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