कंजंक्टिवाइटिस - सुबह के वक्त आंख चिपकी मिलती है और कीचड़ आने लगता है, तो यह
बैक्टिरियल कंजंक्टिवाइटिस का लक्षण हो सकता है। इसमें ब्रॉड स्पेक्ट्रम ऐंटिबायॉटिक आई-ड्रॉप्स जैसे सिपरोफ्लॉक्सेसिन (Ciprofloxacin), ऑफ्लोक्सेसिन (Ciprofloxacin), गैटिफ्लोक्सेसिन (Ciprofloxacin), स्पारफ्लोक्सेसिन (Sparfloxacin) यूज कर सकते हैं। एक-एक बूंद दिन में तीन से चार बार डाल सकते हैं। दो से तीन दिन में अगर ठीक नहीं होते तो किसी आंखों के डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। - अगर आंख लाल हो जाती है और उससे पानी गिरने लगता है, तो यह वायरल और एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है। वायरल
कंजंक्टिवाइटिस अपने आप पांच से सात दिन में ठीक हो जाता है लेकिन इसमें बैक्टीरियल इंफेक्शन न हो, इसलिए ब्रॉड स्पेक्ट्रम ऐंटिबायॉटिक आई-ड्रॉप का इस्तेमाल करते रहना चाहिए। आराम न मिले तो डॉक्टर से सलाह लें। - आंख में चुभन महसूस होती है, तेज रोशनी में चौंध लगती है, आंख में तेज खुजली होती है, तो यह एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस हो सकती है। क्लोरफेनेरामिन (Chlorphenaramine) और सोडियम क्रोमोग्लाइकेट (Sodium Cromoglycate) जैसी ऐंटिएलर्जिक आई-ड्रॉप्स दिन में तीन बार एक-एक बूंद डाल सकते हैं। दो से तीन दिन
में आराम न मिले तो डॉक्टर की सलाह लें। - कंजंक्टिवाइटिस होने पर मरीज को अपनी आंख दिन में तीन-चार बार साफ पानी से धोनी चाहिए। - कंजंक्टिवाइटिस में स्टेरॉयड वाली दवा जैसे डेक्सामिथासोन (Dexamethasone), बीटामिथासोन (Betamethasone) आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर जरूरी है, तो सिर्फ डॉक्टर की सलाह से ही आई-ड्रॉप्स डालें और उतने ही दिन जितने दिन आपके डॉक्टर कहें। स्टेरॉयड वाली दवा के ज्यादा इस्तेमाल से काफी नुकसान देखने को मिल सकते हैं। - ये सभी दवाएं जेनरिक हैं। दवाएं बाजार में
अलग-अलग ब्रैंड नामों से उपलब्ध हैं। बचाव - ऐसे शख्स का तौलिया या रुमाल भी इस्तेमाल नही करना चाहिए। बरसात के मौसम में स्विमिंग पूल में नहीं जाना चाहिए वरना कंजंक्टिवाइटिस इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा रहता है। - गर्मी के मौसम में अच्छी क्वॉलिटी का धूप का चश्मा पहनना चाहिए। चश्मा आंख को तेज धूप, धूल और गंदगी से बचाता है, जो एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस के कारण होते हैं। कॉर्नियल अल्सर लक्षण इलाज - ब्रॉड स्पेक्ट्रम ऐंटिबायॉटिक आई-ड्रॉप दिन में तीन से चार बार डालनी चाहिए। - कॉर्नियल अल्सर आंख की एक गंभीर समस्या है इसलिए इसमें फौरन आंखों के डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए। इलाज में देरी करने से आंख में फुला या माड़ा (कॉर्नियल ओपेसिटी) होने और व्यक्ति के अंधा तक हो जाने की आशंका होती है। - इसमें स्टेरॉयड वाली दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसी दवाएं कॉर्नियल ओपेसिटी की आशंका को बढ़ा देती हैं। काला मोतिया (ग्लूकोमा) लक्षण इलाज आयराइटिस -आंख में दर्द होना। इलाज स्कलेराइटिस लक्षण इलाज एपीस्क्लेराइटिस लक्षण इलाज एंडोफ्थेलमाइटिस आंख में चोट (लेखक संयुक्त जिला चिकित्सालय, संजयनगर, गाजियाबाद में सीनियर कंसलटेंट हैं) Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें आंख लाल होने पर कौन सा ड्रॉप डालना चाहिए?आप डीकन्जेस्टेन्ट आई ड्रॉप को पहचान लेंगे क्योंकि इसका विज्ञापन प्रायः लाल आंखों को राहत देने वाले आई ड्रॉप के रूप में किया जाता है। डीकन्जेस्टेन्ट आई ड्रॉप आपकी आंखों की लालिमा घटाते तो हैं, पर लंबे समय तक उपयोग करने पर वे आंख में सूखेपन के लक्षणों को और बदतर भी बना सकते हैं।
लाल आंखों को कैसे ठीक करें?बचने के उपाय. अगर किसी को आंखों के लालपन की समस्या है तो उसके संपर्क में आने के बाद हाथों को धोएं।. अधिक देर तक कांटेक्ट लेंस न लगाए रखें।. नियमित रूप से अपने कांटेक्ट लेंसों को साफ करते रहें।. उन गतिविधियों से बचें, जिनसे आंखों में तनाव हो।. रसायनों और आंखों के लिए हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आने से बचें।. आंखों की सबसे अच्छी दवाई कौन सी है?Eye vision: आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक दवा है गेंदा, जानें धुंधलापन दूर करने वाली 4 जड़ी-बूटियों के नाम. त्रिफला (Triphala) जैसा कि नाम से पता चलता है, त्रिफला एक सूत्र है जिसमें तीन फल होते हैं - हरीतकी, आंवला और बिभीतकी। ... . जिन्कगो बिलोबा (Ginkgo Biloba) ... . केलैन्डयुला (Calendula) ... . बादाम (Almond). आंख आने पर कौन सी दवा डालें?बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस में एंटीबायोटिक्स, ऑइंटमेंट (मरहम/जैल) और आई ड्रॉप्स के प्रयोग से कुछ ही दिनों में समस्या दूर हो जाती है। एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस: एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस में आंखों में सूजन भी आ जाती है। इसलिए इसके उपचार में एंटी हिस्टामिन आई ड्रॉप्स के साथ एंटी इन्फ्लैमेटरी आई ड्रॉप्स भी दी जाती हैं।
|