किसी व्यक्ति की बुद्धि या समझ की परीक्षा लेने वाले एक प्रकार के प्रश्न, वाक्य अथवा वर्णन को पहेली (Puzzle, Riddle) कहते हैं, जिसमें किसी वस्तु का लक्षण या गुण घुमा फिराकर भ्रामक रूप में प्रस्तुत किया जाता है। अगर आप अपने दिमाग को मजबूत करना चाहते हैं, तो पहेलियाँ आपकी मदद कर सकती हैं। हम अपना दिमाग जितना पहेली सुलझाने में लगाते हैं, उससे हमारी दिमागी क्षमता उतनी ही बढ़ती है। पहेलियाँ, मानसिक सजगता एव निरीक्षण क्षमता के विकास का एक सहज व प्रभावशाली साधन है। Show एक छोटी सी पहेली बुझाना भी हमें और हमारे बच्चों को कई तरीके से प्रभावित कर सकती है। पहेलियाँ बुझाने से निम्नलिखित फायदे होते हैं- 1. जब माता-पिता बच्चे के साथ मिलकर ऐसे दिमाग चलाने वाले खेल खेलते हैं, तो यह उनके बीच के रिश्ते को और मजबूत करता है। यह बच्चों को दूसरों के साथ बातचीत करने और सामाजिक बातों को समझने में भी मदद करता है। 2. पहेलियाँ बच्चों को कम उम्र में समस्याओं का समाधान ढूंढने और जटिल चीजों को समझने में मदद करती हैं, जो किसी व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण कौशल हैं। 3. जब बच्चे पहेलियों में आए हुए शब्द समझ नहीं पाते, तो वे उनका अर्थ ढूंढने की कोशिश करते हैं और इस प्रकार ये बच्चों के शब्दों के ज्ञान को बढ़ाती हैं । 4. भाषा द्वारा किसी चीज को समझना स्कूली शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पहेलियाँ बुझाने की कला से बच्चे किसी संदर्भ से शब्दों या वाक्यांशों को समझ सकते हैं, और उसमें छुपे हुए अर्थ को पहचान सकते हैं । 1. अन्त कटे तो कदम रखें, मध्य कटे तो ‘डर’ बन जाऊं। उत्तर: डगर 2. आगे-आगे बहिना आई,
पीछे-पीछे भइया। उत्तर: भुट्टा 3. आठ कलाएं उसकी होतीं, शीतल-चंचल, वर्ण धवल। उत्तर: चन्द्रमा 4. अचरज बंगला एक बनाया, बाँस न बल्ला बंधन धने। उत्तर: बयाँ पंछी का घोंसला 5. आप खोलो तो बोलें, तुम्हारे अंगना डोलें। उत्तर: दरवाज़ा या खिड़की 6. आदि कटे तो गीत सुनाऊँ, मध्य कटे तो संत बन जाऊँ। उत्तर: संगीत 7. आगे से कटीला, पीछे से गत गठीला। उत्तर: बिच्छू 8. आदत कुछ कर गुजर जाने की, उत्तर: कलम 9. अन्त करें तो पुर्जा बनू, मध्य कटे आऊं। उत्तर: कलम 10. अन्त कटे तो मानव हूं, प्रथम कटे ‘नम’ हो जाऊं। उत्तर: जन्म 11 . अन्त कटे तो
‘सूर’ हुआ मैं, प्रथम कटा तो धूल। उत्तर: सूरज 12. अन्त हटा दो ताकत हूं, मध्य हटा दो ‘बम’। उत्तर: बलम 13. अन्त कटा तो ‘पपी’ रहा, कुछ भी मतलब नाय, उत्तर: पपीता 14.
अन्त कटे कौआ बन जाए, प्रथक कटे दूरी का माप। उत्तर: कागज 15. अन्त कटे तो जमा जोड हूं, मध्य कटे तो जना। उत्तर: ज़माना 16. अन्त नहीं तो फौज समझिए, आदि नहीं तो बन गया नानी। उत्तर: सेनानी 17. आसमान में उड़े पेड़
पर, घोंसला न बनाएँ। उत्तर: हवाई जहाज 18. आता है तो फूल खिलाता, पक्षी गाते गाना। उत्तर: सूरज 19. अश्व की सवारी, भाला ले भारी। उत्तर: राणाप्रताप 20. आदि कटे से सबको पारे, मध्य कटे से सबको मारे। उत्तर: काजल 21. आज यहाँ कल वहाँ रहे, नहीं किसी के पास रुके। उत्तर: पैसा 22. आंखें मूंद के खाते हैं, और खाकर पछताते हैं। उत्तर: धोखा 23. आदि कटे तो दशरथ सुत हूँ, मध्य कटे, तो ‘आम’। उत्तर: आराम 24. अक्षर तीन का मेरा नाम, तैरना है मेरा काम। उत्तर: जहाज 25. अगर प्यास लगे तो पी सकते हैं, भूख लगे तो खा सकते हैं। उत्तर: नारियल 26. आगे ‘प‘ है मध्य में भी ‘प‘, अंत में इसके ‘ह‘ है, उत्तर: पपीहा 27. इचक दाना बीचक दाना, दाने ऊपर दाना। उत्तर: अनार 28. उड़ता है पर पक्षी नहीं, ताकतवर हैं उसके अंग। उत्तर: हवाई जहाज 29. उल्टा करो तो नदी की धारा, सीधा रखो तो देवी। उत्तर: राधा 30. उल्टा कर दो रंग भरूं, सीधा रखो मैं फल हूँ। उत्तर: चीकू 31. उलटी हो कर ‘सब कुछ होती, सीधी रहूं तो सब को ढोती, उत्तर: बस 32. उछले दौड़े कूदे दिनभर, यह दिखने में बड़ा ही सुंदर, उत्तर: हिरन 33. उज्जवल बरन अधीन तन, एक चित्त दो ध्यान। उत्तर: बगुला (पक्षी) 34. ऊपर से एक रंग हो, और भीतर चित्तीदार। उत्तर: सुपारी 35. ऊँट की बैठक, हिरन की चाल। उत्तर: मेंढक 36. एक नार ने अचरज किया, सांप मार पिंजरे में दिया। उत्तर: दीये की बत्ती 37. एक नार तरवर से उतरी, सर पर वाके
पांव। उत्तर: मैंना 38. एक नार का दाम है छोटा, लम्बी गर्दन पेट है मोटा। उत्तर: सुराही 39. एक नारि के हैं दो बालक, दोनों एकहिं रंग। उत्तर: चक्की 40. एक पैर है, बाकी धोती, जाड़े में वह हरदम सोती। उत्तर: छतरी 41. एक राजा की अनोखी रानी। उत्तर: दीपक 42. एक मुँह और तीन हाथ, कोई रहे न मेरे साथ। उत्तर: पंखा 43. एक बार आता है जीवन में, नहीं दुबारा आता। उत्तर: अवसर 44. एक बादल
ऐसा, जब मन आये गरजता। उत्तर: आँसू 45. एक साथ आए दो भाई, बिन उसके बजे ना शहनाई। उत्तर: तबला 46. एक लाल डिबिया में हैं पीले खाने। उत्तर: अनार 47. एक थाल मोतियों भरा, सबके सिर पर उल्टा धरा। उत्तर: आकाश और तारे 48. एक किले में चोर बसे हैं, सबका मुँह काला। उत्तर: माचिस 49. एक गुनी ने ये गुन कीना, हरियल पिंजरे में दे दीना। उत्तर: पान 50. एक परख है सुंदर मूरत, जो देखे वो उसी की सूरत। उत्तर: आईना 51. एक अनोखा पक्षी देखा, तालाब किनारे रहता। उत्तर: दिये की बाती 52. एक अनोखी लकड़ी देखी, जिसमें छिपी मिठाई। उत्तर: गन्ना 53. एक जानवर ऐसा। उत्तर: मोर 54. एक लाठी की अजब कहानी, उसके भीतर मीठा पानी। उत्तर: गन्ना 55. एक परी है पतली दुबली, काला मुकुट पहनती। उत्तर: माचिस की तीली 56. एक चीज है ऐसी भैया, मुँह खोले बिन खाई जाए, उत्तर: पिटाई 57. एक महल में चालीस चोर। उत्तर: माचिस 58. एक गुफा दो रखवाले। उत्तर: मूँछे 59. एक हूँ, मगर अनेक हूँ मैं। उत्तर: अनार 60. एक माता के दो पुत्र, दोनों महान अलग प्रकृत। उत्तर: चंद्रमा और सूरज 61. एक फूल यहां खिला, एक खिला कोलकाता। उत्तर: फूलगोभी 62. एक किले के दो ही द्वार, उनमें सैनिक लकड़ीदार। उत्तर: माचिस 63. एक फूल है काले रंग का, सिर पर सदा सुहाए। उत्तर: छाता 64. एक वस्तु को मैंने देखा, जिस पर हैं दाँत। उत्तर: हारमोनियम 65. ऐसा कैसे हो सकता है। उत्तर: क्योंकि जेब में छेद है 66. ऐसी कौन सी चीज है, जो बहुत खराब मानी जाती है। उत्तर: गुस्सा 70. ऐसी कौन सी चीज है, जो पानी से बनी है। उत्तर: पसीना 71. ऐसी क्या चीज है जिसे आप दिन भर, उठाते और रखते हैं। उत्तर: कदम 72. ऐसी कौन सी चीज है, उत्तर: दाँत 73. ऐसा कौन सा फल है, उत्तर: सब्र का फल 74. ऐसी क्या चीज है, उत्तर: ज्ञान 75. ऐसी क्या चीज है, उत्तर: घड़ी 76. ऐसी सब्जी का नाम बताओ, उत्तर: KHEERA 77. ऐसी क्या चीज है जो सबके पास होती है, उत्तर: कला 78. ऐसी कौन सी चीज है, उत्तर: चूड़ियाँ 79. ऐसा कौन सा फल है, उत्तर: नारियल 80. ऐसी क्या चीज है, जिसे बनाने में काफी वक्त लगता है। उत्तर: भरोसा 81. ऐसी क्या चीज है, जो आंखों के सामने आने से। उत्तर: रोशनी 82. ऐसी क्या चीज है, जो पति अपनी पत्नी को दे सकता है। उत्तर: उपनाम 83. ऐसी क्या चीज है, जो जून में होती है दिसंबर में नहीं। उत्तर: गर्मी 84. ऐसी क्या चीज है, जो जागे रहने पर ऊपर रहती है। उत्तर: पलकें 85. ऐसी कौन सी चीज है, जिसे आप खरीदते हो तो रंग काला। उत्तर: कोयला 86. कॉलगेट-सी मौत हूँ मैं, नशेबाज की सौत हूँ मैं। उत्तर: स्मैक 87. केरल से आया टिंगू काला। उत्तर: लौंग 88. कभी रहूं तेरे पीछे, कभी चलू तेरे आगे, उत्तर: परछाई 89. कोई कहे मुझे आँसू, कोई कहे मुझे मोती। उत्तर: ओस 90. कठोर हूँ पर पहाड़ नहीं, जल है मगर समुद्र नहीं। उत्तर: नारियल 91. कमर बांधे कोने में खड़ी। उत्तर: झाड़ू 92. कटोरे पे कटोरा। उत्तर: नारियल 93. क्या है जो, हमेशा बढ़ती रहती है। उत्तर: उम्र 94. कौन सा जानवर है। उत्तर: घोड़ा 95. काला मुँह लाल शरीर, कागज को वो खा जाता। उत्तर: लेटर बॉक्स 96. काले नागो से भरी टोकरी, सब के मुँह पर दी चिंगारी। उत्तर: माचिस 97. कला घोड़ा सफ़ेद सवारी एक। उत्तर: तवा रोटी 98. कर ले
जो मन को काबू, बना दे चाकर या बाबू। उत्तर: लड़की 99. काँटो से निकले, फूलो में उलझे। उत्तर: तितली 100. कांटेदार खाल के भीतर एक रसगुल्ला। उत्तर: लीची 101. कान ऐंठने पर मैं चलता, सब के घर में रहता। उत्तर: नलका 102. करती नहीं सफर दो गज, फिर भी दिन भर चलती है। उत्तर: जबान 103. काली हूँ मैं काली हूँ, काले वन में रहती हूँ। उत्तर: जूँ 104. कान हैं पर बहरी हूँ, मुँह है पर मौन हूँ। उत्तर: गुड़िया 105. काला रंग मेरी है शान, सबको मैं देता हूँ ज्ञान। उत्तर: ब्लैक–बोर्ड 106. कान घुमाए बंद हो जाऊँ, कान घुमाए खुल जाता हूँ। उत्तर: ताला 107. काली तो है, पर काग़ नहीं, लंबी तो है, पर नाग नहीं। उत्तर: चोटी 108. काली-काली माँ, लाल-लाल बच्चे। उत्तर: रेलगाड़ी 109. काठ की कठोली, लोहे की मथानी। उत्तर: आरी 110. कठोर भी हूँ और महंगा भी, उलटा कर दो सफर करूं। उत्तर: हीरा 111. खड़ा हुआ था तुम्हारे लिए, जब दिखे तत्पर
शरण आने को, उत्तर: वृक्ष / पेड़ 112. खाना कभी नहीं खाता वह, और ना ही पीता पानी। उत्तर: कंप्यूटर 113. खडा भी लोटा पड़ा भी लोटा, है बैठा और कहे सब हैं लोटा। उत्तर: लोटा 114. खुशबू है पर फूल नहीं, जलता है पर ईर्ष्या नहीं। उत्तर: अगरबत्ती 115 . खुली रात में पैदा होती, हरी घास पर रहती हूँ। उत्तर: ओस की बूंद 116. खिलाड़ियों का महाकुंभ कहलाता। उत्तर: ओलंपिक्स गेम्स 117.
खेत में उपजे, हर कोई खाय। उत्तर: फूट 118. खादी को पहना, और अहिंसा को पूजा। उत्तर: महात्मा गाँधी 119. गोरी सुन्दर पातली, केहर काले रंग। उत्तर: अरहर की दाल 120. गोल है पर गेंद नहीं, पूँछ है पर पशु नहीं। उत्तर: गुब्बारा 121. गोल गोल आखों वाला, लंबे लंबे कानों वाला। उत्तर: खरगोश 122. गर्मी में लगती है अच्छी, सर्दी में नहीं भाती। उत्तर: हवा 123. गोल मटोल और छोटा-मोटा, हर दम वह तो जमीं पर लोटा। उत्तर: लोटा 124. गोल-गोल मैं घूम रही, गोल-गोल काटू चक्कर। उत्तर: धरती 125. गोल गोल जिसका चेहरा। उत्तर: रोटी 126. गागर में जैसे सागर, वैसे मैं मटके के अंदर। उत्तर: नारियल 127. गोल-गोल हूँ,
गेंद नहीं, लाल-लाल हूँ, फूल नहीं। उत्तर: टमाटर 128. घर हैं की डिब्बे, लोहे के हैं पाँव। उत्तर: रेलगाड़ी 129. घेरदार है लहंगा उसका, एक टांग से रहे खड़ी। उत्तर: छतरी 130. घर हैं चौंसठ, बत्तीस हम, सोलह सोलह काले, उत्तर: शतरंज के मोहरे 131. घूम घुमेला लहँगा पहिने, एक पाँव से रहे खड़ी। उत्तर: छतरी 132. घर की रखवाली करता हूँ, बिना लिए लाठी-तलवार। उत्तर: ताला 133.
डिब्बा देखा एक निराला, ना ढकना न ताला। उत्तर: अंडा 134. चार अंगुल का पेड़, सवा मन का पत्ता। उत्तर: कुम्हार की चाक 135. चढ़े नाक पर, पकड़े कान। उत्तर: चश्मा 136. चढ़ा दूँ मेरे सिर पर, या पैरों पर आओगे। उत्तर: सीढ़ी 137. चार पैर हैं दो हाथ हैं, दूंगी सहारा जब तू साथ है। उत्तर: कुर्सी 138. चौकी पर बैठी एक रानी। उत्तर: मोमबत्ती 139. चार अक्षर का मेरा नाम, टिमटिम तारे बनाना
काम। उत्तर: फूलझड़ी 140. चार खड़े, दो अड़े, दो पड़े। उत्तर: खाट 141. चाय गरम है, गरम है पानी, दूध गरम, घंटे बीते। उत्तर: थर्मस 142. चार पांव पर चल न पाऊं, बिना हिलाए न हिल पाऊं। उत्तर: चारपाई 143. चार टाँग की हूँ एक नारी, छलनी सम मेरे छेद। उत्तर: चारपाई 144. लोहे की दो तलवारें। उत्तर: कैंची 145. चार खंभे चलते जाएं, सबसे आगे अजगर। उत्तर: हाथी 146. चार है रानी, एक है राजा। उत्तर: अंगूठा और ऊँगलियाँ 147. चार कोनों का नगर बना, चार कुँए बिन पानी, उत्तर: कैरम बोर्ड 148. छोटा सा धागा। उत्तर: टेलीफ़ोन 149. छोटी मगर बड़ा बलवान, नेताजी से भी है महान। उत्तर: पैसा/रूपया 150. छीलो तो छिलका नहीं,
काटो तो गुठली नहीं। उत्तर: बर्फ 151. छत से एक अचंभा देखा, लाल तवे को चलते देखा। उत्तर: सूरज 152. छोटे से है मटरुदास। उत्तर: प्याज़ 153. छुपा हुआ रहता हूँ, खुलने पर सबको चौंकाता हूँ। उत्तर: भेद 154. जमीन में गड़ी रहती हूँ, फिर भी खड़ी रहती हूँ। उत्तर: मूली 155. जल से भरा एक मटका, जो है सबसे ऊँचा लटका। उत्तर: नारियल 156. जरूरत पड़ने पर मैं घर घर जाता, उत्तर: नेता 157. जो करता है वायु शुद्ध, फल देकर जो पेट भरे। उत्तर: पेड़ 158. जो जाकर फिर ना वापस आये, उत्तर: समय 159. जिसने घर में खुशी मनाई, मुझे बाँध कर करी पिटाई। उत्तर: ढोलक 160. जादू के डंडे को देखो, न तेल न पानी। उत्तर: ट्यूबलाइट 161. जीभ नहीं है फिर भी बोले, बिना पाँव सारा जग डोले। उत्तर: मुद्रा 162. जन्म तो हुआ जंगल में। उत्तर: नौका 163. जादू के डंडे को देखो, कुछ पिए न खाए। उत्तर: टॉर्च 164. जा जोड़े तो जापान, अमीरों के लिए है यह शान। उत्तर: पान 165. जन्म दिया रात ने, सुबह ने किया जवान। उत्तर: समाचार–पत्र 166. झुकी कमरे का बूढ़ा, जहाँ ठहर जाए। उत्तर: प्रश्नवाचक चिह्न 167. टोपी है हरी मेरी, लाल है दुशाला। उत्तर: मिर्च 168. तुम्हारे घर में मेरा बसेरा, दिन रात सुबह सवेरा है मेरा। उत्तर: घड़ी 169. तीन रंगों का सुंदर पक्षी, नील गगन में भरे उड़ान। उत्तर: भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा 170. तीन पैर की चम्पा रानी, रोज नहाने जाती। उत्तर: चकला 171. तीतर के दो आगे तीतर, तीतर के दो पीछे तीतर। उत्तर: तीन 172. तीन मुँह की तितली। उत्तर: समोसा 173. तीन अक्षर का नाम मेरा, हवा में जाऊं करूं सलाम। उत्तर: पतंग 174. तीन अक्षर का नाम मेरा, ग्रीष्म ऋतु में मेरा काम। उत्तर: सुराही 175. तीन अक्षर का मेरा नाम, उलटा-सीधा एक समान। उत्तर: डालडा 176. तीन अक्षर मेरा नाम, उलटा सीधा एक समान। उत्तर: कटक 177. तीन अक्षर का नाम, उलटा सीधा एक समान। उत्तर: जहाज़ 178. तीन अक्षर का मेरा नाम, खाने के आता हूँ काम। उत्तर: हलवा 179. तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी, उत्तर: हवा 180. तेरा नाम जानती हूँ, तेरा पता मैं जानती हूँ। उत्तर: पहचान पत्र 181. तीन टांगो पे होके सवार, चलता जा रहा मेरा यार। उत्तर: छत का पंखा 182. देखी एक अनोखी वर्षा, हाथी खड़ा नहाये। उत्तर: ओस 183. दिन के हर पहर में सोती हूँ, पूरी रात अकेले बैठी रहती हूँ, उत्तर: मोमबत्ती 184. देखो मेरे 12 बॉस हैं, 3 भाई जिसे गिनते दिन रात। उत्तर: घड़ी 185. दुशमन
में भी दोस्त दिखा दे, साम दाम दंड सब सीखा दे। उत्तर: राजनीति या सत्ता 186. दो अक्षर का मेरा नाम, आता हूँ खाने के काम। उत्तर: चना 187. देश भी हूँ, औजार भी हूँ, खींचो अगर तो हूँ पानी। उत्तर: बर्मा 188.
दो अक्षर की मैं बहना। उत्तर: दीदी 189. दो अक्षर का मेरा नाम, करती कभी नहीं आराम। उत्तर: घड़ी 190. देखने में मैं गांठ गंठीला, पर खाने में बड़ा रसीला। उत्तर: गन्ना 191. दो इंच का मनीराम, दो गज की पूंछ। उत्तर: सुई धागा 192. दिन को सोए, रात को रोए। उत्तर: मोमबत्ती 193. दुबली पतली देह पर, पहने काले कपड़े। उत्तर: छतरी 194. दो पैरों का मैं हूँ घोड़ा, चलता हूँ पर थोड़ा-थोड़ा। उत्तर: सरौता 195.
दुनिया के कोने-कोने का घर बैठे कर लो दर्शन, उत्तर: दूरदर्शन 196. दो सुंदर लड़के, दोनों एक रंग के। उत्तर: जूते 197. दिखने में मैं सींकिया पहलवान, लेकिन गुणों में हूँ बलवान। उत्तर: गन्ना 198. देकर एक झटका, फांसी पर लटका। उत्तर: भगत सिंह 199. दुम काटो तो काट के रख दें, कटे पेट तो फलों में श्रेष्ठ। उत्तर: आराम 200. दुनियाँ भर की करता सैर, धरती पे ना रखता पैर। उत्तर: चाँद 201. दिखता नहीं पर पहना है। उत्तर: लज्जा 202. दो अक्षर का नाम है, रहता हरदम जुखाम है। उत्तर: पेन 203. दो अंगुल की है सड़क, उस पर रेल चले बेधड़क। उत्तर: माचिस 204. धूम घुमेला लहंगा पहिने, एक पांव से रहे खड़ी, उत्तर: छतरी 205. धन-दौलत से बड़ी है यह, सब चीजों से ऊपर है यह। उत्तर: विद्या 206. धूप देख मैं आ जाऊँ, छाँव देख शर्मा जाऊँ। उत्तर: पसीना 207. न तो खड़े भूमि में, न ऊपर कोई आधार, उत्तर: बादल 208. नारी से तू नर भई, और श्याम बरन भई सोय। उत्तर: कोयल 209. ना करता लड़ाई। उत्तर: ढोल 210.
नींद में मिले जागने पर नहीं, दूध में मिले पानी में नहीं। उत्तर: अक्षर ‘द’ 211. न काशी न काबा धाम, जिसके बिना हो चक्का जाम। उत्तर: पेट्रोल 212. ना किसी से प्रेम ना किसी से बैर, फिर भी लोग लेते मेरी रोज खैर। उत्तर: ढोलक 213. न सीखा संगीत कहीं पर, न सीखा कोई गीत, उत्तर: कोयल 214. नाक को पकड़कर, खींचता है कान। उत्तर: चश्मा 215. पानी में पैदा होता हूँ, पानी में ही मर जाता हूँ, उत्तर: नमक 216. पानी पीकर हवा उगलता, गरमी में आता हूँ काम। उत्तर: कूलर 217. पानी का मटका, पेड़ पर लटका। उत्तर: टमाटर 218. पानी से निकला पेड़ एक, पात नहीं पर डाल अनेक। उत्तर: फव्वारा 219. पानी से निकाला दरख्त एक, पात नहीं पर डाल अनेक। उत्तर: फव्वारा 220. पानी से वो बन जाती, दुनिया को है चमकाती, उत्तर: बिजली 221. पीला पीला रंग मेरा, गोल मटोल शरीर। उत्तर: नीम्बू 222. पीली हरी हवेली एक, उसमें बैठे कालू राम। उत्तर: पपीता 223. पेट में उंगली, सर पर पत्थर। उत्तर: अंगूठी 224. परत परत पर जमा है ज्ञान खजान। उत्तर: किताब 225. पैर नहीं हैं, पर चलती रहती। उत्तर: घड़ी 226. पत्थर पर पत्थर, पत्थर पर पैसा। उत्तर: मकड़ी 227. पत्थर की नाव पर, बैठा सवार। उत्तर: सिलबट्टा 228. पैर नहीं तो ‘नग’ बन जाए, सिर न हो तो ‘गर’। उत्तर: नगर 229. पांच अक्षर का मेरा नाम, उलटा सीधा एक समान। उत्तर: मलयालम 230. पंख नहीं उड़ती हूँ पर। उत्तर: पतंग 231. पल भर में दूरी मिट जाए, छूते ही पहिए
को। उत्तर: टेलीफ़ोन 232. पक्षी देखा एक अलबेला, पंख बिना उड़ रहा अकेला। उत्तर: पतंग 233. पीली पोखर, पीले अण्डे। उत्तर: कढ़ी 234. पवित्र प्यार का चिह्न हूँ मैं, गैरों को बना लें अपना। उत्तर: राखी 235. पीपल की ऊँची डाली पर, बैठी वह गाती है। उत्तर: चिड़िया 236. पूंछ कटे तो सीता, सिर कटे तो मित्र। उत्तर: सियार 237. प्रथम काट कर मैं ‘पकली’, छिप छिप जाऊं ऐसी कली। उत्तर: छिपकली 238. प्रथम काट कर ‘कड़ी’ हूँ मैं, मध्य काटकर लड़ी’ हूँ मैं। उत्तर: लकड़ी 239. प्रथम नहीं तो गज बन जाऊं, मध्य नहीं तो काज। उत्तर: कागज़ 240. प्रथम कटे, तो मन बनू, अन्त कटे मूल्य। उत्तर: दामन 241.
प्रथम कटे, तो ‘जल’ बनकर, मैं सबको जीवन देता हूँ, उत्तर: काजल 242. प्रथम कटे तो दर हो जाऊं, अंत कटे तो बंद हो जाऊं। उत्तर: बंदर 243. प्रथम कटे, तो नया बनूं, अन्त काट दो मान करूं। उत्तर: मानव 244. प्रथम काट कर ‘गाली’ है, उसकी माँ भी काली है। (दुर्गा) उत्तर: बंगाली 245. फूल भी हूँ, फल भी हूँ, और हूँ मिठाई। उत्तर: गुलाबजामुन 246. फ़ारसी बोली आईना, तुर्की सोच न पाईना। उत्तर: दर्पण 247. फल नहीं पर फल
कहाऊँ, नमक मिर्ची के संग सुहाउँ। उत्तर: सीताफल 248. बत्तीस ईटों के दुर्ग के पीछे है, छिपी एक महारानी है। उत्तर: जीभ 249. बत्तीस ईंटों के दुर्ग के भीतर, छिपी एक महारानी। उत्तर: जीभ 250. बिसो
का सर काट दिया, ना मारा ना खून किया। उत्तर: नाखून 251. बीमार नहीं रहती फिर भी मैं मुंह में रखें गोली। उत्तर: बन्दूक 252. बचपन जवानी हरी भरी, बुढ़ापा हुआ लाल। उत्तर: मिर्ची 253. बड़ों–बड़ों को
राह दिखाऊं, कान पकड़कर उन्हें पढ़ाऊं। उत्तर: चश्मा 254. बाल नुचे कपड़े फटे, मोती लिए उतार। उत्तर: भुट्टा (छल्ली) 255. बिना पंख उड़ चला, आसमान को फिरता चला उड़त – उड़त थकता नहीं। उत्तर: धुँआ 256. बाला था जब सबको भाया, बड़ा हुआ कुछ काम न आया। उत्तर: दिया 257. बिना बताए रात को आते हैं। उत्तर: तारे 258.
बोटी-बोटी करूं सरे आम, गली-कूचों में मैं बदनाम। उत्तर: चाकू 259. बेशक न हो हाथ में हाथ। उत्तर: साया 260. बतलाओ ऐसी दो बहनें, संग हंसतीं, संग गाती हैं। उत्तर: आँखें 261. बांबी वा की जल भरी, ऊपर जारी आग। उत्तर: हुक्का 262. बिना चूल्हे के खीर बनी, ना मीठी ना नमकीन। उत्तर: चूना 263. बिना कान के, सुनने वाला। उत्तर: सर्प 264. बूझो भैया, एक पहेली। उत्तर: पेंसिल 265. बिन खाए, बिन पिए, सबके घर में रहता हूँ। उत्तर: ताला 266. मेरी शक्ति का लगा नहीं सकते अनुमान, उत्तर: बिजली 267. माटी रौदूँ चक धरूँ, फेरूँ बारम्बर। उत्तर: कुम्हार 268. मुझे उलट कर देखो, लगता हूँ मैं नौ जवान। उत्तर: वायु 269. मुझे खाने के लिए खरीदा जाता है। उत्तर: प्लेट, चम्मच 270. मुझे सुनाती सब की नानी, प्रथम काटे तो होती हानि। उत्तर: कहानी 271. मैं हिंदी का ऐसा शब्द
हूँ, जिसे तुम गलत पढ़ोगे तो सही होगा। उत्तर: शब्द – ‘गलत’ 272. मेरी पूंछ पर हरियाली, तन है मगर सफेद। उत्तर: मूली 273. मुर्गी अंडा देती है, और गाय दूध देती है। उत्तर: दुकानदार 274. मैं मरुँ, मैं कटूं, तुम क्यों रोये।। उत्तर: प्याज 275. मुंह पर रखे अपना हाथ, बोला करती है दिन रात। उत्तर: घड़ी 276. मैं हूँ हरी, मेरे बच्चे काले। उत्तर: इलायची 277. मांस नहीं, हड्डी नहीं, सिर्फ उंगलियां मेरी। उत्तर: दस्ताने 278. मोटी घनी पूंछ, पीठ पर काली-काली रेखा हैं। उत्तर: गिलहरी 279. मैं लम्बा-पतला विद्वान, पहनें लकड़ी का परिधान। उत्तर: पेन्सिल 280. मैं हूँ एक अनोखी चीज, मुझको नहीं किसी से खीज। उत्तर: बिजली 281.
मुद्रा से भी महंगा, दुनिया में अकेला अनमोल ही रहता। उत्तर: वचन 282. मेरे बिना जीवन असंभव, प्राण वायु है दूसरा नाम। उत्तर: ऑक्सीजन 283. मध्य हटाकर पूंछ हो गई, प्रथम काटकर ‘पावर’। उत्तर: टेबल 284. मध्य काट
कर मली गई, प्रथम काट कर छली गई। उत्तर: मछली 285. मुझसे पहले जो ‘सम’ लग जाए, नजरों में चढ़ जाता हूँ। उत्तर: मान 286. मध्य कटे, तो अड़ी पड़ी, प्रथम काट दो तो नाड़ी। उत्तर: अनाड़ी 287. मध्य कटे तो बनता कम, अंत कटे तो कल। उत्तर: कलम 288. यादों को छिपा के रखती, वो लम्हा समा के रखती। उत्तर: तस्वीर 289. रूप है काला रक्त बैगनी, ऐसी मेरी काया है, उत्तर: जामुन 290. राजा, मंत्री, घोड़े, सिपाही, आपस में सब करे लड़ाई। उत्तर: शतरंज का खेल 291. रंग है मेरा काला, उजाले में दिखाई देती हूँ। उत्तर: परछांई 292. रोज सुबह को आता हूँ, रोज शाम को जाता हूँ। उत्तर: सूरज 293. रक्त से सना हूँ, दो अक्षर का नाम है। उत्तर: लाल 294. रात दिन है मेरा, तुम्हारे घर में डेरा। उत्तर: गौरेया 295. रंग बिरंगा बदन है इसका, कुदरत का वरदान मिला, उत्तर: मोर 296. लटकाये लटकाये मुझे घूमो, मैं खोल के रख दूंगी। उत्तर: चाबी 297. लंबा तन और बदन है गोल, मीठे रहते मेरे
बोल। उत्तर: बांसुरी 298. लाल हूँ, खाती हूँ मैं सूखी घास। उत्तर: आग 299. लोहा खींचू ऐसी ताकत है, पर रबड़ मुझे हराता है। उत्तर: चुंबक 300.
लकड़ी का एक किला है भैया, चार कुएं हैं-बिन पानी, उत्तर: कैरम बोर्ड 301. वैसे तो चुप चुप सी रहती है, किन्तु संसार में जम के शोर मचाती है, उत्तर: मुद्रा 302. वह क्या है, जो जितना सोंखता है। उत्तर: तौलिया 303. वह क्या है, जिसके चार पाँव हैं। उत्तर: मेज 304. वाणी में गुण बहुत हैं, पर मुझसे अच्छा कौन। उत्तर: मौन 305. वह क्या है, जो तुम्हारा है। उत्तर: तुम्हारा नाम 306. वहाँ भी हूँ, यहाँ भी मैं, इधर भी हूँ, उधर भी हूँ, उत्तर: हवा 307. वो सबके आगे-आगे, सब उसके पीछे भागे। उत्तर: रुपया 308. वैसे मैं हूँ बेचारा, पर उलटा कर दो तो पालें। उत्तर: दीन 309. वह क्या है, जिसकी गर्दन है पर सिर नहीं।। उत्तर: बोतल 310. वह क्या है, जो हमारी मुट्ठी में हैं। उत्तर: हथेली की लकीरें 311. वह कौन सा मुख है जो, सुबह से लेकर शाम तक। उत्तर: सूरजमुखी 312. शक्ति का भंडार हूँ मैं है, मुझ में स्वाद भी और स्वास्थ भी। उत्तर: पालक 313. श्याम बरन और दाँत अनेक, लचकत जैसे नारी। उत्तर: आरी 314. शर्ट, कोट, कुर्ता, कमीज, सब मुझसे शोभा पाते। उत्तर: बटन 315.
सीधा करो तो पता चले, उलटा करके ताप चढ़े। उत्तर: पता 316. सर है, दुम है, मगर पाँव नहीं उसके। उत्तर: साँप 317. सिर पर ताज, गले में थैला। उत्तर: मुर्गा 318. सारी दुनिया को जोड़ मैंने, रख लिया है जी संभाल, उत्तर: इंटरनेट 319. सबसे महंगा पशु हूँ। उत्तर: रेस का घोड़ा 320. सुबह सुबह ही आता हूँ, दुनिया की ख़बरें लाता हूँ। उत्तर: अख़बार 321. सुबह आता शाम को जाता, दिनभर अपनी चमक बरसाता। उत्तर: सूरज 322. सब दोहराता, प्यार सभी का पाता हूँ। उत्तर: तोता 323. सूट हरा है, टाई लाल। उत्तर: तोता 324. सात रंग की एक चटाई। उत्तर: इंद्रधनुष 325. साल के किस महीने में, 28 दिन होते हैं ? उत्तर: साल के सभी महीनों में 28 दिन होते हैं । 326. सबके ही घर ये जाये, तीन अक्षर का नाम बताए। उत्तर: अतिथि 327. सींग हैं पर बकरी नहीं, काठी है पर घोड़ी नहीं। उत्तर: साइकिल 328.
सुंदर-सुंदर ख़्वाब दिखाती, पास सभी के रात में आती। उत्तर: नींद 329. साथ भी हूँ और निकट भी हूँ, उत्तर: वायु / हवा 330. सफेद तन हरी पूंछ। उत्तर: मूली 331. हाल चाल यदि पूछो उससे, नहीं
करेगा बात। उत्तर: अनार 332. हम माँ बेटी, तुम माँ बेटी, एक बाग में जाएं। उत्तर: नानी, माँ और बेटी 333. हमने देखा ऐसा बंदर। उत्तर: मेढंक 334. हमने देखा अजीब नजर, उत्तर: सूरजमुखी 335. हिमालया से खिली कली, हिम हिम में पली बढ़ी। उत्तर: आइसक्रीम 336. हर आटा, लाल पराठा। उत्तर: मेहँदी 337. हर घर से मैं नजर हूँ आता, सब बच्चों को खूब हूँ भाता। उत्तर: चन्द्रमा 338. हरे हरे से है दिखे, पक्के हो या कच्चे। उत्तर: तरबूज 339. हरी हरी मछली, उसका हरा हरा अंडा। उत्तर: मटर 340. हरी डंडी लाल कमान। उत्तर: मिर्ची 341. हरी-हरी कोठी भारी, उजली-उजली धरती। उत्तर: तरबूज 342. हरी थी, मन भरी थी, लाख मोती जड़े थी। उत्तर: भुट्टा 343. हरा किला है, लाल महल, श्वेत-श्याम सब वासी हैं। उत्तर: तरबूज 344. हरा चोर लाल मकान, उसमे बैठा काला शैतान। उत्तर: तरबूज 345.
हरा हूँ, पर पत्ता नहीं। उत्तर: तोता 346. हाथ आए तो, सौ-सौ काटे। उत्तर: चाकू 347. हाड़ की देही उज् रंग, लिपटा रहे नारी के संग। उत्तर: नाखून 348. हाथी, घोड़ा, ऊंट नहीं, खाए न चारा घास, उत्तर: साइकिल ऐसी कौन सी चीज है जो बढ़ती नहीं है?सवाल: शरीर का ऐसा कौन सा अंग है जो बचपन से बूढ़े होने तक कभी नहीं बढ़ता? जवाब: केवल आंख की हो अंग है जो कभी नहीं बढ़ती है.
ऐसी कौन सी चीज है जो एक ही वक्त में आप किसी को दे सकते हैं और अपने पास भी रख सकते हैं?सवाल: ऐसी कौन सी चीज है जिसे आप एक ही वक्त में किसी को दे भी सकते हैं और अपने पास भी रख सकतें हैं ? जवाब: जुबान, ऐसी चीज है जिसे आप किसी को दे सकते हैं और अपने पास भी रख सकते हैं.
ऐसी कौन सी चीज है जो नष्ट नहीं होती?आत्मा हम सभी में और सभी जीवों में होती है। आत्मा से ही जीव का स्वरुप है उसके बिना जीव् केवल शव है।
ऐसी कौन सी चीज है जो हमें सब की दिखाई देती है लेकिन खुद की नहीं दिखाई देती है?ईश्वर तो हैं लेकिन दिखाई नहीं देता । वो इसलिए क्योंकि हम ईशवर को इन चर्म चक्षुओं से देखने की कोशिश करते हैं, जो कि असंभव है । कारण यह है कि ईश्वर तो सुक्ष्म ज्ञान का विषय है ।
|