आजादी का सही मतलब क्या है? - aajaadee ka sahee matalab kya hai?

आजादी का अर्थ

प्रिय पाठकों मै यह ब्लॉग आप सबके सामने दोबारा प्रस्तुत कर रहा हूँ….. आशा करता हूँ कि यदि यह विषय आपको पसंद आए तो आप इस पर अपने विचार अवश्य प्रस्तुत करेंगे….

Show

आज़ादी का शाब्दिक अर्थ ……….पूर्ण रूप से स्वतंत्र होना है ……अर्थात किसी भी रूप में आप पर किसी का नियंत्रण न हो. आज़ादी का अर्थ है…………. कोई भी आप के जीवन में हस्तक्षेप ना करे. लेकिन हमारे जीवन में ऐसी आज़ादी किसी काम की नहीं है ……. कारण………इससे मानव की समुचित विकास की संभावना नहीं बनती है.

स्वाभाविक रूप से जो हमारे अधिकार हैं …….उनकी स्वंत्रता हमें मिलनी चाहिए. एक बच्चे का अपने माता-पिता का प्यार पाना उसकी अधिकारिक स्वंत्रता है. भूख लगने पर बच्चे का रोना ……… स्वाभाविक लक्षण है………..यह कृत्य उसकी स्वंत्रता है. बच्चे की माता उसके इस कृत्य पर उसको भोजन उपलब्ध कराती है………यह एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है……..और हम लोग भी इसे अन्यथा नहीं लेते है.

लेकिन यदि बच्चे बड़े होने पर उपद्रव करते हैं ……तो हम उनको ऐसा करने की आज़ादी नहीं देते हैं……..हम उनकी इस स्वतंत्रता पर हस्तक्षेप करते हैं……..यह अनुशासन है ….. यह मानव के चारित्रिक उत्थान एवं सामाजिक प्रक्रिया के लिए ….आवश्यक तत्त्व है.

इसी प्रकार सरकार की भी यह जिम्मेदारी है कि…………… वह नागरिकों के विकास एवं सुविधा हेतु प्रयास करे……….. समाज के हर वर्ग को स्वस्थ एवं स्वतंत्र माहौल मिले ताकि उसकी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सके …………यही सच्ची स्वतंत्रता है.

प्रत्येक राष्ट्र का आर्थिक स्तर अलग अलग होता है………अतः सुख एवं समृधि की एक सीमा हो सकती है………..लेकिन अधिकारों एवं कर्तव्यों के मिश्रण से ………स्वास्थ्य और चरित्र की दृष्टि से ………..प्रत्येक व्यक्ति को मजबूत बनाया जा सकता है. कम से कम इतना अधिकार तो दिया जा सकता है…………कि व्यक्ति भयमुक्त वातावरण में अपनी रूचि का काम कर जीवन यापन कर सके.

लेकिन हमें भी अधिकारों के साथ साथ ……….. कर्त्तव्य पालन के लिए तैयार होना चाहिए ………… क्यूंकि पुरे राष्ट्र के विकास ………. राष्ट्र के लोगों कि सुविधा………… विश्व में देश को सिरमौर बनाने ………… के लिए यह आवश्यक है……. कर्तव्य और अधिकार ……एक दूसरे के पूरक हैं……. आज़ादी का अर्थ ऊच्रिन्ख्लता या मनमानी नहीं है.

१५ अगस्त ………….. स्वतंत्रता दिवस ………… लेकिन …………… क्या हम वाकई स्वतंत्र हैं. यदि एक भारतीय से पूछा जाये …………. तो उत्तर नकारात्मक होने की संभावना अधिक है ……. स्वतंत्रता अर्थात……….. शारीरिक …. मानसिक ….. बौधिक ….. धार्मिक …. शेक्षणिक …. प्रशासनिक …. न्यायिक …. सामरिक …. राजनैतिक स्वतंत्रता.

स्वतंत्र प्रशासनिक व्यवस्था …. न्याय प्रणाली …. एवं शिक्षा पद्यति …….. राष्ट्र की प्रगति एवं स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकता है…… लेकिन हम आज भी इस दिशा में कुछ भी कर पाने में असमर्थ रहे हैं …….. और आज भी अंग्रेजो के बनाये गए नियमो एवं पद्यतियों का पालन करने पर विवश हैं……… यह एक दुख एवं चिंता का विषय है …….. क्योंकि अंग्रेजों द्वारा बनाये गए नियम उनके स्वार्थ सिद्धि करने के लिए बनाये गए थे. ……….. यही कारण है हमारे देश में अस्त व्यस्त सामाजिक जीवन का.

देश व्यवस्था के हर क्षेत्र में असफल नज़र आ रहा है……………. चाहे सीमाओं का मामला हो ……….. चाहे अंदरूनी आतंकवाद……..नक्सलवाद………क्षेत्रवाद की समस्या…….. जातिगत समीकरण ………. भूखमरी ……… गरीबी …… न्याय ……. या ….. कोई भी समस्या हो …….. हम प्रशासनिक रूप से विफल साबित हो चुके हैं.

एक प्रशासनिक रूप से विफल राष्ट्र में स्वतंत्र होना कोई मायने नहीं रखता…………… चाहे ऐसे राष्ट्र में आपको कितनी भी आज़ादी क्यूँ न मिले आप कुछ भी कर पाने में असमर्थ ही साबित होंगे ……………. इसलिए जरुरत है प्रशासनिक रूप से सफल ढांचा तैयार करने की …………… तभी हम स्वाभिमान के साथ उन्नति कर पाएंगे और तभी हमें वास्तविक आज़ादी प्राप्त हो पायगी …….. आइये …… वास्तविक आज़ादी के लिए एक बार फिर …… आज़ादी की नई जंग में भागीदार बने…….. जय हिंद.

RANCHI : जिस आजादी के लिए हमारे देश के लाखों वीर-सपूतों ने कुर्बानियां दीं, जिस आजादी की कल्पना करके उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया, क्या हम उस आजादी का मतलब समझते हैं? आजाद भारत के नागरिक तो हैं, लेकिन एक आदर्श नागरिक का जो कर्तव्य और आचरण होना चाहिए, क्या वह हमारे अंदर है? एक आजाद देश में हमें जो अधिकार मिले हैं, हम उसका सदुपयोग कर रहे हैं? अगर कर रहे होते, तो क्या आज आजादी के 67 सालों बाद हमारे देश की यह हालत होती? आखिर हमें आजादी क्या इसीलिए मिली है कि मौका मिलते ही हम नियम-कानून को अपने हाथ में लेकर अपनी मनमर्जी करें? अपनी सुख-सुविधाओं की खातिर दूसरों के अधिकारों का हनन करें? मौका मिलते ही जाति और धर्म के नाम पर एक-दूसरे के खून के प्यासे होकर दंगे करें? क्या हमारे लिए यही है आजादी का मतलब? क्या आजादी का मतलब राह चलती महिलाओं-लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करना, अपने पड़ोसियों को परेशान करना, करप्शन को बढ़ावा देना है? अगर हमारे लिए आजादी के यही मायने हैं, तो माफ करिए, इससे अच्छा तो हम आजाद ही न हुए होते। आज आजादी की 67वीं सालगिरह पर आइए हम जरा अपनी गिरेबां में झांकें और तय करें कि हमारे लिए आजादी का मतलब क्या है।

क्या ट्रैफिक रूल्स तोड़ना आजादी है

आजादी का मतलब यह नहीं है कि हमारे लिए संविधान में जो अधिकार मिले हैं, उसका हम दुरुपयोग करें। हमारे देश के संविधान निर्माताओं ने हम अच्छे नागरिक के तौर पर या सभ्य नागरिक के रूप में रहें, इसलिए कानून बनाया है। लेकिन, आज कानून को अपने हाथ में लेकर अपनी मनमर्जी करना लोगों की फितर बन गई है। काननू को तोड़ना लोग अपनी शान समझते हैं। अगर ऐसा नहीं होता, तो क्या देश के थानों में छोटी-छोटी बातों को लेकर इतने अधिक मामले दर्ज होते? एक छोटा सा उदाहरण है। हम रोड पर चलते वक्त सुरक्षित रहें और राह चलते दूसरे लोगों को भी सुरक्षित रखें, इसके नियम बनाया गया है कि हम रोड पर जब भी बाइक या स्कूटी चलाएं हेलमेट पहनें, टू-व्हीलर्स पर कभी भी ट्रिपल राइड न करें, टै्रफिक सिग्नल को फॉलो करें। लेकिन, इन निमयों की परवाह नहीं की जाती है। ट्रैफिक थाना के आंकड़े यह गवाही दे रहे हैं कि डेली दर्जनों लोगों पर ट्रैफिक नियम तोड़ने के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है, लेकिन फिर भी लोग नहीं सुधर रहे हैं। ऐसे में क्या यह आजादी का दुरुपयोग नहीं है?

क्या आजादी का मतलब गंदगी फैलाना है

मुहल्लों, कॉलोनीज, बस्तियों से लेकर रोड और गलियों तक में फैली गंदगी के लिए हमलोग रोना रोते हैं। इसके लिए रांची नगर निगम और दूसरी संस्थाओं को ब्लेम करते हैं, लेकिन क्या कभी हम सोचते हैं कि जगह-जगह कूड़ा-कचरा फैलाने की आजादी हमें किसने दी है, हम कूड़ा-कचरा को उसकी निर्धारित जगहों पर क्यों नहीं फेंकते हैं? मौका मिलते ही लोग जहां-तहां कूड़ा-कचरा फेंक देते हैं। जबकि, हमें यह पता होता है कि ऐसा करना गलत है। फिर भी हम अपनी आदतों से बाज नहीं आते, बल्कि इसे अपनी आजादी समझते हैं। क्या वाकई यही है हमारे लिए आजादी का मतलब?

पब्लिक प्लेस पर निजी और धार्मिक कार्यक्रम क्यों

अगर आम जनता को परेशानी होती है, तो होती रहे। हमें इससे क्या मतलब। हम अपने निजी और धार्मिक प्रोग्राम को जब चाहें पब्लिक प्लेस पर करेंगे। रातभर तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाकर लोगों की नींद हराम करेंगे। पब्लिक की सुविधा के लिए बनाई गई चीजों का हम दुरुपयोग करेंगे। क्योंकि, हम आजाद हैं। जी हां, हम में से ज्यादातर लोग आजादी का मतलब यही समझते हैं। लोग इस तरह भी आजादी का दुरुपयोग कर रहे हैं। लेकिन, जरा सोचें कि क्या यही हैं हमारे लिए आजादी के मायने?

जब चाहेंगे, तब शहर को बना देंगे बंधक

हम जब चाहेंगे, तब शहर में बंद का एलान कर देंगे। आम पब्लिक की जिंदगी को बंधक बना देंगे। अपनी मांगें मनवाने के लिए पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाएंगे। क्योंकि, हम आजाद देश में रहते हैं। कुछ लोगों के लिए आजादी के यह भी मायने हैं। वे अपनी बात मनवाने के लिए किसी के भी अधिकारों पर अतिक्रमण कर देते हैं। उनके लिए अपनी आजादी मायने रखती है, दूसरों की नहीं। ऐसे लोग जरा सोचें कि क्या यह वही आजादी है, जिसके लिए देश के वीर सपूतों ने अपना लहू बहाया है?

पद के दुरुपयोग की आजादी

हम आजाद देश में रहते हैं, इसलिए अगर हमें पावर और पोस्ट मिला है, तो हम उसका दुरुपयोग करेंगे। हम अपने अधिकारों को बेजा इस्तेमाल करेंगे। कुछ लोगों के लिए आजादी का यही मतलब हो गया है। खासकर सरकारी पदों पर बैठे ज्यादातर अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए, जो अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए करप्शन फैला रहे हैं। ऐसे लोगों के कारण देश की आजादी खतरे में है।

इसे दंगा-फसाद करने की आजादी मान बैठे कुछ लोग

हम आजाद देश में रहते हैं, इसलिए जो हमारे धर्म और जाति का नहीं है, उसके साथ हम अन्याय करेंगे। उसके अधिकारों का हनन करेंगे। मौका मिलते ही हम दंगा-फसाद करेंगे। कुछ लोगों के लिए आजादी का यही मतलब है। अगर ऐसा नहीं होता, तो आज देश में जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव के साथ ही दंगे-फसाद नहीं होते। देश में लोग अमन-चैन से रहते, लेकिन कुछ लोगों के लिए आजादी का मतलब यही है।

आजादी का शाब्दिक अर्थ क्या है?

बिना किसी को नुकसान पहुंचाए स्वतंत्रता से जीना ही आजादी का मतलब है।

आजादी का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

भारत हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता है। यह वह दिन है जब देश को ब्रिटिश सरकार की गुलामी से आजादी मिली थी। स्वतंत्रता दिवस सभी भारतीयों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। यह एक ऐसा दिन है जब पूरे देश में भारतीय अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित करके इस दिन को मनाते हैं।

आजादी का वाक्य क्या है?

वाक्य में प्रयोग - स्वतंत्रता पाने की लिए लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी।