आगरा का नया नाम क्या रखा गया? - aagara ka naya naam kya rakha gaya?

भाजपा पार्षद ने बताया कि अभी तक घटिया आजम खां, मुगल रोड समेत तमाम सड़कों और चौराहों के नाम बदले गए हैं। अब ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय रखने का वक्त आ गया है। इसके लिए वह खुद एकत्र किए गए ऐतिहासिक तथ्यों को सदन में पेश करेंगे और ताजमहल का नाम बदलने के लिए सदन से समर्थन प्राप्त करेंगे। ज्ञात हो कि इससे पहले भी हिंदूवादी संगठन ताजमहल का नाम बदलकर तेजो महालय करने का मुद्दा उठाते आ रहे हैं और इसको लेकर कई बार विवाद भी खड़े हुए हैं।

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तेजो महालय बताकर किया था जलाभिषेक

बता दें कि एक अगस्त को ही ताजमहल को भगवान शिव का मंदिर बताते हुए अखिल भारत हिंदू महासभा ने ताज हेरिटेज कॉरिडोर पर सांकेतिक जलाभिषेक भी किया था। महासभा ने इसकी घोषणा पहले ही कर दी थी। जिसके बाद पुलिस ने महासभा के पदाधिकारियों को नजरबंद कर दिया था, लेकिन उसके बावजूद महासभा के पदाधिकारियों ने जलाभिषेक किया था। अखिल भारत हिंदू महासभा भी ताजमहल को तेजो महालय बताकर नाम बदलने का समर्थन किया था।

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ताजनगरी में अब तक ये प्रमुख नाम बदले

- मुगल रोड का नाम बदलकर महाराजा अग्रसेन मार्ग किया गया।

- घटिया आजम खां का नाम बदलकर अशोक सिंघल मार्ग किया गया।

- लोहामंडी के नौबस्ता चौराहे का नाम बदलकर गुरु नानक देव चौक रखा गया।

- मंटोला कंगालपाड़ा का नाम बदलकर वीरांगना झलकारी बाई रखा गया।

- धूलियागंज चौराहे का नाम बदलकर विनायक वीर सावरकर रखा गया।

आगरा: देश में किसी भी शहर, कस्बे, चौराहे, मार्ग, आदि का नाम बदलने की परंपरा काफी पुरानी है. लेकिन, उत्तर प्रदेश  में जबसे योगी सरकार आई है, तबसे राज्य के तमाम शहरों और रेलवे स्टेशनों का नया नामकरण हुआ है. इसी क्रम में अब ताजनगरी आगरा में मुगल रोड का नाम बदला गया है. अब इस मार्ग को महाराजा अग्रसेन मार्ग के नाम से जाना जाएगा. गुरुवार को मेयर नवीन जैन ने इस रोड की पट्टिका का अनावरण किया था. बता दें, इस मौके पर कई बीजेपी नेता, महापौर नवीन जैन और क्षेत्रीय नागरिक भी मौजूद रहे.

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इस मार्ग पर रहते हैं महाराजा अग्रसेन के अनुयायी
इस दौरान आगरा मेयर नवीन जैन ने कहा कि अग्रसेन मार्ग महाराजा अग्रसेन के अनुयायियों को समर्पित है. उनका कहना है कि पता नहीं इस रोड को लेकर यह 'मुगल' शब्द कहां से आया. वह बताते हैं कि विकल चौक से लेकर मुगल रोड के बीच ज्यादातक महाराजा अग्रसेन के अनुयायी रहते हैं. उन्हीं की मांग पर यह काम किया गया है. ऐसे में  इस मार्ग का नामकरण करने से पूरे समाज में खुशी की लहर दौड़ गई है. कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे. इसके अलावा, जहां शिला पट्टिका लगी है, उसके साथ एक रोड जाती है जो मुख्य बाजार से मिलती है. जल्द ही उस सड़क का भी जीर्णोद्धार करने का भी संकल्प लिया गया है. जल्द ही यहां पर एक मॉडल रोड बनाई जाएगी, जो चर्चा का विषय बनेगी. इस सड़क को एक महीने के अंदर ही शुरू कर दिया जाएगा. 

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मॉडल रोड के तौर पर विकसित होगी यह रोड
बता दें, इससे पहले सुल्तानगंज पुलिया का नाम बदलकर 'विकल चौक' रखा गया है. इसी के साथ शहर के काजी हाउस और मधु नगर चौराहे के नामों के बदलने का भी प्रस्ताव रखा गया है. मेयर ने कहा है कि राजा अग्रसेन मार्ग को शहर की मॉडल रोड की तौर पर डेवलप किया जा रहा है.

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आगरा का नाम बदलने की भी उठी थी मांग, इतिहास विभाग ने शुरू की थी शोध

डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने शुरू की थी शोध आगरा के इतिहास को लेकर शोध। शासन ने उसी साल नाम बदलने से कर दिया था इंकार। विधायक स्‍व. जगन प्रसाद गर्ग ने उठाया था ये मुद्दा। अग्रवालों की बहुतायत होने के कारण दिया था प्रस्‍ताव।

आगरा, जागरण संवाददाता। जिला पंचायत में फिरोजाबाद को चंद्र नगर बनाने का प्रस्ताव पारित हो गया है। 2019 में आगरा का नाम अग्रवन करने की मांग उठी थी, जिसे उसी साल शासन द्वारा नकार दिया गया था। हालांकि नाम बदलने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने 18 नवंबर 2019 को डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से रिपोर्ट मांगी थी।

2019 में शासन ने विश्वविद्यालय से साक्ष्य मांगे थे कि क्या कभी यह अग्रवन था और किन परिस्थितियों में यह आगरा हो गया। तत्कालीन कुलपति प्रो. अरविंद दीक्षित ने इसकी पुष्टि भी की थी। आगरा के प्राचीन इतिहास को खोजने और शासन से आए पत्र का ऐतिहासिक तथ्यों के साथ जवाब देने के लिए साक्ष्य जुटाए जाने की प्रक्रिया और शोध आरंभ कर दिया गया था। बता दें कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर एक संस्था ने आगरा का नाम अग्रवन करने की मांग भेजी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से इस पत्र को प्रशासन को संदर्भित करते हुए उल्लिखित तथ्यों से संबंधित जानकारी मांगी गई थी। चूंकि यह मामला शहर के प्राचीनतम इतिहास से जुड़ा हुआ था, इसलिए प्रशासन ने इस चिट्ठी को विश्वविद्यालय के पास भेज दिया और तथ्य जुटाने का आग्रह किया था। विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग को साक्ष्य जुटाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो. सुगम आनंद ने बताया कि शासन के पत्र के आधार पर कार्य शुरू कर दिया गया था, पर उसी साल के अंत में शासन से पत्र जारी हुआ था कि नाम बदलने की कोई योजना नहीं है। इसलिए शोध कार्य बंद कर दिया गया था।

बीजेपी के पूर्व विधायक ने उठाई थी मांग

स्वर्गीय विधायक जगन प्रसाद गर्ग ने शहर का नाम बदलने की मांग मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर की थी। उनका आधार था कि यहां अग्रवालों की बहुतायत है और किसी जमाने में यह महाराजा अग्रसेन की राजधानी थी। इसलिए इस शहर का नाम उनके नाम के साथ जोड़कर अग्रवन कर दिया जाए।

कई बार उठ चुकी है मांग

आगरा का नाम अग्रसेन नगर या अग्रवन किए जाने की मांग पूर्व में भी कई बार उठ चुकी है। हालांकि हर बार इसे खारिज ही कर दिया गया है क्‍योंकि आगरा का पर्यटन महत्‍व अत्‍यधिक है। दुनियाभर में लोग ताजमहल के चलते आगरा को जानते हैं। यदि यहां का नाम बदला भी जाता तो अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर इस शहर की पहचान को लेकर एक भ्रम की स्थिति पैदा होगी।

Edited By: Prateek Gupta

आगरा का सबसे पुराना नाम क्या है?

महाभारत के समय पूर्व आगरा को अग्रवन या अग्रबाण कहा जाता था। आगरा का संबंध ऋषि अंगिरा से भी है, जो 1000 ईसा पूर्व हुए थे। अंगिरा से आगरा हो गया। तौलमी पहला व्यक्ति था, जिसने इसे आगरा कहकर संबोधित किया।

आगरा का दूसरा नाम क्या है?

महाभारत काल में आगरा का नाम 'अग्रवन' था आईआईटी कानपुर की वेबसाइट के मुताबिक महाभारत के समय आगरा को 'अग्रवन' के नाम से ही जाना जाता था।

आगरा का राजा कौन है?

आम तौर पर यह स्वीकार किया जाता है कि आगरा महाभारत के समय से एक प्राचीन शहर था और फिर भी दिल्ली सल्तनत के मुस्लिम शासक सुल्तान सिकंदर लोदी ने 1504 में आगरा की स्थापना की। सुल्तान की मृत्यु के बाद, शहर अपने बेटे सुल्तान इब्राहिम लोदी को पास कर दिया।

आगरा कितने किलोमीटर में फैला हुआ है?

आगरा का 10863 वर्ग किलोमीटर फैला हुआ है. आगरा के अंतर्गत 6 तहसील और 15 ब्लॉक आते हैं.