6. पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों की मज़दूरी न्यूनतम मजदूरी से कम क्यों है? - 6. paalamapur mein khetihar shramikon kee mazadooree nyoonatam majadooree se kam kyon hai?

Solution : पालमपुर में श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से कम होने के निम्नलिखित कारण है:-<br> (1)श्रमिकों की मजदूरी, लाचारी और बेरोजगारी उन्हें न्यूनतम से कम मजदूरी स्वीकार करने के लिए विवश करती है।<br> (2 ) जमींदारों और बड़े किसानों द्वारा श्रमिकों का शोषण होता है।<br> (3 ) आवश्यक मात्रा में रोजगार का उपलब्ध न होना। <br>(4 ) न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का ग्रामीण क्षेत्रों में लागू न किया जाना।<br>यही कारण है कि गरीब मजदूर को जो कुछ भी मजदूरी दी जाती है। उसे वह अपने भाग्य विधाता का वरदान समझकर स्वीकार कर लेता है। फलस्वरूप खेतिहर श्रमिकों की मजदूरी दर कम है।<br>

कृषि श्रमिकों की मजदूरी न्यूनतम से कम क्यों होती है?

वे दैनिक मजदूरी पर काम करते हैं उन्हें नियमित रुप से काम ढूंढना पड़ता है। पालमपुर में खतिहर श्रमिक बहुत ज्यादा है और उनकी मांग काम है इस कारण उनके बीच पर्तिस्पर्धा ज्यादा है। जिससे पालमपुर में खेतिहर श्रमिक न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी पर भी काम करने को तैयार हो जाते है।

पालमपुर में खेती हर शाम को की मजदूरी न्यूनतम मजदूरी से काम क्यों है?

Solution. पालमपुर में खेतिहर मज़दूरी में काम के लिए परस्पर प्रतिस्पर्धा है। इसलिए लोग कम दरों पर मज़दूरी के लिए तैयार हो जाते हैं।

खेतिहर श्रमिक गरीब क्यों है?

पालमपुर में खेतिहर श्रमिकों में बहुत ज्यादा स्पर्धा है, इसलिए लोग कम वेतन में भी काम करने को सहमत हो जाते हैं।

सरकार द्वारा एक खेतिहर मजदूर के लिए निर्धारित मजदूरी कितनी है?

* कुछ निश्चित रोजगारों में न्यूनतम मजदूरी का निर्धारण करने के लिए 11.4.46 को केन्द्रीय विधान परिषद में एक न्यूनतम मजदूरी बिल प्रस्तावित किया गया। इसे 1946 में पास कर दिया गया और 15.3.48 से इसे प्रभावी बनाया गया।