भारतीय भोजन व भारतीय खाना अपने भीतर भारत के सभी क्षेत्र, राज्य के अनेक भोजनों का नाम है। जैसे भारत मैं सब कुछ अनेक और विविध है, भारतीय भोजन भी वैैसे ही विविध है। पूरब पश्चिम, उत्तर और दक्षिण भारत का आहार एक दूसरे से थोड़ा बहुत ही अलग है। भारतीय भोजन पर अनेक तत्वों का प्रभाव पड़ा है। सभी क्षेत्रों का खाना दुसरे क्षेत्र से कुुछ-कुुछ अलग हौता है, यह भरतीय भोजन को अपनी एक निराला व अनोखा रूप देती है। पूरन पूरी हो व दाल बाटी, अङ्गारकी/तन्दूरी रोटी हो व राजसी पुलाव, बंंगाली खाना हो व मारवाड़ी खाना, भारतीय भोजन की अपनी एक विशिष्टता है और इसी कारण से आज संसार के सभी बड़े देशों में भारतीय भोजनालय पाये जाते हैं जो कि अत्यन्त लोकप्रिय हैं। विदेशों में प्रायः सप्ताहान्त अथवा अवकाशों पर भोजन के लिये लोग भारतीय भोजनालयों में ही जाने को अधिक अधिमान देते हैं।[कृपया उद्धरण जोड़ें] स्वादिष्ट खाना बनाना एक कला है, इसी कारणवश भारतीय संस्कृति में इसे पाक कला कहा गया है। भारतीय भोजन विभिन्न प्रकार की पाक कलाओं का संगम है। इसमें बंगाली खाना, मारवाड़ी खाना, दक्षिण भारतीय खाना, शाकाहारी खाना, मांसाहारी खाना आदि सभी सम्मिलित हैं। भारतीय "ग्रेव्ही", जिसे करी (कढ़ी), तींवण (तेमन), झोल आदि कहा जाता है, का अपना अलग ही इतिहास है। भारतीय करी का इतिहास 5000 वर्ष पुराना है। प्राचीन काल में, जब भारत आने के लिये केवल खैबर-दर्रा ही एकमात्र मार्ग था क्योंकि उन दिनों समुद्री मार्ग की खोज भी नहीं हुई थी। उन दिनों में भी यहाँ आने वाले विदेशी व्यापारियों को भारतीय भोजन इतना अधिक भाता था कि वे इसे पकाने की विधि सीख कर जाया करते थे और भारत के मोतियों के साथ ही साथ विश्वप्रसिद्ध घर्म सम्बार/मसाला मोल लेकर अपने साथ ले जाना कभी भी नहीं भूलते थे। करी शब्द तमिल के कैकारी, जिसका अर्थ होता है विभिन्न सम्बारों/मसालों के साथ पकाई गई भाजी, से बना है। ब्रिटिश शासनकाल में कैकारी अंग्रेजों को इतना भाया कि उन्होंने उसे काट-छाँट कर छोटा कर दिया और करी बना दिया। आज तो यूरोपियन देशों में करी भारतीय पकवानों का पर्याय बन गया है।[1] सामग्री[संपादित करें]भारतीय भोजन में बहुत सारे सामग्रीयों का उपयोग होता है, जैसे की दालचीनी, काली मिर्च, लौंग, इलायची का प्रयोग होता है। लहसुन और कान्दे का भी प्रयोग होता है, पर सात्विक भोजन में इनका प्रयोग नहीं होता है। जैन धर्म के अनुयायी जड़ वाले शाक को भी नहीं खाते। ऋतु-अनुकूल सामग्री के प्रयोग को अधिमान दिया जाता है। अलग -अलग प्रकार के दाल का भी उपयोग होता है जैसे मसूर, तूर/अरहर, उड़द, मूँग दाल जैसे भिन्न-भिन्न दालो का प्रयोग होता है। उत्तर भारतीय खाना[संपादित करें]उत्तर भारत का खाना पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। उत्तर भारतीय खाना कश्मीर, जम्मू (डोगरा), हिमाचल (डोगरा), पंजाब, उत्तर प्रदेश (ब्रज, कौरवी, अवधी, बुन्देली, भोजपुरी) हरियाणा, राजस्थान (मारवाड़ी, बीकानेरी, मेवाड़ी), मध्य प्रदेश ( बुन्देली, निमाड़ी, मालवी) उत्तराखण्ड (कुमाऊँनी, गढ़वाली, जौनसारी) जैसे राज्यों को अपने अन्दर लेता है। उत्तर भारतीय भोजन-
कश्मीरी खाना[संपादित करें]कश्मीरी खाना इस क्षेत्र की प्राचीन परंपरा पर आधारित है। इस क्षेत्र में प्रसिद्ध सामग्री मास है। इस क्षेत्र के प्रसिद्ध व्यंजन है - दम आलू; रोगन ज़ोश एक मास आधारित पकवान है। इस पकवान में बहुत सारा तेल का उपयोग होत है, इसे तीव्र गर्मी पर पकाया जाता है। इस पकवान के मुख्य सामग्री है- कश्मीरी रेड चिलीज, मास, दही, सोंठ आदि का प्रयोग होता है। पंजाबी खाना[संपादित करें]यह अपने मसालो व पकवानो के रंगो के लिए प्रसिद्ध है। पंजाबी खाना न केवल भारत मै, पर पुरी दुनीया बहुत जाना माना है। पंजाबी खाने मैं घी, दही, मक्खन, पूरी गेहूं का उपयोग होता है। पंजाबी खाने के मसाला ज्यादा तर अदरक -लहसुन प्याज का अप्रमाद होता है। हम आलु पराठा, अनारदाना मुर्ग, छ्हित, खीर, सर्सोन का साग पंजाबी खाने के माशुर खान है। तंदूरी खाना यहाँ की विशेषता है। विशिष्ट व्यंजन[संपादित करें]नाश्ता[संपादित करें]
मांसाहारी[संपादित करें]
, चिकन टिक्का
शाकाहारी[संपादित करें]शाकाहारी
, मालपुअ, जैसे मीठे व्यंजन
दक्षिण भारतीय खान[संपादित करें]दक्षिण भारतीय खाना भारत के द्रविड़ राज्यों के खाने को कहा जाता है। इसमें मुख्यतः तमिल नाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल राज्य गिने जाते है। प्रसिद्ध पकवाने है- पेरुगु पुरी, इडली, डोसा, सांभर, पोंगल आदि। यहाँ का प्रमुख भोजन चावल है। नारियल, इमली, हरी मिर्च का प्रयोग होता है। प्रकार[संपादित करें]तमिलनाडु का शाकाहारी भोजन प्रायः केले के पत्ते पर परोसा जाता है।
तमिल खाना मैं चावल, फलियां और मसूर की दाल का प्रयोग होता है। अपनी विशिष्ट सुगंध और स्वाद करी पत्ते, सरसों के बीज, धनिया, अदरक, लहसुन, मिर्च, काली मिर्च, दालचीनी, लौंग, हरी इलायची, जीरा, जायफल, नारियल और गुलाब जल हर एक पकवान को सुगंधित और स्वादिष्ट बनाते है। चेट्टीनाद व्यंजन पूरे दुनीया मैं प्रसिद्ध है। प्रसिद्ध खान है- मीन कोज़हमबु, पोलि, पोगल, इड्डीअपम, इडली, रस्म, पारुपु डोसा।
मलयाली खाना बहुत विविध है। शाकाहारी व मांसाहरी पकवाने यहाँ मिलती है। प्रसिद्ध पकवान है-पुटू, आपम, इडीआपम, अवीयल, अलग- अलग प्रकार के मछली करी, मालाबार बिरयानी, पेडी, चिकन स्टू, पायसम। मलयाली खाने मैं केरल (चोर) चावल पसंद करते हैं। यहाँ का सबसे प्रसिद्ध पकवान सादया है।
केरला के पकवान के तरह हि कन्नड़ पकवान मैं शाकाहारी व मांसाहरी पकवाने मिलती है। दक्षिण राज्यों का प्रभाव कन्नड़ खाने पर बहुत पड़ा है। प्रसिद्ध पकवान है - कोसमबारी, बिसी बेले बाथ, अक्कि रोटी, रागी मुद्दे, कायी चटनी, नुपुत्तु, टमाटर बाथ, मैसूर पाक, पानदि करी, अलग- अलग प्रकार के अचार। उडुपी व्यंजन पूरे राज्य व दुनीया मैं प्रसिद्ध है।
आंध्र खाना अपने नोंकदार, मसालेदार खाने के लिए जाना जाता है। दल, टमाटर और इमली इनके प्रमुक सामग्रीया है। प्रसिद्ध पकवान है- पेरुगु पुरी, पाचहि पुलुसु, बदाम हलवा, बिरयानी। इस राज्य के अन्दर बहुत सारे व्यंजन मिलेगे जैसे-
हर एक व्यंजन अपनी विशेषता बानाए रकता है। पश्चिम भारतीय खाना[संपादित करें]
गुजराती खाना मैं लग-भग सारे पकवान शाकाहारी है। गुजराती खाने एक साथ मीठे, नमकीन वह मसालेदार होते है। प्रधान पकवान खिचड़ी, अचार, छाछ है। प्रसिद्ध खाने है-
राजस्थानी खाना[संपादित करें]दाल बाटी, चूरमा, वैसे तो दाल बाटी एक राजस्थानी व्यंजन है, किन्तु आजकल यह संपूर्ण भारत में पसंद की जाने लगी है। राजस्थान में छुट्टी हो या घर में मेहमान आए हों, बारिश ने दस्तक दी हो या कोई भी मंगल त्यौहार हो, दाल बाटी का कोई विकल्प नहीं। राजस्थान के रेगिस्तानी आँचल की सब्जी (कैर सांगरी) के बारे में तो यहाँ तक कहा गया है कि- " कैर, कुमटिया सांगरी, काचर बोर मतीर | तीनूं लोकां नह मिलै, तरसै देव अखीर ॥ " कैर, कुमटिया, सांगरी, काचर, बेर और मतीरे राजस्थान को छोड़कर तीनों लोकों में दुर्लभ है इनके स्वाद के लिए तो देवता भी तरसतें रहते है। मराठी खाना[संपादित करें]पुरण पोळी, आंबट वरण, पुरण पोळी महाराष्ट्र का सांस्क्रुतिक मिष्टान्न हैं। हर मंगल प्रसंग पुरण पोळी के बिना अधुरा हैं। चनेकी दाल, गुड और गेंहुका आटा ये पुरण पोळी बनानेकी सामग्री हैं। चनेकी दाल उबालके गुडके साथ मिलाके पिस ले। फिर ये मिश्रण परोंठेके तरह गुंदेहुए आटेंमें भरके सेंक ले। इसके साथ ही महाराष्ट्र में मुबई का वडापाव बहुत पसंद किया जाता है। पूर्व भारतीय खाना[संपादित करें]
पारंपरिक क्षेत्रीय खनपान[संपादित करें]कश्मीरी[संपादित करें]
पंजाबी[संपादित करें]
अवधी खाना[संपादित करें]
राजस्थानी[संपादित करें]
गुजराती[संपादित करें]
महाराष्ट्री[संपादित करें]
कोंकणी/गोआनी[संपादित करें]
केरल[संपादित करें]
दक्षिण भारतीय[संपादित करें]
हैदराबादी[संपादित करें]प्रमुख अवसरों पर परोसा जाने वाला आन्ध्र प्रदेश का पारम्परिक शाकाहारी भोजन
पूर्वी[संपादित करें]
पूर्वोत्तर[संपादित करें]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
चित्रदालन[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
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