सिरिशा बांदला रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन गेलेक्टिक उड़ान में सवार छह चालक दल के सदस्यों में से एक थीं, जो पृथ्वी पर लौटने से पहले अंतरिक्ष के किनारे तक गई थीं. Show
भारतीय मूल की सिरीशा बांदला 11 जुलाई, 2021 को अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला बन गई हैं. उन्होंने अरबपति सर रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन गेलेक्टिक उड़ान 'VSS यूनिटी' में सवार होकर अंतरिक्ष के किनारे तक उड़ान भरी है. सिरिशा बांदला रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन गेलेक्टिक उड़ान में सवार छह चालक दल के सदस्यों में से एक थीं, जो पृथ्वी पर लौटने से पहले अंतरिक्ष के किनारे पर उड़ान भरी थीं. महत्त्वकल्पना चावला, जिनकी मृत्यु 2003 में कोलंबिया अंतरिक्ष शटल के पृथ्वी पर पुन: प्रवेश के दौरान विघटित होने पर हो गई थी, के बाद सिरिशा बांदला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला बन गई हैं. इस ऐतिहासिक यात्रा पर 34 वर्षीया बांदला की उपस्थिति ने भारतीयों के बीच, विशेष रूप से आंध्र प्रदेश राज्य में, जहां उनका जन्म हुआ था, बहुत उत्साह पैदा किया है. उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने भी यह कहते हुए एक ट्वीट किया कि, "भारतीय महिलाएं न केवल शीशे की छत तोड़ रही हैं (अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन कर रही हैं) - वे सचमुच इस ग्रह (पृथ्वी) की सभी सीमाओं को लांघ रही हैं और अंतरिक्ष में उड़ान भर रही हैं." कौन हैं ये सिरीशा बांदला?• सिरीशा बांदला अंतरिक्ष यान बनाने वाली कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक में सरकारी मामलों और अनुसंधान कार्यों की उपाध्यक्ष हैं. यूनिटी 22 मिशन: आपके लिए महत्त्वपूर्ण जानकारी• इस वर्जिन गेलेक्टिक उड़ान में अरबपति रिचर्ड ब्रैनसन का "यूनिटी 22" मिशन, ‘VSS यूनिटी’ - एक सबऑर्बिटल रॉकेट-संचालित अंतरिक्ष विमान 85 किमी (282,000 फीट; 53 मील) की ऊंचाई तक पहुंच गया था. ऐसे पांच तथ्य जो आपको जरुर जानने चाहिए:
अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारत में जन्मी पहली महिला कौन थी?कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं और वे एक मिशन विशेषज्ञ और प्राथमिक रोबोटिक आर्म ऑपरेटर के तौर पर वर्ष, 1997 में अंतरिक्ष शटल कोलंबिया से पहली बार अंतरिक्ष में गई थीं. उनकी दूसरी उड़ान वर्ष, 2003 में स्पेस शटल कोलंबिया की अंतिम उड़ान थी. 01 फरवरी, 2003 को यह दुर्भाग्यपूर्ण अंतरिक्ष यान विघटित हो गया, जिससे चालक दल के सभी सात सदस्य मारे गए. पृष्ठभूमिब्रिटेन के अरबपति और वर्जिन गेलेक्टिक कंपनी के संस्थापक, सर रिचर्ड ब्रैनसन ने पहली बार वर्ष, 2004 में एक अंतरिक्ष विमान बनाने के अपने इरादे की घोषणा की थी. इस विश्वास के साथ कि, वे वर्ष, 2007 तक अंतरिक्ष के लिए एक वाणिज्यिक सेवा शुरू कर सकते हैं. यह वर्जिन गेलेक्टिक की पहली पूरी तरह से चालित और रॉकेट-संचालित परीक्षण उड़ान थी. यह उड़ान 16 साल के शोध, इंजीनियरिंग और परीक्षण के बाद भरी गई है. अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी अमेरिकी महिला कौन थी?भारतीय मूल की सिरीशा बांदला 11 जुलाई, 2021 को अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला बन गई हैं. उन्होंने अरबपति सर रिचर्ड ब्रैनसन की वर्जिन गेलेक्टिक उड़ान 'VSS यूनिटी' में सवार होकर अंतरिक्ष के किनारे तक उड़ान भरी है.
भारतीय मूल की दूसरी अंतरिक्ष यात्री कौन है?अंतरिक्ष यात्रा करने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला बनने वालीं है सिरीशा बांदला (Sirisha Bandla). 11 जुलाई को भारतीय मूल की ये बेटी आकाश की ऊंचाइयों से भी आगे जाएगी. कल्पना चावला के बाद सिरीशा बांदला ये उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी महिला हैं. बांदला VSS Unity के 6 अंतरिक्षयात्रियों में से एक है.
अंतरिक्ष में जाने वाली दूसरी महिला कौन सी है?2003 में कोलंबिया अंतरिक्ष शटल हादसे में कल्पना चावला का निधन हो गया था. इसके साथ ही ह्यूस्टन में पली-बढ़ीं सिरिशा कल्पना चावला के बाद अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारत में जन्मी दूसरी महिला बन जाएंगी. राकेश शर्मा और सुनीता विलियम्स अन्य भारतीय थे, जो अंतरिक्ष में गए थे.
अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला कौन है?कल्पना चावला पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने 19 नवंबर 1997 को अंतरिक्ष में अपनी प्रथम उड़ान एसटीएस 87 कोलंबिया शटल से भरी। उन्होंने अन्तरिक्ष में 372 घंटे बिताए और अरबों मील की यात्रा तय कर पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं पूरी कीं।
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