Easy Constipation Remedy for Babies: बच्चे को कब्ज से छुटकारा दिलाएगा ये तरीका मूवमेंट करने से शिशु की मल त्याग की क्रिया वयस्कों की तरह ही उत्तेजित होती है। शिशु के पैरों को हल्के से हिलाएं। आप उसके पैरों को साइकिल के मोशन में भी चला सकते हैं। कब्ज से राहत पाने का ये सबसे आसान तरीका है। यह भी पढें : बच्चों को ओट्स कब और कैसे खिलाएं सेब का रसबच्चों में भी फाइबर की कमी के कारण कब्ज हो सकती है। सेब में मौजूद
घुलनशील फाइबर यानी पेक्टिन कब्ज के इलाज में लाभकारी होता है। आप सेब के छिलके साथ जूस निकाल कर शिशु को दे सकती हैं। दिन में दूध की बोतल में एक बार सेब का रस पिलाने से कब्ज ठीक हो जाता है। यह भी पढें : बच्चों को किस उम्र से देना चाहिए फ्रूट जूस गर्म पानी से नहलानागर्म पानी से नहाने से शिशु के पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है और उनमें आ रहे तनाव में कमी आती है। ये कब्ज के कारण हो रही असहजता को भी दूर करता है। यह भी पढें : बच्चों को किस उम्र में खिलाना शुरू करें दही ऑर्गेनिक नारियल तेलकब्ज के घरेलू उपाय में नारियल तेल का प्रयोग भी किया जा सकता है। 6 महीने से अधिक उम्र के शिशु के खाने में दो या तीन मि.ली नारियल तेल मिला सकते हैं। अगर बच्चा 6 महीने सेकम है तो उसकी गुदा के आसपास
नारियल तेल लगाएं। टमाटर6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों में कब्ज से राहत दिलाने में टमाटर भी बहुत फायदेमंद होते हैं। आप
टमाटर का रस दे सकती हैं। एक छोटे टमाटर को एक कप पानी में उबाल लें और इसे ठंडा कर के छानने के बाद इस रस की शिशु को रोज तीन से चार चम्मच पिलाएं। यह भी पढेंं : शिशु पर इस तरह करें एलोवेरा जैल का इस्तेमाल, मिलेंगें कई फायदे सौंफसौंफ भी पाचन संबंधित समस्याओं के इलाज में बहुत असरकारी होती है। एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबालने के बाद ठंंडा कर के छान लें और दिन में तीन से चार बार शिशु को चम्मच से ये काढ़ा पिलाएं। अगर शिशुु 6 महीने से कम है तो मां दिन में बार सौंफ खाए। यह भी पढें : शिशु को किस उम्र से और कैसे पिलाना चाहिए गाय का दूध पपीतापपीता फाइबर का अच्छा स्रोत है और इसीलिए ये कब्ज के इलाज में बहुत असरकारी होता है। 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चे के लिए पपीता कब्ज से छुटकारा दिलाने में बहुत फायदेमंद है। यह भी पढें : बच्चों के दांत आने पर क्यों शुरू हो जाते हैं दस्त तरल पदार्थशरीर में
पानी की कमी के कारण भी कब्ज हो जाती है। 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चे के आहार में प्रचुरता में तरल पदार्थों को शामिल करें। सूप, फलों का रस,
दूध और पानी से इसकी पूर्ति कर सकते हैं। मालिशपेट और पेट के निचले हिस्से की हल्की मालिश करने से भी कब्ज दूर हो सकती है। दिन में कई बार शिशु की मालिश करें। यह भी पढें : नवजात शिशु की मालिश करने का तरीका प्यूरी वाला खानायदि 6 महीने से बड़ा बच्चा ठोस आहार नहीं ले रहा है तो उसे खाना तरी के रूप में दें। फल और सब्जियों
में खूब फाइबर होता है जो कब्ज दूर करता है। आप फल और सब्जियों को पीसकर तरीदार बनाकर दें। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें 1 महीने का बच्चा पॉटी ना करे तो क्या करें?आम तौर पर, वे दिन में एक बार या दिन में 10 बार Potty कर सकते हैं। कुछ बच्चे 5-7 दिनों के लिए भी Potty नहीं कर सकते हैं।
1 महीने के बच्चे को कब्ज के उपाय?ऐसे में इन शिशुओं (Babies) में कब्ज की समस्या कम देखी जाती है.. व्यायाम कराएं ... . गुनगुने पानी से नहलाएं ... . नारियल तेल का प्रयोग ... . सौंफ का पानी ... . तरल पदार्थ का सेवन ... . मालिश जरूरी ... . फल और सब्जियों की प्यूरी दें. नवजात शिशु का पेट साफ कैसे करें?छह माह से छोटे शिशु
हालांकि कई बार शिशु मां का दूध पीने से भी कब्ज की चपेट में आते हैं। इसका कारण मां की डाइट में पोषण संबंधी तत्वों की कमी का होना है। अगर आपको शिशु में बुखार आना, पेट फूलना, मल का कड़ा होना और दूध पीने से मना करने जैसे लक्षण दिखें तो बिना देरी के डॉक्टर से संपर्क करें।
नवजात शिशु को कब्ज का घरेलू उपचार?वहीं, बहुत ज्यादा दूध पाउडर शिशु के शरीर में पानी की कमी कर सकता है, जिससे कब्ज हो सकता है। डॉक्टर आपको अलग ब्रांड का फॉर्मूला दूध आजमाने की सलाह दे सकते हैं। अगर आपके शिशु ने ठोस आहार लेना शुरु कर दिया है, तो उसे पर्याप्त मात्रा में उबालकर ठंडा किया गया पानी और फलों का जलमिश्रित रस दें।
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