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Answer: (c) फ़ीस के पैसे बड़ी मुश्किल से आते हैं (1) तब भी बरसात की रातों से तो ये रातें कहीं अच्छी हैं, पेड़राजा! बरसात की रातों में तो रातभर भीगते रहो, बादलों से आनेवाले पानी की मार खाते रहो, तेज़ हवाओं में भी बल्ब को कसकर पकड़े बराबर एक टाँग पर खड़े रहो-बिलकुल अच्छा नहीं लगता। उस वक्त लगता है, इससे तो अच्छा था…न होता बिजली के खंभे का जन्म! बल्ब फेंक, तब दूर कहीं भाग जाने का जी होता है। Question 1. Answer: (b) पापा खो गए—विजय तेंदुलकर Question 2. Answer: (a) पेड़ Question 3. Answer: (c) बरसात Question 4. Answer: (b) बल्ब को Question 5. Answer: (d) उपर्युक्त सभी। (2) अपने पत्तों का कोट पहनकर मुझे सरदी, बारिश या धूप में उतनी तकलीफ़ नहीं होती, तो भी तुमसे बहुत पहले का खड़ा हूँ मैं यहाँ। यहीं मेरा जन्म हुआ-इसी जगह। तब सब कुछ कितना अलग था यहाँ। वहाँ के, वे सब ऊँचे-ऊँचे घर नहीं थे तब। यह सड़क भी नहीं थी। वह सिनेमा का बड़ा सा पोस्टर और उसमें नाचनेवाली औरत भी तब नहीं थी। सिर्फ सामने का यह समुद्र था। बहुत अकेलापन महसूस होता था। तुम्हें जब यहाँ लाकर खड़ा किया तो सोचा, चलो कोई साथी तो मिला-इतना ही सही। लेकिन वो भी कहाँ? तुम शुरू-शुरू में मुझसे बोलने को ही तैयार नहीं थे। मैंने बहुत बार कोशिश की, पर तुम्हारी अकड़ जहाँ थी वहीं कायम! बाद में मैंने भी सोच लिया, इसकी नाक इतनी ऊँची है तो रहने दो। मैंने भी कभी आवाज़ नहीं लगाई, हाँ! अपना भी स्वभाव ज़रा ऐसा ही है। Question 1. Answer: (b) पेड़ खंभे को Question 2. Answer: (c) समुद्र Question 3. Answer: (b) खंभे को Question 4. Answer: (b) खंभे की Question 5. Answer: (d) मिलन सार Question 6. Answer: (a) पेड़ ने (3) मैं बच्चे उठानेवाला हैं। दसरा कोई काम करने की मेरी इच्छा नहीं होती। अभी थोड़ी देर पहले एक घर से यह लड़की उठाई है मैंने। गहरी नींद सो रही थी। अब तक उठी नहीं है। उठेगी भी नहीं, मैंने इसे थोड़ी बेहोशी की दवा जो दी है। अब मुझे लगी है भूख। दिनभर कुछ खाने का वक्त ही नहीं मिला। पेट में जैसे चूहे दौड़ रहे हों!..तो ऐसा किया जाए…इसे यहीं लेटाकर अपने ज़रा कुछ खाने की तलाश करें…देखें कुछ मिल जाए तो! इतनी रात गए यहाँ इस वक्त अब किसी का आना मुमकिन नहीं। Question 1. Answer: (b) बच्चे उठानेवाला अपने आप से Question 2. Answer: (c) सोई हुई लड़की को उसके घर से Question 3. Answer: (c) खाना खाने Question 4. Answer: (b) क्योंकि लड़की को उसने बेहोशी की दवा पिलाई थी Question 5. Answer: (a) संभव (4) कौआ उसके कान में कुछ कहता है। लैटरबक्स स्वीकृति में गरदन हिलाता है। अँधेरा। कुछ देर बाद उजाला। सुबह होती है। खंभा अपनी जगह पर टेढ़ा होकर खड़ा है। पेड़ सोई हुई लड़की पर झुककर अपनी छाया किए हुए है। कौए की काँव-काँव ज़ोर-ज़ोर से सुनाई दे रही है और सिनेमा के पोस्टर पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है-पापा खो गए हैं। पोस्टर पर बनी नाचनेवाली की इससे मेल खानेवाली भंगिमा। लेटर बॉक्स धीरे से सरकता हुआ प्रेक्षकों की ओर आता है। Question 1. Answer: (b) लोगों व पुलिस को आकर्षित करने के लिए Question 2. Answer: (b) क्योंकि नीचे लड़की सो रही थी Question 3. Answer: (b) विजय तेंदुलकर Question 4. Answer: (c) पुलिस को बुलाने के लिए Question 5. Answer: (c) पापा खो गए Question 6. Answer: (d) उपर्युक्त सभी। (5) अपने पत्तों का कोट पहनकर मुझे सरदी, बारिश या धूप में उतनी तकलीफ़ नहीं होती, तो भी तुमसे बहुत पहले का खड़ा हूँ मैं यहाँ। यहीं मेरा जन्म हुआ-इसी जगह। तब सब कुछ कितना अलग था यहाँ। वहाँ के, वे सब ऊँचे-ऊँचे घर नहीं थे तब। यह सडक भी नहीं थी। वह सिनेमा का बड़ा-सा पोस्टर और उसमें नाचनेवाली औरत भी तब नहीं थी। सिर्फ सामने का यह समुद्र था। बहुत अकेलापन महसूस होता था। तुम्हें जब यहाँ लाकर खड़ा किया गया तो सोचा, चलो कोई साथी तो मिला-इतना ही सही। लेकिन वो भी कहाँ? तुम शुरू-शुरू में मुझसे बोलने को ही तैयार नहीं थे। मैंने बहुत बार कोशिश की, पर तुम्हारी अकड़ जहाँ थी वहीं कायम! बाद में मैंने भी सोच लिया, इसकी नाक इतनी ऊँची है तो रहने दो। मैंने भी कभी आवाज़ नहीं लगाई, हाँ! अपना स्वभाव ज़रा ऐसा ही है। Question 1. Answer: पेड़ अपने जन्म के बारे में कहता है कि अपने पत्तों का कोट पहनकर मुझे सरदी, बारिश या धूप में उतनी तकलीफ़ नहीं होती, तो भी तुम से पहले का खड़ा हूँ। पहले मेरा जन्म इसी जगह हुआ। Question 2. Answer: पेड़ की बातों को खंभा, पोस्टर एवं लैटरबाक्स सुन रहे हैं। Question 3. Answer: यह कथन पेड़ का है। Question 4. Answer: तब पेड़ के सामने सिर्फ समुद्र था। Question 5. Answer: बिजली के खंभे के अकड़ की बात की जा रही है। (6) चलता है पता तो चल जाने दो। मेरी तरह यहाँ रात-दिन बैठकर दिखाएँ तब पता चले। परसों वह पोस्टमैन मेरे पेट में से चिट्ठियाँ निकाल रहा था और मुझे इतनी लंबी जम्हाई आई कि रोके नहीं रुकी। (जम्हाई लेता है।) वह देखता ही रह गया। चिट्ठियों का बंडल बनाकर जल्दी-जल्दी चलता बना वह। लेकिन यह लैटरबक्स, इसे नहीं बोरियत होती एक जगह बैठे-बैठे? मैं कहता हूँ चार चिट्ठियाँ मन बहलाने के लिए पेड़ भी ले तो क्या हो गया? Question 1. Answer: ‘चलता है पता तो चल जाने दो।’ यह कथन लैटरबक्स के हैं। लैटरबक्स ने यह कथन इसलिए कहा क्योंकि चोरी-चोरी किसी की चिट्ठियों को पढ़ना ठीक नहीं है। पोस्टर मास्टर को पता चल गया तो क्या होगा। लैटरबक्स अपनी बोरियत दूर करने के लिए ऐसा करता है, इसलिए कहता है-चलता है पता तो चल जाने दो। Question 2. Answer: लैटरबक्स के साथ घटना घटी कि परसों पोस्टमैन के पत्र निकालते समय लैटरबक्स को जम्हाई आ रही थी, फिर वह चिट्ठियों का बंडल बनाकर चलता बना। Question 3. Answer: लैटरबक्स अपनी सफ़ाई देते हुए कहता है कि अपनी बोरियत दूर करने और मन बहलाने के लिए दो-चार चिट्ठियाँ पढ़ ली तो क्या गलत कर दिया। Question 4. Answer: एक जगह लैटरबक्स के बैठने से बोरियत होती है। Question 5. Answer: इस गद्यांश के लेखक विजय तेंदुलकर हैं। (7) मैं बच्चे उठानेवाला हूँ। दूसरा कोई काम करने की मेरी इच्छा नहीं होती। अभी थोड़ी देर पहले एक घर से यह लड़की उठाई है मैंने। गहरी नींद सो रही थी। अब तक उठी नहीं है। उठेगी भी नहीं, मैंने इसे थोड़ी बेहोशी की दवा जो दी है। अब मुझे लगी है भूख। दिनभर कुछ खाने का वक्त ही नहीं मिला। पेट में जैसे चूहे दौड़ रहे हों!..तो ऐसा किया जाए…इसे यहीं लेटाकर अपने ज़रा कुछ खाने की तलाश करें…देखें कुछ मिल जाए तो! इतनी रात गए यहाँ इस वक्त अब किसी का आना मुमकिन नहीं । Question 1. Answer: बच्चा उठानेवाला एक भिखारी जैसा व्यक्ति है। Question 2. Answer: बच्चे उठानेवाला व्यक्ति अपने बारे में कहता है कि वह बच्चे उठाने के सिवा और कोई कार्य नहीं कर सकता है। Question 3. Answer: लड़की गहरी नींद सो रही थी, उस पर बेहोशी का प्रभाव है। Question 4. Answer: वह व्यक्ति लड़की को छोड़कर खाना खाने चला गया। Question 5. Answer: बच्चा उठाने वाला व्यक्ति भोजन की तलाश करना चाहता है। (8) यो तो ठीक लग रहे हैं। फिर मुझे जो दिखाई दिया वह सपना था…या कुछ और? (फिर गौर से देखती है, सभी नि:स्तब्ध।) कौन बोल रहा था? कौन गप्पें मार रहा था? (सभी चप) कौन बातें कर रहा था? मुझे…मुझे डर लग रहा है। मैं कहाँ हूँ? यह…यह सब क्या है? मेरा घर कहाँ है? मेरे पापा कहाँ हैं? मम्मी कहाँ हैं ? कहाँ हूँ मैं? मुझे…मुझे बहुत डर लग रहा है…बहुत डर लग रहा है। कैसा अँधेरा है चारों तरफ़! रात है…सपना देख रही थी मैं। पर सब सच है…कोई तो बोलो न…नहीं तो चीखंगी मैं…चीखंगी। Question 1. Answer: यह संवाद लड़की का है। लैटरबक्स बिजली का खंभा, पेड़ और कौआ लड़की को ठीक लग रहे हैं। Question 2. Answer: लड़की के दिमाग में ये प्रश्न उठते हैं-मैं कहाँ हूँ? मेरा घर कहाँ है? मेरे पापा कहाँ है? मम्मी कहाँ हैं ? Question 3. Answer: लड़की को डर इसलिए लग रहा है कि चारों ओर काफ़ी अँधेरा है। रात है। Question 4. Answer: लड़की चीखेगी। (9) पुलिस को लगेगा एक्सीडेंट हो गया। वो यहाँ आएगी और हमारी इस छोटी सहेली को देखेगी। वो लगाएगी इसके घर का पता। पुलिस सबके घर का पता मालूम करती है। खोए हुए बच्चों को उनके घर पहुँचाती है? Question 1. Answer: यह संवाद पेड़; खंभा और कौआ आपस में कह रहे हैं। वे लड़की को उसके घर पहुँचाना चाहते हैं। उनका मानना है कि पुलिस ही उसे उसके घर तक पहुँचा सकती है, क्योंकि लड़की को अपने घर का पता भी मालूम नहीं होता। इसलिए ही वे इस तरह खड़े होने की योजना बनाते हैं कि पुलिस को लगे कि यहाँ कोई दुर्घटना हो गई है। Question 2. Answer: ऊपर लिखी तरकीब कौए ने सोची, क्योंकि उन्हें बच्ची को उसके घर तक सही-सलामत पहुँचा देने की चिंता थी। वे कुछ ऐसा तरकीब करना चाह रहे थे जिससे बच्ची अपने घर पहुँच जाए। Question 3. Answer: पुलिस लड़की के लिए वहाँ आएगी तो उस छोटी बच्ची को देखेगी। फिर वह उसके घर का पता लगाकर उसे वहीं पहुँचा देगी क्योंकि पुलिस खोए हुए बच्चों को उनके घर पहुँचाती है। Question 4. Answer: उपर्युक्त पद्यांश में छोटी सहेली उस लड़की को कहा गया है जिसे आदमी लाया था और पेड़, खंभा, लैटरबक्स ने उसे उस आदमी से बचाया था। We hope the given NCERT MCQ Questions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 7 पापा खो गए with Answers Pdf free download will help you. If you have any queries regarding CBSE Class 7 Hindi पापा खो गए MCQs Multiple Choice Questions with Answers, drop a comment below and we will get back to you soon. उपर्युक्त पंक्तियाँ कौन किससे कह रहा है?Answer: (क) उपर्युक्त पंक्ति श्रीकृष्ण अपने बालसखा सुदामा से कह रहे हैं। (ख) अपनी पत्नी द्वारा दिए गए चावल संकोचवश सुदामा श्रीकृष्ण को भेंट स्वरूप नहीं दे पा रहे हैं। परन्तु श्रीकृष्ण सुदामा पर दोषारोपण करते हुए इसे चोरी कहते हैं और कहते हैं कि चोरी में तो तुम पहले से ही निपुण हो।
चोरी की बान में हौ जू प्रवीन पंक्ति कौन किससे कह रहा है?(क) 'चोरी की बात में हौ जू प्रवीने' - यह श्री कृष्ण अपने बालसखा सुदामा से कह रहे हैं। (ग) बचपन में श्रीकृष्ण और सुदामा साथ-साथ संदीपन ऋषि के आश्रम में शिक्षा ग्रहण करते थे।
इस उपालभ शिकायत के पीछे कौन सी पौराणिक कथा है?(ग) इस उपालंभ के पीछे एक पौरोणिक कथा है। जब श्रीकृष्ण और सुदामा आश्रम में अपनी-अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। उस समय एक दिन वे जंगल में लकड़ियाँ एकत्र करने जाते हैं। गुरूमाता ने उन्हें रास्ते में खाने के लिए चने दिए थे।
चोरी की बान में हौ जू प्रवीने श्रीकृष्ण ने ऐसा क्यों कहा?(ख) सुदामा की पत्नी ने श्रीकृष्ण के लिए भेंट स्वरूप कुछ चावल भिजवाए थे। संकोचवश सुदामा श्रीकृष्ण को यह भेंट नहीं दे पा रहे हैं। परन्तु श्रीकृष्ण सुदामा पर दोषारोपण करते हुए इसे चोरी कहते हैं और कहते हैं कि चोरी में तो तुम पहले से ही निपुण हो।
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