बहुत सारे स्थानों पर विद्रोही सिपाहियों ने नेतृत्व सँभालने के लिए पुराने शासकों से क्या आग्रह किया? बहुत सारे स्थानों पर विद्रोही सिपाहियों (सैनिकों) ने नेतृत्व संभालने के लिए पुराने अपदस्थ शासकों से आग्रह किया कि वे विद्रोह का नेतृत्व प्रदान करें क्योंकि वे जानते थे कि नेतृत्व व संगठन के बिना अंग्रेजों से लोहा नहीं लिया जा सकता। इस उद्देश्य से विद्रोहियों ने ऐसे लोगों की शरण ली जो अंग्रेज़ों से पहले नेताओं की भूमिका निभाते थे:
विद्रोहियों के बीच एकता स्थापित करने के लिए क्या तरीके अपनाए गए? विद्रोहियों के बीच एकता स्थापित करने के लिए निम्नलिखित तरीकें अपनाए गए:
1857 के घटनाक्रम को निर्धारित करने में धार्मिक विश्वासों की किस हद तक भूमिका थी ?
1857 के विद्रोह के बारे में चित्रों से क्या पता चलता है? इतिहासकार इन चित्रों का किस तरह विश्लेषण करते हैं?
उन साक्ष्यों के बारे में चर्चा कीजिए जिनसे पता चलता है कि विद्रोही योजनाबद्ध और समन्वित ढंग से काम कर रहे थे? विद्रोह से सम्बन्धित विभिन्न स्रोतो से हमें यह प्रमाण मिलते हैं कि सिपाही विद्रोह को योजनाबद्ध एवं समन्वित तरीके से आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे थे। विभिन्न छावनियों में विद्रोही सिपाहियों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान था। 'चर्बी वाले
कारतूसों' की बात सभी छावनियों में पहुँच गई थी। इसका एक और उदाहरण यह है कि जब मई की शुरुआत में सातंवी अवध इर्रेगुलर कैविटी ने नए कारतूसों का प्रयोग करने से इनकार कर दिया तो उन्होंने 48वीं नेटिव इन्फेंट्री को लिखा: "हमने अपने धर्म की रक्षा के लिए यह फैसला लिया है और 48 नेटिव इन्फेंट्री के के हुक्म का इंतजार कर रहे हैं।" सिपाहियों की बैठकों के भी कुछ सुराग हमें मिलते हैं। हालांकि बैठकों में वे कैसी योजनाएँ बनाते थे, उसके प्रमाण नहीं है। फिर भी कुछ अंदाज़े लगाए जाते हैं कि इन सिपाहियों का दुःख-दर्द तक एक जैसा था। अधिकांश उच्च-जाति के थे और उनकी जीवन-शैली भी मिलती जुलती थी। स्वाभाविक है कि वे अपने भविष्य के बारे में ही निर्णय लेते होंगे। इस विद्रोह के आरंभिक इतिहासकारों में से एक चार्ल्स बॉल ने लिखा है कि ये पंचायते रात को कानपुर सिपाही लाइनों में होती थी जिनमें मिलिट्री पुलिस के कप्तान कैप्टन 'कप्तान हियर्से' की हत्या के लिए 41वीं नेटिव इन्फेंट्री के विद्रोही सैनिकों ने उन भारतीय सिपाहियों पर दबाव डाला, जो उस कप्तान की सुरक्षा के लिए तैनात थे। |