These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 10 Home Science . Here we have given UP Board Solutions for Class 10 Home Science Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई तथा रख-रखाव Show विस्तृत उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1: सभ्य मनुष्य के जीवन में वस्त्रों का अत्यन्त महत्त्व है। प्रत्येक व्यक्ति समय-समय पर जो वस्त्र धारण करता है, उन वस्त्रों से जहाँ एक ओर उसके शरीर को विभिन्न प्रकार की सुरक्षा प्राप्त होती है, वहीं दूसरी ओर वे वस्त्र व्यक्ति के व्यक्तित्व को (UPBoardSolutions.com) निखारने में भी महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं। यहाँ यह स्पष्ट कर देना आवश्यक है कि केवल साफ-सुथरे तथा
धुले हुए वस्त्र ही उत्तम माने जाते हैं। वस्त्रों की धुलाई की आवश्यकता प्रश्न उठता है कि वस्त्रों को धुलाई की आवश्यकता क्यों होती है? या यह कहा जाए कि वस्त्रों की धुलाई का उद्देश्य क्या होता है? इस विषय में निम्नलिखित तथ्यों को जानना अभीष्ट होगा (1) वस्त्रों की सफाई के लिए: (2) वस्त्रों की दुर्गन्ध समाप्त करने के लिए: (3) कपड़ों की सुरक्षा के लिए: (4) व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए: (5) कपड़ों की सुन्दरता के लिए: (6) व्यक्तित्व के निखार के लिए: (7) बचत के लिए: प्रश्न 2: उत्तर: घर पर वस्त्र धोने से लाभ व्यावसायिक स्तर पर कपड़ों की धुलाई का कार्य धोबियों द्वारा अथवा नगरों में स्थापित लॉण्ड्रियों द्वारा किया जाता है, परन्तु परिवार के सदस्यों के दैनिक इस्तेमाल के वस्त्रों की धुलाई का कार्य घर पर ही किया जाता है। वास्तव में घर पर वस्त्रों की धुलाई करना (UPBoardSolutions.com) अधिक सुविधाजनक एवं लाभदायक भी होता है। घर पर वस्त्रों की धुलाई के मुख्य लाभ निम्नलिखित हैं (1) समय की बचत: (2) धन की बचत: (3) वस्त्रों की आयु में वृद्धि: (4) रोगों से बचाव: (5) अन्य लाभ:
वस्त्र धोने से पूर्व ध्यान देने योग्य बातें वस्त्र धोने की तैयारी अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। वस्त्रों की धुलाई से पूर्व कुछ सावधानियों का पालन करने से तथा विधिपूर्वक वस्त्र धोने से न केवल वस्त्र ठीक प्रकार से धुलते हैं, बल्कि कई अन्य लाभ भी होते हैं। वस्त्रों की धुलाई से पूर्व निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
प्रश्न 3: तीव्र क्षार, रगड़ एवं अधिक ताप के उपयोग से रेशम के तन्तु दुर्बल व बेकार हो जाते हैं। अत: मूल्यवान् रेशमी वस्त्रों की या तो ड्राइक्लीनिंग करानी चाहिए अथवा उन्हें विधिपूर्वक धोना चाहिए। रेशमी वस्त्रों को क्षारहीन साबुन से अथवा उत्तम गुणवत्ता वाले डिटर्जेण्टों से गुनगुने पानी में धोनी चाहिए। ईजी अथवा रीठों का सत रेशमी वस्त्रों को धोने के लिए प्रयुक्त करना चाहिए। सफेद एवं रंगीन रेशमी वस्त्रों को अलग-अलग धोना चाहिए। धोने की विधि: निचोड़ना एवं सुखाना: ऊनी वस्त्रों की धुलाई धोने की विधि: खंगालना व निचोड़ना: सुखाना: प्रश्न 4: सूती वस्त्रों को धोते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए
धोने की विधि: कई बार धोने पर सफेद वस्त्रों में पीलापन आने लगता है। इस प्रकार के वस्त्रों को धोने के लिए खौलते हुए पानी को प्रयोग में लाना चाहिए। एक बड़े भगौने में पानी व साबुन का घोल बनाकर वस्त्र भिगोकर उन्हें 15-20 मिनट तक उबालना चाहिए तथा वस्त्रों को लकड़ी की थपकी से चलाते रहना चाहिए। अब जल को ठण्डा होने दें। वस्त्रों को अच्छी प्रकार से रगड़कर निचोड़ लें तथा साफ पानी में 3-4 बार खंगालकर इनसे साबुन के अंश दूर करें। इस विधि द्वारा वस्त्रों का नि:संक्रमण हो जाता है। तथा चिकनाई एवं प्रोटीन के धब्बे भी दूर हो जाते हैं। सूती वस्त्रों में धुलाई के पश्चात् नील व कलफ लगाया जाता है। इसके लिए एक टब में एक लीटर पानी लेकर उपयुक्त मात्रा में नील व कलफ (स्टार्च) घोल लिया जाता है। अब इसमें धुले वस्त्रों को भिगोकर तथा हल्के दबाव से निचोड़कर सुखा देना चाहिए। ध्यान रहे कि रंगीन कपड़ों को धूप में नहीं सुखाना चाहिए। सफेद वस्त्रों में अतिरिक्त चमक-दमक लाने के लिए रानीपाल का प्रयोग भी किया जाता है। प्रश्न 5: माँडी (स्टार्च) अथवा कलफ के प्रयोग से सूती वस्त्रों में कड़ापन उत्पन्न हो जाता है। कलफ धागों के मध्य के रिक्त स्थानों को भर देता है, जिससे वस्त्रों में धूल व गन्दगी आसानी से नहीं लग पाती। कलफ लगे वस्त्रों पर इस्त्री करने से उनमें झोल नहीं पड़ता तथा
उनमें (UPBoardSolutions.com) चमक व नवीनता की जाती है। (1) मैदा या अरारोट का कलफ: (2) चावल का कलफ: (3) साबूदाने का कलफ: (4) चोकर का कलफ: (5) गोंद का कलफ: प्रश्न 6: दाग-धब्बे वस्त्रों की स्वाभाविक सुन्दरता को नष्ट कर देते हैं। थोड़ी-सी भी लापरवाही से दागधब्बे वस्त्रों पर लग जाते हैं और यदि समय रहते इन्हें न छुड़ाया जाए, तो ये स्थायी बनकर रह जाते हैं। इन्हें छुड़ाने की मुख्य विधियाँ निम्नलिखित हैं| (1) विलायकों द्वारा: (2) रासायनिक पदार्थों द्वारा: (3) अवशोषक विधि द्वारा: वस्त्रों से विभिन्न प्रकार के धब्बे दूर करना वस्त्रों पर प्रायः चाय, कॉफी, फलों के रस, चिकनाई, हल्दी, पेण्ट व स्याही इत्यादि के धब्बे लग जाते हैं। वस्त्रों पर लगने वाले सामान्य धब्बों को निम्नलिखित विधियों से दूर किया जा सकता है (1) चाय के धब्बे: (2) कॉफी व चॉकलेट के धब्बे: (3)
दूध के धब्बे: (4) क्रीम के धब्बे: (5) पसीने के धब्बे: (6) पान के धब्बे: (7) रक्त के धब्बे: (8) अण्डे के धब्बे: (9) फलों के रस के धब्बे : (10) हल्दी के
धब्बे: (11) पेण्ट व वार्निश के धब्बे: (12) जंग के धब्बे: (13) स्याही के धब्बे: (14) नेल पॉलिश के धब्बे: प्रश्न 7: मनुष्य की प्रमुख आवश्यकताओं में वस्त्र भी अपना स्थान रखते हैं। मनुष्य वस्त्रे सदैव मौसम एवं अवसर के अनुसार ही पहनता है। गर्मी में सूती एवं रेशमी वस्त्रों का प्रयोग होता है तथा शीतकाल में ऊनी वस्त्रों का प्रयोग किया जाता है। मानवकृत (कृत्रिम) तन्तुओं से निर्मित वस्त्रों का प्रत्येक ऋतु में पहनने का प्रचलन हो गया है। इसीलिए ऐसे वस्त्रों को जो केवल एक विशेष ऋतु; जैसे-ऊनी व कीमती साड़ियाँ; अथवा विशेष अवसरों पर ही प्रयोग किए जाते हैं, फफूदी एवं कीड़ों से सुरक्षा करनी चाहिए। वस्त्रों की सुरक्षा के उपाय
रख-रखाव
लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1: प्रश्न 2:
प्रश्न 3: प्रश्न 4: प्रश्न 5:
प्रश्न
6:
प्रश्न 7:
प्रश्न 8: प्रश्न 9: प्रश्न 10:
प्रश्न 11:
प्रश्न 12:
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1: प्रश्न 2: प्रश्न 3: प्रश्न 4: प्रश्न 5: प्रश्न 6: प्रश्न 7: प्रश्न 8: प्रश्न 9: प्रश्न 10: प्रश्न 11: प्रश्न 12: प्रश्न 13: प्रश्न 14: प्रश्न 15: प्रश्न 16: प्रश्न 17: प्रश्न 18: प्रश्न 19: प्रश्न 20: प्रश्न 21: प्रश्न 22: प्रश्न 23: बहुविकल्पीय प्रश्न प्रश्न 1. धूल तथा चिकनाई मिलकर क्या बन जाती है? 2.
नियमित धुलाई से वस्त्र 3. वस्त्र धोने से पूर्व 4. धुलाई के लिए किस
प्रकार को जल उत्तम होता है? [2008, 15, 17, 18] 5. घर पर कपड़े धोने से किसकी बचत होती है?[2010, 11, 15] 6. तारकोल के दाग को छुड़ाने के लिए प्रयोग किया जाता है 7. शुष्क धुलाई में इस्तेमाल किया जाता है 8. ऊनी वस्त्रों को धोने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है? [2011, 12, 13, 15, 16] 9. ऊनी वस्त्रों की सुरक्षा हेतु किसका प्रयोग करते हैं? [2010] 10. ऊनी वस्त्रों को कलफ लगाया जाता है 11. अरारोट का कलफ किन वस्त्रों में दिया जाता है? 12. चावल का कलफ किन वस्त्रों में दिया जाता है? [2009, 12, 13, 15] 13. कलफ का मुख्य रूप से प्रयोग किया जाता है । 14. रेशमी वस्त्रों में चमक के लिए प्रयोग करते हैं 15. रेशमी वस्त्रों पर कलफ लगाया जाता है [2007, 11] 16.
किस प्रकार के वस्त्रों में गोंद का कलफ लगाया जाता है? [2007, 09,11,12,13] 17. स्टार्च का कलफ किन वस्त्रों को दिया जाता है? 18. नील का प्रयोग किस वस्त्र पर करते हैं? [2010, 15, 16, 17] 19. कच्चे रंग के कपड़े धोते समय पानी में मिलाया जाता है 20. रेशमी वस्त्रों को कैसे धोना चाहिए ? [2013] 21. रेशमी वस्त्रों को धोने के लिए किसका प्रयोग किया जाता है? [2014] उत्तर: We hope the UP Board Solutions for Class 10 Home Science Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई तथा रख-रखाव help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 10 Home Science Chapter 13 वस्त्रों की धुलाई तथा रख-रखाव, drop a comment below and we will get back to you at the earliest. वस्त्र की धुलाई का प्रथम चरण क्या है?वस्त्रों की धुलाई के लिए जल तथा शोधक पदार्थ (साबुन, डिटर्जेण्ट आदि) आवश्यक होते हैं तथा इसके लिए वस्त्रों को मलना, रगड़ना, पीटना एवं खंगालना आदि आवश्यक उपाय होते हैं।
Uni वस्त्र की Dhulai कैसे करेंगे?ऊनी कपड़ों की कैसे करें धुलाई, ये 5 Tips करेंगी आपकी मदद. यूटिलिटी डेस्क। ऊनी कपड़े बहुत डेलिकेट होते हैं। ... . टिप 1: डिटरजेंट पाउडर यूज नहीं करें ऊनी कपड़ों की धुलाई डिटरजेंट पाउडर से नहीं करें। ... . टिप 2 : बेबी सोप का भी यूज कर सकते हैं ... . टिप 3 : ऊनी कपड़े हाथ से ही धोएं ... . टिप 4 : ठंडे पानी में ही धोएं ... . टिप 5 : अगर दाग लग जाएं. वस्त्र का मुख्य कार्य क्या है?वस्त्रों का उपयोग विभिन्न वर्गों में होता है जिनमें से सबसे आम कपड़ों के लिए और बैग और टोकरी जैसे कंटेनरों के लिए है। घर में, वस्त्रों का उपयोग कालीन, गद्देदार फर्नीचर, पर्दों, तौलिये, टेबल, बेड और अन्य सपाट सतहों के लिए कवरिंग और कला में किया जाता है।.
कपड़े धोने के विभिन्न प्रकार क्या है?साबुन / डिटर्जेंट तथा पानी का प्रयोग किया जाता है। कपड़े से धूल आदि को हटाने के लिए ग्रीस अवशोषक तथा विलायक का प्रयोग किया जाता है। पक्के रंग वाले कपड़ों को आसानी से धोया जा सकता है। चमड़े तथा फर वाले कपड़े, चुनिंदा रेशम तथा ऊनी कपड़े, जरी वाले तथा महंगे कपड़ों को ड्राई- क्लीन किया जाता है ।
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