विपणन मिश्रण से क्या आशय हैं इसके तत्व एवं नीतियों को बताइये? - vipanan mishran se kya aashay hain isake tatv evan neetiyon ko bataiye?

विपणन मिश्रण क्या है विपणन मिश्रण को प्रभावित करने वाले कारकों का वर्णन कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंविपणन मिश्रण चार प्रमुख घटकों का मिश्रण है जो उत्पाद, मूल्य, स्थान तथा संवर्द्धन नाम से जाने जाते है। इन्ही चार घटकों के संयोजन से विपणन उदेश्यों को प्राप्त किया जाता है। विपणन मिश्रण का कार्य सदैव करना पड़ता है तथा समय-समय पर विपणन मिश्रण में परिवर्तन करने की आवश्यकता होती है।

संचार मिश्रण क्या है?

इसे सुनेंरोकेंजब हम संचार मिश्रण तत्वों के बारे में सोचना शुरू करते हैं, तो हम बहुतों के सामने आते हैं और सूची नए और नए संचार माध्यमों के साथ बढ़ती रहती है, जो विपणन प्रबंधकों द्वारा अद्वितीयता और नवीनता का तत्व लाने के लिए विकसित की जाती हैं। 1. विज्ञापन 2. प्रचार 3.

मार्केटिंग मिक्स क्या है मार्केटिंग मिक्स के तत्वों की व्याख्या करें?

इसे सुनेंरोकेंमार्केटिंग मिक्स से तात्पर्य विपणन के संसाधनों के संग्रह और मिश्रण से है, जिससे उद्यम की वस्तुओं को प्राप्त किया जा सके और उपभोक्ताओं को अधिकतम संतुष्टि प्रदान की जा सके। “मार्केटिंग मिक्स” शब्द को सबसे पहले अमेरिकी मार्केटिंग विशेषज्ञ जेम्स कुलीटन ने गढ़ा था।

मार्केटिंग मिक्स का क्या अर्थ है?

विक्रय संवर्धन को प्रभावित करने वाले कारक क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविक्रय संवर्धन की विधियां उत्पाद की बिक्री को बढ़ाने के लिए निर्माता या उत्पादक विभिन्न विधियों अपनाते हैं, जैसे : नमूने बांटना, उपहार देना, अतिरिक्त वस्तु देना और बहुत सी अन्य विधियां। इन्हें विक्रय संवर्धन की तकनीकों या विधियों के नाम से जाना जाता है।

विपणन मिश्रण विचार से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंविपणन मिश्रण का अर्थ (vipnan mishran kya hai) विपणन मिश्रण में वस्‍तु ब्राण्‍ड, ट्रेडमार्क , पैकिंग, मूल्‍य, वितरण-मार्ग विज्ञापन एवं विक्रय संवर्धन विपणन अनुसंधान आदि को सम्मिलित किया जाता है। प्रत्‍येक संस्‍था विपणन निर्णय इस प्रकार करती है कि किसी एक निश्चित समय और स्थिति में सबसे अधिक लाभ कमाया जा सके।

विपणन का अर्थ क्या है?

इसे सुनेंरोकेंविपणन (अंग्रेज़ी: marketing) एक सतत प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मार्केटिंग मिक्स (उत्पाद, मूल्य, स्थान, प्रोत्साहन जिन्हें प्रायः ४ Ps कहा जाता है) की योजना बनाई जाती है एवं कार्यान्वयन किया जाता है। यह प्रक्रिया व्यक्तियों और संगठनों के बीच उत्पादों, सेवाओं या विचारों के विनिमय हेतु की जाती है।

विक्रय संवर्धन क्या है इसके महत्व की विवेचना कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंअमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार, “बिक्री संवर्धन में उन मार्केटिंग गतिविधियों को शामिल किया जाता है, जो व्यक्तिगत बिक्री, विज्ञापन और प्रचार के अलावा होती हैं, जो उपभोक्ता खरीदारी और डीलर प्रभावशीलता को उत्तेजित करती हैं, जैसे कि प्रदर्शन, प्रदर्शन और प्रदर्शन, प्रदर्शन और विभिन्न गैर-आवर्तक विक्रय प्रयास नहीं …

सरल Wordों में, विपणन मिश्रण विपणन के विभिन्न घटकों का समुचित मिश्रण है जिसके द्वारा उपभोक्ताओं की इच्छाओं को सन्तुष्ट कर उपक्रम के विपणन उदेश्यों को प्राप्त Reseller जा सकता है।

  1. प्रो. कोटलर के According – “विपणन मिश्रण उन विपणन औजारों का समूह है जिन्हें कोर्इ संस्था लक्ष्य बाजार में अपने विपणन उदेश्यों की पूर्ति के लिए उपयोग करती है”। 
  2. स्टेन्टन, एटजेल तथा वाकर के According –“विपणन मिश्रण चार घटकों- उत्पाद, मूल्य संCreation, वितरण व्यवस्था तथा संवर्द्धनात्मक क्रियाओं का संयोजन है जिनका किसी संस्था के लक्ष्य बाजार की Need को सन्तुष्ट करने तथा साथ ही विपणन उदेश्यों को पूरा करने के लिए उपयोग Reseller जाता है।”

निष्कर्ष के Reseller में यह कहा जाता है कि विपणन मिश्रण का Means उन चार घटकों या क्रियाओं के मिश्रण से हैं जिनकी सहायता से कोर्इ भी संस्था ग्राहकों की Need को सन्तुष्ट करते हुए विपणन उदेश्यों को प्राप्त करती है।

विपणन मिश्रण की विशेषताएँ/प्रकृति

  1. चार प्रमुख घटक – विपणन मिश्रण चार प्रमुख घटकों का मिश्रण है जो उत्पाद, मूल्य, स्थान तथा संवर्द्धन नाम से जाने जाते है। इन्ही चार घटकों के संयोजन से विपणन उदेश्यों को प्राप्त Reseller जाता है।  
  2. सतत् प्रक्रिया – विपणन मिश्रण का कार्य सदैव करना पड़ता है तथा समय-समय पर विपणन मिश्रण में परिवर्तन करने की Need होती है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि विपणन मिश्रण Single सतत् प्रक्रिया है। 
  3. विपणन व्यूह Creation – प्रत्येक संस्था को अपनी Single विपणन व्यूह Creation तैयार करनी पड़ती है। जिसमें विपणन की विभिन्न क्रियाओं, विधियों, नीतियों आदि का समावेश करना पड़ता है। इस प्रकार यह कहना ठीक होगा कि विपणन मिश्रण Single व्यूह Creation है जिसमें विभिन्न विपणन क्रियाओं का समावेश होता है।
  4. प्रभावशीलता – विपणन मिश्रण की प्रभावशीलता इस बात पर निर्भर है कि विपणन मिश्रण में प्रत्येक घटक का समावेश उपक्रम की स्थिति And वातावरण को ध्यान में रखकर Reseller जाय। संक्षेप में, विपणन मिश्रण की प्रभावशीलता उसके समुचित मिश्रण पर निर्भर करती है। 
  5. विपणन प्रबन्धक का कार्य – विपणन मिश्रण Single व्यवस्थित अवधारणा है जो विपणन समस्याओं के समाधान में सहायता प्रदान करती है। विपणन मिश्रण का कार्य अतिमहत्वपूर्ण है अत: इसे विपणन प्रबन्धक द्वारा सम्पादित Reseller जाता है। 
  6. व्यवस्थित अवधारणा – विपणन मिश्रण Single व्यवस्थित अवधारणा है जो विपणन समस्याओं के समाधान में सहायता प्रदान करनी है। 
  7. उदेश्य – विपणन मिश्रण का उदेश्य उपभोक्तओं की Needओं को सन्तुष्ट करते हुए संस्था के लक्ष्यों को प्राप्त करना है।

विपणन मिश्रण को प्रभावित करने वाले घटक

विपणन मिश्रण को प्रभावित करने वाले घटको को दो भागों में बांटकर अध्ययन Reseller जा सकता है

1. अनियन्त्रण योग्य तत्व/बाजार तत्व

वे तत्व या शक्तियाँ जिन पर किसी भी प्रकार से नियन्त्रण स्थापित नहीं Reseller जा सकता उन्हें अनियन्त्रण योग्य तत्व या बाजार तत्व या वातवरण तत्व के नाम से जाना जाता है। ऐसे तत्व हैं :-

  1. उपभोक्ता व्यवहार – उपभोक्ता की रूचि, मांग And फैशन में निरन्तर परिवर्तन होते रहते हैं। Single सफल विपणन प्रबन्धन को सदैव इन पर नजर रखनी चाहिए And उत्पाद की मांग पर पड़ने वाले उपभोक्ता व्यवहार के प्रभावों का अध्ययन करना चाहिए।
  2. वितरण व्यवस्था – बाजार में विद्यमान वितरण व्यवस्था संस्था की वितरण व्यवस्था को प्रभावित करती है। अत: Single विपणन प्रबन्धक को बाजार में विद्यमान मध्यस्थ श्रृंखला, परिवहन, भण्डारण आदि का व्यवस्थित Reseller से अध्ययन कर अपना विपणन मिश्रण तैयार करना चाहिए। 
  3. प्रतियोगी स्थिति – प्रत्येक विपणन प्रबन्धक को बाजार में विद्यमान प्रतियोगिता की स्थिति का अध्ययन कर अपना विपणन मिश्रण तैयार करना चाहिए। विपणन प्रबन्ध को प्रतियोगी संस्था की विपणन नीतियों, व्यूह Creationओं, उत्पाद की किस्म, मूल्य आदि का भली प्रकार अध्यन कर लेना चाहिए तथा इसके बाद ही अपना विपणन मिश्रण तैयार करना चाहिए। 
  4. सरकारी नियम And नीतियाँ – देश की व्यापार And विपणन नीति, औद्योगिक नीति, कर नीति, उदारीकरण नीति, व्यापारिक And औद्योगिक सéियम संस्था के विपणन मिश्रण को प्रभावित करते हैं। विपणन मिश्रण तैयार करते समय सरकारी नियम And नीतियों का ध्यान रखना चाहिए तथा इसके बाद ही विपणन प्रबन्धक को अपनी संस्था का विपणन मिश्रण तैयार करना चाहिए।

2. नियन्त्रण योग्य तत्व/आन्तरिक तत्व –

ऐसे तत्व जिन पर नियन्त्रण स्थापित करना संस्था के अधीन होता है उन्हें नियन्त्रण योग्य तत्व या आन्तरिक तत्वों के नाम से जाना जाता है। ऐसे तत्व हैं :-

  1. उत्पाद से सम्बन्धित तत्व – जो तत्व सिर्फ उत्पाद से सम्बन्ध रखते हैं उत्पाद सम्बन्धित तत्व कहलाते है जिन पर कुछ सीमा तक संस्था नियन्त्रण स्थापित कर सकती है जैसे उत्पाद का आकार, पेकिंग, रंग-Reseller, डिजाइन, किस्म आदि। इसके अलावा उत्पाद का ब्राण्ड, उत्पाद श्रृंखला And प्रत्येक उत्पाद श्रृंखला में उत्पादों की संख्या, उत्पाद के सम्बन्ध में उपलब्ध गारन्टी And वारन्टी, इनकी अवधि And प्रकार तथा उत्पाद के लिए दी जाने वाली विक्रयोपरान्त सेवाएँ आदि ऐसी बातें हैं जिन पर संस्था नियन्त्रण स्थापित कर सकती है और Needनुसार इनमें परिवर्तन कर सकती है। अत: उत्पाद से सम्बन्धित तत्व आन्तरिक तत्व है जिन पर संस्था नियन्त्रण स्थापित कर सकती है।
  2. मूल्य से सम्बन्धित तत्व – जो तत्व उत्पाद के मूल्य से सम्बन्ध रखते हैं मूल्य से सम्बन्धित तत्व कहलाते है तथा कुछ सीमा तक संस्था इन पर नियन्त्रण स्थापित कर सकती है इसमें संस्था की मूल्य नीति, मूल्य से सम्बन्धित व्यूह Creation, संस्था की उधार नीति, प्रदत उधार की अवधि, छूटों And बट्टों से सम्बन्धित नीति, मूल्य विभेदीकरण आदि ऐसे तत्व है जो संस्था के विपणन मिश्रण को प्रभावित करते हैं।
  3. स्थान सम्बन्धी तत्व – स्थान से सम्बन्धित तत्वों में संस्था की वितरण व्यवस्था से सम्बन्धित तत्व आतें है इन तत्वों पर भी कुछ सीमा तक संस्था का नियन्त्रण होता है इनमें संस्था के वितरण माध्यम And उनके सम्बन्ध में संस्था की नीति, मध्यस्थों के पारिश्रमिक से सम्बन्धित नीति, उत्पादों के परिवहन, भण्डारण And संग्रहण से सम्बन्धित नीति आदि ऐसे तत्व है जो संस्था के विपणन मिश्रण को प्रभावित करते हैं। 
  4. संवर्द्धन से सम्बन्धित तत्व – जो तत्व विपणन संवर्द्धन से सम्बन्ध रखते हैं तथा संस्था के विपणन कार्यक्रम को प्रभावित करते है संवर्द्धन से सम्बन्धित तत्व कहलाते हैं। इन पर भी संस्था कुछ सीमा तक अपना नियन्त्रण स्थापित कर सकती है। इनमें संस्था की विज्ञापन नीति, विज्ञापन के माध्यम, विज्ञापन बजट, विक्रय संवर्द्धन से सम्बन्धित नीति, विक्रय संवर्द्धन के साधन, विक्रय संवर्द्धन का वर्तमान And भावी बजट, संस्था की प्रचार And प्रसार व्यवस्था आदि ऐसे तत्व है जिनका निरन्तर अध्ययन And विश्लेषण विपणन प्रबन्धन को करते रहना चाहिए। 

उपरोक्त description से यह स्पष्ट है कि संस्था को अपना विपणन मिश्रण तैयार करते समय All नियन्त्रण योग्य And अनियन्त्रण योग्य घटकों का ध्यान रखना चाहिए। Single संस्था इस बात का ध्यान रखकर अपनी संस्था के विपणन मिश्रण को समय And परिस्थितियों के अनुReseller बनाये रख सकती है।

विपणन मिश्रण के घटक/तत्व

प्रो. नील बोर्डन तथा मार्शल के According विपणन मिश्रण के घटक हैं :-

  1. उत्पाद नियोजन – इसमें ब्राण्डिंग तथा पैकेजिंग सम्मिलित है।
  2. वितरण – इसमें मध्यस्थों And उत्पादों के भण्डारण व परिवहन सम्बन्धी तत्व सम्मिलित है। 
  3. संवर्द्धन – इसमें व्यक्तिगत विक्रय, विज्ञापन, प्रचार, विक्रय संवर्द्धन सम्मिलित है।
  4. सेवा कार्य – 
  5. विपणन शोध – 

मेक्काथ्री के According विपणन मिश्रण चार प्रमुख घटकों का मिश्रण है जो इस प्रकार है :-

  1. उत्पाद 
  2. मूल्य 
  3. स्थान 
  4. संवर्द्धन 

विपणन मिश्रण के प्रमुख घटक या तत्व है :

1. उत्पाद मिश्रण –

उत्पाद मिश्रण उत्पादों का वह समूह है जिसे कोर्इ संस्था विक्रय हेतु बाजार में प्रस्तुत करती है। संस्था के उत्पाद मिश्रण में Single या अनेक उत्पाद रेखाएँ (Product Lines) हो सकती है। उत्पाद रेखा उत्पादों की Single ऐसी श्रृंखला है जिसके लक्षण लगभग Single समान होते हैं किन्तु ऐसे उत्पादों को अलग-अलग ब्राण्ड नामों से बाजार में बेचा जाता है तथा प्रत्येक उत्पाद का मूल्य अलग होता है। उदाहरण के लिए हिन्दुस्तान यूनिलीवर कम्पनी द्वारा जितने भी उत्पाद बाजार में बेचे जाते है वे उत्पाद मिश्रण के अन्तर्गत आयेगें। नहाने के साबुन की उत्पाद रेखा में लक्स, रेक्सोना, हमाम, पीयर्स आदि नहाने के साबुन आयेगें। 

प्रत्येक संस्था के विपणन प्रबन्धक को अपने उत्पाद मिश्रण से सम्बन्धित नीतियों को निर्धारित करना पड़ता है तथा इसमें शामिल उत्पादों के लक्षणों को निर्धारित करना पड़ता है। उत्पाद के लक्षणों में को सम्मिलित Reseller जाता है :-

  1. उत्पाद की डिजाइन 
  2. उत्पाद का रंग 
  3. उत्पाद की पैकेजिगं 
  4. उत्पाद का ब्राण्ड ओर लेबल 
  5. उत्पाद का स्वाद 
  6. विक्रयोपरान्त सेवाएँ 
  7. उत्पाद की ख्याति

2. मूल्य मिश्रण – 

प्रत्येक विपणन प्रबन्धन को अपने उत्पाद के मूल्य से सम्बन्धित नीतियों And व्यूह Creationओं को निर्धारित करना पड़ता है तथा साथ ही साथ मध्यस्थों को प्रदान किये जाने वाले बट्टे छूटों, उधार की शतेर्ं, उधार की अवधि तथा उनको दी जाने वाली सुविधाओं को निर्धारित करना पड़ता है। किसी उत्पाद का मूल्य अनेक घटकों से प्रभावित होता है इनमें से कुछ घटक हैं :-

  1. वस्तु की बाजार मांग
  2. विद्यमान प्रतियोगिता की स्थिति And स्तर 
  3. मध्यस्थों को दी जाने वाली सुविधाएँ 
  4. उत्पाद की लागत And लाभदेयता
  5. संस्था की ख्याति

3. वितरण मिश्रण – 

वितरण मिश्रण में उन All बातों को सम्मलित Reseller जाता है जिनके द्वारा उत्पाद उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुंचता है। इनमें उन सब नीतियों And व्यूह रचानाओं को शामिल Reseller जाता है जो उत्पाद के भौतिक वितरण And परिवहन के लिए आवश्यक होती है। संक्षेप में, वितरण मिश्रण में थोक व्यापारी, फुटकर व्यापारी, उत्पाद के परिवहन, भण्डारण, पैकिंग आदि के सम्बन्ध में विपणन प्रबन्धन को निर्णय लेना होता हैं ताकि न्यूनतम लागत पर उत्पादक से उपभोक्ता तक माल की निर्बाध पहुंच संभव हो सके।

4. संवर्द्धन मिश्रण – 

संवर्द्धन मिश्रण में उन All बातों को सम्मिलित Reseller जाता है जिसके द्वारा उपभोक्ता को उत्पादों से सम्बन्धित सूचनाएँ दी जाती है तथा उन्हें उत्पाद क्रय हेतु प्रेरित Reseller जाता है। संवर्द्धनात्मक मिश्रण में कार्यों को सम्मिलित Reseller जा सकता है :-

  1. विज्ञापन
  2. विक्रय संवर्द्धन हेतु किये जाने वाले उपाय And प्रयास 
  3. उत्पाद का प्रचार And प्रसार 
  4. विक्रय दलों का गठन And वैयक्तिक विक्रय 
  5. टेली मार्केटिंग

विपणन मिश्रण का निर्माण

विपणन मिश्रण का निर्माण करते समय विपणन प्रबन्धन को सबसे First बाजार से सम्बन्धित उन शक्तियों या तत्वों की पहचान करनी पड़ती है जो विपणन मिश्रण को प्रभावित करती है तथा इसके पश्चात विपणन प्रबन्धक को उन नीतियों, विधियों, क्रियाओं And व्यूह Creationओं को निर्धारित करना पड़ता है जिनका उपयोग कर विपणन कार्यक्रम को प्रभावी तरीके से लागू Reseller जा सकता है। इसके लिए विपणन प्रबन्धक को विपणन मिश्रण के प्रत्येक घटक के बारे में कर्इ महत्वपूर्ण निर्णय लेने होते हैं क्योंकि प्रत्येक घटक Second से भिé होता है तथा Single घटक Second घटक पर प्रभाव डालता है And Second घटक से प्रभावित होता है। ऐसे निर्णयों में कुछ निर्णय निम्न प्रकार के हो सकते है:

  1. संस्था के उत्पाद मिश्रण में कौन-कौन से उत्पाद होगें। 
  2. संस्था के उत्पाद मिश्रण में सम्मिलित उत्पाद रेखाएँ And प्रत्येक उत्पाद रेखा में सम्मिलित उत्पादों की संख्या। 
  3. उत्पाद रेखा में किसी उत्पाद को जोड़ना या घटाना। 
  4. मध्यस्थों के सम्बन्ध में निर्णय जैसे मध्यस्थों की संख्या And उनके प्रकार। 
  5. संस्था के उत्पादों के मूल्य सम्बन्धी निर्णय 
  6. उत्पादो के भण्डारण And परिवहन से सम्बन्धित निर्णय। 
  7. विक्रय संवर्द्धन से सम्बन्धित निर्णय, विज्ञापन And विज्ञापन के साधन, उत्पाद के प्रचार And प्रसार से सम्बन्धित निर्णय।

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विपणन मिश्रण से आप क्या समझते हैं इसके तत्वों की व्याख्या करें?

विपणन (अंग्रेज़ी: marketing) एक सतत प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत मार्केटिंग मिक्स (उत्पाद, मूल्य, स्थान, प्रोत्साहन जिन्हें प्रायः ४ Ps कहा जाता है) की योजना बनाई जाती है एवं कार्यान्वयन किया जाता है। यह प्रक्रिया व्यक्तियों और संगठनों के बीच उत्पादों, सेवाओं या विचारों के विनिमय हेतु की जाती है।

विपणन के तत्व क्या है?

इसीलिए वस्तु एवं सेवाओं को उत्पादक से उपभोक्ता तक ले जाने के लिए कई प्रक्रियाएँ करनी होती हैं, जैसे उत्पाद का रूपांकन अथवा व्यापार, पैकेजिंग भंडारण, परिवहन, ब्रांडिंग, विक्रय, विज्ञापन एवं मूल्य निर्धारण । इन सभी क्रियाओं को विपणन क्रिया कहते हैं।

विपणन मिश्रण क्या है विपणन मिश्रण को प्रभावित करने वाले घटकों का वर्णन कीजिए?

यह निश्चित हो जाने पर उत्पाद, मूल्य, वितरण व प्रवर्तन के प्रयासों के साथ उत्पाद को बाजार में लाया जाता है। विपणन के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए इन सब क्रियाओं को एक उचित मात्रा में संयोजित करना पड़ता है। उत्पाद, मूल्य, वितरण व प्रवर्तन संबंधी निर्णयों के इस मिश्रण को ही 'विपणन मिश्र' कहते हैं ।

विपणन मिश्रण का क्या महत्व है?

विपणन मिश्रण के प्रकार (vipnan mishran ke prakar) वस्‍तुओं के उत्‍पाद को लोकप्रिय बनाने के लिए उसका प्रमाणीकरण कराया जाता है। विपणन मिश्रण में स्‍थान नामक तत्‍व का विशेष महत्‍व है विपणन के लिए यह बहुत महत्‍वपूर्ण है कि ग्राहक द्वारा मांगी गई वस्‍तु उसे उचित समय उचित स्‍थान पर उपलब्‍ध करायी जाये सकें।

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