महमूद गजनवी के आक्रमण का सामना करने वाला भारतीय अपराधी कौन था? - mahamood gajanavee ke aakraman ka saamana karane vaala bhaarateey aparaadhee kaun tha?

मशहूर इतिहासकार विक्रम संपत ने अपनी किताब 'ब्रेवहार्ट्स ऑफ भारत- विग्नेट्स फ्रॉर्म इंडियन हिस्ट्री' के माध्यम से भारत के उन वीर राजा-रानियों के बारे में बताने की कोशिश की है, जिनके बारे में बताया नहीं गया है. विक्रम संपत ने टीवी9 से खास बातचीत की है.

विक्रम संपत ने भारत के वीरों पर किताब लिखी है

इतिहासकार डॉ. विक्रम संपत ने ‘ब्रेवहार्ट्स ऑफ भारत- विग्नेट्स फ्रॉर्म इंडियन हिस्ट्री’ किताब लिखी है. उसी को लेकर टीवी9 के एग्जीक्यूटिव एडिटर कार्तिकेय शर्मा ने विक्रम संपत से खास बातचीत की है. उन्होंने बताया कि अब तक इतिहास में हमें उन जंगों के बारे में बताया गया है जहां भारत और भारतीय हारे हैं. लेकिन आज भी हम एक सभ्यता के रूप में जिंदा हैं तो कुछ युद्ध ऐसे हुए होंगे जहां हम जीते होंगे. वो कौन लोग थे, शौर्य की वो कौन सी गाथाएं थीं, जो हमारे पूर्वजों ने गढ़ी थीं, जिनके बारे में हमें बताया नहीं गया है. इसी को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों के वीरों को लेकर ये किताब लिखी गई हैं.

किताब में वीर राजा-रानियों के किस्से-कहानियां हैं. इसमें बताया गया है कि राजराजा चोला ने देश की सबसे बड़ी नौसेना बनाई थी. ललितादित्य ने तुर्कों और अरबी शासकों को चुनौती दी थी. अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिरों का जीर्णोद्धार किया था. रानी नाइकी देवी ने इस्लामिक आक्रमण को विफल किया था. कान्होजी आंग्रे की नौसेना ने विदेशी ताकतों के दांत खट्टे किए थे. इस में ये भी है कि कैसे लाचित बारफुकन ने मुगल सेना के दांत खट्टे किए थे. इसे पढ़कर जान पाएंगे कि कैसे कई हिन्दू राज्यों ने इस्लामिक आक्रमण को टक्कर दी थी.

गजनबी के सामने खड़े हो गए आम हिंदू

संपत ने बताया कि 7वीं और 8वीं शताब्दी में पहली बार अरबों का भारत पर हमला हुआ था और सिंध उनके कब्जे में आया. लेकिन इसके बाद उन्हें उत्तर भारत पर कब्जा करने में 500 साल लग गए थे. उन्होंने बताया कि महमूद गजनवी जब गुजरात आया और सोमनाथ मंदिर का नाश करना चाहता था तो वहां का महाराजा भीम देव को भाग खड़ा हुआ था, लेकिन वो जब सोमनाथ मंदिर पहुंचा तो अचंभित रह गया कि 50,000 से ज्यादा आम हिंदुओं ने एक हफ्ते तक अपने अस्त्रों और शस्त्रों से अपने भगवान की रक्षा की. हालांकि बाद में सब मारे गए, लेकिन आसानी से मंदिर को उसके कब्जे में नहीं आने दिया.

सच्चा इतिहास बताना मेरा मकसद है: संपत

संपत ने बताया कि हिंदू होने की भावना बहुत पहले से थी, इसीलिए एक आम हिंदू भी अपने मंदिर की रक्षा के लिए खड़ा हो गया. मंदिर के प्रति लोगों में आस्था थी. वेलू नचियार देश की पहली महिला थीं, जिन्होंने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ मुहिम छेड़ी थी. ये एक शुरुआत है और समय आ गया है कि हम अपने पूर्वजों की कहानियां एक राष्ट्र के तौर, एक सभ्यता के तौर पर देख पा रहे हैं. नहीं तो हीनता की भावना हमारे अंदर भर दी गई थी. वामपंथी लेखकों ने ये काम किया, अब वो कमजोर पड़ रहे हैं. आज का युवा अपने पूर्वजों की कहानी जानना चाहता है. वो उनकी उपलब्धि को जानना चाहता है. मेरा मकसद आज की पीढ़ी के सामने सच्चा इतिहास पहुंचाने का है.

उन्होंने ये भी कहा कि इस किताब के 2-3 सीक्वल हो सकते हैं. कई और वीरों की कहानियां सामने आ सकती हैं. कई लोग और भी नाम बताते हैं. अगर आप लड़ने की कहानियां, इस देश के गौरवा की कहानियां जानना चाहते हैं तो इस किताब को जरूर पढ़ें.

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महमूद गजनी जिसे गजनी के महमूद ( 2 नवम्बर 971 CE -30 अप्रैल 1030 CE ), महमूद-ए-ज़बूली के नाम से जाना गया, गजनाविद का प्रमुख शासक था जिसने 997 से 1030 में अपनी मृत्यु तक शासन किया | महमूद गजनवी, गजनी का शासक था जिसने 971 से 1030 AD तक शासन किया | वह सुबक्त्गीन का पुत्र था | भारत की धन-संपत्ति से आकर्षित होकर, गजनवी ने भारत पर कई बार आक्रमण किए | वास्तव में गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया | उसके आक्रमण का मुख्य मकसद भारत की संपत्ति को लूटना था |

महमूद गजनवी, गजनी का शासक था जिसने 971 से 1030 AD तक शासन किया | वह सुबक्त्गीन का पुत्र था | भारत की  धन-संपत्ति से आकर्षित होकर, गजनवी ने भारत पर कई बार आक्रमण किए | वास्तव में गजनवी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया | उसके आक्रमण का मुख्य मकसद भारत की संपत्ति को लूटना था |

1000 AD  में महमूद गजनी के आक्रमण : महमूद गजनी  ने पहली बार 1000 AD में आधुनिक अफ़्गानिस्तान और पाकिस्तान पर हमला किया था | इसने हिन्दू शासक जय पाल को पराजित किया जिसने बाद में आत्महत्या कर ली और उसका पुत्र आनंदपाल उसका उत्तराधिकारी बना |

  • गजनी ने भाटिया पर 1005 AD में आक्रमण किया |
  • गजनी ने मुल्तान पर 1006 AD में हमला किया | इसी दौरान आनंदपाल ने उस पर हमला किया |
  • गजनी के महमूद ने भटिंडा के शासक सुखपाल पर 1007 AD  में हमला किया और उसे  कुचल दिया |
  • गजनी ने पंजाब के पहाड़ियों में नगरकोट पर 1011 AD में हमला किया |
  • महमूद ने, आनंदपाल के शाही राज्य पर आक्रमण किया और उसे वैहिंद के युद्ध में, पेशावर के निकट हिन्द शाही  राजधानी में 1013 AD में हरा दिया |
  • गजनी  के महमूद ने  1014 AD में थानेसर पर कब्जा कर लिया |
  • गजनी के महमूद ने 1015 AD में कश्मीर पर आक्रमण किया |
  • इसने 1018 AD  में मथुरा पर आक्रमण किया और शासकों के गठबंधन  को हरा दिया, जिसमे चन्द्र पाल नाम का शासक भी था |
  • महमूद ने 1021 AD में कनौज के राजा चन्देल्ला गौड़ को हराकर, कनौज को जीत लिया |
  • महमूद  गजनी के द्वारा ग्वालियर पर 1023 AD में हमला हुआ और उस पर कब्जा कर लिया  |
  • महमूद गजनी ने 1025 AD में सोमनाथ मंदिर पर हमला किया ताकि मंदिर के अंदर की धन संपत्ति को लूट कर एकत्रित कर सके |
  • अपने आखिरी आक्रमण के दौरान मलेरिया के कारण महमूद गजनवी की 1030 AD में मृत्यु हो गई |

महमूद गजनवी ने क्यूँ भारत पर हमले किए ?       

वह भारत की अधिक धन संपत्ति से आकर्षित था | इसी कारण उसने भारत पर एक के बाद एक हमले किए | इसने भारत पर आक्रमण के दौरान धार्मिक आयाम को भी जोड़ा | गजनी ने सोमनाथ, कांगड़ा, मथुरा और ज्वालामुखी के मंदिरों को नष्ट कर के “मूर्ति तोड़” के रूप में नाम कमाना चाहा |

भारत पर गजनवी के हमलों का असर

यद्यपि भारत पर गजनवी के आक्रमणों का कोई गहरा राजनीतिक असर नहीं है | इन आक्रमणों ने राजपूत राजाओं की युद्ध रणनितियों की कमियों के बारे में खुलासा कर दिया | इससे एक खुलासा और हुआ कि भारत में राजनीतिक एकरूपता नहीं थी और इस बात ने भविष्य में ज्यादा हमलों को बुलावा दिया |

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महमूद गजनवी के आक्रमण का सामना करने वाला भारतीय शासक कौन था?

बारहवाँ आक्रमण (1018 ई.)- अपने बारहवें अभियान में महमूद ग़ज़नवी ने कन्नौज पर आक्रमण किया। उसने बुलंदशहर के शासक हरदत्त को पराजित किया।

भारत पर 17 बार आक्रमण करने वाला कौन था?

17 बार लूटा था भारत को महमूद ग़ज़नवी यमीनी वंश का तुर्क सरदार ग़ज़नी के शासक सुबुक्तगीन का पुत्र था। उसका जन्म ई. 971 में हुआ, 27 वर्ष की आयु में ई. 998 में वह शासनाध्यक्ष बना था

महमूद गजनवी के भारत आक्रमण का मुख्य कारण क्या है?

(3) साम्राज्य को दृढ़ बनाने के लिए - महमूद को मध्य एशिया में अपने 'साम्राज्य को दृढ़ रखने के लिए धन की आवश्यकता थी, इसलिए भी उसने भारत पर आक्रमण किए। उल्लेखनीय है कि धन-सम्पदा प्राप्ति के उद्देश्य से ही उसने भारत के समृद्धशाली नगरों और धन-धान्य से पूर्ण मन्दिरों को ही अपना निशाना बनाया।

महमूद गजनवी ने भारत पर कितने आक्रमण किए?

उसने 17 बार भारत पर आक्रमण किया और यहां की अपार सम्पत्ति को वह लूट कर ग़ज़नी ले गया था। आक्रमणों का यह सिलसिला 1001 ई. से आरंभ हुआ। महमूद इतना विध्वंसकारी शासक था कि लोग उसे मूर्तिभंजक कहने लगे थे।

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