वाक्य (Vakya Kise Kahate Hain): हिंदी व्याकरण में बहुत सारे भाग है, जिसमें वाक्य मुख्य रूप से शामिल है। वाक्य बहुत ही बड़ा हिस्सा हिंदी ग्रामर (Hindi Grammar) का माना जाता है। हिंदी व्याकरण में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण के साथ-साथ वाक्य भी मुख्य रूप से हिंदी व्याकरण का अंग है। Show वाक्य हिंदी व्याकरण की एक प्रमुख शाखा है। आज यहां पर वाक्य के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले है। यहां पर हम वाक्य को निम्न स्टेप्स में जानेंगे:
वाक्य की परिभाषा: शब्दों का दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह जिसका पूरा अर्थ निकलता हो, उन्हें वाक्य कहा जाता है। उदाहरण के रूप में हम “बालक सोता रहता है” वाक्य लेते है। यहां पर शब्दों को एक निश्चित क्रम में व्यवस्थित किया गया है जो एक साथ मिलकर आपस में सार्थक समूह का निर्माण करते हैं। प्रयुक्त उदाहरण में यदि शब्दों का क्रम निश्चित नहीं होता है तो अर्थ नहीं निकल कर उसका गलत अर्थ निकल जाता है। वाक्यों के दो अंग होते हैं, जो निम्न है:
उद्देश्य जिस विषय के बारे में जानकारी दी जा रही है, उन्हें उद्देश्य कहा जाता है।
यहां पर राधिका के बारे में जानकारी दी जा रही है, इसलिए यहां पर उद्देश्य राधिका है। विधेय उद्देश्य की जो भी जानकारी दी जाती है, उसे विधेय कहा जाता है।
यहां पर राधिका नाच रही है, इसलिए इस वाक्य में नाचना विधेय है। वाक्य के भेद कितने होते हैं (Vakya ke Kitne Bhed Hote Hain)वाक्य का विभाजन दो आधार पर किया गया है, जो निम्न है:
नीचे हम वाक्य के भेद (Vakya ke Bhed) के बारे में विस्तार से उदाहरण के साथ जानेंगे। रचना के आधार पर
सरल वाक्यऐसा वाक्य जिसमें एक ही क्रिया एवं एक ही कर्ता हो और उन वाक्यों का एक ही उद्देश्य हो, ऐसे वाक्य को सरल वाक्य (Saral Vakya) कहा जाता है। सरल वाक्य को दूसरी भाषा में साधारण वाक्य के नाम से भी जाना जाता है, वाक्य में एक उद्देश्य होता है। सरल वाक्य के उदाहरण
सरल वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें सरल वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) मिश्र वाक्यऐसे वाक्य जिनमें सरल वाक्य के साथ साथ कोई भी दूसरा उपवाक्य शामिल हो, उन वाक्य को मिश्र वाक्य कहा जाता है। मिश्र वाक्य का निर्माण एक से अधिक साधारण वाक्य से होता है, जिनमें एक प्रधान वाक्य होता है और दूसरा वाक्य आश्रित होता है और इसी वजह से मिश्र वाक्य की पहचान भी होती है। मिश्र वाक्य में मुख्य उद्देश्य और मुख्य विधेय के अलावा एक या अधिक समापिका क्रियाएं होती है। मिश्र वाक्य के निर्माण में प्रधान वाक्य और आश्रित
उपवाक्य को जोड़ने के लिए बहुत सारे संयोजक अव्यय का प्रयोग होता है। जैसे: मिश्र वाक्य के उदाहरण
मिश्र वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें मिश्र वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) संयुक्त वाक्यऐसे वाक्य जिनमें दो या दो से अधिक उपवाक्य शामिल हो एवं सभी उपवाक्य प्रधान हो, उन वाक्य को संयुक्त वाक्य कहा जाता है। संयुक्त वाक्य जिसमें दो या दो से अधिक सरल वाक्य या मिश्र वाक्य शामिल होते हैं। यह वाक्य एक दूसरे पर आश्रित नहीं होते हैं एवं संयोजक अव्यय इन वाक्यों को मिलाता है। संयोजक अभियोग के रूप में बहुत सारे शब्द जैसे: और, एवं, फिर, या, अथवा, परंतु, इसलिए, तथा, तो, नहीं तो, भी, किंतु इत्यादि शब्दों का प्रयोग होता है। इन शब्दों के माध्यम से संयुक्त वाक्य का निर्माण होता है। सयुंक्त वाक्य के उदाहरण
संयुक्त वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें सयुंक्त वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) अर्थ के आधार पर
विधानवाचक वाक्यऐसे वाक्य जिनमें किसी भी कार्य के होने का या किसी के अस्तित्व का पता चलता है या बोध होता है, उन वाक्य को विधानवाचक वाक्य कहते हैं। विधानवाचक वाक्य को दूसरे शब्दों में विधि वाचक वाक्य भी कहा जाता है। विधानवाचक वाक्य के उदाहरण
विधानवाचक वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें विधानवाचक वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) निषेधवाचक वाक्यऐसे वाक्य जिनमें किसी भी कार्य के निषेध का बोध होता है, उन वाक्यों को निषेधवाचक वाक्य कहा जाता है। निषेधवाचक वाक्य के उदाहरण
निषेधवाचक वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें निषेधवाचक वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) आज्ञावाचक वाक्यवह वाक्य जिनमें आदेश, आज्ञा या अनुमति का पता चलता हो, उन वाक्य को आज्ञा वाचक वाक्य कहा जाता है। आज्ञावाचाक वाक्य के उदाहरण
आज्ञावाचक वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें आज्ञावाचक वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) प्रश्नवाचक वाक्यऐसे वाक्य जिनमें किसी प्रश्न का बोध हो, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहा जाता है। प्रश्नवाचक वाक्य के नाम से ही पता चलता है कि इस वाक्य में प्रश्नों का बोध होने वाला है। इन वाक्यों के माध्यम से प्रश्न पूछकर वस्तु या किसी अन्य के बारे में जानकारी जानने की कोशिश की जाती है। इसके अलावा इन वाक्यों के पीछे (?) यह चिन्ह लगता है। प्रश्नवाचक वाक्य के उदाहरण
प्रश्नवाचक वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें प्रश्नवाचक वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) विस्मयादिबोधक वाक्यजिन वाक्य में आश्चर्य, घृणा, अत्यधिक, खुशी, शौक का बोध होता हो, उन वाक्य को विस्मयादिबोधक वाक्य कहा जाता है। इसके अलावा इन वाक्यों में विस्मय शब्द होते हैं और इन शब्दों के पीछे (!) विस्मयसूचक लगता है और इसी से इन वाक्य की पहचान बनती है। मतलब यह है कि इसी सूचक चिन्ह के आधार पर इन वाक्यों को आसानी से पहचाना जाता है। विस्मयादिबोधक वाक्य के उदाहरण
विस्मयादिबोधक वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें विस्मयादिबोधक वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) इच्छावाचक वाक्यवे वाक्य जिसमें हमें वक्ता की कोई इच्छा, आकांक्षा, आशीर्वाद, कामना इत्यादि का पता चलता है, उन वाक्य को इच्छा वाचक वाक्य कहते हैं। इच्छावाचक वाक्य के उदाहरण
इच्छावाचक वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें इच्छावाचक वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) संदेहवाचक वाक्यजिन वाक्य में किसी भी प्रकार की संभावना और सदेंह का बोध होता हो, उन वाक्य को संदेहवाचक वाक्य कहा जाता है। संदेहवाचक वाक्य के उदाहरण
संदेहवाचक वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें संदेहवाचक वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) संकेतवाचक वाक्यवह वाक्य जिनमें एक क्रिया या दूसरी क्रिया पर पूरी तरह से निर्भर हो, उन वाक्य को संकेतवाचक वाक्य कहा जाता है। संकेतवाचक वाक्य के उदाहरण
संकेतवाचक वाक्य के बारे में विस्तार से पढ़ने के लिए यहां पर क्लिक करें संकेतवाचक वाक्य (परिभाषा एवं उदाहरण) हमने क्या सिखा? हमने यहां पर वाक्य (Vakya Kise Kahate Hain) के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है। वाक्य की परिभाषा (Vakya ki Paribhasha), वाक्य के प्रकार (Vakya ke Prakar) और वाक्य के उदाहरण को बहुत ही गहराई से समझा है। यदि आपका कोई सवाल है तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हिंदी व्याकरण के अन्य भाग
वाक्य किसे कहते हैं इसके कितने भेद होते हैं?शब्दों का व्यवस्थित रूप जिससे मनुष्य अपने विचारों का आदान प्रदान करता है उसे वाक्य कहते हैं एक सामान्य वाक्य में क्रमशः कर्ता, कर्म और क्रिया होते हैं। वाक्य के मुख्यतः दो अंग माने गये हैं, उद्देश्य और विधेय। दो या दो से अधिक पदों के सार्थक समूह को, जिसका पूरा पूरा अर्थ निकलता है, वाक्य कहते हैं।
वाक्य के कितने भेद होते हैं class 9?अर्थ के आधार पर वाक्य के आठ भेद होते हैं। इनमें से किसी वाक्य को एक भेद से दूसरे भेद में इस तरह बदलना कि वाक्य का कर्ता, क्रिया और कर्म ज्यों का त्यों रहे, वाक्य रूपांतरण कहलाता है।
वाक्य के भेद कौन से हैं?(ख) अर्थ की दृष्टि से वाक्य के आठ भेद होते हैं—. विधिवाचक. निषेधवाचक. आज्ञावाचक. प्रश्नवाचक. विस्मयवाचक. सन्देहवाचक. इच्छावाचक. संकेतवाचक. |